Kinnar Desh Mein
Author:
Rahul SankrityayanPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Travelogues0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
महा घुमक्कड़ राहुल सांकृत्यायन ने हिमालय के तमाम अंचलों को अपनी आँखों से देखकर उनका परिचय लिखने का निश्चय किया था। उसी निश्चय का एक परिणाम है यह अनूठा भ्रमण-वृत्तान्त— ‘किन्नर देश में’।
किन्नर देश से उनका आशय हिमाचल के उस रमणीय भू-भाग से है जो तिब्बत की सीमा पर सतलुज की घाटी में लगभग सत्तर मील की लम्बाई और प्रायः उतनी ही चौड़ाई में फैला हुआ है। यहाँ के प्राचीन निवासियों का ही जाति-नाम है किन्नर अथवा किंपुरुष। उन्हें देवयोनि माना जाता था। इस हिसाब से उनका प्रदेश देवलोक हुआ। स्वाभाविक ही उनके बारे में तमाम तरह की किंवदन्तियाँ और धारणाएँ अन्य समाजों में मौजूद रहीं। लेकिन राहुल ने पाया कि ‘जिस देश में कभी देवता रहते थे वहाँ पीछे पिछड़े मनुष्य रहने लगे’। इस पुस्तक में किन्नरों के समाज, संस्कृति, इतिहास, अर्थतंत्र, रीति-रिवाज, रहन-सहन, धर्म, मान्यताएँ, अन्धविश्वास आदि का विवरण दर्ज करते हुए वे उम्मीद जताते हैं कि इन पिछड़े मनुष्यों का देश फिर से देवलोक बन जाएगा। वस्तुतः इस पुस्तक में राहुल ऐसे एक भू-भाग का दर्शन करते हैं जो भारत का हिस्सा होते हुए भी अधिकतर भारतीयों के लिए अजाना या बहुत ही कम जाना हुआ है।
कहना न होगा कि इस पुस्तक में साहित्य के सहृदय पाठकों के लिए एक अजाने-अनदेखे समाज और क्षेत्र का दिलचस्प वृत्तान्त है तो इतिहास, संस्कृति और मानवशास्त्र जैसे विषयों के अध्येताओं के लिए भी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण जानकारी।
ISBN: 9789348157515
Pages: 344
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Uttar Ki Yatrayen
- Author Name:
Matsuo Basho
- Book Type:

-
Description:
‘जापानी महाकवि बाशो उन बिरले कवियों में से हैं जिनकी कविता का अनुवाद शायद संसार की हर छोटी-बड़ी भाषा में हुआ है। हाइकू नामक विधा का ज़िक्र आते ही प्राय: सभी रसिकों को जो पहला नाम याद आता है वह बाशो का है। बाशो जितने बड़े और अविराम कवि थे उतने ही अथक यात्री भी। उनका यह यात्रा-वृत्त अपने क़िस्म का अनोखा है। वरिष्ठ कवि सुरेश सलिल ने बहुत मनोयोग और कल्पनाशीलता से इसे अंग्रेज़ी से अनूदित किया है। उन्होंने बहुत जतन से यथास्थान सन्दर्भ के नोट्स भी दिए हैं जिनसे स्थानों, कवियों, राजवंशों आदि का पता भी होता चलता है। रज़ा पुस्तक माला में एक महाकवि का यात्रा-वृत्त बहुत अच्छे हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत करते हुए हमें प्रसन्नता है।’
—अशोक वाजपेयी।
Darakte Himalaya Par Dar-Ba-Dar
- Author Name:
Ajoy Sodani
- Book Type:

-
Description:
अजय सोडानी की किताब 'दरकते हिमालय पर दर-ब-दर’ इस अर्थ में अनूठी है कि यह दुर्गम हिमालय का सिर्फ़ एक यात्रा-वृत्तान्त भर नहीं है, बल्कि यह जीवन-मृत्यु के बड़े सवालों से जूझते हुए वाचिक और पौराणिक इतिहास की भी एक यात्रा है। इस पुस्तक को पढ़ते हुए बार-बार लेखक और उनकी सहधर्मिणी अपर्णा के जीवट और साहस पर आश्चर्य होता है। अव्वल तो मानसून के मौसम में कोई सामान्य पर्यटक इस दुर्गम इलाक़े की यात्रा करता नहीं, करता भी है तो उसके बचने की सम्भावना कम ही होती है। ऐसे मौसम में ख़ुद पहाड़ी लोग भी इन स्थानों को प्रायः छोड़ देते हैं। लेकिन किसी ठेठ यायावर की वह यात्रा भी क्या जिसमें जोखिम न हो। इस लिहाज़ से देखें तो यह यात्रा-वृत्तान्त दाँतों तले उँगली दबाने पर मजबूर करनेवाला है। यात्रा में संकट कम नहीं है। भूकम्प आता है, ग्लेशियर दरक उठते हैं। कई बार तो स्थानीय सहयोगी भी हताश हो जाते हैं और इसके लिए लेखक की नास्तिकता को दोष देते हैं। फिर भी यह यात्रा न केवल स्थानीय जन-जीवन के कई दुर्लभ चित्र सामने लाती है, बल्कि हज़ारों फीट ऊँचाई पर खिलनेवाले ब्रह्मकमल, नीलकमल और फेनकमल जैसे दुर्लभ फूलों के भी साक्षात् दर्शन करा देती है। लेखक बार-बार पौराणिक इतिहास में जाता है और पांडवों के स्वर्गारोहण के मार्ग के चिह्न खोजता फिरता है। श्रुति-इतिहास से मेल बिठाते हुए पांडवों का ही नहीं, कौरवों का भी इतिहास जोड़ता चलता है। इस बारे में लेखक का अपना अलग ही दृष्टिकोण है। वह ‘महाभारत’ को इतिहास नहीं मानता, लेकिन यह भी नहीं मान पाता कि उसमें सब कुछ कपोल कल्पना है। इस अर्थ में देखें तो यह किताब इतिहास का भी यात्रा-वृत्तान्त है। आश्चर्य नहीं कि रवानी और मौज सिर्फ़ लेखक के योजना-निर्माण में ही नहीं, बल्कि इस वृत्तान्त की भाषा में भी है जिसे पढ़ने का सुख किसी औपन्यासिक रोमांच से भर देता है।
Da Nang : The City Of Wonders
- Author Name:
Geetesh Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Europ Mein Antaryatrayen
- Author Name:
Karan Singh Chauhan
- Book Type:

-
Description:
हम जो हैं वह हमारे ध्यान में नहीं रहता। हमें जैसा होना चाहिए इसी पर सब टिक गया है। जीवन जो है वह नहीं, उसे जैसा होना चाहिए। यानी 'कैसा होना चाहिए' में हमारी एकमात्र दिलचस्पी रह गई है। इसलिए सब कुछ वांछित और हवाई हो गया है। वास्तव कुछ नहीं रह गया। वास्तविकता से अधिक स्वप्न, भविष्य, जीवनेतर महत्त्वपूर्ण हो गया है। वह एक तरफ शरीर से अधिक आत्मा के सरोकारों, इहलोक से अधिक परलोक की चिन्ताओं के फलते-फूलते आध्यात्मिक भ्रष्टाचार में व्यक्त हो रहा है। दूसरी तरफ किसी भावी आदर्श समाज की स्थापना के वादों, स्वप्न के भ्रमजाल के सिद्धान्तों में। ये सब शक्ति के खेल में शामिल गतिविधियाँ हैं जो अब की वास्तविकता को झुठलाती हैं। यात्राएँ इस वास्तविकता के बीच ही होती हैं और वह जैसी भी हैं, उसका उसी रूप में साक्षात्कार करती हैं।
यात्राएँ की जा सकती हैं, उन्हें लिखना एक इतर काम है। जिस दिन मनुष्य जीवन से एकमेक हो जाएगा शायद उस दिन कुछ कहने की आवश्यकता महसूस न करे। लिखने के लिए एक तरह की 'इन्नोसेंस' चाहिए, दुनियादारी के नाम पर पसरे विचारों में आस्था चाहिए, कुछ होने की भ्रान्ति का सहारा चाहिए। लिखा तभी जा सकता है।
Sharnarthi Shivir Mein Viwah-Geet
- Author Name:
Lalit Surjan
- Book Type:

-
Description:
ललित सुरजन के साथ कहीं घूमने-फिरने का अनुभव अपने आपमें अनूठा है। वे हिन्दी के महत्त्वपूर्ण कवि, पत्रकार, संवेदनशील चिन्तक तो हैं ही परन्तु इन सभी भूमिकाओं से बढ़कर एक सरल प्रकृति के दिलचस्प आदमी हैं जो तमाम जगहों में घूमते हैं और वहाँ की प्राकृतिक छटा, ऐतिहासिक वैभव और वर्तमान की तमाम तामीरों पर गौर करते हैं, और इससे भी ज़्यादा इन जगहों को आबाद करनेवाले लोगों के साथ एक सतत आशिकाना सलूक करते हुए चलते हैं।
साधारण-से-साधारण चीजशें या लोगों की मौजूदगी या बर्ताव से वे पूरे देश के एक होने को दर्शा देते हैं वहीं छोटी-से-छोटी जगहों में भी ऐसी विविधताएँ ढूँढ़ लेते हैं कि आप देखते रह जाते हैं। पूरी दुनिया की छोटी-बड़ी जगहें इस किताब में सजीव हो उठी हैं। इस संकलन में सम्मिलित सारे यात्रा-वृत्तान्त ‘देशबंधु’ में प्रकाशित हुए हैं। वे किसी जगह अकेले नहीं जाते हैं, अपने साथ लिये जाते हैं ‘देशबंधु’ के पाठकों को और उन पाठकों के माध्यम से जो भी हिन्दी-भाषी हैं, उन सभी को लगातार आमंत्रण देते हुए चलते हैं। ऐसा करते हुए वे अपने चिन्तक या कवि होने को कभी भी अपने नज़रिए या लेखन पर इस तरह हावी नहीं होने देते कि एक सामान्य पाठक का साथ छूट जाए या वे स्वयं किसी भी जगह पर जाने के मज़े से वंचित हो जाएँ। ये सारे वृत्तान्त बहुत ही मज़े में लिखे गए हैं। इस तरह का मज़े में लेखन हिन्दी में लगभग गायब हो गया है और ज़्यादातर लेखक कुछ-न-कुछ प्रमाणित करने में जुट गए हैं। ललित सबको केवल यह बताते हुए चलते हैं कि आसपास देखो, घूमो और तमाम जीती जा रही ज़िन्दगियों के साथ नए रिश्ते ढूँढ़ो क्योंकि कोई भी जगह महज़ पर्यटकों के लिए नहीं है, वहाँ साकिन लोगों के लिए रची या बसाई गई है। उनका विस्मय कभी ख़त्म नहीं होता। ललित सुरजन के साथ घूमकर चश्मे-हैराँ की हैरानी नहीं जाती।
Smrtiyon Me Ramte Hue
- Author Name:
Dr. Kamal Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Book
Meri Ladakh Yatra
- Author Name:
Rahul Sankrityayan
- Book Type:

- Description: महापंडित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा-साहित्य का पितामह कहा जाता है। यायावरी उनके लिए शौक नहीं धर्म जैसी अहमियत रखती थी। ज्ञान और प्राचीन ग्रंथों की खोज में वे दूर-दूर तक गए। ‘मेरी लद्दाख यात्रा’ में उनके कुछ यात्रा-वृत्तान्तों को संकलित किया गया है। उनके यात्रा-विवरणों की विशेषता यह है कि वे सिर्फ स्थानों का विवरण नहीं देते, बल्कि वहाँ की संस्कृति, समाज, परम्पराओं, धर्म, इतिहास और भौगोलिक विशेषताओं की विवेचना भी करते चलते हैं। इस पुस्तक में वे मेरठ, पंजाब, कश्मीर, लंका, तिब्बत, नेपाल आदि स्थानों की अपनी ज्ञान-यात्राओं का विवरण देते हुए अनेक दिलचस्प घटनाओं का वर्णन तो करते ही हैं, वहाँ के रहने वाले जनसाधारण के जीवन के सजीव शब्द-चित्र भी खींचते चलते है।
Kharama-Kharama
- Author Name:
Pankaj Bisht
- Book Type:

- Description: Hindi travelogue By Pankaj Bisht
Kuchh Idhar Zindagi Kuchh Udhar Zindagi
- Author Name:
Geetashree
- Book Type:

- Description: Book
Gufetla dev
- Author Name:
Sagar Solanke
- Rating:
- Book Type:

- Description: Marathi Travelogue
Lohe Ki Deewar Ke Dono Oor
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक ‘लोहे की दीवार के दोनों ओर’ में सोवियत देश और पूँजीवादी देशों के जीवन और व्यवस्था का आँखों देखा तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया गया है। यशपाल जी ने व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर सब बातों का विवरण और विश्लेषण करने की चेष्टा की है। लेकिन उन्होंने “संस्मरणों के व्यक्तिगत होने पर भी...केवल स्मृति पर ही भरोसा नहीं किया है। यथासम्भव स्मृति को प्रामाणिक आधारों, तत्कालीन अदालती दस्तावेज़ों और समाचार-पत्रों द्वारा सही कर लेने की भी कोशिश की है।” साथ ही उन्होंने पूर्ववर्ती सामग्री के बारे में यह भी स्पष्ट कर दिया कि “अब तक क्रन्तिकारी प्रयत्नों के विषय में इतिहास के नाम से जो कुछ लिखा गया है, वह अधिकांश में अफ़वाहों, कुछ अनर्गल कल्पनाओं के आधार पर भी लिखा गया है।”
Wah Bhi Koi Des Hai Mahraj
- Author Name:
Anil Yadav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahatirth Ke Antim Yatri (Lhasa���Kaliashnath���Mansarovar
- Author Name:
Bimal Dey
- Book Type:

- Description: सन् 1956 में तिब्बत का दरवाज़ा विदेशियों के लिए लगभग बन्द हो चुका था और राजनैतिक कारणों से भारत के साथ तिब्बत का सम्पर्क भी लगभग टूट चुका था। उन्हीं दिनों, बिना किसी तैयारी के, बिमल दे घर से भागे और नेपाली तीर्थयात्रियों के एक दल में सम्मिलित हो ल्हासा तक जा पहुँचे। उस समय उनकी उम्र मात्र पन्द्रह वर्ष थी। यात्रियों में वह नवीन मौनी बाबा। ल्हासा में उन्होंने तीर्थयात्रियों का दल छोड़ा, और वहाँ से अकेले ही कैलास खंड की ओर कूच कर गए। 'महातीर्थ के अन्तिम यात्री' में उसी रोमांचक यात्रा-अनुभाव का वर्णन है। बिमल दे ने स्वयं इसे ‘एक भिखमंगे की डायरी’ कहा है। किन्तु इस पुस्तक में मिलेगा तिब्बत का दैनंदिन जीवन तथा महातीर्थ का पूर्ण विवरण।
Afghanistan Se Khat-O-Kitabat
- Author Name:
Rakesh Tiwari
- Book Type:

-
Description:
अफ़ग़ानिस्तान की जो तस्वीरें इधर दशकों से हमारे ज़ेहन में आ-आ कर जमा होती रही हैं, ख़ून, बारूद, खँडहरों और अभी हाल में जहाज़ों पर लटक-लटक कर गिरते लोगों की उन तमाम तस्वीरों का मुक़ाबला अकेला काबुलीवाला करता रहा है, जो हमारी स्मृति की तहों में आज भी अपने ऊँचे कंधों पर मेवों का थैला लटकाए टहलता रहता है।
यह किताब उसी काबुलीवाले के देश की यात्रा है जिसे लेखक ने 1977 के दौरान अंजाम दिया था। तेईस साल की उम्र में बहुत कम संसाधनों और गहरे लगाव के साथ लेखक ने पैदल और बसों में घूम-घाम कर जो यादें इकट्ठा की थीं, इस किताब में उन्हें, तमाम ऐतिहासिक-भौगोलिक जानकारियों, तथ्यों के साथ सँजो दिया है। आज की पृष्ठभूमि में इसे पढ़ना एक अलग तरह का सुकून देता है, और इसे पढ़ना यह जानने के लिए ज़रूरी है कि बीती चार दहाइयों ने दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत जगहों में एक, अनेक धर्मों की भूमि रहे उस देश से क्या-क्या छीन लिया है।
विश्व की बड़ी सैन्य ताक़तों के ख़ूनी खेल का मोहरा बनने से पहले का यह अफ़ग़ानिस्तान-वर्णन बर्फ़ीली घाटियों, पहाड़ों के बीच मोटे गुदगुदे गर्म कपड़ों में गुनगुनी चाय का प्याला हाथों में दबाए, राजकपूर की फ़िल्मों के गाने सुनने का-सा अहसास जगाता है।
The Rich Culture and History of Kyrgyzstan
- Author Name:
Askar Beshimov +1
- Book Type:

- Description: Kyrgyzstan, located in Central Asia, is a landlocked country renowned for its stunning natural beauty and rich cultural heritage. Bordered by Kazakhstan to the north, China to the east, Tajikistan to the south, and Uzbekistan to the west, Kyrgyzstan is often referred to as the "Switzerland of Central Asia" due to its majestic mountain landscapes. Kyrgyzstan has a diverse cultural heritage, shaped by its nomadic history and influences from various ethnic groups. The Kyrgyz people, known for their warm hospitality, still practice traditional customs like nomadic yurt dwelling and horsemanship. Kyrgyzstan's tourism industry is growing as more travelers discover its charms. Visitors can explore historical sites like the Silk Road caravanserais, engage in trekking and horseback riding adventures, and immerse themselves in the unique Kyrgyz culture. In conclusion, Kyrgyzstan's natural beauty, cultural richness, and hospitable people make it a hidden gem for travelers seeking an off-the-beaten-path experience in Central Asia.
Battees Sal Ka Safar
- Author Name:
Krishn Bihari
- Book Type:

- Description: This book has no description
Dhundh Se Uthati Dhun
- Author Name:
Nirmal Verma
- Book Type:

-
Description:
‘साहित्य हमें पानी नहीं देता, वह सिर्फ़ हमें अपनी प्यास का बोध कराता है।’ निर्मल वर्मा की ये पंक्तियाँ एक ऐसे साहित्य की तरफ़ इशारा करती हैं जो स्वयं एक असीम प्यास से जन्मा हो, जो सतत हमारे साथ रहता हो, बिलकुल वैसे जैसे हमारे अस्तित्व के साथ हमारी साँस।
‘धुंध से उठती धुन’ सृजनात्मकता की ऐसी ही अबाध मौजूदगी से उपजी रचना है। अलग-अलग समय पर लिखी डायरियों, यात्रा-टीपों, पढ़े हुए लेखकों और पुस्तकों की स्मृतियों का यह कोलाज अपनी सम्पूर्णता में एक ऐसी दुनिया की रचना करता है जहाँ निर्मल जी हमें गद्यकार-कथाकार के रूप में भी दिखाई देते हैं, चिन्तक, यात्री और मनीषी के रूप में भी। वह दुनिया जो उनकी कहानियों की ओट से हमें आमंत्रित करती जान पड़ती है, यहाँ हमें साकार मिल जाती है। यहाँ एकत्रित टीपों को निर्मल जी स्वयं मन की यात्राओं का वृत्तान्त कहते हैं—‘अन्त:प्रक्रियाओं का लेखा-जोखा।’
निर्मल वर्मा के दो बहुचर्चित रिपोर्ताज ‘सिंगरौली, जहाँ कोई वापसी नहीं’ और ‘सुलगती टहनी’ भी इस पुस्तक में संकलित हैं, जो मूलत: डायरी की तरह ही लिखे गए थे और भारतीय समाज-संस्कृति के समकालीन संकट को दो विपरीत दिशाओं से छूते हैं।
O Fakira Maan Ja
- Author Name:
Dayashankar Shukla Sagar
- Book Type:

-
Description:
मन यायावर हो और तन की मजबूरी हो कि एक जरूरी रूटीन से खुद को बाँधे रखे तो यह एक दुखद विडम्बना है। लेकिन कहते हैं कि मन अगर अपनी कामनाओं के पार फैलता ही रहे, इच्छा हर रोज और बलवती होती जाए तो राहों की रुकावटों को भी राह आखिर देनी ही पड़ती है।
ये यात्राएँ ऐसे ही यायावर की हैं जिन्हें एक के बाद एक संयोगों ने वह दिया जो उनकी आत्मा चाहती थी यानी सफ़र, घुमक्कड़ी और अब वे यहाँ, इस किताब में, एक चितेरे यात्रावृत्तकार के रूप में उपस्थित हैं। जो उन्होंने देखा, जिनसे वे गुजरे उन्हें उतने ही जीते-जागते स्वरूप में हमारे सामने शब्दों में उकेरते हुए।
एशिया, यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न देशों की ये यात्राएँ सिर्फ पर्यटन-स्थलों का विवरण नहीं हैं, इतिहास, संस्कृति, समाज, साहित्य और राजनीति का पसमंजर इन वृत्तान्तों को एक सजीव, बहुआयामी लैंडस्केप बनाता है। पता ही नहीं चलता कि पढ़ते-पढ़ते आप कब इन अदेखी गलियों में टहलने लगे जो लेखक के भीतर अब भी अपने शोर और सन्नाटों के साथ जीवित हैं।
फ्रांस के राजा की सजा-ए-मौत, नेपोलियन की प्रेमिकाएँ, काफ्का की चिट्ठियाँ, अफ्रीकी नागरिकता वाले अपने को हिन्दुस्तानी बतानेवाले अफ्रीकी, चीन के मकाऊ के जुआघर, अमेरिका के कभी रिटायर न होने वाले और अस्सी से पहले सीनियर सिटीजन नहीं कहलाने वाले लोग, और इन सबको दर्ज करता एक भारतीय मन! इस सफरनामे को पढ़ना एक जीवन्त अनुभव से गुजरना है।
Chalte To Achchha Tha
- Author Name:
Asghar Wajahat
- Book Type:

-
Description:
‘चलते तो अच्छा था’ में ईरान और आज़रबाईजान के यात्रा-संस्मरण हैं। असग़र वजाहत ने केवल इन देशों की यात्रा ही नहीं की, बल्कि उनके समाज, संस्कृति और इतिहास को समझने का भी प्रयास किया है। उन्हें इस यात्रा के दौरान विभिन्न प्रकार के रोचक अनुभव हुए हैं। उन्हें आज़रबाईजान में एक प्राचीन हिन्दू अग्नि मिला। कोहे-क़ाफ़ की परियों की तलाश में भी भटके और तबरेज़ में एक ठग द्वारा ठगे भी गए।
यात्राओं का आनन्द और स्वयं देखने तथा खोजने का सन्तोष ‘चलते तो अच्छा था’ में जगह-जगह देखा जा सकता है। असग़र वजाहत ने ये यात्राएँ साधारण ढंग से एक साधारण आदमी के रूप में की हैं जिसके परिणामस्वरूप वे उन लोगों से मिल पाए हैं, जिनसे अन्यथा मिल पाना कठिन है।
भारत, ईरान तथा मध्य एशिया के बीच प्राचीन काल से लेकर मध्य युग तक बड़े प्रगाढ़ सम्बन्ध रहे हैं। इसके चलते आज भी ईरान और मध्य एशिया में भारत की बड़ी मोहक छवि बनी हुई है। लेकिन 19वीं और 20वीं शताब्दी में अपने पड़ोसी देशों के साथ भारत का रिश्ता शिथिल पड़ गया था। आज के परिदृश्य में यह ज़रूरी है कि पड़ोस में उपलब्ध सम्भावनाओं पर ध्यान दिया जाए।
‘चलते तो अच्छा था’ यात्रा-संस्मरण के बहाने हमें कुछ गहरे सामाजिक और राजनीतिक सवालों पर सोचने के लिए भी मजबूर करता है।
Sudhiyan Us Chandan Ke Van Ki
- Author Name:
Vishnukant Shastri
- Book Type:

- Description: मैं इस दृष्टि से भाग्यवान् हूँ कि मुझे विविध क्षेत्रों के सत्पुरुषों का स्नेह-सौहार्द मिलता रहा है। जिन विशिष्ट व्यक्तियों के संपर्क से या स्थानों के भ्रमण से जीवन समृद्ध हुआ है, उनकी याद बार-बार आती ही है। हर बार लगता है कि उस याद ने अपनी सुगन्ध से जीवन को पुन: सुरभित कर दिया। वस्तुत: घटनाएँ जब घटती हैं तब उनका प्रभाव किन-किन स्तरों पर कितनी गहराई से पड़ रहा है, इसका सम्यक बोध नहीं हो पाता। उन प्रीतिकर स्मृतियों का रोमन्थन ही स्पष्ट करता है कि उन व्यक्तियों या घटनाओं ने जीवन को कितनी प्रेरणा और स्पूâर्ति प्रदान की थी। उनके प्रति कृतज्ञता-बोध ही मुझे उनकी स्मृतियों को लिपिबद्ध करने को उत्साहित करता रहा है। इस तरह ये संस्मरण लिखे जाते रहे।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...