Tumhari Jay
Author:
Ashutosh ShuklaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789353221935
Pages: 176
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Modiji Ki Pathshala: Discussion On Exam Modiji Classroom Book in Hindi
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Doing Business Without Your Money
- Author Name:
Suresh Haware
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Football : Khel Aur Niyam
- Author Name:
Surendra Shrivastava
- Book Type:

- Description: "कोई भी खेल आज मात्र खेल नहीं रह गया है। खेल को भी कॉरियर बनाकर धन और कीर्ति अर्जित की जा सकती है। भारत में अनेक खेल प्रचलित हैं। उनमें फुटबॉल भी एक है। फुटबॉल का सबसे अधिक विकास इंग्लैंड में हुआ। फुटबॉल का प्रथम क्लब ‘शेफील्ड फुटबॉल क्लब’ सन् 1857 में इंग्लैंड में स्थापित हुआ। सन् 1863 में ‘लंदन फुटबॉल एसोसिएशन’ की स्थापना हुई। भारत में फुटबॉल का प्रारंभ अंग्रेजों ने किया था। सन् 1948 में लंदन ओलंपिक में भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में फुटबॉल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया। फुटबॉल का जुनून खेल-प्रेमियों में देखने को मिलता है। जब इसके वर्ल्ड टूर्नामेंट होते हैं तो टीमें तो टीमें, इसके समर्थकों के भी हौसले आसमान छू रहे होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में फुटबॉल खेल के नियम, तैयारी तथा बुनियादी तथ्यों की सचित्र जानकारी दी गई है, जो खेल-प्रेमियों और फुटबॉल में रुचि रखनेवालों को समान रूप से उपयोगी प्रतीत होगी। "
Sundar Pichai : Google Ka Bhavishya
- Author Name:
Jagmohan S. Bhanver
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
DURACHAR SE BACHCHON KA BACHAV
- Author Name:
Mahesh Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sangram
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vilom Shabdkosh
- Author Name:
Sant Sameer
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vedic Ankganit
- Author Name:
Virendra Kumar +1
- Book Type:

- Description: अंकगणित का मूल आधार संख्याएँ तथा उनका योग, व्यवकलन, गुणन, विभाजन आदि प्रमुख संक्रियाएँ हैं । इसके अतिरिक्त संख्याओं के गुणनखंड, मूल तथा घात निकालने की भी आवश्यकता पड़ती है । दो संख्याओं का मध्यानुपाती ज्ञात करने, दिए क्षेत्रफल के वर्गाकार क्षेत्र की भुजा ज्ञात करने, दिए क्षेत्रफल के वृत की त्रिज्या ज्ञात करने, मानक विचलन निकालने आदि अनेक प्रकार के प्रश्नों में वर्गमूल निकालने की आवश्यकता होती है । क्षेत्रफल और आयतन के प्रश्नों में, बोधायन-पाइथागोरस प्रमेय के अनुप्रयोग में, दो बिंदुओं के बीच की दूरी की गणना करने में, चक्रवृद्धि ब्याज के प्रश्न हल करने में, संख्याओं के वर्गफल या घनफल निकालने की आवश्यकता होती है । हमारे देश के विद्वानों ने ऐसी अनेक विधियाँ खोजी हैं, जो गणनाओं को अति अल्प समय में करने में सहायक होती हैं तथा मौखिक रूप से गणनाएँ सरलता से की जा सकती हैं । प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य ' वैदिक गणित ' के ज्ञान को व्यावहारिक बनाना है, जिससे जन-जन में इसकी पैठ हो सके । इसमें मात्र अंकगणित के क्षेत्र में ' वैदिक गणित ' की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया है । वैदिक विधियाँ अत्यंत सरल हैं, जो गणनाओं के करने में छात्रों के समय तथा श्रम की बचत करती हैं, जिसका लाभ प्राथमिक से लेकर उच्च कक्षाओं तक के सभी छात्र उठा सकते हैं । व्यावहारिक जीतन में तो. ये विधियों अति उपयोगी हैं ही, साथ ही जनसामान्य के लिए भी अति उपयोगी हैं ।
Scattered Thoughts
- Author Name:
Dr. Krishna Saksena
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rajyoga
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: Discover the transformative teachings of Swami Vivekananda's 'Raja Yoga.' This timeless guide unlocks the path to self-realisation through concentration, meditation, and self-discipline. Explore profound wisdom, achieve inner tranquillity, and unleash your hidden potentials for spiritual growth.
HAMARA RAJYA BIHAR
- Author Name:
Subodh Kumar Nandan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Main Ramatirtha Bol Raha Hoon
- Author Name:
Pranavendra Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jack London Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Jack London
- Book Type:

