1000 Itihas Prashnottari
Author:
Sachin SinghalPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Unavailable
"1000 इतिहास प्रश्नोत्तरी
इतिहास का खेल न्यारा है; और इतिहास अपने को दुहराता भी है। इसीलिए इतिहास में लोगों की स्वाभाविक जिज्ञासा होती है—चाहे वह परिवार का हो, राष्ट्र का हो या विश्व का। प्रस्तुत पुस्तक एक सामान्य पाठक और उसके इतिहास के ज्ञान के स्तर को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है। पुस्तक को बहुविकल्पीय प्रश्नों की शैली में लिखा गया है।
चार भागों में विभक्त पुस्तक को महत्त्वपूर्ण उपभागों में बाँटा गया है; जैसे—सिंधु घाटी सभ्यता के स्रोत, वैदिक सभ्यता, मौर्य एवं गुप्त साम्राज्य, जैन एवं बौद्ध धर्मों का उदय, दक्षिण के साम्राज्य, मुगल काल, मराठा राज्य, अंग्रेजी शासन और भारत का स्वतंत्रता संघर्ष आदि।
प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें एक सही उत्तर है, जिससे पाठक प्रश्न का सही उत्तर ढूँढ़ने के लिए अपनी तर्कशक्ति का भी प्रयोग कर सकते हैं।
विश्वास है, पुस्तक पाठकों को अच्छी लगेगी तथा उनके इतिहास के ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगी।
"
ISBN: 9788177212754
Pages: 168
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
How to win Friends and Influence People "हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इंफ्लूएंस पीपल" Book in Hindi- Dale Carnegie
- Author Name:
Dale Carnegie
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Stree : Yaunikta Banam Aadhyatmikta
- Author Name:
Pramila K.P.
- Book Type:

- Description: हिन्दी में विमर्श-ग्रन्थों की दुर्दशा का एक कारण आत्ममन्थन की जगह आत्मश्लाघा का होना है। छोटे-बड़े मंचों पर बड़ी-बड़ी बातें अवश्य की जाती हैं, पर रूढ़ियों में जकड़े व्यक्ति की नीयत उसकी देह-भाषा और बातचीत से ज़ाहिर हो ही जाती है। हिन्दी में उपलब्ध ज़्यादातर विमर्श-ग्रन्थों का यही द्वन्द्व है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति-केन्द्रित अनुभवों से ऊपर उठकर समष्टि मनुष्य के व्यापक हित की ओर ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत है। आज प्रचलित सभी विमर्शों में स्त्री-विमर्श अपने सर्वव्यापी वैचारिक महत्त्व के कारण सबसे महत्त्वपूर्ण है। इसका ताल्लुक़ संसार की आधी आबादी से है। वह आबादी जिसकी रचनात्मकता के सक्रिय योगदान से यह दुनिया अभी तक वंचित रही आई है; और जिसके योगदान को रेखांकित करने की कोई प्रविधि पुरुष की मनीषा ने अभी तक ईजाद नहीं की। आज के स्त्री-विमर्श का यह दायित्व है कि वह सभी वर्गों के लोगों की चेतना को इस दिशा में संवेदित करे। स्त्री-विमर्श का सचेतन प्रयास होना चाहिए कि सांस्कृतिक जन-जीवन को समग्रता के साथ ग्रहण कर समष्टि चिन्तन को व्यापक रूप दिया जाए। प्रस्तुत किताब इसी प्रयास को महत्ता के साथ रेखांकित करती है। यह किताब स्पष्ट करती है कि स्त्री-विमर्श के साथ मनुष्य-जीवन के सभी पक्षों व विषयों का उचित समायोजन हो, क्योंकि स्त्री-पक्ष और स्त्री-चिन्तन का सतत पुनर्वाचन एक ऐतिहासिक ज़रूरत है। विज्ञान और संचार-क्रान्ति की सम्भावनाओं में डूबते-उतराते ‘सांस्कृतिक-जनजीवन’ के समक्ष यह किताब स्त्री-विमर्श की राह को प्रशस्त तो करती ही है, साथ ही यह उम्मीद भी करती है कि ख़ुद के साथ समस्त जीवों की संवेदनात्मक तपिश व वैचारिक उधेड़बुन से उपजे कुछ तथ्य सामने आएँ, ताकि स्त्री-विमर्श को नव-अन्तरानुशासिक मार्ग से आगे बढ़ाया जा सके। इसमें सन्देह नहीं कि समकालीन स्त्री-चिन्तन, लिंग-संवेदना, स्त्री-प्रकृति, स्त्री-यौनिकता, देह-विमर्श, सांस्कृतिक संक्रमण, सिनेमा आदि विषयों के समायोजन में हिन्दी में यह पहला प्रयास है।
Krantiveer Shraddheya Chandrapal Shailani Ka Jeevan-Darshan "क्रांतिवीर श्रद्धेय चंद्रपाल शैलानी का जीवन-दर्शन" Book in Hindi
- Author Name:
Vishakha Shailani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Constitution of India
- Author Name:
Dr. P.K. Agrawal +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Benipuri Granthawali : Vols. 1-8
- Author Name:
Ramvriksh Benipuri
- Book Type:

- Description: श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी बीसवीं सदी के उन हिन्दी लेखकों में हैं जिन्होंने साहित्य और पत्रकारिता को नई दिशा दी। साहित्य की विभिन्न विधाओं में उन्होंने श्रेष्ठतम लेखन किया। कथा-साहित्य और नाटक में नए प्रयोग किए और कालजयी कृतियों की रचना की। इसी तरह राजनैतिक और साहित्यिक दोनों ही तरह की पत्रकारिता को उन्होंने अपनी सशक्त लेखनी से नया रूप दिया। स्वाधीनता सेनानी बेनीपुरी समाजवाद की राजनीति के आरम्भकर्ताओं में रहे हैं। उनका यह बहुमुखी व्यक्तित्व उन्हें 20वीं सदी के महानायकों की क़तार में खड़ा करता है। ज़िन्दगी की बहुस्तरीय व्यस्तताओं के बावजूद उन्होंने अनवरत साहित्य-लेखन किया और महान साहित्य की रचना की। उनका सम्पूर्ण लेखन अग्रगामी मनुष्य के लिए बहुमूल्य और पाथेय है। बेनीपुरी ग्रन्थावली के आठ खंडों में हम यह दुर्लभ पाथेय प्रस्तुत कर रहे हैं। ग्रन्थावली के पहले खंड में उनकी कहानियाँ, शब्दचित्र, उपन्यास, ललित निबन्ध, स्मृति चित्र और कविताएँ संकलित हैं। ‘चिता के फूल’ कहानी-संग्रह में शोषित समाज की पीड़ा को अभिव्यक्ति मिली है। ‘लाल तारा’, ‘माटी की मूरतें’ तथा ‘गेहूँ और गुलाब’ नामक शब्द-चित्र संग्रहों की रचनाओं में उन्होंने भारतीय गाँव के किसान-जीवन को सम्पूर्णता में अभिव्यक्त किया है। अपने उपन्यास ‘पतितों के देश में’ के अन्तर्गत उन्होंने भारतीय जेल-जीवन के नरक से साक्षात्कार कराया है। ‘क़ैदी की पत्नी’ में एक स्वाधीनता सेनानी के उपेक्षित परिवार की कहानी कही है। ललित निबन्ध-संग्रह ‘सतरंगा इन्द्रधनुष’ में उन्होंने लोक-संस्कृति के मानवीय स्वरूप और प्रकृति के सौन्दर्य का दिलचस्प चित्रण किया है। ‘गांधीनामा’ में दिवंगत पुत्र के लिए क़ैदी पिता की संवेदनात्मक यादें हैं। इस खंड की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि बेनीपुरी की कविताएँ हैं जिनके अप्रकाशित होने की वजह से आलोचकों का ध्यान इस ओर नहीं गया। परिशिष्ट में बेनीपुरी का विस्तृत परिचय तथा उनके गाँव बेनीपुर का वृत्तान्त भी शामिल है।
KHAIRAGARH MEIN KAT CHAY AUR DABAL PAAN
- Author Name:
Sanjeev Buxy
- Book Type:

- Description: Memories
Apana Paraya
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: "अपना पराया एक सामाजिक उपन्यास है, जिसमें सुप्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘िनशंक’ बड़े कौशल से पर्वतीय अभावमय जीवन, सामाजिक विसंगतियों, अनमेल विवाह, विधवा-समस्या, सास-बहू-संबंध, वर्तमान शहरी प्रभाव, शिक्षा-स्वास्थ्य-िबजली-पानी-सड़क आदि और अन्य कई ग्रामीण समस्याओं का चित्रण कर उनका समाधान पाठक के ऊपर छोड़ देते हैं। कुछ समस्याओं-शैक्षिक आत्मनिर्भरता, संशोधित घराट योजना आदि का वह समाधान भी प्रस्तुत करते हैं। उपन्यास मानवीय संबंधों और संवेदनाओं को उजागर करने में समर्थ है। आत्मीयता, विश्वास, आस्था और स्नेह-प्रेम के भाव पराए को भी अपना बना लेते हैं और इनके अभाव में अपना भी पराया-सा लगता है। ग्रामीण मुहावरेदार और लोकोक्तिपरक वाक्य- रचना उपन्यास के आंचलिक वैशिष्ट्य को सामने लाती है। पहाड़ के रीति-िरवाज एवं सांस्कृतिक जीवन-मूल्यों का दिग्दर्शन कराता एक मर्मस्पर्शी, संवेदनशील उपन्यास! "
Amarnath Yaatra
- Author Name:
Amit Kumar Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Railway Bharti Board Level 1 Group ‘D’ Bharti Pariksha 2021 15 Practice Sets
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhasha Ki Khadi
- Author Name:
Om Nishchal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Deendayal Upadhayaya : Kritatva evam Vichar
- Author Name:
Dr.Mahesh Chandra Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Royal to Public Life
- Author Name:
Vijayaraje Scindia +1
- Book Type:

- Description: I felt that to remain in politics and keep fighting for the principles was my calling. So, I thought that working with the people of similar ideology might be more fruitful. I felt affinity with those parties which were neither corrupt nor power-drunk…. Ideologically, I found myself close to Jana Sangh and Swatantra Party. I was in a dilemma to choose between the two. So, I decided to contest the election on the ticket of both these parties. I became candidate of Jana Sangh from Karera constituency of Madhya Pradesh Assembly. Tihar is not a jail, it is hell on earth. And those people were pushed in this hell whose penance threatened to dethrone Indiraji. There were piles of filth at different places in Tihar jail. It would make the inside air polluted which was stifling. While eating one had to constantly drive away the flies with one’s hands. The ears would be abuzz with the sounds of insects. In the darkness the brooch would glow and crickets would speak. Life was difficult. But despite that we would have sound sleep. Ayodhya is not a city made of bricks and mortars. It is a symbol of India’s soul and national identity. That’s why when the Rath Yatra was taken out, Hindus and Muslims participated in it alike. This national integration caused heart burns to those vested interests that were in the habit of taking the advantage of social division.
Aapatkal Ke Senani: Narendra Modi
- Author Name:
Narendra Modi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Broken Thorns
- Author Name:
Dr. Vrindavan Lal Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
ACHCHHI-ACHCHHI AADTEN
- Author Name:
RAKESH
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhagat singh Aur Unke Sathiyon Ke Dastavez
- Author Name:
Chaman Lal +1
- Book Type:

- Description: शहीद भगत सिंह ने कहा था : ‘क्रान्ति की तलवार विचारों की सान पर तेज़ होती है’ और यह भी कि ‘क्रान्ति ईश्वर-विरोधी हो सकती है, मनुष्य-विरोधी नहीं’। ध्यान से देखा जाए तो ये दोनों ही बातें भगत सिंह के महान क्रान्तिकारी व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं। लेकिन इस सन्दर्भ में महत्त्वपूर्ण यह है कि भगत सिंह की विचारधारा और उनकी क्रान्तिकारिता के ज्वलन्त प्रमाण जिन लेखों और दस्तावेज़ों में दर्ज हैं, वे आज भी पूर्ववत् प्रासंगिक हैं, क्योंकि ‘इस’ आज़ादी के बाद भी भारतीय समाज ‘उस’ आज़ादी से वंचित है, जिसके लिए उन्होंने और उनके असंख्य साथियों ने बलिदान दिया था। दूसरे शब्दों में, भगत सिंह के क्रान्तिकारी विचार उन्हीं के साथ समाप्त नहीं हो गए, क्योंकि व्यक्ति की तरह किसी विचार को कभी फाँसी नहीं दी जा सकती। कहने की आवश्यकता नहीं कि यह पुस्तक भगत सिंह की इसी विचारधारात्मक भूमिका को समग्रता के साथ हमारे सामने रखती है। वस्तुत: हिन्दी में पहली बार प्रकाशित यह कृति भगत सिंह के भावनाशील विचारों, विचारोत्तेजक लेखों, ऐतिहासिक दस्तावेज़ों, वक्तव्यों तथा उनके साथियों और पूर्ववर्ती शहीदों की क़लम से निकले महत्त्वपूर्ण विचारों की ऐसी प्रस्तुति है जो वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक स्थितियों की बुनियादी पड़ताल करने में हमारी दूर तक मदद करती है।
Operation Blue Star Ka Sach
- Author Name:
Lt. Gen. K.S. Brar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vaigyanik Jagdish Chandra Basu Ke Mahan Vichar
- Author Name:
Saawan Kumar Bag +1
- Book Type:

- Description: कलकता के टाउन हॉल में मिलीमीटर हट 2 का पहली बार प्रदर्शन करने से लेकर पौधों में तंत्रिकातंत्र मौजूद होने तक के युगांतकारी आविष्कारों के प्रणेता महान् वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु से सभी कम या ज्यादा अवश्य परिचित हैं, लेकिन जगदीश चंद्र बसु के लेखक और दार्शनिक पक्ष से बहुत कम लोग ही परिचित हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि भारतीय भाषाओं की पहली विज्ञान-गल्प जगदीश चंद्र बसु ने बॉग्ला में 'निरुददेशेर कहिनी' के नाम से लिखी थी। उनके लिखे लेख, विज्ञान-गल्प, यात्रावत्तांतों और भाषणों में उन्होंने अपने जीवन की कई रोमांचकारी घटनाओं को शब्दों में बाँधकर एक पुस्तक प्रकाशित की थी, जिसका नाम उन्होंने ' अव्यक्त ' दिया था। इन कहानियों, लेखों और भाषणों के माध्यम से जनमानस में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को जाग्रत् करने का प्रयास किया था। वैज्ञानिक के विभिन्न लेखों मे संगहात शत उन यह लेखन आज भी वैज्ञानिक और सामान्य जन के लिए घनघोर अआँधेरे रास्तों में रोशनी की किरणों की तरह है। वह एक लेख में लिखते हैं--' हमारा मस्तिष्क ही सबसे बड़ी प्रयोगशाला है।'
Life Sings
- Author Name:
Veeir Shuklla +1
- Book Type:

- Description: THE LIFE REMAINS Under the fallen banyan, the small root remains, and regenerates. Erased masterpiece of god’s crayon, yet a shade reverberates. Great civilisations have kissed the dust, abandoning behind their rich stains. What rises fall it must, seems an end, yet the life remains. --from this book 'Life Sings' is a collection of eighty poems covering different living observations, hoping to enable the mind with strength to absorb the anomalous facets of life. Sincere prayers are tendered to all, to appreciate the humble effort positively.
Guiding Souls : Dialogues on the Purpose of Life
- Author Name:
Apj Abdul Kalam With Arun Tiwari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...