
Gharvaas
Author:
Mridula SinhaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Available
"जेब की अमावस्या आकाश की अमावस्या से अधिक दर्द देनेवाली। आँखों के आगे सूर्य के प्रकाश में भी अँधेरा लानेवाली। वे भाग्यवान हैं, जिनकी जेब ही नहीं होती।
एक बार चाँदनी रात की लत पड़ जाए तो अँधेरी रातें काटने को दौड़ती हैं।
सच है, जिसके घर लक्ष्मी विराजती हो, प्रतिदिन दीपावली है। वैसे लक्ष्मी कभी अकेली नहीं आती। अपनी दोनों बहनों को भी न्योत लाती है। सरस्वती बहुत आनाकानी करती है, पर उन्हें भी आना ही पड़ता है। दुर्गा की शक्ति भी उस घर में शोभायमान होती है। तीनों बहनों में से किसी एक का भी अनादर हुआ, धीरे से एक के बाद एक, तीनों खिसक लेती हैं।
जीवन में अर्थ की प्रधानता ने सारे पुरातन जीवन-मूल्यों को पीछे धकेला है। इसलिए दीपावली का रूप तो बदल गया, पर आडंबर बढ़ता जा रहा है।
व्यक्ति अंदर से जितना अकेला और कमजोर होता जा रहा है, उतना ही पर्व-त्योहारों पर धूम-धड़ाका करने की उसकी लालसा बलवती होती जा रही है।
गरीब-बेबस आदमी तो पैसेवाले के रहन-सहन, खान-पान, रीति-रिवाज को ही अपना आदर्श मानने लगता है। सदा से उसी आदर्श तक पहुँचने
के असफल भगीरथ प्रयत्न में अपनी हड्डियाँ गलाता आया है।
—इसी पुस्तक से
दूसरे शहर में जाकर दो वक्त की रोटी और जीवनयापन के लिए अस्थायी विस्थापन का दंश झेलते श्रमिकों को केंद्र में रखकर लिखा गया पठनीयता से भरपूर उपन्यास।
"
ISBN: 9789386054166
Pages: 240
Avg Reading Time: 8 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: संभल गाँव का निवासी और फौज में सूबेदार बिंदेश्वरनाथ त्रिवेदी, प्रथम विश्व-युद्ध के लिए यूरोप जाता है लेकिन युद्ध खत्म होने पर भी घर नहीं लौटता। इस बीच उसके बेटे रमानाथ को संभल का एक रहस्यमयी व्यक्ति मिलता है जो रमानाथ के लापता पिता के बारे में सब जानता है। वह रमानाथ को यूरोप में फैली स्पैनिश फीवर नामक महामारी और उसका वायरस तैयार करने वाले के बारे में भी बताता है! इस घटना के सौ वर्ष बाद, सन् 2020 में म्यूविड-20 नामक एक नई महामारी फैलती है, तो वही रहस्यमयी व्यक्ति फिर प्रकट होता है। इस बार उसकी मुलाकात रमानाथ के पोते गौरव त्रिवेदी से होती है। गौरव को जब उस व्यक्ति की असलियत का पता लगता है तो उसके होश उड़ जाते हैं! कौन है संभल का वह रहस्यमयी व्यक्ति? त्रिवेदी परिवार से उसका क्या संबंध है? क्या स्पैनिश फीवर और म्यूविड-20 महामारियाँ सिर्फ संयोग हैं? या 100 साल के भीतर मानव-समाज पर आई इन दो भयानक विपदाओं के पीछे कोई अज्ञात शक्ति है? क्या भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का जन्म हो चुका है? यदि हाँ, तो कल्कि, आधुनिक समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं? यह पुस्तक, कल्कि और कलियुग के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। इसमें आशुतोष ने जहाँ अपनी परिपक्व कलम से विश्व-इतिहास, उच्च जीवन-दर्शन और पौराणिक पृष्ठभूमि के जीवंत चित्र खींचे हैं, वहीं अत्रि ने अपनी जबर्दस्त कल्पना-शक्ति से साइंस फिक्शन का रोमांचक और अनूठा संसार रचा है।
Bharatiya Videsh Neeti
- Author Name:
Jn Dixit
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- Description: Awating description for this book
Rusi Sanskriti : Udbhav Aur Vinash
- Author Name:
Kamlesh
- Book Type:
-
Description:
‘‘कवि कमलेश हमारे समय के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, हालाँकि उन्होंने कभी विद्वता का कोई दावा नहीं किया। उनकी रुचि साहित्य के अलावा संस्कृति और विचार के अनेक अनुशासनों जैसे—दर्शन, मनोविज्ञान, नृतत्त्व आदि में थी। महान् रूसी कवियों और उनके माध्यम से रूसी संस्कृति की उद्भव-गाथा और उसके विनाश की शोक-कथा प्रस्तुत करनेवाली यह अनूठी पुस्तक है। इसमें कवियों का सिर्फ़ वैचारिक विश्लेषण भर नहीं है—कविताओं का हिन्दी अनुवाद भी है। किसी विदेशी भाषा के इतने सारे महान् कवियों और उनके माध्यम से किसी देश की संस्कृति के अध्ययन का ऐसा कोई दूसरा उदाहरण हिन्दी में तो क्या शायद किसी अन्य भारतीय भाषा में भी न होगा। इस अद्वितीय पुस्तक को रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम सहर्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
—अशोक वाजपेयी
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