Ek Aurat Ki Note Book
Author:
Sudha AroraPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
‘एक औरत की नोटबुक’ नारीवाद के एक महत्त्वपूर्ण सूत्र ‘द पर्सनल इज़ पॉलिटिकल’ (The Personal is Political) को वाणी देती है—जहाँ स्त्री के वैयक्तिक यथार्थ का विस्तार समाज की नीतिसम्मत सत्ता से जा जुड़ता है।
इस पुस्तक के आलेख अगर पुरुष वर्चस्व और स्त्री सशक्तीकरण के चिन्तन को अपना विषय बनाते हुए स्त्री को उसके ‘क्लोज़ेट’ (बन्द कमरे) से बाहर लाने का प्रयास करते हैं तो इसकी कहानियाँ उस ‘क्लोज़ेट’ के अन्दर डरी-सहमी बैठी स्त्री की त्रासद दशा का जीवन्त प्रस्तुतिकरण करती हैं—सुधा अरोड़ा के एक्टिविस्ट सरोकार के साथ उनकी सृजनात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करती हुई।
—डॉ. दीपक शर्मा
यह किताब एक सामाजिक दायित्व को निभाती है। जो लेखिका पिछले पैंतालीस वर्षों से निरन्तर लिख रही हो, जिसका लेखन-स्तर अपनी स्तरीयता से कभी डिगा न हो, जिसकी क़लम की धार समय के साथ-साथ पैनी होती गई हो, और कहानियाँ लिखने के अतिरिक्त जिसकी सामाजिक चेतना और सामाजिक समझ ने उसे ज़मीनी सामाजिक कार्यों से जोड़ रखा हो, उसकी हर नई किताब अपना परिचय ख़ुद होती है।
—शालिनी माथुर
‘एक औरत की नोटबुक’ का जन्म सदियों की ख़ामोशी के टूटने की प्रक्रिया से होता है। ये वे आवाज़ें हैं जो इतिहास द्वारा युगों से दबाई जाती रही हैं। यह चुप्पी जब टूटती है तो इसकी दरारों से जो सच झाँकता है, वह हमारे समाज को नंगा करनेवाला है। इतिहास द्वारा इस ख़ामोशी के जाल को निर्मित करने की एक लम्बी सामाजिक-सांस्कृतिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा स्त्री-व्यवहार का अनुकूलन किया गया और इस प्रकार समाज के आधे तबक़े को मानवाधिकारों से वंचित किया गया। —सुनीता गुप्ता
चर्चित कथाकार और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सुधा अरोड़ा की पुस्तक—‘एक औरत की नोटबुक’ में धैर्य, संस्कार, विवशता की परतों के नीचे छुपी वे सच्चाइयाँ हैं जिनकी भोक्ता औरतें हैं। सुधा पहले कथाकार हैं फिर सक्रिय कार्यकर्ता, स्त्री-सरोकारों की पक्षधर। इसीलिए वे जहाँ भी जाती हैं, जो भी देखती हैं, उनका सृजनशील व्यक्तित्व हमेशा चौकस और सक्रिय रहता है। यही वजह है कि उनका विमर्श बोझिल और उबाऊ नहीं होता। वसुधा अरोड़ा कहानियाँ गढ़ती नहीं हैं, वे प्रामाणिक प्रसंगों को चुनती हैं और अपने पक्ष को मार्मिक बनाती हैं। याद यह भी रखना होगा कि मार्मिकता और भावुकता में बड़ा फ़र्क़ होता है, सुधा ने जहाँ अपना पक्ष रखते हुए अपने को भावुकता से बचाया है, वहीं यह किताब पाठक को वैचारिक उत्तेजना से आवेशित करती है।
—डॉ. प्रमोद त्रिवेदी
ISBN: 9788126727094
Pages: 139
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Islam Aur Shakahar
- Author Name:
Muzaffar Hussain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gulliver's Travels
- Author Name:
Jonathan Swift
- Book Type:

- Description: Gulliver’s Travels describes the four voyages of Lemuel Gulliver, a ship's surgeon. In Lilliput, he discovers a world in miniature. Towering over the people and their city, he is able to view their society from the viewpoint of a god. However, in Brobdingnag, a land of giants, tiny Gulliver himself comes under observation, exhibited as a curiosity at markets and fairs. On Laputa, a flying island, he encounters a society of speculators and projectors who have lost all grip on everyday reality. While they plan and calculate, their country lies in ruins. Gulliver's final voyage takes him to the land of the Houyhnhnms, gentle horses whom he quickly comes to admire, in contrast to the Yahoos, filthy bestial creatures who bear a disturbing resemblance to humans.
Aghori: An Untold Story of Shamshan Wasi | How They Different From Naga Warrior Sadhu | Unlocking The Forbidden Knowledge, Mystical Powers, And Spiritual Liberation of The Aghori Sadhu Hindi Edition
- Author Name:
Suman Bajpai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahila Lekhan Ke Sau Varsh
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

- Description: लेखन में बीसवीं सदी से आज तक का समय यदि एक प्रस्थान-बिन्दु के रूप में लिया जाए तो यह स्पष्ट है कि इन सौ वर्षों में स्त्रियों की लेखनी में सबसे अधिक परिवर्तन की प्रक्रिया दिखी। पुरुष-लेखन में मात्र एक पात्र होने की भूमिका से निकलकर स्त्री-लेखक ने स्वयं अपनी क़लम से अस्तित्व, व्यक्तित्व और विचार को अभिव्यक्ति देना अभीष्ट समझा। प्रस्तुत संकलन में स्त्री-रचनाकारों के कोमल संवेगों के साथ-साथ आत्मसजग सृजन और विकास-प्रक्रिया का परिचय मिलता है। राजेन्द्र बाला घोष (बंग महिला) से लेकर अलका सरावगी तक एक लम्बी परम्परा तैयार हुई है जहाँ क़लम की साँकलें कहीं अनायास तो कहीं सायास खुली हैं। हर्ष और गर्व का विषय है कि महिला-लेखन अब हिन्दी साहित्य में एक सशक्त सचेत और संवेदनायुक्त धारा है। आनेवाला समय यह याद रखे कि अपने इर्द-गिर्द खड़े किए समस्त चौखटे और कोष्ठक तोड़कर इक्कीसवीं सदी की स्त्री अपने पूरे तेवर के साथ हर क्षेत्र में उठ खड़ी हुई है। प्रस्तुत संकलन में हमें कहानी और निबन्ध, जीवनी और संस्मरण, आलोचना और विमर्श, गोया हर विधा और विषय पर स्त्री की तेजस्विता का परिचय मिलेगा। महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान, कृष्णा सोबती, मन्नू भंडारी से लेकर गीतांजलि श्री, मधु कांकरिया, सारा राय और अलका सरावगी तक अपने पूरे तेवर के साथ यहाँ मौजूद हैं। पृष्ठ सीमा के चलते कई विधाओं का मात्र उल्लेख ही कर पाये हैं। यहीं से अगले खंड की सम्भावना नज़र आती है।
Antyodaya
- Author Name:
Prabhat Jha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Hungry Stones And Other Stories (Pb)
- Author Name:
Rabindra nath Tagore
- Rating:
- Book Type:

- Description: This book has no description
Ideas and Opinions
- Author Name:
Albert Einstein
- Book Type:

- Description: A new edition of the most definitive collection of Albert Einstein’s popular writings gathered under the supervision of Einstein himself. The selections range from his earliest days as a theoretical physicist to his death in 1955; from such subjects as relativity, nuclear war or peace, and religion and science, to human rights, economics, and government. Ideas and Opinions presents the famed theoretical physicist Albert Einstein's observations on the development of his academic discipline and also his views on such diverse social topics as freedom, religion, education, politics, government, pacifism, disarmament, the fate of the Jewish people in Nazi Germany, and the likelihood of a nuclear holocaust.
Surgical Strike
- Author Name:
Ish Kumar Gangania
- Book Type:

- Description: Had the terrorist attack been confined to Pulwama and the martyrdom of the Indian CRPF, there was no point for me to pen this novel Surgical Strike. But when the political flames began to swallow the nation and its social fabric to exploit the situation, it was obvious for the protagonist Aajivak Babu to be involved in surgical strikes on different fronts. He collides with the culture of becoming a large gathering turned into robots, sheep, mindless crowd, a product ‘For Sale’ with their remote controls in the hands of unbridled radical forces to hostage the constitutional institutions where media play as an auctioned players of ‘Indian Media Premier league’, then what bitter experience the Indian society and the nation pass through, ‘Surgical Strike’ mirrors it all as lifeline of the novel.
Uttar Pradesh Police (UP) Arakshi Bharti Pareeksha-2024 Visheshank Mansik Abhiruchi (Mental Aptitude)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nirala Sanchayan
- Author Name:
Suryakant Tripathi 'Nirala'
- Book Type:

- Description: निराला का कवि-विकास एकरैखिक या सपाट नहीं है, उसमें कई घुमाव हैं, उसके कई स्तर हैं। एक ही समय में भिन्न प्रकार की कविताओं के साथ कवि अपने पाठकों और आलोचकों के समक्ष चुनौती देता खड़ा हो जाता है। निराला इसीलिए महाकवि हैं क्योंकि एक तरफ़ तो उनमें क्लैसिकी परम्परा के दर्शन होते हैं, वहीं दूसरी ओर एकदम अपने आसपास के परिवेश के और जनधर्मिता की कविता के। निराला में मुक्ति की एकल याचना नहीं है, बल्कि सामूहिक चेतना है। निराला का साहित्य न साहित्यिक कट्टरता या धार्मिक कट्टरता के समक्ष घुटने टेकता है और न साम्राज्यवाद के। उनके चिन्तन में भौतिकवाद के तत्त्व भी उपस्थित हैं और वे किसी ईश्वर द्वारा संसार के सृजन का मज़ाक़ उड़ाते हैं। उनके धार्मिक दृष्टिकोण के केन्द्र में मनुष्य है, इसीलिए विज्ञान की सत्ता व उसकी सामाजिक भूमिका को तथा आधुनिक सभ्यता के मूल्यों को भी वे सहज स्वीकार करते थे। निराला की कविता मनुष्य के सम्पूर्ण जीवन-व्यापार की कविता भी है जिसमें जीवन का सम्पूर्ण संगीत है। निराला रचना को ‘युद्ध कौशल’ कहते थे और गद्य को ‘जीवन-संग्राम की भाषा’। अपने कथा-साहित्य में वे जीवन-संग्राम को अंकित करते चलते हैं। निराला ने अपनी मुक्ति-चेतना के साथ जैसे कविता को मुक्त किया वैसे ही कथा को भी। निराला की कहानियाँ भी हिन्दी की परम्परागत कहानियों के रूप और संगठन को अतिक्रमित करती हैं। हर पीढ़ी अपने महाकवि को ‘डिस्कवर’ करती है, इसलिए हर पीढ़ी का अपना चयन होता है। सम्पादन की चौथी पीढ़ी में यह संचयन है। हमारी पीढ़ी का चयन और हमारे अपने निराला की खोज!
Sleep : It's Body Repair Time
- Author Name:
Sanjay Kumar Agarwal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC BIHAR SHIKSHAK BAHALI CLASS 9 TO 10 HINDI 20 PRACTICE SETS
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ek Gond Gaon Me Jeevan
- Author Name:
Veriar Elwin
- Book Type:

- Description: वेरियर एलविन एक युवा अंग्रेज़ थे जो मिशनरी बनकर भारत आए और बाद में भारत के एक महत्त्वपूर्ण मानव-विज्ञानी बने। गांधी जी की प्रेरणा और जमनालाल बजाज के मार्गदर्शन में वेरियर एलविन ने मैकाल पहाड़ी पर बसे एक गोंड गाँव करंजिया में बसने का निर्णय लिया और उस क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए ख़ुद को समर्पित कर दिया। ‘एक गोंड गाँव में जीवन’ उनके करंजिया में बिताए 1932 से 1936 तक के जीवन का रोज़नामचा है जहाँ वे गोंड लोगों की तरह ही स्वयं और कुछ मित्रों की सहायता से बनाई गई एक झोंपड़ी में रहते थे। यह जीवन्त, मर्मस्पर्शी और उपाख्यानात्मक पुस्तक है जिसमें एलविन ने निरीक्षण की अपनी मानव-विज्ञानी क्षमता और स्वाभाविक विनोदप्रियता के संयोग से गोंड जीवन की बहुरंगी छवि और आश्रम, जिसमें हिन्दू मुसलमान, ईसाई, गोंड आदि सभी शामिल हैं, की आन्तरिक उपलब्धि का उत्कृष्ट वर्णन किया है।
Sahitya Ki Vyapak Chintayen
- Author Name:
Nand Chaturvedi
- Book Type:

-
Description:
इस पुस्तक में संकलित साक्षात्कार, सामयिक विषयों पर गम्भीर चिन्ताएँ तो हैं ही, साथ ही नन्द चतुर्वेदी के साहित्यिक सोच की अभिव्यक्ति भी है। वे कविता की परम्परागत बुनावट के साथ-साथ उसकी सामाजिकता और उससे जुड़े सरोकारों को भी जानते-पहचानते थे। ये सम्पूर्ण रूप से नन्द चतुर्वेदी की साहित्यिक चिन्ताओं और उनके सफल-असफल होने की कथा भी हैं।
शिक्षा, मीडिया, नया आर्थिक परिदृश्य, जिसमें निजीकरण और वैश्वीकरण शामिल हैं, उनकी व्यापक चिन्ताओं का हिस्सा थे। उनको एक दु:ख यह भी था कि राजस्थान के हिन्दी लेखकों को वह सम्मान और प्रतिष्ठा नहीं मिली जिसके वे हक़दार थे। वे राजस्थान को उत्तर प्रदेश की मंडी बनाने के ख़िलाफ़ थे और बार-बार इस दु:ख का बयान इन साक्षात्कारों में करते हैं।
नौ दशकों के लम्बे जीवनकाल में नन्द जी ने कई सामाजिक कालखंडों में अपना जीवन जिया। झालावाड़-उदयपुर का सामन्ती-काल, आज़ादी की लड़ाई और देश-निर्माण के सपने। आज़ादी के बाद बराबरी का सपना भी टूटा और बहुत बाद के दिनों में उन्हें निजीकरण और वैश्वीकरण के सवालों के उत्तर भी खोजने पड़े। ये साक्षात्कार उनके हर अनुभव का आईना हैं। इस पुस्तक के कई साक्षात्कारकर्ता नन्द जी के साथी, सहयोगी कवि और प्रियजन रहे हैं। विदेश और देश के अन्य भागों से आए विद्वज्जनों ने भी उनसे बातचीत की है। इन लम्बे साक्षात्कारों में वे अपने पढ़ने-लिखने, स्मृतियों और बचपन के दिनों की चर्चा भी करते हैं। पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें शामिल सभी साक्षात्कारों को नन्द जी ने अपने जीवन के आख़िरी वर्षों में स्वयं सम्पादित और चयनित किया था। व्यवस्था के पुनर्निर्माण की आशा अब भी बची है, क्योंकि ये जो बहुत-से सपने हैं, वे काल्पनिक नहीं हैं। वे मनुष्य के अस्तित्व की बुनियादी शर्तें हैं—जैसे मनुष्य की स्वाधीनता, जैसे मनुष्य की समता। इनको छोड़ना सम्भव नहीं है। और तब मुझे यह प्रतीत होता है कि चाहे जितने दिन तक चीज़ें उथल-पुथल होती रहें लेकिन अन्त में समता और स्वाधीनता के प्राप्त हुए बिना मनुष्य बच नहीं पाएगा। —इसी पुस्तक से
Birsa Munda
- Author Name:
Gopi Krishna Kunwar
- Book Type:

- Description: "सन् 1890-92 के कालखंड में छोटा नागपुर के अधिकतर वनवासी चर्च के पादरियों के बहकावे में आकर ईसाई बन गए थे। बिरसा मुंडा का परिवार भी इनमें शामिल था, परंतु शीघ्र ही पादरियों की असलियत भाँपकर बिरसा न केवल ईसाई मत त्यागकर हिंदू धर्म में लौट आए, वरन् उन्होंने उस क्षेत्र के अन्य वनवासियों की हिंदू धर्म में वापसी कराई। यही बिरसा मुंडा आगे चलकर एक महान् क्रांतिकारी तथा ‘धरती-आबा’ (जगत्-पिता) के नाम से विख्यात हुए। बिरसा मुंडा ने अपने समाज के लोगों को पवित्र जीवन की शिक्षा दी। देश को स्वतंत्र कराने के प्रयास में अत्याचारी अंग्रेजों के विरुद्ध अपने समाज के लोगों में क्रांति-ज्वाला धधकाई। आखिर घबराकर अंग्रेज सरकार ने छल-कपट का सहारा लिया। उसने बिरसा को पकड़वाने पर 500 रुपए के इनाम की घोषणा की। अनेक मुंडा सरदारों पर भी इनाम घोषित कर दिए गए। आखिरकार विश्वासघातियों की मुखबिरी से रात में सोते समय बिरसा को बंदी बना लिया गया। जीवित रहते हुए बिरसा मुंडा ने अपने शौर्यपूर्ण कार्यों से अंग्रेज सरकार की नींद उड़ा दी थी, मृत्यु के बाद भी वह उसके लिए भय का कारण बने रहे। इसलिए सुवर्ण रेखा नदी के घाट पर बिरसा का शव जेल-कर्मचारियों द्वारा कंडों की आग में गुपचुप तरीके से जला दिया गया। इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। प्रस्तुत है एक आदिवासी क्रांतिकारी, देशप्रेमी, समाज-उद्धारक बिरसा मुंडा की पठनीय एवं प्रेरणादायी जीवनी।
Thoughts Gallery
- Author Name:
Dr. Sunil Gupta
- Book Type:

- Description: This book is about fundamental issues that define our country's development course. In a diverse cross-section of topics, the author discusses in his inimitable style the fundamental flaws that have beset the nation's relentless march to progress and prosperity. He also elaborates how a shift in the positions of individual members of society on different issues could cause a qualitative difference in the course of events and thereby lead to a better tomorrow. The articles compiled in this book have already appeared in social media on the author�s writing platform (drsunilgupta.com) and won wide acclaim. Endowed with the right balance of insight and prowess owing to the extensive exposure and rich experience gained in his professional capacity in the corporate, economic and social sectors, the author has been able to do justice to the task at hand. Not written with any particular section or group of persons in mind, the book aims to pique the interest, curiosity and conscience of the individual reader and thereby motivate him to think and then inspire him to act for the inclusive and sustainable development of our nation. Being an inalienable and intricate part of society, the individual's thought pattern will make all the difference in the final shaping of our country's destiny. And that, dear reader, is the undercurrent of the brook of the author's thoughts that this book tries to encapsulate.
Apana Paraya
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: "अपना पराया एक सामाजिक उपन्यास है, जिसमें सुप्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘िनशंक’ बड़े कौशल से पर्वतीय अभावमय जीवन, सामाजिक विसंगतियों, अनमेल विवाह, विधवा-समस्या, सास-बहू-संबंध, वर्तमान शहरी प्रभाव, शिक्षा-स्वास्थ्य-िबजली-पानी-सड़क आदि और अन्य कई ग्रामीण समस्याओं का चित्रण कर उनका समाधान पाठक के ऊपर छोड़ देते हैं। कुछ समस्याओं-शैक्षिक आत्मनिर्भरता, संशोधित घराट योजना आदि का वह समाधान भी प्रस्तुत करते हैं। उपन्यास मानवीय संबंधों और संवेदनाओं को उजागर करने में समर्थ है। आत्मीयता, विश्वास, आस्था और स्नेह-प्रेम के भाव पराए को भी अपना बना लेते हैं और इनके अभाव में अपना भी पराया-सा लगता है। ग्रामीण मुहावरेदार और लोकोक्तिपरक वाक्य- रचना उपन्यास के आंचलिक वैशिष्ट्य को सामने लाती है। पहाड़ के रीति-िरवाज एवं सांस्कृतिक जीवन-मूल्यों का दिग्दर्शन कराता एक मर्मस्पर्शी, संवेदनशील उपन्यास! "
MAHARAJA RANJIT SINGH
- Author Name:
Manish Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Sangh & Swaraj
- Author Name:
Ratan Sharda
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
SACHITRA HINDI VYAKARAN
- Author Name:
Neha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.