Ye Kauve Kale-Kale!

Ye Kauve Kale-Kale!

Publisher:

Ektara Trust

Language:

Hindi

Pages:

20

Country of Origin:

India

Age Range:

0-11

Average Reading Time

40 mins

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Book Description

गुलज़ार की यह नज्म कहती है कि कौए पहले कई रंगों के होते थे। अब तो सिर्फ काले कौए दिखते हैं। यह कैसे हुआ कि सब काले हो गएॽ काले रंग की किस खूबी ने कौओं का मन जीता कि वो काले हो गएॽ इस किताब के लिए एलन शॉ ने कौओं की कई मुद्राएँ बनाई है। उन्‍होंने कौओं का आकार ही नहीं उनका चलना, बैठना, बोलना, सुनना भी बनाया है।

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