Manavdeh Aur Hamari Deh Bhashayen
Author:
Ramesh Kuntal MeghPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 2000
₹
2500
Available
यह एक विलक्षण संहिता है जो मानवदेह तथा अनेकानेक देहभाषाओं के विश्वकोश जैसी है। इसे अध्ययन-कक्ष, शृंगार-मेज़, ज्ञान-परिसंवाद तथा रात्रि-शय्या में बेधड़क पास एवं साथ में रखना वांछनीय होगा। यह अद्यतन ‘देह धुरीण विश्वकोश’ अर्थात् अकुंठ ‘बॉडी इनसाइक्लोपीडिया’ है।
पन्द्रह वर्षों की इतस्ततः अन्वीक्षा-अन्वेषण-अनुप्रयोग से यह रची गई है। इसके लिए ही कृती-आलोचिन्तक को निजी तौर पर अमेरिका में मिशिगन (डेट्राइट) में अपनी बेटी मधुछंदा के यहाँ प्रवास करना पड़ा था। इसका प्रत्येक पन्ना, रेखाचित्र, चित्र चार्ट सबूत हैं कि ‘मानवदेह और हमारी देह्भाषाएँ’ अन्तर-ज्ञानानुशासनात्मक उपागम द्वारा समाजविज्ञानों, कला, साहित्य, समाजेतिहास आदि से संयुक्त ‘सांस्कृतिक-पैटर्न’ का भी एक प्रदर्श है। यहाँ सिरजनहार की आलोचिन्तना की दावेदारी की जाँच तथा देनदारी का इम्तहान भी होगा। तथापि इसके निर्णायक तो आप ही हैं।
यह ‘ग्रन्थ’ क्षयिष्णु कुंठाओं, रूढ़ वर्जनाओं-अधोगामी पूर्वग्रहों के विरुद्ध, अतः उनसे विमुक्त होकर, शालीनता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा आम आदमी की बेहतर भौतिक ज़िन्दगानी की समझदारी से प्रतिबद्ध है।
इसमें भारत, रूस, अमेरिका, रोम, मेक्सिको, इजिप्त के कला-एलबमों तथा ग्रन्थाकारों और म्यूज़ियमों का भी नायाब इस्तेमाल हुआ है।
यह दस से भी ज़्यादा वर्षों की तैयारी द्वारा अमेरिका-प्रवास में सम्पन्न हुआ है। लक्ष्य है : असंख्य-बहुविध प्रासंगिक सूचनाएँ देना, ज्ञान के बहुआयामी-अल्पज्ञात क्षितिजों को खोजना, तथा मानवदेह और उसकी विविध देहभाषाओं का वर्गीकरण, शिक्षण-प्रशिक्षण, तथा उदारीकरण करते चलना। अथच।सर्वांत में अपने ही देश में उपेक्षित जनवादी राजभाषा हिन्दी को 21वीं शताब्दी की कलहंसनी बनाकर स्वदेश में देशकाल के पंखों द्वारा कालोत्तीर्ण उड़ानें देना।
सो, यह ग्रन्थ भारत एवं विश्व की सांस्कृतिक-ऐतिहासिक हंसझील-नीड़ के मुझ जैसे सादे बन्दे का हंसगान भी है। अगर आपको पसन्द आए तो इसे एक ‘आधुनिक देहभागवत’ भी कह लें। तो आपकी राय का दिन-प्रतिदिन इन्तज़ार रहेगा—ऐसे विमर्श में!
हीरामन और नीलतारा के संकल्प से।
ISBN: 9788180319662
Pages: 767
Avg Reading Time: 26 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
BIHAR KE MAHAPURUSHON KA SANKSHIPT PARICHAY
- Author Name:
Kapil
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shri Ramakrishna Paramhansa
- Author Name:
Sirshree Tejparkhi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ideas and Opinions
- Author Name:
Albert Einstein
- Book Type:

- Description: A new edition of the most definitive collection of Albert Einstein’s popular writings gathered under the supervision of Einstein himself. The selections range from his earliest days as a theoretical physicist to his death in 1955; from such subjects as relativity, nuclear war or peace, and religion and science, to human rights, economics, and government. Ideas and Opinions presents the famed theoretical physicist Albert Einstein's observations on the development of his academic discipline and also his views on such diverse social topics as freedom, religion, education, politics, government, pacifism, disarmament, the fate of the Jewish people in Nazi Germany, and the likelihood of a nuclear holocaust.
Ek Kahani Lagataar
- Author Name:
Ram Darash Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahatma Gandhi Sahityakaro Ki Drishti Mein
- Author Name:
Dr. Aarsu
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindi Patrakarita Ki Shabda Sampada
- Author Name:
Shiv Kumar Avasthi +2
- Book Type:

