Dekhan Mein Chhote Lagain
Author:
Mridula SinhaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Available
Awating description for this book
ISBN: 9788173153037
Pages: 254
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
BHARATIYA SENA KE SHOORVEER
- Author Name:
Maj Gen Shubhi Sood
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shaikhchilli Ke Kisse
- Author Name:
Sandeep Susheel
- Book Type:

- Description: जाने-अनजाने में मेरे किस्से तो तुमने जरूर सुने होंगे। किस्से सुनकर हँसते भी होंगे और सोचते होंगे कि अजीब इनसान था शेखचिल्ली। वैसी मेरी गिनती मूर्खों में की जाती थी, लेकिन ऐसा था नहीं। मैं हमेशा यही सोचता था कि लोग खुश रहें, मुसकराते रहें, भले ही मुझे मूर्खतापूर्ण बातें क्यों न करनी पड़ें। आज भी जब लोग मेरे किस्से सुनते और पढ़ते हैं तो स्वयं को हँसने से रोक नहीं पाते। इस भागती-दौड़ती दुनिया में आप भी कुछ देर मेरे किस्से पढि़ए और सारी चिंताएँ भूलकर हँसते-हँसाते रहिए।
Talking To The Self!
- Author Name:
Durgadas Uikey
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Motivating Thoughts of Gandhi
- Author Name:
Prashant Gupta
- Book Type:

- Description: William Shakespeare said, “Some are born great, some achieve greatness, and some have greatness thrust upon them.” One can achieve greatness only by one’s deeds and not by one’s birth. Mahatma Gandhi, the father of the nation, was such a great person. Mohandas Karamchand Gandhi was called ‘Mahatma Gandhi’ for his principles of non-violence, sacrifices for India’s independence and the concerted efforts he made for societal transformation. Gandhi Ji followed what he preached and lived a life of idealism. Here are a few inspiring quotes by Mahatma Gandhi that acts like an eye opener.” “A man is but a product of his thoughts. What he thinks he becomes.” “The weak can never forgive. Forgiveness is an attribute of the strong.” “Strength does not come from physical capacity. It comes from an indomitable will.” “An ounce of patience is worth more than a tonne of preaching.” “Glory lies in the attempt to reach one’s goal and not in reaching it.” “Whatever you do will be insignificant. But it is very important that you do it.” “The difference between what we do and what we are capable of doing would suffice to solve most of the world’s problem.”
Kavita ka Desh
- Author Name:
Gajendra Patthak and Digvijay Singh
- Book Type:

- Description: Critisism based on kedar nath singh
Sadho Jag Baurana
- Author Name:
Ramesh Nayyar
- Book Type:

- Description: Sadho Jag Baurana
Kamyab Hona Hi Hai
- Author Name:
Pt. Vijay Shankar Mehta
- Book Type:

- Description: ‘कामयाब होना ही है’ विद्यार्थियों के लिए एक अत्यंत प्रेरक और मार्गदर्शक पुस्तक है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए केवल किताबी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है; बल्कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का ज्ञान भी उतना ही आवश्यक है क्योंकि इन्हीं में सारे सांसारिक ज्ञान निहित हैं। इनका अनुसरण और अनुपालन कर प्रत्येक व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, व्यावहारिक—हर स्तर पर मनचाही सफलता हासिल कर सकता है। इस पुस्तक में विद्यार्थियों के शैक्षिक विकास के साथ-साथ मानसिक व भावनात्मक विकास हेतु छोटे-छोटे रोचक व प्रेरक प्रसंग दिए गए हैं, जो कथा-किस्सों के माध्यम से उनके सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं। विद्यार्थियों के लिए एक उपयोगी और संग्रहणीय पुस्तक, जो जीवन के प्रत्येक कदम पर उनकी सभी समस्याओं व कठिनाइयों का त्वरित हल प्रस्तुत करने को सदैव तत्पर रहेगी। सफलता के नए सोपान खोलनेवाली पठनीय प्रेरक पुस्तक।
Power Thinking
- Author Name:
Dr. Ujjwal Patni
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC TRE 3.0 Bihar Teacher Recruitment Class 6-8 "Ganit Evam Vigyan" Maths & Science Part-3 | Complete Study Guide (Hindi)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Manse Ki Jaat
- Author Name:
Sujata Parmita
- Book Type:

-
Description:
यह किताब खुद को रचने और अपनी बात पहुँचाने की सुजाता पारमिता की अन्तिम कोशिश और अन्तिम पुकार है। अनवरत संघर्ष में कुछ पलों के सर्जनात्मक संयोजन से ही यह किताब निर्मित हो पाई है जिसे खुद सुजाता ने तैयार किया। किताब में कुल पच्चीस आलेख शामिल हैं। किताब का पहला लेख ‘खैरलांजी-दलित-नरसंहार’ भारत में जाति आधारित नरसंहार का मानचित्र प्रस्तुत करता है। सवर्ण समाज के हित में कार्य करनेवाली सरकारों के औचित्य पर सवाल खड़ा करनेवाले इस आलेख की जद में न्याय व्यवस्था भी है। खैरलांजी हत्याकांड सन् 2006 में हुआ था। इस हत्याकांड में एक महार परिवार के सभी सदस्यों की बहुत बेदर्दी से हत्या कर दी गई थी। अब पीड़ित परिवार का अन्तिम परिजन भी न्याय की आशा में दुनिया छोड़ चुका है।
सुजाता फुले-अम्बेडकरी चिन्तन से निर्मित थीं। वह जानती थीं कि दूसरे संस्थानों की तरह देश की न्याय व्यावस्था भी जातिवादी सोच के नियन्त्रण में है, इस मामले में उससे न्याय नहीं हो पाएगा। और ऐसा ही हुआ।
Dhoop Khulkar Nahin Aati
- Author Name:
Jai Prakash Shriwastav
- Book Type:

- Description: This book has no description
Pyari Astha Ko Pita Ki Paati
- Author Name:
Kaajal Oza Vaidya
- Book Type:

- Description: "पिछला वर्ष पूरा हो गया और साथ ही समाप्त हो गईं कितनी कठिनाइयाँ, कितने प्रश्न! मैंने तुझे कहा था न, हर नया सूर्योदय नए आनंद के साथ आता है! ईश्वर भी मनुष्य की हिम्मत और उसके संजोगों के सामने लड़ने की तैयारी कितनी है, इसकी जाँच करता है कभी। हमारे साथ भी ऐसा ही हुआ है। हमने साथ मिलकर परिस्थिति के सामने जो हिम्मत भरी लड़ाई लड़ी है, उसे देखकर शायद भगवान् को भी समझ में आ गया होगा कि वह हमें इससे अधिक दुःखी नहीं कर सकता। जिंदगी कभी भी हम सहन न कर सकें, उससे ज्यादा तकलीफ देती ही नहीं है। तू समझी? हमें अपनी सहन-शक्ति को बढ़ाना है, अर्थात् जिंदगी ने जो तकलीफ दी है, वह हर बार हम सहन कर सकें, उससे कम ही लगती है। बेटा! मुझे तुझसे कहना चाहिए कि तू इन परिस्थितियों की लड़ाई में जिस तरह मेरे साथ रही और तूने जिस तरह मेरा साथ दिया, उस बात ने मुझे बहुत हिम्मत और शक्ति दी है। बेटा, मैंने तुझे कभी-कभी रोल रिवर्स करके तेरी मम्मी की माँ बनते हुए तुझे देखा है। इन थोड़े से दिनों में ही तू मानो अचानक ही कुछ वर्ष बड़ी हो गई हो, ऐसा मुझे लगता है। —इसी पुस्तक से ——1—— पिता द्वारा पुत्री को लिखीं ममत्व भरीं, जीवन के मर्म को समझातीं, सकारात्मकता जाग्रत् करतीं पातियाँ, जो हर बालिका को संदेश देती प्रतीत होती हैं। एक अत्यंत भावुक पुस्तक! "
Namkeen
- Author Name:
Gulzar
- Book Type:

-
Description:
साहित्य में ‘मंज़रनामा’ एक मुकम्मिल फ़ार्म है। यह एक ऐसी विधा है जिसे पाठक बिना किसी रुकावट के रचना का मूल आस्वाद लेते हुए पढ़ सकें। लेकिन मंज़रनामा का अन्दाज़े-बयाँ अमूमन मूल रचना से अलग हो जाता है या यूँ कहें कि वह मूल रचना का इंटरप्रेटेशन हो जाता है।
मंज़रनामा पेश करने का एक उद्देश्य तो यह है कि पाठक इस फ़ार्म से रू-ब-रू हो सकें और दूसरा यह कि टी.वी. और सिनेमा में दिलचस्पी रखनेवाले लोग यह देख-जान सकें कि किसी कृति को किस तरह मंज़रनामे की शक्ल दी जाती है। टी.वी. की आमद से मंज़रनामों की ज़रूरत में बहुत इज़ाफ़ा हो गया है।
समरेश बसु की कहानी पर आधारित गुलज़ार की फ़िल्म ‘नमकीन’ ज़िन्दगी के बीहड़ में रास्ते टटोलती जिजीविषा के बारे में है। अपने और अपनों के जीने के लिए सम्भावनाएँ बनाने की जद्दोजहद के साथ-साथ सामाजिक हिंसा के बीच अकेले पड़ते और मरते जाने की कथा।
आज हम अपनी नई निगाह से देखें तो यह औरत की बेबसी और मर्द पर उसकी परम्परागत निर्भरता का कारुणिक आख्यान भी है।
SSC GD Constable Bharti Pareeksha-2025 15 Practice Sets and 6 Solved Paper For CAPFs (BSF, NCB, CISF, CRPF, SSB, ITBP, Assam Rifles, SSF Computer Based Examination (CBE)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Super Genius Computer Learner-6
- Author Name:
Manuj Bajaj +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BIHAR KE MAHAPURUSH VEERCHAND PATEL
- Author Name:
SAMVED
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shrinaresh Mehta Rachanawali : Vols. 1-11
- Author Name:
Shri Naresh Mehta
- Book Type:

-
Description:
श्रीनरेश मेहता अपनी परम्परा के प्रति ‘आत्मविस्मृत आधुनिकों’ में नहीं, बल्कि उन आधुनिक कवियों में हैं, जो तमाम आयातित विचारों और प्रवृत्तियों के लिए खुले रहते हुए भी उनकी अधीनता स्वीकार नहीं करते। इतना ही नहीं, सतत एक आधुनिक भारतीय कवि की उपस्थिति भी दर्ज कराते हैं। वे निषेध नहीं करते, वरन् अपरिहार्य हो उठे आयातित विचारों और विचारधाराओं के बीचोबीच अपनी ही संस्कारगत प्रज्ञा से नई लपट उठाते हैं, अपने भीतर से विचारों और मूल्यों का सन्धान करते हैं, जो वैकल्पिक या ‘प्रति’ नहीं हैं, स्वयं संकल्प हैं, जिनकी सन्दर्भवत्ता भी है, प्रासंगिकता भी और सनातनता भी।
भाषा के नए प्रयोगों और अन्वेषणों की दृष्टि से श्रीनरेश मेहता का आधुनिक युग में भी कोई सर्जक उल्लंघन नहीं कर सका है। उसका कारण उनका वैदिक, औपनिषदिक, सांस्कृतिक परम्परा में प्रयुक्त भाषा में नवार्थ भरना है; भागवत, वृन्दावन, प्रार्थना, ऋचा, मंत्र, गायत्री, अनुष्टुप, शिवत्व, उपनिषद्, वैष्णवता, उत्सव, यज्ञ, बिल्व–पत्र, यज्ञोपवीत, अश्वत्थ—जैसे पचासों शब्दों और उनके विभिन्न रूपों का सिर्फ़ प्रयोग ही नहीं, इनमें नया अर्थ भरना सर्वथा भाषा का मौलिक अन्वेषण है। इसके अलावा मालवा के लोक–शब्द, बांग्ला–शब्द आदि का भरपूर प्रयोग श्रीनरेश जी की भाषा में मिलता है; और कहना न होगा कि वह सर्जक वास्तव में बहुत बड़ा होता है जो भाषा का सन्धान करता है।
श्रीनरेश मेहता के काव्य में प्रकृति की महत् भूमिका है। प्रकृति से उनका बड़ा घरोपा है। उनके भीतर के तार उससे जुड़े हैं। यहाँ तक कि उनका स्वयं का जीवन प्रकृत रहा—अकृत्रिम, सहज। प्रकृति के अनेक रूप, रंग, बिम्ब, सम्बन्ध श्रीनरेश मेहता के काव्य में आद्यन्त खिले हुए हैं। वह उनके सोच और अभिव्यक्ति की सहयात्री है।
ग्यारह खंडों में प्रकाशित श्रीनरेश मेहता रचनावली का यह पहला खंड है। इस खंड में ‘बनपाखी! सुनो!!’, ‘बोलने दो चीड़ को’, ‘मेरा समर्पित एकान्त’, ‘उत्सवा’, ‘तुम मेरा मौन हो’, ‘अरण्या’, ‘आखिर समुद्र से तात्पर्य!’ शीर्षक काव्य–संकलन शामिल हैं।
Anandmurti : Shri Shri Ravi Shankar
- Author Name:
Francois Gautier
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
POSHAK TATTVON SE BHARPOOR SOOKHE MEVE
- Author Name:
PUSHPA TETE
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat Ke Sankatgrast Vanya Prani
- Author Name:
Gunakar Muley
- Book Type:

