Angrezi-Hindi Anuvad Vyakaran
Author:
Suraj Bhan SinghPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 560
₹
700
Available
यह पुस्तक अंग्रेजी और हिंदी सरचनाओं का एक अंतरण व्याकरण (transfer grammar) है, जो दोनों भाषाओं के व्याकरणों को एक साथ लेकर चलता है, उनके बीच समान और असमान तत्त्वों की पहचान करता है, उनका व्यतिरेकी (contrastive) विश्लेषण करता है और उनके संभावित अनुवाद पर्याय और विकल्प सुलभ कराता है। इस प्रकार यह अंग्रेजी से हिंदी और हिंदी से अंग्रेजी दोनों प्रकार की अनुवाद क्षमता विकसित करता है।
तुलनात्मक विश्लेषण भाषा के सभी स्तरों पर किया गया है—ध्वनि, लिपि, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, पक्ष (aspect), वृत्ति (mood), वचन, पुरुष, वाच्य आदि। दो अध्यायों में क्रमशः अंग्रेजी और हिंदी की संरचनाओं के ऐतिहासिक विकास-क्रम का परिचय है। एक अध्याय में मशीन अनुवाद के तकनीकी और भाषाई पक्षों पर विचार किया गया है।
यह पुस्तक द्वितीय भाषा के रूप में अंग्रेजी या हिंदी सीखनेवाले छात्रों और उनसे जुडे़ अध्यापकों के लिए भी उतना ही उपयोगी है, जितना अनुवादकों के लिए। इनके अलावा ऐसे अनुवाद प्रशिक्षार्थियों, पत्रकारों और भाषाकर्तियों आदि के लिए भी सामान्य रूप से हिंदी का ज्ञान तो रखते हैं, लेकिन जिनकी पकड़ अंग्रेजी व्याकरण, अभिव्यक्तियों और मुहावरों पर बहुत कम है और जो अपने व्यावसायिक कार्य के लिए अंग्रेजी की अपनी क्षमता को बढ़ाना या पुष्ट करना चाहते हैं।
पुस्तक में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है और जहाँ कहीं भी तकनीकी या व्याकरणिक शब्दों का इस्तेमाल किया किया है, वहाँ कोष्ठक में उनके अंग्रेजी पर्याय दे दिए गए हैं। पुस्तक में सर्वत्र क्रॉस रेफरेंसिंग है और इसलिए अंत में दी गई अंग्रेजी अनुक्रमणिका (word index) की मदद से पाठक जिस शब्द या विषय पर जानकारी चाहता है, वह पुस्तक में सीधे उसी स्थान पर पहुँच सकता है।
ISBN: 9789386231833
Pages: 312
Avg Reading Time: 10 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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