
Jeevan-Darshan
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
302
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
604 mins
Book Description
दुनिया का हर व्यक्ति इस जीवन को अनमोल मानता है, लेकिन सिर्फ वे ही जीवन की अनमोलता साकार कर पाते हैं, जिन्हें खुद पर विश्वास होता है। जो निहित शक्तियों का सदुपयोग सकारात्मक दिशा एवं रचनात्मक कार्यो में करते हैं। ठीक इसके विपरीत जो व्यक्ति खुद पर विश्वास नहीं करते और निहित शक्तियों को नहीं जानते, वे भाग्य को अनमोल मानते हैं। उनकी नजर में विविध सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण, ऊँचे पदों पर सुशोभित व्यक्ति तथा अमीर घराने में जन्म लेने वाले व्यक्ति अनमोल हैं। यही कारण है कि वे खुद की अनमोलता साबित नहीं कर पाते हैं। आप खुद सोचें—अनमोल जीवन है, धन और पद नहीं।