Balram ki Lokpriya Kahaniyan
Author:
BalramPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 140
₹
175
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789386300621
Pages: 176
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
POSHAK TATTVON SE BHARPOOR SOOKHE MEVE
- Author Name:
PUSHPA TETE
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BACHCHON KO YAUN DURVYAVHAR SE KAISE BACHAYEN
- Author Name:
Mahesh Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Havildar Abdul Hameed
- Author Name:
Major Rajpal Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
DURACHAR SE BACHCHON KA BACHAV
- Author Name:
Mahesh Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ankahi Stories Collection Book In Hindi
- Author Name:
Gita Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jamsetji Tata: A Complete Biography
- Author Name:
Prashant Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ramayan Ke Patra "रामायण के पात्र" Book in Hindi - Ramji Bhai
- Author Name:
Ramji Bhai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Roop Singh Chandel Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Roopsingh Chandel
- Book Type:

- Description: वरिष्ठ कथाकार रूपसिंह चंदेल बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। कहानी, उपन्यास, संस्मरण, आलोचना आदि गद्य की अनेक विधाओं में उन्होंने सृजन किया है। आलोचकों ने उन्हें लोकधर्मी कथाकार कहा है। युवा आलोचक डॉ. बिभा कुमारी के अनुसार, कथाकार रूपसिंह चंदेल की कथाओं में एक ओर मिट्टी की सोंधी खुशबू की अनुभूति प्राप्त होती है तो दूसरी ओर महानगरीय जीवन, टूटते संबंध, मशीनी जीवन, मनुष्य द्वारा मनुष्य का उपयोग किया जाना इत्यादि विसंगतियों का जीवंत और साक्षात् चित्रण है। वरिष्ठ आलोचक डॉ. पंकज साहा के अनुसार, विश्व के महान् लेखक अल्बेयर कामू के लेखन में हिंसा, अत्याचार एवं क्रूरता के खिलाफ जो स्वर हैं, वही स्वर चंदेलजी की रचनाओं में भी देखने को मिलते हैं। कामू की तरह चंदेलजी की भी सृजनात्मक पारदर्शिता अपने समय की मानवीय चेतना एवं उसकी समस्याओं का उद्घाटन करती है। युवा आलोचक उमाशंकर सिंह परमार मानते हैं कि रूपसिंह चंदेल अपनी कहानियों में जब यथार्थ का चित्र प्रस्तुत करते हैं, तब वे कतई आदर्शवादी नहीं रहते हैं, न ही वे सच को छिपानेवाले आदर्श से सम्मोहित हैं। यथार्थ यहाँ कटु यथार्थ के रूप में आता है और वह पाठक को झकझोरते हुए झूठी मान-मर्यादा, नैतिक पतन, मूल्यहीनता और शोषण में संलग्न लोकतंत्र के प्रहरियों पर प्रहार करता है।
Meri Rajneetik Jeevan Yatra
- Author Name:
P. A. Sangma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rajyoga : Swaroop evam Sadhna
- Author Name:
Yogi Adityanath
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhasha Sanshay-Shodhan
- Author Name:
Kamlesh Kamal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rasayanik Tathya : Vichitra Kintu Satya
- Author Name:
Sushila Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mohan Rakesh Rachanawali : Vols. 1-13
- Author Name:
Mohan Rakesh
- Book Type:

-
Description:
मोहन राकेश हिन्दी के सर्वाधिक ‘एक्सपोज़्ड’ रचनाकार माने जाते हैं। राकेश का जीवन और लेखन ‘घर’ नामक मृगमरीचिका के पीछे बेतहाशा भागते एक बेसब्र, बेचैन, व्याकुल और ज़िद्दी तलाश का पर्याय है।
रचनावली का यह पहला खंड—‘अन्तरंग’—उनके इसी ‘अपना आप’ पर केन्द्रित है। यह खंड लेखक के पेचीदा जीवन के बहिरंगी बहुरूपों को दिखाने के साथ–साथ अन्तरंग के गुह्य प्रदेशों के विचित्र रहस्य–लोक के गवाक्ष भी खोलता है। इसका पहला अंश अधूरा ‘आत्मकथ्य’ है। इसके बाद ‘चींटियों की पंक्तियाँ : ज़मीन से काग़ज़ों तक’, ‘देखो बच्चू!’ और मृत्यु से लगभग दो महीने पहले रजिन्दर पॉल द्वारा लिया गया एक ऐसा साक्षात्कार है, जो उनके उदास, असुरक्षित, अस्थिर एवं अकेले आरम्भिक जीवन की प्रामाणिक और दिलचस्प झाँकी प्रस्तुत करता है।
इस खंड के अन्त में 1950 से 1958 तक उनके द्वारा लिखी गई डायरी को रखा गया है। राकेश के अन्तर्विरोधी जटिल चरित्र एवं उनके साहित्य को सही परिदृश्य और उचित सन्दर्भ में समझने के लिए यह खंड महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
Hindu Charmakar Jati
- Author Name:
Dr. Bizay Sonkar Shastri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Satyajit Rai: Pather Panchali Aur Film Jagat
- Author Name:
Mahendra Mishra
- Book Type:

-
Description:
‘सत्यजित राय : पथेर पांचाली और फ़िल्म जगत्’ यह पुस्तक ‘पथेर पांचाली’ जैसी कालजयी फ़िल्म के बहाने इस महान सिने-निर्देशक के कला-कर्म को जानने-समझने की सच्ची और गहरी कोशिश से पैदा हुई एक ऐसी कृति है, जिसे हिन्दी में एक नई शुरुआत की तरह देखा जा सकता है। इस पुस्तक को पढ़ना सिर्फ़ एक वैचारिक फ़िल्मी दस्तावेज़ से गुज़रना नहीं, बल्कि एक अनुभव-समृद्ध विवेकशील गाइड के साथ सत्यजित राय के रंगारंग कला-संसार के उन अनेक कोनों और गलियारों से गुज़रना है, जिन्हें बहुतों ने देखा नहीं और जिन्होंने देखा, वे लगभग भूल चुके हैं। अस्तु, यह कृति दोनों ही कार्यों को पूरा करती है—नए पाठकों को यहाँ एक महान कला-सर्जक से परिचित होने का सुख मिलेगा और पुरानों को अभिज्ञान का एक विलक्षण आनन्द।
इस पुस्तक के लेखक महेन्द्र मिश्र की पहली विशेषता तो यही है कि वे पेशेवर अर्थ में फ़िल्म-समीक्षक नहीं हैं। वस्तुतः वे प्रकृति से कवि-विचारक हैं, कर्म से एक अनुभव-सिद्ध पूर्व प्रशासक और रुचि से एक गहरे फ़िल्म-प्रेमी। इसीलिए पूरी पुस्तक की भाषा और व्याख्या-विश्लेषण में एक सहज अनौपचारिकता की गंध मिलेगी, जो इसे इस प्रकार के समस्त लेखन से भिन्न और विशिष्ट बनाती है। असल में यह पुस्तक सत्यजित राय के वृहत् कला-संसार की ओर खुलनेवाली एक खिड़की है—सम्भवतः हिन्दी की पहली ऐसी खिड़की, जिससे आती हुई रोशनी पर भरोसा किया जा सकता है। यह रोशनी पाठकों तक पहुँचेगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
—केदारनाथ सिंह
R.N. Kao: A Complete Biography - Founder Chief of RAW
- Author Name:
Vipul Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nayi Naari : Sita Ki Maa : Shakuntala
- Author Name:
Shriramvriksha Benipuri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Stri-Vimarsh : Vividh Pahlu
- Author Name:
Kalpana Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
1000 Bhoogol Prashnottari
- Author Name:
Sachin Singhal
- Book Type:

- Description: वास्तव में ‘भूगोल’ शब्द का अर्थ बहुत व्यापक है। सौरमंडल, वातावरण, पर्यावरण, पृथ्वी, कृषि, वन, वन्यजीवन, उद्योग, जनसंख्या, खनिज, ऊर्जा आदि ऐसे अनेक विषय हैं, जिनमें मानव की सदैव से रुचि रही है। इसी रुचि ने मानव को नए-नए ग्रह खोजने के लिए प्रेरित किया और वह इसमें सफल भी हुआ। प्रस्तुत पुस्तक में इस व्यापकता को पाठकों के लिए 1000 प्रश्नों में समेटने का प्रयास किया गया है। यद्यपि इतने कम प्रश्नों में इस विषय को समेटना एक असंभव कार्य है, परंतु सामान्य पाठक के ज्ञान के स्तर के अनुरूप अधिकांश महत्त्वपूर्ण तथ्यों से संबंधित प्रश्नों का समावेश इस पुस्तक में करने का प्रयास किया गया है। प्रत्येक प्रश्न के चार संभावित उत्तर दिए गए हैं, जिनमें से एक उत्तर सही है। इससे पाठक अपनी तर्कशक्ति के आधार पर अपने ज्ञान को कसौटी पर परख सकते हैं। प्रश्नोत्तरी शैली में लिखित यह पुस्तक भूगोल के विभिन्न पक्षों से पाठकों को परिचित कराती है। 1000 प्रश्नों के रूप में यह भूगोल के ज्ञान का पिटारा खोलती है।
Nanaji Deshmukh Chitrawali
- Author Name:
Atul
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...