Selling Simplified
Author:
Suresh Mohan SemwalPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Self-help0 Ratings
Price: ₹ 200
₹
250
Available
Rigidity and Salesmanship don’t go together.
vv
A Sales call which is put off till tomorrow is usually never made. Do it now.
vv
Never falling is not an achievement, rising again after a fall is.
These are some of the basic mantras which a salesperson should follow in order to achieve higher sales. A specialist salesperson has to acquire special capabilities to sell and market the products he is trying to sell.
This book is a must read for all those who wish to explore and succeed in the world of selling. Written in simple language with lot of insight to equip you with right habits, knowledge, process, tools and techniques for a shining career in selling.
Semwal through his exclusive Sales Trainings has already trained more than 40000 sales professionals in 100+ corporate houses in the last 13 years. He has shared his wisdom collected through exposure of various industries, products and professionals in this book. His program ‘Secrets of Selling’ is a hugely successful program.
ISBN: 9788184302875
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Magic Seeds for Success
- Author Name:
Judith Williamson +1
- Book Type:

- Description: Judith Williamson is the ideal author to take Napoleon Hill’s writings and create reflections for her readers. When I first read the manuscript that you now have in your hands, I felt like I was back in the classroom and the course was Dr. Hill’s Science of Success. It has been said that when the student is ready, the teacher will appear. Both you and I know that the answers we seek are within each of us, but it often takes someone else to show us the direction in which to proceed. If you are a student of life and desire to be more successful, then by all means let Dr. Hill and Judith Williamson be your teachers. It is not the accumulation of what you read that matters, but what you use. It only takes a few weeks of repeating the same act until it becomes a habit—either a good habit or a bad one. I know you have probably heard the saying, “we first make our habits and then our habits make us.” Just as millions of other Napoleon Hill readers have done for nearly one hundred years, the message you are to receive, if you are ready to receive it, is that there is a roadmap to success. You can attain the success in life most people only dream of attaining. But, first you must follow in the footsteps of those who have achieved their goals. Enjoy the journey.
Satya-Vrat Katha
- Author Name:
Pt. Vijay Shankar Mehta
- Book Type:

-
Description:
यह प्रबन्धन का युग है। हर क्षेत्र में हर बात में प्रबन्धन है। जीवन में सफलता अर्जित करने के जितने सूत्र हैं, उनमें से एक प्रमुख है सत्य और सत्य का भी अपना प्रबन्धन होता है। वैसे तो ‘श्रीसत्यनारायणव्रतकथा’ बहुत प्राचीन है लेकिन इसमें प्रबन्धन के जो सूत्र आए हैं, वे बिलकुल नवीन हैं, आज के लिए उपयोगी हैं और हर क्षेत्र में सफलता को सुनिश्चित करते हैं। इस कथा में पाँच अध्याय हैं और प्रत्येक में प्रबन्धन के गूढ़ सूत्र हैं। पहले अध्याय में सेवा प्रबन्धन, दूसरे में सम्पत्ति प्रबन्धन, तीसरे में सन्तान प्रबन्धन, चौथे में संघर्ष प्रबन्धन और पाँचवें में संस्कार प्रबन्धन को देखा जा सकता है।
हम देख रहे हैं कि वर्षों से अनेक परिवारों में, कई स्थानों पर ‘श्रीसत्यनारायणव्रतकथा’ हो रही है। हमने ही इसको एक पारम्परिक, पारिवारिक और सामान्य-सा धार्मिक आयोजन बना दिया है। या तो हम स्वयं कथा करते हैं या किसी विद्वान् से करवाते हैं। पंडित जी आते हैं, संस्कृत या हिन्दी में कथा करते हैं। घर की महिलाएँ रसोईघर में प्रसाद बनाने में व्यस्त रहती हैं। बच्चे इस दिन जितना हो सके उपद्रव कर लेते हैं। यजमान या तो फ़ोन सुनेंगे या कौन आया, कौन नहीं आया यह सब देखने में ही उनका समय बीत जाता है। कथा आरम्भ होती है, कथा समाप्त हो जाती है। हमने इसको एकत्र साधारण-सा आयोजन बना दिया है। यह कथा ऐसी सामान्य कथा नहीं है। इस कथा के पीछे भाव यह है कि जीवन में ‘सत्य’ उतरे। इस कथा में दो प्रमुख विषय हैं। एक है संकल्प की विस्मृति और दूसरा है प्रसाद का अपमान। संकल्प की विस्मृति और प्रसाद का अपमान ये दो थीम हैं, जिनके आसपास यह कथा चलती है। संकल्प, जीवन में सत्य उतारने का। इसका प्रसाद क्या है? क्या पंजीरी या शुद्ध घी में बना हुआ हलवा...? वास्तव में ‘श्रीसत्यनारायणव्रतकथा’ का प्रसाद है ‘सत्य’।
तो जीवन में जो भी सत्य को विस्मृत करेगा, जब-जब भी उसको भूल जाएगा, तब-तब परेशानी में पड़ेगा। जीवन में जब-जब भी हम सत्य के प्रसाद का अपमान करेंगे यानी सत्य का अपमान करेंगे, तब-तब हम अपने-आप को संकट में पाएँगे। इस कथा में जो प्रसंग आए हैं यदि उनके भाव को ठीक से समझा जाए तो स्पष्ट सन्देश निकलकर आता है कि यह सत्य के अन्वेषण की कथा है। इसमें विशेषता है कि सत्य के साथ नारायण जोड़े गए हैं। सत्य को नारायण का भगवान् का टेका, सहारा, आधार और बल दिया गया है।
Atmadeep Banen
- Author Name:
Manoj Srivastava
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Zindagi : Janma, Sangharsh Evam Santushti Ki Dastan
- Author Name:
Sanjiv Shah
- Book Type:

- Description: हम स्वयं अपने साथ शायद ही संयमपूर्वक व्यवहार कर रहे होते हैं। अहंकारी न बन जाने के तनाव में जीनेवाले ऐसे अनेक लोगों को मैंने देखा है, जो सदैव अपनी कमियों को ही देखते रहते हैं, हर समय अपने आपको कोसते ही रहते हैं। जबकि दूसरे बहुत से लोग अपना बखान करने से ही बाज नहीं आते! हमारा अपने-आपको आदर देना भी उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी अपनी कमियों और दोषों को देखते रहना है।
Apani Personality Ko Pehchane
- Author Name:
Ashutosh Karnatak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rajbhasha Sahuliyatkaar
- Author Name:
Dr. V. Venkateswara Rao
- Book Type:

-
Description:
राजभाषा नीति-कार्यान्वयन के महत्त्वपूर्ण कार्य में वांछित योगदान करने के लिए इस आदर्श कार्य से जुड़े राजभाषा कर्मियों को बहुआयामी प्रज्ञा और क्षमता से लैस होने की आवश्यकता है। उन्हें सफल मार्गदर्शक, पर्यवेक्षक, निरीक्षक, अनुवादक, अध्यापक, संप्रेषक, समन्वयक और प्रचारक की भूमिका एक साथ निभानी पड़ती है। यूं तो वरिष्ठ और अनुभवी राजभाषा अधिकारियों का सान्निध्य कनिष्ठ राजभाषा सहकर्मियों को मिलता ही है पर तत्काल आवश्यकता होने पर एक संकलित मार्गदर्शिका अधिक सहायक होती है।
‘राजभाषा सहूलियतकार’ ऐसी आवश्यकता को पूरा करने का एक प्रयास है। आज के ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’ को ध्यान में रखकर राजभाषा एवं इसके कार्यान्वयन सम्बन्धी सभी पहलुओं को एक ही स्थान पर सहेजा गया है ताकि सभी श्रेणियों के राजभाषा कार्यान्वयनकार इससे लाभान्वित हो सकें।
राजभाषा नीति, समारोहों, पुरस्कार-योजनाओं, हिन्दी सेवी संगठनों, तकनीकी उपकरणों इत्यादि पर उपलब्ध कराई गई जानकारी राजभाषा कार्यान्वयनकारों के अतिरिक्त हिन्दी भाषा-प्रयोग से जुड़े सभी भाषाकर्मियों के लिए भी समान रूप से सहायक होगी।
निस्सन्देह ‘राजभाषा सहूलियतकार’ के प्रत्येक अध्याय के प्रत्येक शीर्षक की विषयवस्तु से हर पाठक लाभान्वित होंगे।
Tenaliram Se Seekhen Samasyaon Ke Hal
- Author Name:
Renu Saini
- Book Type:

- Description: हर व्यक्ति सफलता प्राप्त करना चाहता है, स्वयं को उत्कृष्टता के शिखर पर देखना चाहता है। मगर उत्कृष्टता के पर्वत पर पहुँचने के लिए एक-एक कदम उत्कृष्टता के साथ ही रखना पड़ता है । अगर लापरवाही से कदम बढ़ाया जाए तो फिसलने व गिरने का डर बना रहता है। उत्कृष्टता के शिखर तक पहुँचने के लिए अनिवार्य है कि पीछे छोड़नेवाले हर कदम को सर्वोत्तम बनाया जाए, ताकि वह न केवल दूसरों को मार्ग दिखा सके, बल्कि पीछे निशान भी छोड़ सके। उत्कृष्टता सदैव सकारात्मक परिणाम देती है। तेनालीराम एक ऐसे व्यक्ति थे, जो हर छोटे-बड़े काम को अपनी बुद्धि के साथ करते थे और कभी भी पीछे नहीं हटते थे। ज्ञान के चक्षु खोलने का कार्य शिक्षा करती है। तेनालीराम शिक्षित थे। उनकी शिक्षा ने भी उनके ज्ञान को बढ़ाया, जिस कारण वे हर कार्य को चतुराई से करके अपने शत्रुओं व प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते रहे। तेनालीराम केवल एक थे। उनके जैसा कोई नहीं बन सकता। मगर हाँ, उनकी कहानियों एवं उनके जीवन को जान कर कोई भी स्वयं को शिखर पर ले जा सकता है। हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए 'एक पठनीय पुस्तक ।
Sunrays For Tuesday
- Author Name:
Sanjay Tandon +1
- Book Type:

- Description: ‘सनरेज फॉर ट्यूजडे’ का अंग्रेजी प्रकाशन सन् 2006 में हुआ था। टंडन दंपती की यह तीसरी पुस्तक थी। अब सन् 2017 तक ये इन छह पुस्तकों का प्रकाशन कर चुके हैं—Sunrays for Sunday, Sunrays for Monday, Sunrays for Tuesday, Sunrays for Wednesday, Sunrays for Thursday & Sunrays for Friday. पहली दो पुस्तकें हिंदी व तेलुगु में भी उपलब्ध हैं। इन सभी पुस्तकों में प्रस्तुत कहानियाँ भगवान् श्री सत्य साईं बाबा के प्रवचनों पर आधारित मानवीय गुणों को सिखाने का एक सूक्ष्म व प्रबल साधन हैं। जो भी व्यक्ति अपने बच्चों को अच्छे गुण व संस्कार देना चाहता है, उसमें बहुत सहायक हो सकती हैं। इस पुस्तक का शीर्षक सूर्य की किरणों पर आधारित है, क्योंकि प्रेरणा सूर्य की किरणों की तरह होती है। समय-समय पर हम सब को प्रेरणा की जरूरत होती है। अच्छे आचरण को बनाने के लिए, संभवतः कुछ-न-कुछ मेहनत तो करनी ही पड़ती है और संयम भी रखना ही पड़ता है। इन कहानियों को पढ़कर, प्रेरणा व बल मिलता है, और अपने आप में सुधार लाने की इच्छा जाग्रत् होती है, क्योंकि जो कुछ भी हो, अंत में सभी को लौटकर परमधाम जाना है, और प्रभु तो अच्छे कर्म करनेवालों को ही मिलेंगे। वरना फिर एक बार जीवन-मरण के कालचक्र में फँस जाएँगे।
Uske Pankhon Ki Udaan
- Author Name:
Swati Lahoti
- Book Type:

- Description: ‘IIT-JEE की तैयारी करना आसान नहीं है, यह अच्छे-अच्छों के छक्के छुड़ा देता है। ऐसे में बड़ा स्वाभाविक है कि आप दबाव में आ जाएँ, अपनी काबिलियत पर शक करने लगें या फिर हताश हो जाएँ। यह किताब आपको बताती है कि आप फिर से पटरी पर कैसे आ सकते हैं, कि कैसे परिवार के सदस्य, खासकर माँएँ इस दौरान अपने बच्चों के लिए मददगार हो सकती हैं। ‘उसके पंखों की उड़ान’ यह साबित करती है कि अगर आप कुछ हासिल करना चाहते हैं तो उसे पाने के लिए दिलोजान से जुट जाइए। मुमकिन है कि छोटी-मोटी खरोंचें आप के हिस्से में आएँ, लेकिन कामयाबी आपके कदम चूमेगी, यह तय है।’’ —नीतेश तिवारी डायरेक्टर, दंगल, IIT, बॉम्बे, 1996 ‘‘जैसा कि सब जानते हैं IIT-JEE सबसे मुश्किल प्रवेश-परीक्षाओं में से एक है, टीचर्स को मालूम है कि कैसे पढ़ाना है, स्टूडेंट भी जानता है कि कैसे पढ़ना है। लेकिन माता-पिता नहीं जानते कि इस मुश्किल सफर में अपने बच्चे को कैसे सपोर्ट करना है। तैयारी के दौरान, कई बार अच्छे-अच्छे छात्र भी हिम्मत हार बैठते हैं। मेरा मानना है कि इस किताब को पढ़ने के बाद माता-पिता अपने बच्चे को सही तरीके से सपोर्ट कर पाएँगे, जिससे बच्चे हौसलामंद रहकर अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं। यह किताब अभिभावकों का नजरिया बदल देगी।’’ —प्रवीण त्यागी डायरेक्टर, IITians’ PACE, IIT, दिल्ली, 1997
Gusse Ka Software Aur Operating System
- Author Name:
Manoj Srivastav +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Utkrishta Prabandhan Ke Roop
- Author Name:
Suresh Kant
- Book Type:

-
Description:
प्रबन्धन आत्म-विकास की एक सतत प्रक्रिया है। अपने को व्यवस्थित-प्रबन्धित किए बिना आदमी दूसरों को व्यवस्थित-प्रबन्धित करने में सफल नहीं हो सकता, चाहे वे दूसरे लोग घर के सदस्य हों या दफ़्तर अथवा कारोबार के। इस प्रकार आत्म-विकास ही घर-दफ़्तर, दोनों की उन्नति का मूल है। इस लिहाज़ से देखें, तो प्रबन्धन का ताल्लुक़ कम्पनी-जगत के लोगों से ही नहीं, मनुष्य मात्र से है। वह इनसान को बेहतर इनसान बनाने की कला है, क्योंकि बेहतर इनसान ही बेहतर कर्मचारी, अधिकारी, प्रबन्धक या कारोबारी हो सकता है।
‘उत्कृष्ट प्रबन्धन के रूप’ को विषयानुसार चार उपखंडों में विभाजित किया गया है : स्व-प्रबन्धन, नेतृत्व-कला, औद्योगिक सम्बन्ध तथा कॉरपोरेट-संस्कृति। प्रबन्धन कौशल के विशेषज्ञ लेखक ने इस पुस्तक में आत्मसम्मान, वैचारिक स्पष्टता, सफलता और विफलता की अवधारणा, व्यावसायिक निर्णय-प्रक्रिया में धैर्य और प्राथमिकता-क्रम की अहमियत, रचनात्मक दृष्टिकोण, प्रबन्धन के मानवीय पहलू, कर्मचारियों में सकारात्मक नज़रिया तथा प्रतिभा का सदुपयोग आदि बिन्दुओं पर व्यावहारिक कोण से विचार किया है।
प्रबन्धन के विद्यार्थियों और आम पाठकों के लिए एक मार्गदर्शक पुस्तक।
Khud Ko Motivate Karen
- Author Name:
Ravindra Nath Prasad Singh
- Book Type:

- Description: हर व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है और वह सफल हो भी सकता है । सफलता का बीज आपकी सोच में छुपा होता है। अगर आप सोचते हैं कि मैं सफल होकर रहूँगा, मैं दूसरों से बेहतर करके दिखाऊँगा, गरीबी से बाहर निकलकर रहूँगा तो आपके अंदर अतिरिक्त ऊर्जा एवं उत्साह का संचार होता है, जो उत्प्ररक काकार्य करता है। यह प्रेरणा आपकी सोचको मूर्त रूप में बदलने हेतु इच्छाशक्ति एवंआत्म-विश्वास को जाग्रत करती है । नतीजा आप सफलता की राह पर चल पढ़ते हैं । इस अध्याय में सफलता क्या है और सफलता प्राप्ति के लिए लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें? लक्ष्य निर्धारित करते समय किन-किन बिंदुओं पर ध्यान दें? सफलता की राह में क्या रुकावटें आती हैं और उन रुकावटों को हम कैसे दूर करें ? इसके लिए क्या करने की जरूरत है आदि बातों की विस्तृत चर्चा की गई है। जिसे पढ़कर और आत्मसात कर कोई भी व्यक्ति सफल हो सकता है। पूर्ण विश्वास है कि आप इस पुस्तक को पूरे मनोयोग से पढ़ें और उसकी मीमांसा करें। उद्धृत बातें, उल्लेखित उदाहरण आपके अंदर उत्प्ररेक का कार्य करेंगे। आपके मनोबल को बढ़ाने में सहायक होगें। आप गरीबी, समस्या एवं असफलता की बात भूलकर स्व के अंदर छुपी शक्तियों को बाहर निकालने में सफल होंगे तथा आप जिस क्षेत्र में इतिहास रचना चाहते हैं, उसमें सफल होंगे।
Secrets of Success
- Author Name:
Pradeep Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Smart Phone Ka Smart Istemal
- Author Name:
Sushrut Kulkarni
- Book Type:

- Description: श्री मान और श्रीमती देशमुख ने अपने बेटे की जिद की खातिर स्मार्ट फोन ले तो लिया, पर वे इसका पूरा उपयोग इस डर से नहीं कर पा रहे थे कि कहीं उनका फोन खराब न हो जाए। लेकिन थोड़े ही दिनों में श्रीमती और श्री देशमुख न केवल स्मार्ट फोन चलाने में माहिर हो गए, बल्कि आत्मविश्वास के साथ फोटो खींचकर वाट्सअप भी करने लगे। और तो और, मनचाहे गेम्स, ऐप्स भी डाउनलोड करने लगे। दोस्तो, यह कमाल कर दिखाया ‘स्मार्ट फोन का स्मार्ट इस्तेमाल’ पुस्तक ने! इस पुस्तक ने उन्हें नीचे दी हुई जानकारियाँ सचित्र समझाईं— • बॉक्स में मिला हुआ नया स्मार्ट फोन कैसे चालू करें? • कॉण्टेक्ट कैसे सेव करें और ग्रुप कैसे बनाएँ? • एस.एम.एस., ग्रुप एस.एम.एस. कैसे किए जाएँ? • किसी कार्यक्रम को देखने से पूर्व फोन सायलेंट कैसे करें? • इ-मेल कैसे भेजें? उससे फाइल कैसे जोड़ी जाए? • वीडियो या फोटो कैसे खींचें, और शेयर कैसे करें? • वॉलपेपर, थीम्स कैसे बदलें? • ऑनलाइन शॉपिंग कैसे करें? और भी बहुत कुछ... इस पुस्तक में दी हुई छोटी-छोटी पर महत्त्वपूर्ण बातें सीख-जानकर देशमुख दंपती बेझिझक अपने स्मार्ट फोन की सारी सुविधाओं का उपयोग करने लगे। तो आइए, आप भी उनके जैसे ही ‘स्मार्ट फोन का स्मार्ट इस्तेमाल’ की उँगली पकड़कर स्मार्ट बनिए! स्टीफन नैप एक साहित्यकार, लेखक, दार्शनिक, अध्यात्मविद्, देशाटन-प्रेमी, फोटोग्राफर और लेक्चरर हैं। उन्होंने वैदिक दर्शन के गहन और सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करने के लिए निरंतर रूप से कार्य किया है। उनके कार्यों का मुख्य उद्देश्य भारत के आध्यात्मिक दर्शन और वैदिक संस्कृति के उत्कृष्ट ज्ञान को सरल और सटीक तरीके से समझाकर उनकी व्याख्या उपलब्ध कराना है, जिसके पास मानवता को देने के लिए बहुत कुछ है। अपने इस इरादे में वह अब तक सफल दिख रहे हैं। अनेक पाठकों ने इस बात के लिए उनकी प्रशंसा कि है कि जो बात समझ से परे और असीम लगती है, उनकी जटिलताओं को वह बड़ी सरलता से समझा देते हैं।
Super Child
- Author Name:
Rohit Mehra (Irs)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vriddhvastha Mein Sukhi Jeevan
- Author Name:
Satendra Nath Ray
- Book Type:

- Description: "बीमारी केवल शारीरिक ही नहीं हुआ करती, अगर व्यक्ति मानसिक बीमारियों जैसे-काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि से ग्रस्त हैं तो भी वह बीमार ही माना जाएगा। अत: पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति वह है, जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से स्वस्थ है। बीमारियों का कारण हम स्वयं बनते हैं। शारीरिकबीमारियों केनिवारण केलिए 'प्रात: भ्रमण' तथा 'योग' को दिनचर्या में अपनाना जरूरी है। इससे बिना दवा खाए भी व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। प्रस्तुत पुस्तक में विद्वान् लेखक ने यह बताया है कि स्वस्थ रहने के लिए प्रात: भ्रमण कैसे करना चाहिए भोजन तथा आहार कैसा होना चाहिए तथा कब करना चाहिए दांपत्य जीवन को कैसे सफल बनाया जा सकता है, वृद्धावस्था की समस्याएँ एवं उनका समाधान, सुख क्या है और कहाँ?, जल ही जीवन है आदि। स्वस्थ रहने के लिए सबसे अहम बात यह है कि हम उन चीजों के सेवन से परहेज करें, जिनकी हमें जरूरत नहीं है, जो हानिकारक हैं। पान, पान मसाला, खैनी, शराब, मांसाहार के बिना भी हम अधिक स्वस्थ बने रह सकते हैं, अत: इनका सेवन करकेबीमार क्यों पड़े? यह हमेशा ध्यान रखें कि स्वस्थ रहना प्राकृतिक है, अस्वस्थ रहना अप्राकृतिक। आज हर कोई-क्या गरीब, क्या अमीर-अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। ऐसे में इस पुस्तक की उपयोगिता और बढ़ जाती है। आशा है, सुधी पाठक पुस्तक में दिए सुझावों को अपने जीवन में अपनाकर पूर्ण स्वस्थ तथा निरोग रह सकते हैं। "
Garbha Sanskar - The Amazing Journey of Pregnancy
- Author Name:
A Happy Thoughts Initiative
- Book Type:

- Description: "खुशी, आश्चर्य और सराहना के साथ नए मेहमान का स्वागत कैसे करें ‘गर्भ संस्कार’ ऐसा संस्कार है, जिसे हमने अपने पूर्वजों से प्राचीन सांस्कृतिक विरासत के रूप में प्राप्त किया था लेकिन धीरे-धीरे समझ के अभाव में उसका महत्त्व कम होता गया। आज जब वैज्ञानिकों ने भी मान लिया कि संतान का मानसिक और व्यवहारिक विकास भी गर्भ में ही आरंभ हो जाता है और उसे उचित गर्भ संस्कार देकर बेहतर बनाया जा सकता है तो फिर से गर्भ संस्कार की उपयोगिता और महत्त्व को आधुनिक पीढ़ी द्वारा स्वीकारा गया है। ऐसे में ज़रूरत उभरती है एक ऐसी ‘गर्भ संस्कार’ समझ की, जो आज के समय की बात करे, आज की भाषा में बात करे, आज के उदाहरणों, चैलेंजेस् को सामने रखते हुए माता-पिता को सही रास्ता दिखाए। प्रस्तुत पुस्तक ऐसे ही उद्देश्य को लेकर लिखी गई है, जिसमें गर्भ संस्कार की प्राचीन मूल समझ को आधुनिक परिवेश के ढालकर प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक हमें सिखाती है- • अपने साथ-साथ अपने गर्भस्थ शिशु का भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक विकास कैसे करें, उसे संत संतान कैसे बनाएँ? • गर्भावस्था में हमारा आहार, विचार, व्यवहार कैसा होना चाहिए। • गर्भस्थ शिशु में अच्छे गुणों का कैसे विकास करें, उसे बुरी आदतों और दुर्गुणों से कैसे दूर रखें। • गर्भस्थ शिशु को ऐसा वातावरण कैसे दें, जिसमें उसका हर तरह से सर्वोत्तम विकास हो। • गर्भस्थ शिशु के मन में परिवारजनों के प्रति प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का भाव कैसे जगाएँ। • प्रसव की पूर्व तैयारी कैसे करें। ये सब आप सीखनेवाले हैं एक रोचक कहानी और उसके पात्रों के ज़रिए, जिनके सवालों में और समस्याओं में आपको अपने सवालों और समस्याओं की झलक मिलेगी, साथ ही मिलेगा उन्हें सुलझाने का सरल एवं उत्तम मार्गदर्शन।"
Safal Udyami kaise Banain
- Author Name:
Dinanath Jhunjhunwala
- Book Type:

-
Description:
किसी उद्योग अथवा उद्यम को स्थापित या आरम्भ करना सिर्फ़ धनार्जन की मशीनें लगाना नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा कर्म है जिसकी एक सीमा अगर व्यक्तियों की निजी समृद्धि को छूती है तो दूसरी अपने देश की सीमाओं को भी लाँघकर सम्पूर्ण मानवता के कल्याण तक जाती है।
धन का सृजन करना, उसे उद्योगों में निवेश करना, दूसरों के लिए रोज़गार की उत्पत्ति करना और अपने समाज को भौतिक सन्तुष्टि के अवसर उपलब्ध कराना, यह वह सूत्र है जो किसी भी उद्यमी को सफलता की राह पर ले जाता है। यह पुस्तक बताती है कि किसी भी उद्यमी की सफलता सिर्फ़ उसकी सफलता नहीं है, वह एक मानव-प्रयास की सफलता है। इस आदर्श को अपने व्यवहार में साकार करने के लिए हमें कुछ आधारभूत जानकारियाँ होना ज़रूरी है।
‘सफल उद्यमी कैसे बनें’ पुस्तक उन्हीं सब चीज़ों का ज्ञान हमें कराती है। प्रबन्धन वास्तव में क्या होता है, ग़रीब और अमीर की संज्ञाओं को हम कैसे समझें, अपने व्यक्तित्व का विकास कैसे करें, शिक्षा, परिवार और दाम्पत्य जीवन की किसी उद्यमी के जीवन में क्या भूमिका होती है, असली संकल्प-शक्ति क्या होती है, विक्रय-कला का क्या अभिप्राय है आदि बिन्दुओं की विस्तृत व्याख्या करते हुए यह पुस्तक हमें अपने देश के कुछ सफल उद्यमियों के जीवन की भी जानकारी देती है।
घनश्यामदास बिड़ला, धीरूभाई अंबानी, जय दयाल गोयनका सहित भारतीय उद्यमिता के कुछ और निर्माताओं के जीवन-दर्शन को भी लेखक बताता है।
उद्यमिता की कला और विज्ञान को समझने के लिए एक आवश्यक पुस्तक।
Leadership Ke Funde
- Author Name:
N. Raghuraman
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Aviral
- Author Name:
Dr. Anand Prakash Maheshwari
- Book Type:

- Description: जन सेवा में रहकर जन व्यवस्था के अनेक आयाम देखने को मिलते हैं। पुलिस सेवा और भी करीब से कई रूप दिखा देती है। बात कुछ नहीं होती। फिर भी बात से बतंगड़ बन जाता है। अलग-अलग पहलुओं से उन्हें परखा जाता है। विभिन्न घटक उन्हें अपने सामर्थ्य के हिसाब से अपने रंग में ढालने का प्रयास करते हैं। व्यवस्थागत आयाम भी राजनैतिक, प्रशासनिक, वैधानिक एवं साक्ष्यगत पहलुओं से गुजरते हैं। फिर शुरू होता है अनियंत्रित विडंबनाओं का सिलसिला। एक लहर से अनेक लहरें। फिर वह सैलाब कब थमेगा और किस स्वरूप में नए आयाम उभरकर सामने आएँगे, यह कह पाना कठिन हो जाता है। स्मृतियों में अनेक कुंठाएँ घर कर लेती हैं, जो कि कब विकराल हो उठेंगी, यह भी कहना मुश्किल है। जन व्यवस्था की यह यात्रा अविरल है। विभिन्न जातियों, समूहों एवं संस्कृतियों में समरूपता, सामंजस्य एवं सद्भाव की दिशा में प्रयास अथवा मध्यम मार्ग एवं परस्पर संतुलन के विकल्प? इस पुस्तक के माध्यम से कथानक के रूप में कई रुचिकर पहलुओं को उजागर किया गया है, जो कि जन व्यवस्था के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हैं और जनजागृति की दिशा में मुक्त रूप से सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...