
Talash Khud Ki
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
280
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
560 mins
Book Description
खुद को जानने की थोड़ी सी कोशिश हमें जीवन की राह में कहीं बहुत आगे ले जा सकती है।</p> <p>हममें से कोई प्रोफेसर है, कोई छात्र, कोई डॉक्टर, इंजीनियर या आई.ए.एस. है। किसी का अपना बिज़नेस है तो कोई होम मेकर है। प्रोफेशन कोई भी हो पर हम सभी अपना-अपना जीवन जी रहे हैं। जीवन जीना बड़ी कला है। एक छोटे से सफर पर जाने के लिए हम ढेरों तैयारियाँ करते हैं, सारी जानकारी इकट्ठी करते हैं। जिन्दगी का सफर जो कई दशकों का है उसकी कोई तैयारी हम नहीं करते हैं।</p> <p>औरों से सलाह लेना ठीक है, परन्तु अपने जीवन की पहेलियाँ हमें खुद सुलझानी होती हैं। यदि हम कुछ आधारभूत तथ्य जान लेते हैं तो जीवन बेहतर, खुशहाल और आसान हो सकता है। हम उन ऊँचाइयों को सहजता से छूने लगते हैं जिन पर कभी औरों को देख हम अचरज और प्रशंसा से भर जाते थे। अन्यथा हम में से कुछ तो जीवन से हार कर उसे खत्म करने तक का सोच लेते हैं।</p> <p>तो दोस्तो, क्यों न जीवन की दौड़ में आगे बढ़ने के साथ-साथ हम उसे और बेहतर बनाने की भी एक कोशिश करें—खुद को पहचान कर, ‘तलाश खुद की’ के साथ!