- Description: एक बार फिर उसने चारों ओर दृष्टि घुमाकर देखा, यह बहुत हर्षदायक नजारा नहीं था। चारों ओर एक धुँधली आकाशरेखा था। सारे पहाड़ नीचे थे। कहीं पर भी कोई पेड़, झाड़ी या घास नहीं दिख रही थी। यहाँ तो केवल विशाल और भयंकर अकेलापन था, जिससे उसके अंदर एक भय की लहर सी दौड़ गई थी। वह दुधिया पानी में थोड़ा झुक गया, जैसे कि वह विशाल जलधारा उसके ऊपर ही चढ़ी आ रही थी और उसको निर्दयता से कुचले दे रही थी, उसकी सुषुप्ति से। वह बहुत जोर-जोर से हिलने लगा, जैसे उसको दौरा आ गया हो और उसकी बंदूक हाथ से छूटकर गिर पड़ी। वह अपने भय से लड़ा, अपने को सीधा किया तथा पानी में अपनी बंदूक खोजने लगा और फिर उसे पुनः वापस पा लिया। उसने अपने बैकपैक को बाएँ कंधे की ओर कर लिया, जिससे उसके घायल टखने को कुछ आराम मिल सके। फिर वह धीरे-धीरे दर्द से सिकुड़ते हुए आगे तट की ओर बढ़ने लगा। —इसी पुस्तक से जैक लंडन ने बहुत सारे साहसिक अभियान किए, जिससे नदी, पहाड़, जंगल और जंगल के जीवों ने उनकी कहानियों में प्रमुखता से स्थान बना लिया। उनकी ये कहानियाँ साहस और रोमांच से भरपूर हैं, जो पाठकों को रोमांचित कर देती हैं।
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pareeksha Grah Vigyan Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Home Science Practice Sets Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
PT USHA
- Author Name:
Kumkum Khanna
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lincoln: The Unknown
- Author Name:
Dale Carnegie
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Karna Vastav Mein Kaun Tha? "कर्ण वास्तव में कौन था?" | Religious Hinduism Mahabharat Book in Hindi
- Author Name:
Daji Panashikar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Inside The Mind Of Richest Man Of India Mukesh Ambani And The Rise Of Reliance Industries
- Author Name:
Sujata Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sachchidanand Sinha Rachnawali : Vol. 1-8
- Author Name:
Sachchidanand Sinha
- Book Type:

- Description: मुद्रित शब्दों की मुख्यधारा के हिन्दी संसार को यह रचनावली ऐसा बहुत कुछ देनेवाली है जिससे हम अभी तक वंचित रहे आए हैं। यह राजनीति, अर्थशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र के साथ-साथ दर्शन, कला, संस्कृति और धर्म आदि सभी विषयों पर मौलिक, वैकल्पिक और दिशादर्शक चिन्तन-लेखन करनेवाले भारतीय समाजशास्त्री सच्चिदानन्द सिन्हा के समग्र लेखन की प्रस्तुति है जिसका अधिकांश ऐसा है जो पाठकों के सामने पहली बार व्यवस्थित रूप में आ रहा है। व्यापक अध्ययन और उतने ही बड़े फलक पर उनकी राजनीतिक-सामाजिक सक्रियता ने सच्चिदा जी को विचार, विवेचना और अभिव्यक्ति की जो सामर्थ्य दी वह उनके लेखन को भी विशिष्ट बनाती है और उनके जीवन को भी। उनके विचार संघर्षशील जन से उनके सीधे जुड़ाव से परिपक्व हुए, उन्होंने जो लिखा वह अपने समाज, देश और जन-गण की परिस्थितियों में वास्तविक परिवर्तन को लक्ष्य करके लिखा। उनका लेखन न तो शोधवृत्तियों और वजीफों के परिणामस्वरूप हुआ, और न ही किसी अकादेमिक उपलब्धि के लिए, उसकी प्रेरणा इससे कहीं ज्यादा गहरी थी और पढ़नेवाले को वह उतनी ही गहराई में छूती भी है। उन्होंने अनेक विषयों पर लिखा, अनेक रूपों में लिखा, और अलग-अलग मकसद से लिखा। गहन अवधारणात्मक चिन्तन पुस्तकों में आया, समकालीन मुद्दों पर अखबारों-पत्रिकाओं में लिखा, कार्यकर्ता-शिविरों के लिए अलग ढंग से लिखा, और जरूरत महसूस हुई तो बच्चों के लिए गीत भी लिखे। इस रचनावली में यह सब समेटने का प्रयास किया गया है। सच्चिदानन्द रचनावली के इस पहले खंड में कला, संस्कृति, भारतीयता, जीवन तथा कला-बोध से सम्बन्धित उनके लेखन को शामिल किया गया है। इसमें तीन पुस्तकें, कुछ भाषण और कुछ लेख संकलित हैं। कला की बुनियादी समझ बनानेवाली उनकी चर्चित पुस्तक ‘अरूप और आकार’ को भी इसमें संकलित किया गया है। इस खंड की सामग्री कला और समाज की पारस्परिकता, तथा संस्कृति व मनुष्य की अन्तर्निर्भरता के व्यापक परिप्रेक्ष्य में हमें एक समग्र जनसापेक्ष दृष्टि विकसित करने में सहायता देती है।
Towards Perfection Book by Swami Avdheshanand Giri
- Author Name:
Swami Avdheshanand Giri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...