Antajichi Bakhar
Author:
Nanda KharePublisher:
Manovikas Prakashan LLPLanguage:
MarathiCategory:
Contemporary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
मग माझा पक्ष कोणता? तर वाटे, महाशयांचा पक्ष,
पुरबीचा पक्ष. रामचंद्रपंत पंडितांचा पक्ष. वहिनींचा पक्ष.
कविराज, गोपाळा, अगदी मोहंतीदेखील
माझे पक्षकार होणेस लायक! परंतु हा तर केवळ जगणार्यांचा,
जगूं पाहाणार्यांचा पक्ष! यांचे हातीं ना सत्ता, ना सैन्य.
तर असा माझा नामर्दांचा पक्ष! एकामागोन एक
नामर्दगीच भोगणें हातीं. वहिनीसाहेब जळाल्या.
फिरंग्यास मध्यें पडणेसाठी हालचाल करावी, वाटलें.
मज नाहीं. पंतांस खोटें नाटें सांगोन अलीवर्दीनें मारिलें.
मज सूड घ्यावा, वाटलें नाहीं.
सिराजानें नाहीं नाहीं तें केलें.
त्यास रोखणेचें धैर्य वोट्सांत. क्लाईव्हांत.
वाटसनांत. कूटांत. माझ्यांत नव्हे.
तर आतां परते महाराष्ट्रांत जावोन मीठ विकावें, हें बरें!
इतिहासाला भव्य-दिव्य आभासी विश्वातून जमिनीवर
आणणारी तिरकस शैलीतील ऐतिहासिक कादंबरी...
Antajichi Bakhar : Nanda Khare
अंताजीची बखर : नंदा खरे
ISBN: 9789387667365
Pages: 248
Avg Reading Time: 8 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Shubh Din
- Author Name:
Balram
- Book Type:

- Description: केदारनाथ अग्रवाल और रामविलास शर्मा की तरह बलराम भी पत्नीमुखी प्रेम के चितेरे हैं। विपन्न से विपन्न घर में भी यदि पति या पिता संवेदनशील हो तो गृहस्थी सुखी हो सकती है। दाम्पत्य है तो एक बड़ा भाव ही, जिसमें नौ रसों का समाहार है—शृंगार से शुरू होकर यात्रा रौद्र, वीभत्स आदि के भभके संभालती हुई अंततः करुणा पर तिरोहित! ‘शुभ दिन’ पति-पत्नी की मैरिज एनिवर्सरी का दिन है! कभी बच्चा, कभी मूड, कभी थकान, किसी न किसी बहाने टलती रही दैहिक आपसदारी इस दाम्पत्य में क्षीण हो चली है, पर पति स्वयं को उस शुभ दिन भी आरोपित नहीं करता और पत्नी आँखें मूंदे इंतजार करती रहती है, पर जो टल गया है, उसका रस-बोध बहुत सघन है, जीवन में और कहानी में भी। इस मार्मिकता में यह कहानी ओ हेनरी की ‘द गिफ्ट्स ऑफ द मेजाई’ से तुलनीय लगती है। समकालीन हिन्दी कहानी में ‘शुभ दिन’ उस दिन की सरस प्रतीक्षा के रूप में पढ़ी जानी चाहिए, जब पुरुष स्त्रीचेता होगा, स्त्री की संकेत भाषा समझ पाने लायक। बलराम की तरह ही ‘शुभ दिन’ का नायक एक स्त्रीचेता नवल पुरुष है, जो स्त्री को बहस की सुविधा देता है और थककर सोई उसकी देह पर अपनी देह आरोपित नहीं करता! ऐसे ही संवेदनशील और हमदर्द पुरुष की प्रतीक्षा में आज की हर स्त्री है, जो अपनी वृत्तियों पर काबू रख सके और योग्य बनकर इंतजार कर सके कि स्त्री स्वयं उमड़कर उसका हाथ पकड़ लेगी! अपनी कहानियों में बलराम ऐसे संवेदनशील पुरुषों की कल्पना कर पाए, यह एक बड़ी बात है! इस संग्रह की सभी कहानियाँ ऐसी ही मोहक हैं। अनामिका
Ret Samadhi
- Author Name:
Geetanjali Shree
- Rating:
- Book Type:

- Description: अस्सी की होने चली दादी ने विधवा होकर परिवार से पीठ कर खटिया पकड़ ली। परिवार उसे वापस अपने बीच खींचने में लगा। प्रेम, वैर, आपसी नोकझोंक में खदबदाता संयुक्त परिवार। दादी बज़िद कि अब नहीं उठूँगी। फिर इन्हीं शब्दों की ध्वनि बदलकर हो जाती है अब तो नई ही उठूँगी। दादी उठती है। बिलकुल नई। नया बचपन, नई जवानी, सामाजिक वर्जनाओं-निषेधों से मुक्त, नए रिश्तों और नए तेवरों में पूर्ण स्वच्छन्द। कथा लेखन की एक नई छटा है इस उपन्यास में। इसकी कथा, इसका कालक्रम, इसकी संवेदना, इसका कहन, सब अपने निराले अन्दाज़ में चलते हैं। हमारी चिर-परिचित हदों-सरहदों को नकारते लाँघते। जाना-पहचाना भी बिलकुल अनोखा और नया है यहाँ। इसका संसार परिचित भी है और जादुई भी, दोनों के अन्तर को मिटाता। काल भी यहाँ अपनी निरन्तरता में आता है। हर होना विगत के होनों को समेटे रहता है, और हर क्षण सुषुप्त सदियाँ। मसलन, वाघा बार्डर पर हर शाम होनेवाले आक्रामक हिन्दुस्तानी और पाकिस्तानी राष्ट्रवादी प्रदर्शन में ध्वनित होते हैं ‘क़त्लेआम के माज़ी से लौटे स्वर’, और संयुक्त परिवार के रोज़मर्रा में सिमटे रहते हैं काल के लम्बे साए। और सरहदें भी हैं जिन्हें लाँघकर यह कृति अनूठी बन जाती है, जैसे स्त्री और पुरुष, युवक और बूढ़ा, तन व मन, प्यार और द्वेष, सोना और जागना, संयुक्त और एकल परिवार, हिन्दुस्तान और पाकिस्तान, मानव और अन्य जीव-जन्तु (अकारण नहीं कि यह कहानी कई बार तितली या कौवे या तीतर या सड़क या पुश्तैनी दरवाज़े की आवाज़ में बयान होती है) या गद्य और काव्य : ‘धम्म से आँसू गिरते हैं जैसे पत्थर। बरसात की बूँद।’
Begudi - Kannada - Award Winning
- Author Name:
Kiran Nagarkar +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Kannada Translation of Award winning book Cuckold by Kiran Nagarkar
Case No. 107
- Author Name:
Pranjal Verma
- Rating:
- Book Type:

- Description: August 11. Divyanagar. The Crime Bureau is rocked with a chilling double murder. Detective Hina and her team of sleuths are on the case. The case is held up by one single question: how were the murders carried out? The detectives turn to science for an answer, the forensic duo of the crime Bureau, Dr. Swaraj and Dr. Niharika. As the case proceeds, what seems like a simple double homicide, has in fact strong eddies bringing the team face to face with powerful shadows and their host of deadly minions. The case goes past the status of a simple coincidence when another report of a double homicide with the modus operandi pops up, the victims, two assuming college pass outs employed by the AVP call centre. The hysterical interrogation of the parents and mounting criticism on the crime bureau’s inefficacy only convolutes the case further rather than solving it. Detective Hina and her team realise that they are now in a race against time to catch their criminal. The perfect killer. The four murders seem to be connected. In the ongoing investigation, the Crime Unit arrests 2 men who turn the entire case on its heels, they are none other than the Bishops, the deadliest gun for hires. The crime bureau thinks they have their perpetrators, everything was going well until they hear a name that never appeared in the picture. Who is it? Would they be able to find the criminal?
Firki Wali
- Author Name:
Ram Badan Ray
- Book Type:

- Description: Hindi Novel
Moorkhon Ki Kami Nahi
- Author Name:
Shri Krishna
- Book Type:

- Description: श्रीकृष्ण द्वारा संपादित ‘मूर्खों की कमी नहीं’ बाल कहानियों का संकलन है। इसमें अलग-अलग बाल साहित्यकारों की कुल सात बाल-कथाएँ हैं। सभी कहानियों का विषय बाल-मनोविज्ञान है। बाल-साहित्यकारों की परम्परा की नई झलक इस पुस्तक को महत्त्वपूर्ण बना देती है।
Rah Dar Badar
- Author Name:
Govind Mishra
- Book Type:

- Description: ‘राह दर बदर’ गोविन्द मिश्र का नया उपन्यास है जिसे हम उपन्यास विधा के सन्दर्भ में भी एक ‘नया उपन्यास’ कह सकते हैं। जो चीज़ इसे एक औपन्यासिक कृति बनाती है वह किसी एक पात्र की केन्द्रीय अथवा आद्योपान्त उपस्थिति नहीं बल्कि एक ‘थीम’ का क्रमशः विकास है। इस थीम का ताल्लुक़ भारतीय स्त्री से, उसके अस्मिता-बोध की पिछली आधी सदी से भी ज़्यादा लम्बी यात्रा से है। गोविन्द मिश्र स्वयं इसे ‘मध्यवर्गीय भारतीय नारी की अन्तश्चेतना का 1940 से 2020 तक का क्रमिक विकास’ कहते हैं और यह भी कि इसी के चलते यह कृति जितनी साहित्यिक है, उतनी ही समाजशास्त्रीय भी। भारतीय स्त्री ने पिछली सदी के उत्तरार्द्ध और मौजूदा सदी के अब तक के वर्षों में एक लम्बा सफ़र अपने भीतर भी किया है, और समाज के सार्वजनिक स्पेस में भी। परिवार और विवाह के स्वरूप में भी काफ़ी बदलाव आया है, लेकिन शायद उतना नहीं, जितना गुणात्मक परिवर्तन भारतीय स्त्री की प्राथमिकताओं में आया है। यह उपन्यास इस परिवर्तन की धारा को रेखांकित करते हुए भविष्य के विषय में भी कुछ प्रश्न छोड़ता है, जो स्त्री के साथ समाज के लिए भी विचारणीय हैं, और पुरुष के लिए भी। एक दिलचस्प और विचारोत्तेजक कथा-कृति!
Dhikku - Award Winning Novel
- Author Name:
Devidasa Kadam +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: The novel Dika, which means "direction" in Konkani, tells the story of a farming family from the lower middle class. It is set in the North Kanara district of Karnataka and offers a vivid portrayal of the socio-cultural life of the region's inhabitants. The plot follows Deepak and his family as they struggle to adapt to a new way of life in their village after the sudden death of Deepak's father, a policeman. Along the way, they encounter various challenges, including problematic villagers, conniving relatives, and blind faith. When Deepak's sister falls in love with a Muslim boy, he must confront societal norms and convince his mother to accept their relationship. Ultimately, Deepak leads his family to a new and free existence, breaking free from the constraints imposed on them by society. This is best exemplified in the novel's closing scene, where Deepak witnesses a lone crow moving eastward, away from its flock, in a new direction.
Janumada Jodi
- Author Name:
Pannalal Patel
- Rating:
- Book Type:

- Description: discriptation awaited
Ghar
- Author Name:
Vibhuti Narayan Rai
- Book Type:

- Description: समकालीन हिन्दी कथा-साहित्य के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर विभूति नारायण राय का यह उपन्यास मध्यवर्गीय परिवार की विडम्बनापूर्ण जीवन-स्थितियों का दारुण दस्तावेज़ है। पेंशनयाफ़्ता मुंशी रामानुज लाल का यह घर क्यों ईंट-गारे के मकान में तब्दील होकर रह गया, ‘घर’ शब्द से जुड़ी ऊष्मा कैसे एकाएक वाष्प बनकर उड़ गई, एक ही छत के नीचे रहते हुए घर के प्राणी एक-दूसरे से एकदम कटकर संवादहीनता की अंधी सुरंग में क्यों फँस गए जहाँ न परिचित स्पर्श था और न ही स्वर? इन सवालों के जवाब के अलावा यह हमारी व्यवस्था की उन विडम्बनाओं और विद्रूपताओं की कहानी भी है जिनमें फँसकर एक पढ़ा-लिखा नवयुवक बेरोज़गारी का दंश झेलते हुए नपुंसक आक्रोश से भर उठता है और स्वयं से तथा समाज से आँखें चुराने लगता है, दूसरी तरफ़ यह उन हज़ारों राजकुमारियों के करुण दु:ख की कथा भी है जिन्हें कोई राजकुमार लेने नहीं आता। सरस भाषा और प्रवाहपूर्ण कथा विन्यास विभूति नारायण राय की अपनी विशिष्टता है जिसे पाठक इस उपन्यास में भी पाएँगे।
Microscope
- Author Name:
Rajendra Kumar Kanojiya
- Book Type:

- Description: The book titled MIcroscope is a Hindi novel based on a doctor living in a small town, works hard to become a doctor, gets a white coat, but later during working in the fields he finds different shades. How he struggles and ... Book is being written by a doctor himself with experience of the surroundings... He has written several books including few on medical subjects, he has books on poems, stories and articles on radio television too.
Ghar-Bahar
- Author Name:
Rabindranath Thakur
- Book Type:

- Description: आधुनिक सन्दर्भ में मानव-चरित्र के आभ्यन्तर जगत के गहन रहस्यों के उद्घाटन के साथ ही यह उपन्यास भारत के स्वाधीनता आन्दोलन में स्वदेशी के उभार तथा उस काल में राष्ट्रवाद की उभरती प्रवृत्ति का विशेष रूप से बेलाग विश्लेषण करता है। वह काल, पहले से चली आती लीक से हटकर अपने सृजन की व्याकुलता लिये हुए था, जिसमें स्त्री और पुरुष, दोनों ही अन्तर्बाह्य जीवन-व्यवहार से जुड़े प्रश्नों के उत्तर खोजना चाहते थे, लेकिन उनके सामने कोई स्पष्ट मार्ग नहीं था। इस विवशता ने उपन्यास को आद्यन्त तनाव से भरे रखा है। दूसरी ओर रवीन्द्रनाथ स्वयं बहुत कठोर यथार्थ की जमीन पर खड़े होकर स्वाधीनता आन्दोलन को देख रहे थे। उन्हें स्वदेशी और राष्ट्रवाद के सम्बन्ध में अपने स्वतंत्र दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है, जिसके लिए वे अन्ध राष्ट्रवादियों की आलोचना का शिकार होते रहे हैं। ‘घर-बाहर’ इन दोनों ही सन्दर्भों में उनके चिन्तन व तर्कों को प्रस्तुत करता है।
Roti Ke Char Harf
- Author Name:
Alok Ranjan
- Book Type:

- Description: यात्राएँ आलोक रंजन के स्वभाव में पैबस्त हैं। कहानियाँ लिखते हुए भी वे यात्राएँ करते रहते हैं—कभी बाहर की, कभी अन्तर्मन की। सबसे खूबसूरत बात यह है कि इन यात्राओं में वे आपके सहयात्री बन जाते हैं—हाथ पकड़कर चरित्रों, घटनाओं, दृश्यों की यात्राएँ करवाने वाले। जैसा कि एक कहानी में कहते हैं—‘ताकि एक आँख बाहर रहे और दूसरी अन्दर देखती रहे।’ आलोक डिटेलिंग के कथाकार हैं—चरित्रों के अन्तः एवं बाह्य रूप, दृश्यावलियाँ, बदलते घटनाक्रम—यह सब इतने स्वाभाविक और बारीक विवरणों के साथ कि उन पर विश्वास करने की इच्छा जन्म लेने लगती है। अगर आलोक आपको चुपके से दक्षिण भारत की यात्रा पर ले जाते हैं तो यह एक कल्चरल शॉक की तरह नहीं आता बल्कि चरित्र, वातावरण सबके साथ एकाकार होकर आपके अन्दर उतरता है। उनके चरित्र हममें से ही एक मालूम होते हैं—उनकी पीड़ाएँ, उनकी खूबियाँ, उनके शोषण, उनकी कामनाएँ—सब हमारी ही प्रतिछवियाँ हैं। आलोक की कहानियों में प्रेम की अनुपस्थित उपस्थिति रहती है। कुछ कहानियों में प्रेम है भी और नहीं भी है—मुखर रहते हुए भी मौन है—‘इस दुनिया के किनारे’, ‘जलते सबके मकान’, ‘स्वाँग के बाहर’ आदि कहानियाँ इस आलोक में पढ़ी जा सकती हैं। आलोक भाषाई तरलता का एक ऐसा स्वाभाविक वितान रचते हैं जिसमें हिन्दी, उर्दू, मैथिली, दक्षिण भारतीय भाषाएँ सब घुल-मिलकर एक रूप हो जाती हैं और धीमे-धीमे बहती नदी का रूप धरती रहती हैं। कहानियों की अन्य खूबियों के साथ जो गहरे आकर्षित करती है, वह है आलोक की नुक्ता-ए-नज़र—आलोक की पॉलिटिक्स बिलकुल साफ है, जो उनके पात्रों के चयन से ज़ाहिर हो जाती है—तकरीबन सभी चरित्र निम्नवर्गीय या निम्नमध्यवर्गीय हैं। जी में चीजों को बदलने की बहुत उत्कट इच्छा न भी हो तो समय के साथ, परिस्थितियों के साथ लड़-भिड़कर लहूलुहान हो जाने की सदिच्छा जरूर है।पंकज मित्र
Baduku - Award Winning Novel - Kannada
- Author Name:
Geeta Nagbhushan +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Dr. Geetha Nagabhushana's work is mostly based on the travails of the distressed, exploited and naïve people of slums or the lowest strata of the Hindu caste Order. In fact, her unique naraation brings in a slice of real life that touches our core rather than mere depiction of fictious characters. The dialect of Kannada we read in Baduku needs special mention for its authencity and the cultural richness. Throughout the novel the ordeal of the community that falls in the lowest strata of the Varna system is presented unapologetically. Also, the tribulation of women who appear in Baduku is a slap on the patriarchal society. The novel is complete slice of the society covering all the aspects of atrocity and oppression; Class, Caste, Gendar downtrodden of Urban and Rural. There is no fair deal in any of the cross section.
Boond Aur Samudra
- Author Name:
Amritlal Nagar
- Book Type:

- Description: पठनीयता के बल पर हिन्दी उपन्यास को ख्याति और प्रतिष्ठा दिलानेवालों में अमृतलाल नागर का नाम अग्रणी है। कई पीढ़ियों ने उनकी क़लम से निकले हृदयग्राही कथा-रस का आस्वाद लिया है। कथा-साहित्य के कई अविस्मरणीय चरित्रों की सृष्टि का सेहरा भी नागरजी के ही सर बँधा है। डॉ रामविलास शर्मा ने लिखा, “हिन्दी के कुछ लेखक मार्क्सवाद पर पुस्तकें भी लिख चुके हैं लेकिन उनके पात्र वैसे सजीव नहीं होते, जैसे गाँधीवादी लेखक अमृतलाल नागर के ‘सेठ बाँकेमल’ या ‘बूँद और समुद्र’ की ताई। इसका कारण यह है की मार्क्सवाद या गांधीवाद ही किसी लेखक को कलाकार नहीं बना देता। कथाकार बनाने के लिए मार्मिक अनुभूति आवश्यक है जो जीवन के हर पहलू को देख सके। सामाजिक जीवन की जानकारी ही न होगी तो दृष्टिकोण बेचारा क्या करेगा?” लखनऊ के नागर, मध्यवर्गीय सामाजिक जीवन का अन्तरंग और सजीव चित्रण करनेवाला यह उपन्यास हिन्दी उपन्यास-परम्परा में एक कालजयी कृति माना जाता है।
Karmbhoomi
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: प्रेमचंद आधुनिक हिंदी साहित्य के कालजयी कथाकार हैं। कथा-कुल की सभी विधाओं—कहानी, उपन्यास, लघुकथा आदि सभी में उन्होंने लिखा और अपनी लगभग पैंतीस वर्ष की साहित्य-साधना तथा लगभग चौदह उपन्यासों एवं तीन सौ कहानियों की रचना करके ‘प्रेमचंद युग’ के रूप में स्वीकृत होकर सदैव के लिए अमर हो गए। प्रेमचंद का ‘सेवासदन’ उपन्यास इतना लोकप्रिय हुआ कि वह हिंदी का बेहतरीन उपन्यास माना गया। ‘सेवासदन’ में वेश्या-समस्या और उसके समाधान का चित्रण है, जो हिंदी मानस के लिए नई विषयवस्तु थी। ‘प्रेमाश्रम’ में जमींदार-किसान के संबंधों तथा पश्चिमी सभ्यता के पड़ते प्रभाव का उद्घाटन है। ‘रंगभूमि’ में सूरदास के माध्यम से गांधी के स्वाधीनता संग्राम का बड़ा व्यापक चित्रण है। ‘कायाकल्प’ में शारीरिक एवं मानसिक कायाकल्प की कथा है। ‘निर्मला’ में दहेज-प्रथा तथा बेमेल-विवाह के दुष्परिणामों की कथा है। ‘प्रतिज्ञा’ उपन्यास में पुनः ‘प्रेमा’ की कथा को कुछ परिवर्तन के साथ प्रस्तुत किया गया है। ‘गबन’ में युवा पीढ़ी की पतन-गाथा है और ‘कर्मभूमि’ में देश के राजनीति संघर्ष को रेखांकित किया गया है। ‘गोदान’ में कृषक और कृषि-जीवन के विध्वंस की त्रासद कहानी है। उपन्यासकार के रूप में प्रेमचंद का महान् योगदान है। उन्होंने हिंदी उपन्यास को भारतीय मुहावरा दिया और उसे समाज और संस्कृति से जोड़ा तथा साधारण व्यक्ति को नायक बनाकर नया आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने हिंदी भाषा को मानक रूप दिया और देश-विदेश में हिंदी उपन्यास को भारतीय रूप देकर सदैव के लिए अमर बना दिया। —डॉ. कमल किशोर गोयनका
Muskurane Ki Wajah Tum Ho
- Author Name:
Arpit Vageria
- Book Type:

- Description: रनबीर सपने देखता है। उसके पास मोटी तनख्वाह वाली नौकरी है, लेकिन उसकी आकांक्षाएँ ऊँची हैं। वह एक अच्छा प्रेमी है। वह अदा को चाहता है और उसकी खातिर दुनिया के किसी भी आराम को छोड़ सकता है। लेकिन इसके बाद भी, वह खुश नहीं है। उसका वास्तविक पेशा कॉरपोरेट की नौकरी नहीं, बल्कि लेखन है। काफी सोच-विचार के बाद, वह इसमें कूद पड़ता है और अपनी नौकरी को छोड़ पूरी तरह से लिखने के काम में जुट जाता है। वह जब संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा होता है, तब अदा भी उससे दूरी बढ़ाने लगती है। क्या वह सच में उससे प्यार करती थी, या वह बस एक दिखावा था? इन सारी उलझनों के बीच, पीहू शर्मा उसकी जिंदगी में आती है, जो उसकी अब तक की पहली प्रशंसक, और पूरी तरह से उसके प्यार में डूबी हुई लगती है। अदा के साथ जहाँ रनबीर के संबंध बिगड़ते जाते हैं, वहीं पीहू अपने ऐशो-आराम की जिंदगी को छोड़ उसके साथ रहने चली आती है। क्या यही है वह सच्चा प्यार, जिसका इंतजार रनबीर कर रहा था? आइए, और रनबीर के साथ उस रास्ते पर चलिए, जहाँ ये दुनिया पैसे के लिए मार डालती है और प्यार के लिए जान दे देती है। ‘मुस्कुराने की वजह तुम हो’ प्यार, भाईचारा, भावना, समर्पण, दर्द, और उन गहराइयों की कहानी है, जहाँ तक एक दिल खोए प्यार को पाने के लिए जा सकता है।
The Last Fliker
- Author Name:
Gurdial Singh +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Long ago Dharam Singh's father had brought Thola to this village. He treated him as his own brother and had even gifted four bighas of land to him. After Thola's death, Dharam Singh took sole responsibility of his son Jagsir and his mother Nondi. Over the years however, things changed. The tragedy of Jagsir is not confined to this. It is also a tragedy of unfulfilled love of Bhani, Nikka's wife. Through his long years of loneliness, it is opium which somewhat alleviates the storm raging inside him.
Karbala Dar Karbala
- Author Name:
Gourinath
- Book Type:

- Description: 1980's blindings to 1989's massacre 'कर्बला दर कर्बला' अपने ढंग का एक अलग उपन्यास है। विमर्शों के इस दौर में यह अपना नया विमर्श चाहता है। गौरीनाथ का यह उपन्यास हमें एक भयावह दुनिया में ले जाता है। ऐसी दुनिया में जो अपराध जगत, पुलिस-प्रशासन और कट्टर धार्मिक संगठनों के गँठजोड़ से बनी है और जहाँ युवाओं के मधुर हो सकने वाले पल भी सहसा कटु हो उठते हैं। यह भागलपुर की दास्तान है। उसी भागलपुर की, जहाँ का अँखफोड़वा काण्ड और नब्बे के दशक में महीनों चले साम्प्रदायिक दंगों ने पूरे इतिहास को ही झकझोर दिया था। शिव और ज़रीना के सपनों की कहानी के बहाने लेखक ने ऐसी कथा बुनी है जो सत्ता और पूँजी के बल पर उत्पीड़ित और लांछित मानवता की कहानी बन गई है। 'कर्बला दर कर्बला' में कल्पना और यथार्थ से भी आगे बढ़कर तथ्यात्मकता को जिस तरह पिरोया गया है वह हिन्दी में उपन्यास-लेखन के क्षेत्र में एक साहसिक प्रयोग है। इस उपन्यास को पढऩा एक दु:स्वप्न से गुज़रना है। मगर उस दु:स्वप्न में कोई फ़ैंटेसी नहीं, बल्कि सच्चाइयों के बनते-बिगड़ते चित्र भरे पड़े हैं। रोंगटे खड़े कर देने वाले चित्र। —अब्दुल बिस्मिल्लाह ... और... भागलपुर से डॉ चन्द्रेश कहते हैं-- लेखक-पत्रकार गौरीनाथ ने बिहार के भागलपुर शहर को केन्द्र में रखकर लगभग दस साल के कालखण्ड में हुए उन चर्चित घटनाओं को समेटने की कोशिश की है, जिसने इस अत्यंत प्राचीन और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर के चेहरे को दाग़दार बनाया है, वह चाहे कुख्यात अंधाकरण काण्ड हो या 1989 का भयानक हिन्दू-मुस्लिम दंगा। लेखक ने यथासंभव तटस्थ भाव से इन घटनाओं का सूक्ष्म अन्वेषण कर इसके इर्द-गिर्द गल्प का ताना-बाना बुना गया है, जो उपन्यास के बहाने अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ भी है यानी दस्तावेज़ में उपन्यास की महक और उपन्यास में दस्तावेज़ की झलक।
Shilakshar Ban Mere Man
- Author Name:
Meena Jha
- Book Type:

- Description: 'शिलाक्षर बन मेरे मन' उपन्यास एक साथ स्त्री-संघर्ष और लड़ते-मरते कृषक समाज की आधुनिक महागाथा है। बिहार के 1967 के विश्व-व्यापी सूखे और अकाल की परिघटनाओं को लेकर मीना झा ने बहुत ही जीवंत और विश्वसनीय ढंग से इस उपन्यास के ताने-बाने को बुना है। अन्नदायिनी धरती की कोख में दरारें पड़ी हैं, खेत में खड़ी फसलें जल गई हैं या उसमें दाने नहीं हैं, नदियों का पानी सूख गया है, मछलियों के जीवन पर भी संकट आ गए हैं और छोटे बच्चों को स्कूलों में मिलने वाली खिचड़ी दुर्लभ पकवान से भी बढ़कर हो गई है और उसी समय सरकारी राशन की कालाबाज़ारी भी चरम पर—ऐसे अमानुषिक अकालबेला के जीवन का चित्रण कथाकार और यात्रा वृत्तांत की सिद्ध लेखिका मीना झा ने इस तरह किया है कि आप उस जीवन के तल में उतरने से खुद को रोक नहीं सकते। यहाँ सूखे और अकाल से जूझते लोगों की भीड़ से मीना झा ने कुछ ऐसे स्त्री-पुरुष, युवक-युवतियों और बच्चों को अपने कैनवस पर उतारा है जो उस समाज के प्रतिनिधि चरित्र के रूप में सामने आते हैं और जिनके दीर्घ काल तक पाठकों के मन-मस्तिष्क में टिके रहने की प्रबल संभावना है। मिथिला समाज के मिट्टी-पानी में लिथड़े ये पात्र महज़ औपन्यासिक पात्र नहीं, उस समाज के प्रतिनिधि चरित्र हैं—नागार्जुन के 'बलचनमा' और 'वरुण के बेटे' के चरित्रों की तरह। मास्टर काका, विजय, बुढिय़ा दादी, शंभू, रागिनी तक को आप विस्मृत नहीं कर पाएँगे; प्रधान नायिका कुसुम की तो बात ही मत कीजिए। बेहद पठनीय यह उपन्यास जितना ही जीवंत और चाक्षुष है, उतना ही विचारोत्तेजक भी। —श्रीधरम
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.