Pratihari : Kaalchakra Ka Khel
Publisher:
FlyDreams Publications
Language:
Hindi
Pages:
202
Country of Origin:
India
Age Range:
11-18
Average Reading Time
404 mins
Book Description
*वर्तमान के एक ऐसे साधारण युवक की कहानी जो भूतकाल में जाकर टकराया वरदान प्राप्त एक शक्तिशाली असुर से....* छुट्टियों में घूमने निकले तीन दोस्त एक गलत ट्रेन पकड़ने से पहुँच जाते हैं एक अनजान शहर में। जहाँ उनका सामना होता है मायावी तन्त्र शक्तियों से युक्त स्त्री विशल्या से जो उनमें से एक लड़के अभिजीत को अपने किसी कार्य हेतु बंदी बनाना चाहती है। और उनकी मदद करता है वैसी ही मायावी तन्त्र शक्तियों वाला एक युवक जो उन्हें ले जाता है प्राचीन काल के असुर संहारक रक्षकों के पास जो स्वयं को कहते है- प्रतिहारी। प्रतिहारियों से अभिजीत नयी तंत्र शक्तियां प्राप्त करके भूतकाल की यात्रा करता है, और होता है एक ऐसे रहस्य का खुलासा जिससे अभिजीत का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। क्या उस स्त्री विशल्या का मकसद पूरा हो पाया ? कौन हैं ये प्रतिहारी और क्या है उनकी शाक्तियों का रहस्य ? क्या अभिजीत का इन सभी घटनाओं के साथ कोई सम्बन्ध है? जानने के लिए पढ़िए और निकल जाइए रहस्य, असुर, दिव्यअस्त्र, प्रेम, पश्चाताप व भूतकाल की यात्रा के रोमांचक सफर पर।