Bharatiya Shreshtha kahaniyan : Vols. 1 Hard Cover
Author:
Sanhaiyalal OjhaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
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Price: ₹ 1036
₹
1295
Available
प्रस्तुत पुस्तक <strong>‘</strong>भारतीय श्रेष्ठ कहानियाँ’ में उड़िया<strong>, </strong>कन्नड़<strong>, </strong>तेलगु<strong>, </strong>पंजाबी<strong>, </strong>मराठी और हिन्दी की चुनी हुई श्रेष्ठ साठ कहानियाँ संगृहीत हैं।</p>
<p>भारत में भिन्न-भिन्न भाषाओं के बावजूद कहानी कला का विकास समानान्तर और समान्तर हुआ है<strong>, </strong>जो सर्वथा स्वाभाविक है। भारत का इतिहास<strong>, </strong>भूगोल<strong>, </strong>संस्कृति और नियति जो एक है। इस संकलन में संगृहीत कोई भी कहानी किसी भी भाषा की कहानी हो सकती है<strong>, </strong>क्योंकि भाषा की वह बाद में<strong>, </strong>पहले वह भारतीय कहानी है। भारत की भिन्न-भिन्न भाषाओं में कहानी के विकास को पाठक सम्बद्ध भाषा की कहानियों के प्रारम्भ में उस विभाग के सम्पादक द्वारा प्रस्तुत सर्वेक्षण में देखेंगे। इस सर्वेक्षण में भिन्न-भिन्न भाषाओं के साहित्य में जिस साम्य की सहज प्रतीति होती है<strong>, </strong>उससे इस विश्वास को बल मिलता है कि समग्र भारतीय-साहित्य की एक इकाई के रूप में<strong>, </strong>चाहे अलिखित<strong>, </strong>किन्तु बड़ी प्रौढ़ और अस्तित्वशील परम्परा है<strong>, </strong>जिससे सभी भाषाएँ अपने-अपने तौर पर प्रेरणाएँ और स्पंदन प्राप्त करती हैं। आवश्यकता है इस अदृश्य-परम्परा को आलेखित करने की<strong>, </strong>ताकि भाषाओं का यह परिवेश भिन्नता का पर्याय न बनकर विविधता का इन्द्रधनुषी रंग प्रत्यक्ष करे।</p>
<p>आधुनिक-कहानी की शक्ति और महत्त्व इसमें है कि वह संघर्षमय जीवन के कठोर यथार्थ से सर्वांशतः सम्पृक्त है। आज का सारा ही साहित्य उत्तरोत्तर वस्तून्मुखी और यथार्थपरक होता जा रहा है। कविता का कथ्य तक, जो रमणीय-अर्थ और रसात्मक-अनुभूति के पोषण के लिए कल्पना की वायवी उड़ान में आश्रय का लक्ष्य खोजता था, आज यथार्थ की कठोर कंटकाकीर्ण भूमि पर संघर्ष में अपनी उपलब्धि खोज रहा है, यह संघर्ष चाहे भौतिक हो, मानसिक हो या आध्यात्मिक हो। इस दृष्टि से आज की कहानी काव्य का स्थान हड़पती जा रही है—लघु-गल्प कविता का और उपन्यास महाकाव्य का। यहाँ कहानी से ‘लघु-गल्प’ और ‘उपन्यास’ दोनों ही अभिप्रेत हैं।</p>
<p>नई साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत यह कहानी संग्रह निःसन्देह पठनीय और संग्रहणीय है।
ISBN: 9788180314889
Pages: 548
Avg Reading Time: 18 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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