Lehaza
Author:
Rohini BhatePublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 799.2
₹
999
Available
शास्त्रीय नृत्य-जगत में दशकों तक रोहिणी भाटे एक सुदीक्षित प्रयोगशील कथक नर्तकी, प्रसिद्ध कथक-गुरु और कथक के विभिन्न पक्षों पर विचारशील आलोचक के रूप में सुप्रतिष्ठित थीं। उनके काम का विशेष महत्त्व इसलिए भी है कि उन्होंने विचार और प्रयोग के स्तर पर कथक को प्राचीन शास्त्र-परम्परा से जोड़कर उसमें नई छाया और प्रासंगिकता उत्पन्न की। उनके समय-समय पर व्यक्त विचार, अनुभव और विश्लेषण 'लहजा' में एकत्र हैं और उन्हें हिन्दी में प्रस्तुत कर नृत्यप्रेमी रसिकों और कथक जगत् को एक अनूठा उपहार दिया जा रहा है।
—अशोक वाजपेयी।
ISBN: 9789388183307
Pages: 340
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Success ki University
- Author Name:
Og Mandino
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindu Valmiki Jati
- Author Name:
Dr. Bizay Sonkar Shastri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
15 Practice Sets for REET Rajasthan Adhyapak Patrata Pariksha Level 2 (Class 6 to 8) Ganit Evam Vigyan Exam 2022
- Author Name:
Kunwar Kanak Singh Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Alices Adventure in Wonderland
- Author Name:
Lewis Carroll
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kalam, Tum Laut Aao
- Author Name:
Dr. Rashmi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Meera
- Author Name:
Gulzar
- Book Type:

-
Description:
हमारे दौर के असाधारण फ़िल्मकार और शायर गुलज़ार की फ़िल्म ‘मीरा’ की यह स्क्रिप्ट मीरा की जीवन-कथा का बयान-भर नहीं है। यह मीरा को देखने के लिए एक अलग नज़रिए का आविष्कार भी करती है।
जैसा कि स्वाभाविक ही था, माध्यम की ज़रूरतों के चलते, इस पाठ में मीरा हमें कहीं ज़्यादा मानवीय और अपने आसपास की देहधारी इकाई के रूप में दिखाई देती हैं; लगभग दैवी व्यक्तित्व नहीं जैसा कि इतिहास के नायकों के साथ अकसर होता है, और मीरा के साथ भी हुआ।
लेकिन मीरा के मानवीकरण में माध्यम की आवश्यकताओं के अलावा काफ़ी भूमिका ख़ुद गुलज़ार साहब की और एक रचनाकार के रूप में उनके रुझान की भी है। अपने गीतों में वे हवा, धूप और आहटों तक का मानवीकरण करते रहे हैं; फिर मीरा तो जीते-जागते इंसानों से भी कुछ ज़्यादा जीवित मानवी थीं।
मीरा और उनके युग का पुनराविष्कार करनेवाली फ़िल्म की स्क्रिप्ट के अलावा इस पुस्तक में गुलज़ार से उनके रचनाकर्म के बारे में यशवंत व्यास की एक लम्बी बातचीत भी है और साथ है ‘मीरा’ के निर्माण में आनेवाली मुश्किलों के बारे में गुलज़ार का एक संस्मरण, जो इस पुस्तक को और उपयोगी तथा संग्रहणीय बनाता है। सिनेमा के विद्यार्थियों और पटकथा लेखकों को भी यह पुस्तक बहुत कुछ सिखाती है।
Chalo Seekhen Angrezi Varnamala "English Alphabets" Coloring Big Jumbo Book
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Echoes of Aspirations – JNU To IAS : Love, Dream & The Mussoorie Odyssey
- Author Name:
Asif Jalal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chhote-Chhote Samandar
- Author Name:
Ramdeo Dhoorundhur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Trading Banknifty Options | Hindi Translation of Trading Banknifty Options | Pramod Kumar
- Author Name:
Pramod Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Raghuvir Sahay Rachanawali : Vols. 1-6
- Author Name:
Raghuvir Sahay
- Book Type:

-
Description:
रघुवीर सहाय की रचनाएँ आधुनिक समय की धड़कनों का जीवन्त दस्तावेज़ हैं। इसीलिए छह खंडों में प्रकाशित उनकी रचनावली में आज का समय सम्पूर्णता में परिभाषित हुआ है। अपनी अद्वितीय सर्जनशीलता के कारण रघुवीर सहाय ऐसे कालजयी रचनाकारों में हैं जिनकी प्रासंगिकता समय बीतने के साथ बढ़ती ही जाती है।
‘फिर उन्हीं लोगों से’ शीर्षक रचनावली के इस पहले खंड में रघुवीर सहाय की 1946 से 1990 तक की प्रकाशित-अप्रकाशित सम्पूर्ण कविताएँ संकलित हैं। इस खंड में शामिल कविता-संग्रहों के नाम हैं : ‘सीढ़ियों पर धूप में’ (1960), ‘आत्महत्या के विरुद्ध’ (1967), ‘हँसो, हँसो जल्दी हँसो’ (1975 ), ‘लोग भूल गए हैं’ (1982), ‘कुछ पते कुछ चिट्ठियाँ ' (1989) तथा ‘एक समय था’ (1995)। इन संग्रहों के अलावा बाद में मिली कुछ नई अप्रकाशित कविताएँ भी इस खंड में हैं। संग्रह के परिशिष्ट में ‘यह दुनिया बहुत बड़ी है, जीवन लम्बा है', शीर्षक से रघुवीर सहाय की सैकड़ों आरम्भिक कविताएँ संकलित हैं। रघुवीर सहाय ने अपने जीवनकाल में ही अपनी आरम्भिक कविताओं का संग्रह तैयार किया था, लेकिन अब तक यह अप्रकाशित था। कवि के काव्य-विकास को समझने की दृष्टि से यह सामग्री अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। परिशिष्ट में ही रघुवीर सहाय की बरस-दर-बरस ज़िन्दगी का ख़ाक़ा और सैकड़ों वर्षों का उनका वंश-वृक्ष भी दिया गया है। अपने नए कथ्य और शिल्प के कारण रघुवीर सहाय ने हिन्दी कविता को नया रूप दिया है। इस खंड की कविताओं में आप उस नए रूप को आसानी से पहचान सकते हैं।
The Hidden Hindu Book 3 "द हिडन हिंदू-3" - अक्षत गुप्ता 3rd Book of Hidden Hindu Triology (Hindi Version) - Akshat Gupta
- Author Name:
Akshat Gupta
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Aapaatkaal Mein Gujarat
- Author Name:
Narendra Modi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dr. Ambedkar : Aayaam Darshan
- Author Name:
Kishor Makwana
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Divya Garbha Sanskar Vigyan : Garbha Vidya—Ancient Wisdom to Smart Mothers for Super-Child Birth
- Author Name:
Dr. Usha Rajender Pensiya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Incomparable Guru Golwalkar
- Author Name:
Ranga Hari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
NLP Handbook
- Author Name:
Shantanu Das Sharma
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक में संकलित हैं NLP की वे तकनीकें, जिनसे जीवन को खूबसूरत एवं अधिक आनंदमय बनाया जा सकता है। जैसे-जैसे आप इस पुस्तक को पढ़ते जाएँगे, वैसे-वैसे आप बहुत सारी ऐसी प्रक्रियाओं को जान जाएँगे, जिनके माध्यम से बड़े-बडे़ लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। NLP एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा हर कमजोरी पर विजय पाई जा सकती है। यह तकनीक साधारण को असाधारण में परिवर्तित करने का सामर्थ्य रखती है। NLP आम को खास बना देती है। यह तकनीक व्यक्ति को जीवन के उन सभी सुखों को प्रदान करने की क्षमता रखती है, जो वह जीवन में पाना चाहता है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप यकीनन स्वयं को पहले से बहुत बदला हुआ पाएँगे। यह पुस्तक आपके व्यक्तित्व को एक अद्भुत व्यक्तित्व में बदल देगी। आपमें सकारात्मक बदलाव लाकर सुख-समृद्धि-संपन्न जीवन का द्वार खोलनेवाली एक आवश्यक और पठनीय पुस्तक।
