Devi Ke DPT Banane Ki Kahani
Author:
Pushpesh PantPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 316
₹
395
Unavailable
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देवी प्रसाद त्रिपाठी के रूप में छात्र सक्रियतावादी का अपना सफ`र शुरू करनेवाले डीपीटी ने जे.एन.यू छात्रसंघ के इतिहास में सबसे लम्बी अवधि तक अध्यक्ष-पद पर बने रहने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने 1973 में श्रीमती इन्दिरा गांधी द्वारा थोपे गए बदनाम आपातकाल के दौरान इस विश्वविद्यालय में एक गौरवपूर्ण प्रतिरोध-आन्दोलन का नेतृत्व किया। परिसर में आज भी उनकी एक नायक की छवि बनी हुई है। डीपीटी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी के विश्वासपात्र और घनिष्ठ सहयोगी थे। मीडिया उनका उल्लेख मानव कम्प्यूटर के रूप में करता था। डीपीटी ने विदेशों में पचास से अधिक विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए हैं और कुछ समय इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाया भी।</p>
<p>राज्यसभा के सदस्य रहे डीपीटी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव और प्रमुख प्रवक्ता रहे। वह विचार न्यास के संस्थापक और विचार प्रधान पत्रिका ‘थिंक इंडिया क्वार्टरली’ के मुख्य सम्पादक भी थे।
ISBN: 9789389577945
Pages: 144
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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उनके जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ-साथ उर्वरक उद्योग की प्रौद्योगिकी और प्रबंधन कौशल की बारीकियों के ब्योरे पुस्तक को एक व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हैं। इसमें सार्वजनिक, सहकारी और निजी क्षेत्र की कार्यप्रणाली, उनके अन्तर्सम्बन्ध और अन्तर्विरोध सहित प्रबंधन के विविध पहलू शामिल हैं। अपने बहुआयामी अनुभव तथा अन्तरराष्ट्रीय वाणिज्य और व्यापार की गहरी समझ के साथ किस प्रकार अवस्थी इफको को एक छोटी सहकारी समिति से वैश्विक कारोबारी समूह में परिवर्तित करने में कामयाब हुए, इसकी पूरी कहानी पुस्तक में विस्तार से दी गई है। अपने दूरदर्शी नेतृत्व में अवस्थी ने इफको के कारोबार का विविधीकरण करते हुए देश और देश से बाहर अत्याधुनिक उर्वरक संयंत्रों की स्थापना से लेकर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे क्रांतिकारी उर्वरक विकसित कर विश्व मंच पर भारत और भारतीय सहकारिता का परचम लहराया है।
उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से गाँव से निकला एक बालक आरंभिक दौर से ही जीवन की जटिलताओं और संघर्षों के बीच से सर्जनात्मक ऊर्जा अर्जित करता हुआ कामयाबी के नित नए-नए कीर्तिमान स्थापित करता है। इस अर्थ में अवस्थी एक प्रेरणास्रोत बनकर सामने आते हैं। देश के किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाने के उद्देश्य से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकीयुक्त नूतन और नवोन्मेषी उत्पाद विकसित करने की अवस्थी की इच्छा और क्षमता उन्हें ‘जनता का सीईओ’ बनाती है।
यह पुस्तक अवस्थी के साथ-साथ इफको के विकास की भी कहानी है। सही मायने में वे इफको की सफलता के सूत्रधार हैं।
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