- Description: हिंदी बहुत समृद्ध भाषा है। इसका शब्द भंडार विशाल है। इन दिनों हिंदी पत्रकारिता भाषायी संकट का सामना कर रही है। सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के दबावों में वह ऐसा भाषा-रूप अपना रही है, जो हिंदी समाज की भाषिक और सांस्कृतिक अस्मिता के लिए चुनौती है। हिंदी समाचार-पत्रों और अन्य जनसंचार माध्यमों में अंग्रेजी शब्दों का अवांछनीय प्रयोग बढ़ रहा है। प्रस्तुत शब्दकोश में शब्दार्थ उसके व्याकरणिक रूप के अनुसार दिए गए हैं। जहाँ कहीं शब्द या मुहावरे का रूप क्षेत्रीय या बहुप्रचलित से कुछ हटकर है, वहाँ उसका प्रचलित रूप भी साथ में दिया गया है। जहाँ कहीं कोई शब्द प्रचलित अर्थ से भिन्न अर्थ में प्रयुक्त हुआ है, वहाँ उसका मुख्य अर्थ पहले दिया गया है। जहाँ किसी शब्द के एक से अधिक अर्थ हों, वहाँ अर्थ के समक्ष तदनुकूल उद्धरण दिए गए हैं। शब्द का अर्थ देते समय उसकी उत्पत्ति को ध्यान में रखा गया है। कोश में जिन पत्र-पत्रिकाओं से उद्धरण लिये गए हैं, उनका उल्लेख संकेताक्षरों में किया गया है तथा उनका खुलासा पृथक् से 'संकेत’ के रूप में शब्दकोश में किया गया है। आशा है, 'हिंदी पत्रकारिता की शब्द-संपदा’ ग्रंथ का हिंदी जगत् में स्वागत होगा। संपादकों की मेज पर एक उपादेय सहायक के रूप में वह अपना स्थान बनाएगा। पत्रकारों, विद्यार्थियों, अध्यापकों तथा साहित्यसेवियों द्वारा इसे अपनाया जाएगा।
Winds of Change: Propelling Change in the Indian Judiciary (Navigating Legal Reforms in India)
- Author Name:
Dr. Nilakshi Choudhury
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
"दिल्ली दरबार" Dilli Durbar Book in Hindi by Manoj Kumar Mishra
- Author Name:
Manoj Kumar Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Marxvad
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

- Description: यशपाल की मान्यता थी कि भारतीय जनता की असली आज़ादी अंग्रेज़ी राज से मुक्ति तक सीमित नहीं है, असली आज़ादी सामन्ती मूल्यों, तत्त्वों और प्रवृत्तियों की समाप्ति तथा उभरते हुए पूँजीवाद के ख़ात्मे पर ही सम्भव है और इसके लिए उन्हें एक ऐसी विचारधारा की ज़रूरत महसूस होती थी जो इतिहास की संरचना को वैज्ञानिक ढंग से समझाने के साथ-साथ जनसाधारण को समग्र रूपान्तरण के लिए प्रेरित भी कर सके। मार्क्सवाद उनकी दृष्टि में ऐसी ही सम्पूर्ण विचारधारा थी और यह पुस्तक मार्क्सवाद की भारत के धुर आम आदमी को समझ में आने लायक़ उनकी व्याख्या है। इसमें समाजवादी विचारों की आवश्यकता और विकास-क्रम को सहज और सुबोध भाषा में इस प्रकार प्रस्तुत किया गया है कि साधारण शिक्षित जन भी उन विचारों को समझकर आत्मसात् कर सकें। यह पुस्तक उन लोगों के लिए उपयोगी है जो मार्क्सवाद को समझे बिना ही समाजवादी सपनों में खोए रहते हैं और उन लोगों के लिए एक चुनौती जो इसी तरह बिना उसे समझे, मार्क्सवाद का विरोध करते रहते हैं। मार्क्सवाद सम्बन्धी यशपाल के चिन्तन का निःसन्देह एक ऐतिहासिक सन्दर्भ भी है, लेकिन यह पुस्तक आज भी उतनी ही सार्थक और प्रासंगिक है जितनी अपने प्रकाशन के समय थी। मार्क्सवाद सम्बन्धी उनकी जानकारी और भारतीय समाज के जटिल यथार्थ की उनकी विश्वसनीय समझदारी के लिहाज़ से यह पुस्तक अप्रतिम है।
Patrakarita Ke Yug Nirmata
- Author Name:
Arjun Tiwari +2
- Book Type:

- Description: वाजपेयीजी ने हिंदी पत्रकारिता कला के निखार के लिए इसके विभिन्न पक्षों पर भरपूर लेखन किया। कलकत्ता से प्रकाशित ‘हिंदी बंगवासी’ (1905) से पत्रकारिता प्रारंभ करने वाले वाजपेयीजी ने मासिक पत्र ‘नृसिंह’ (1907) का संपादन किया। ‘भारतमित्र’ के प्रधान संपादक बनने के पूर्व वाजपेयीजी ने कुछ समय तक ‘सनातन धर्म’ पत्रिका का भी संपादन किया। 1920 में उन्होंने ‘स्वतंत्र’ साप्ताहिक का प्रकाशन किया। हिंदी पत्रकारिता को उच्चता और समृद्धि देने वाले तीन मराठी भाषी यशस्वी संपादकों में माधवराव सप्रे, बाबूराव विष्णु पराड़कर एवं लक्ष्मण नारायण गर्दे का नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है, जिन्होंने राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति अगाध श्रद्धा और लगन का परिचय अपने श्रेष्ठ संपादकीय कौशल एवं पत्रकारी लेखन से दिया। गर्देजी आजीवन आर्थिक कठिनाइयों से जूझते रहे, किंतु उन्होंने कभी समझौते नहीं किए। अपनी ‘कलम’ की स्वतंत्रता की रक्षा पूरी धर्म-निष्ठा से की। श्रेष्ठ व्यंग्यकार और स्वनामधन्य संपादक अशोकजी ने अपनी लेखन और संपादन क्षमता, पत्रकारिता के प्रति अटूट समर्पण और निष्ठा की बदौलत ‘स्वतंत्र भारत’ को लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित अखबार बना दिया था। अशोकजी की ही अनुशंसा पर दैनिक ‘स्वतंत्र भारत’ के दूसरे संपादक योगींद्रपति त्रिपाठी ने अपनी अप्रतिम कर्मनिष्ठा से इसे उत्तर प्रदेश का विश्वसनीय और लोकप्रिय अखबार बनाया। त्रिपाठीजी लगातार 18 बरसों तक इसके संपादक रहे। त्रिपाठीजी विद्वत्ता और सादगी की प्रतिमूर्ति थे। वे उच्चकोटि के सुलझे हुए पत्रकार थे।
BPSC Main Paper-2 (General Studies) Samanya Adhyayan For 70th BPSC Mains Examination With Latest Important Practice Questions
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Khuli Daraj Aur Bikhari Khushbuyen
- Author Name:
Sanjay Jain
- Book Type:

- Description: कहानी अपनी जिजीविषा उस अंतर्द्वंद्व से हासिल करती है, जो विचार और संवेदना के बीच होता है। इस अंतर्द्वंद्व को समझे बिना भ्रम और भटकाव के रास्ते जल्दी से खुलने लगते हैं। सरोकार के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए कहानी में संवेदना जरूरी तत्त्व है। किसी भी कहानी को यदि संवेदना की ममता नहीं मिलती है तो रचना जल्दी से अनाथ होने लगती है। प्रस्तुत कहानी-संग्रह इस अर्थ में उल्लेखनीय है कि रचना में संवेदन उपस्थिति के लिए एक ईमानदार इच्छा तत्पर है। इन कहानियों में सामाजिक लगाव की मौजूदगी के लिए लेखक की व्याकुल निष्ठा निरंतर प्रयत्न करती रहती है। साथ ही यह प्रयत्न कहानी में अनुभव के तनाव के लिए भी जगह बनाता रहता है। 'खुली दराज' संग्रह की कहानियाँ कथा-निष्ठा की कहानियाँ हैं, जो हर आयु वर्ग के पाठक के लिए मनोरंजक व ज्ञानवर्धक ही नहीं, संग्रहणीय भी हैं ।
Scientific Insights in Yoga
- Author Name:
Dr. Shashi Bala Singh +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Modi's Vision to Empower Women (Story of Hardworking Extra-Ordinary Girls (Women Empowerment) from Sukanya Samridhi Yojna by Prof. Punam Kumari
- Author Name:
Ed. Punam Kumari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
HINDI VAKYA GYAN
- Author Name:
DURGESH
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Cinema Aur Sansar
- Author Name:
Udyan Vajpeyi
- Book Type:

- Description: ऋत्विक घटक और सत्यजीत राय के बाद कुमार शहानी और मणि कौल सम्भवतः देश के सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण फ़िल्मकार रहे हैं। इनकी फ़िल्मों ने न सिर्फ़ हमारे फ़िल्म के देखने में बुनियादी बदलाव लाया है बल्कि इन फ़िल्मों की रोशनी में हम वास्तविकता और स्वयं अपने आप को भी कुछ और तरह से ही अनुभव करने के रास्ते खोज सके हैं या खोज सकते हैं। कुमार ने जो भी फ़िल्म बनायी है वह अपनी तरह की ‘क्लासिक’ है। उनकी फ़िल्में दुनियाभर के प्रयोगशील और दृष्टि सम्पन्न फ़िल्मकारों के लिए निरन्तर प्रेरणा का स्रोत रही हैं। यह संयोग नहीं कि कुमार शहानी को विश्व के श्रेष्ठ सिनेमा शिक्षकों में गिना जाता है। कुमार अपनी हर फ़िल्म में फ़िल्म बनाने के नये मार्गों की खोज करते हैं और वे निरन्तर इस खोज के लिए विशेषकर भारतीय प्रदर्शनकारी कलाओं और संगीत आदि की परम्परा को गहरे से गहरे तक समझने और टटोलने का मानो अनवरत प्रयास करते रहते हैं। उनकी फ़िल्में भारतीय और वैश्विक कला परम्परा से संवाद करती हुई आकार ग्रहण करती हैं। कुमार शहानी से बात करना हमेशा हर्षित करता है। वे अपने भीतर दुनिया की तमाम कला परम्पराओं के बहावों को मानो लेकर चलते हैं, चाहे वह ख़याल संगीत हो या मिनिएचर चित्र, पश्चिमी शास्त्रीय संगीत हो या कुडियाट्टम नृत्य, ध्रुपद संगीत हो या भक्ति कविता या दरवेशों का अपनी धुरी पर लगातार घूमना। वे बात करते-करते कब किसी विशेष संगीत के रूपाकार के किसी दूरस्थ दार्शनिक दृष्टि के लगभग अनदेखे बिन्दु पर जाकर ठहरेंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं होता। इसीलिए उनसे बात करना अनिवार्य रूप से गहन कलात्मक और दार्शनिक अनुभव होता है। —प्रस्तावना से
Madhya Pradesh Higher Secondary Teacher Eligibility Test English Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher English Practice Sets)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
41 Tips for Success in Share Market
- Author Name:
Mahesh Chandra Kaushik
- Book Type:

- Description: This book is the latest one by renowned research analyst, Mahesh Chandra Kaushik. At present, the old techniques in the stock market have become almost ineffective, because with the advent of discount broker houses and the increase in the participation of retail investors in options and delivery in the market, the time has gone when the investors used to buy large amounts of a stock and held for 15 to 20 percent return. At present, most retail investors are either trading on intra-day, making a profit on a single day or making money in a call option of a seven-day short expiry in an option, or taking a small profit in a swing trade, leading to more small range market fluctuations. The present book written in this context is the only one of its kind in which the author has made a meaningful effort to share many things in few words by incorporating intra-day, option trade and swing trade. The author has shared his 15 years of trading experience through 41 tips, which are essential for all investors—big and small—seeking to earn profits in the stock market.
Satyavadi Raja Harishchandra
- Author Name:
Gopi Krishna Kunwar
- Book Type:

- Description: सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचार ऐसे गुण हैं, जिन्हें सहज भाव से अपनानेवाला मानव भी देवताओं की श्रेणी से उत्तम स्थान प्राप्त कर सकता है। जब राजा हरिश्चंद्र के नाम-यश की चर्चा होती है और उनके साथ यदि ‘सत्यवादी’ शब्द का प्रयोग न किया जाए तो प्रतीत होता है कि इतिहास के किसी अन्य राजा का वर्णन किया जा रहा है। इसके विपरीत यदि केवल ‘सत्यवादी’ राजा का वर्णन हो तो स्पष्ट संकेत सतयुग के राजा सत्यवादी हरिश्चंद्र की ओर ही होता है। यहाँ तक कि सूर्यवंशी राजा हरिश्चंद्र और शब्द ‘सत्यवादी’ एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। ऐसा हुआ राजा हरिश्चंद्र के द्वारा सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचरण जैसे गुणों को अपने जीवन में उतारने से। इस पुस्तक में राजा हरिश्चंद्र के चरित्र के विशिष्ट एवं प्रेरणाप्रद गुणों को सरल एवं सरस भाषा में सहज भाव से प्रस्तुत किया गया है। इसे पढ़कर पाठक सत्य, निष्ठा, कर्तव्यबोध आदि गुण अपने जीवन में उतार सकें, तो पुस्तक का लेखन व प्रकाशन सफल माना जाएगा।
Ganit Mein Payen 100/100
- Author Name:
D.D. Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...