Baba & Me
- Author Name:
Dr. Soma Ghosh
- Book Type:

- Description: When I met Shri Narendra Modi, Prime Minister of India on the 26th of March 2015, my enthusiasm for music was at its lowest ebb. During our conversation, Modiji was intrigued by my dream project, 'Sangeet Gram', an academy in the memory of Ustad Bismillah Khan. But, I was surprised to find that he shared this dream with me, having himself built a museum to preserve the endangered instruments of India. The following year arrived and I began preparations for Ustad Bismillah Khan's centennial celebrations, including the construction of Sangeet Gram. It was then that I received the honour of being inducted into the National Implementation Committee for Centenary Celebrations and my efforts now extend to holding celebration concerts in India and abroad. I had already been writing an account of Baba's life; the priceless anecdotes that he had shared and the surreal moments that we had spent together. In order to commemorate his musical genius and celebrate 100 years of his unparalleled contribution to music in this field, I deemed it fit to publish it all in book form. I hope this book provides its readers with an insight into Baba's life, and that they too celebrate his simplicity, his undying perseverance and patience with his art, the genius of his music and my musical journey, through this book-'Baba & Me'.
Shivprasad Singh Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Shivprasad Singh
- Book Type:

- Description: नई कहानी आंदोलन के समय में डॉ. शिवप्रसाद सिंह की चर्चा ‘नन्हों’ और ‘दादी माँ’ जैसी कहानियों के कारण हुई। कहानियों से उन्हें भरपूर प्रतिष्ठा मिली। इन दोनों कहानियों के साथ ही ‘धरातल’ और ‘बेहया’, ‘कर्मनाशा की हार’, ‘मुर्दासराय’, ‘आर-पार की माला’, ‘इन्हें भी इंतजार है’, ‘वृंदा महाराज’ आदि कहानियाँ भी काफी चर्चित हुईं। डॉ. शिवप्रसाद सिंहजी की कहानियाँ प्रायः ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित हैं। उन्होंने लिखा भी है— ‘‘मेरी जिंदगी में गाँव एक ऐसी हकीकत है, जिसे मैं चाहकर भी काट नहीं सकता। गाँव की अछोर हरियाली में डूबे सीमांत, फसलों के रंग-बिरंगे गलीचे बिछाकर किसी अनागत की प्रतीक्षा में डूबी धरती, सरसों, जलकुंभी और झरबेरी के जंगली फूलों से मदहोश वातावरण के बीच अपनी सामान्य जिंदगी के लिए संघर्षरत किसान मेरी कहानियों के अविभाज्य अंग हैं। शहर के जीवन ने जहाँ एक ओर मेरे आधुनिकता-बोध को निरंतर तीन और सक्रिय बनाया है, वहीं गाँव के जीवन की धड़कनें, जो अब भी सड़ी-गली परंपरा और कूटस्थ रूढि़यों का कचरा ढोती हुई कराह रही हैं, मेरे कहानीकार के लिए सदा एक चुनौती रही हैं।’’ वरिष्ठ कथाकार डॉ. शिवप्रसाद सिंह की संवेदनशील, मार्मिक तथा युग-प्रर्वतक लोकप्रिय कहानियों का पठनीय संकलन।
Prayas | Basis of Effort To Create An Educational Environment Book in Hindi
- Author Name:
Sanjay Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...