- Description: हम इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते कि किसी दिन इस धरती पर केवल मानव जाति का अस्तित्व होगा। पशु–पक्षियों व अन्य जीवधारियों की असंख्य प्रजातियों और वनस्पतियों की अगणित क़िस्मों के अभाव में क्या इस सृष्टि में जीवन को बचाए रखना सम्भव होगा। सच्चाई तो यह है कि सृष्टि एक अखंड इकाई है। चराचर की पारस्परिक निर्भरता ही जीवन का मूल मंत्र है। यदि किसी कारण से जीवन–चक्र खंडित होता है तो इसके भीषण परिणाम हो सकते हैं। ‘भारत के संकटग्रस्त वन्य प्राणी’ में प्रसिद्ध लेखक गुणाकर मुळे ने ऐसे प्राणियों की चर्चा की है जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। उन्होंने अनेक ऐसे प्राणियों का ज़िक्र किया है जिन्हें अब इस धरती पर कभी नहीं देखा जा सकता। विगत दशकों में 36 प्रजातियों के स्तनपायी प्राणी और 94 नस्लों के पक्षी प्रकृति के अंधाधुंध शोषण के कारण नष्ट हो चुके हैं। लेखक की चिन्ता यह है कि यदि इसी प्रकार हिंसा, लालच और अतिक्रमण का दौर चलता रहा तो इस ख़ूबसूरत दुनिया का क्या होगा! यह असन्तुलन विनाशकारी होगा। लेखक के अनुसार, ‘हमारे देश में प्राचीन काल से वन्य प्राणियों के संरक्षण की भावना रही है। हमारी सभ्यता और संस्कृति में वन्य प्राणियों के प्रति प्रेम-भाव रहा है। इसलिए हमारे समाज में वन्य जीवों को पूज्य माना जाता है। वन्य जीवों तथा पक्षियों को मुद्राओं और भवनों पर भी चित्रित किया जाता रहा है।’ हमें आज इस भाव को नए सन्दर्भों में विकसित करना होगा। वन्य प्राणी संरक्षण के लिए बनाए गए अधिनियमों से अधिक आवश्यकता व्यापक नागरिक चेतना की है। गुणाकर मुळे ने सहज, सरल भाषा में इस आवश्यकता को रेखांकित किया है। अनेक चित्रों से सुसज्जित यह पुस्तक पर्यावरण के प्रति जागरूकता निर्माण के लिए बहुत ही उपयोगी है। हर आयु के पाठकों के लिए एक पठनीय पुस्तक।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...