Stories that Inspire-Anecdotes from the Life of Nobel Peace Laureate KAILASH SATYARTHI
Author:
Shiv Kumar SharmaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
Even beyond awards, there is an image of a person, there are remarkable efforts, and there are innumerable commendable achievements.
Much has been written on the achievements of Nobel Peace Laureate Kailash Satyarthiji as a child rights activist but when we delve deeply into his life, we find that he is as sensitive and emotional a person as he is a passionate child rights activist.
There are so many hues and such myriad talents that can be seen in his life since childhood. They may seem unbelievable but each one of them is true and can be a source of inspiration for one and all.
In this era of mechanisation, we humans are fast becoming mechanised in our approach to life too. Humanity within us has started to diminish, and others’ agonies no longer pain us. Attributes like emotions, compassion, and affinity separate humans from machines. We really are in great need of them. This book, penned with utmost love, talks of some selected episodes of Satyarthiji’s life.
The reason behind compiling inspirational anecdotes is to create a nursery of sorts with saplings that would grow into many Kailash Satyarthis and nurture the society.
ISBN: 9789355214935
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Baatcheet Ki Kala
- Author Name:
Manavati Arya +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Yoddha Sannyasi : Vivekanand
- Author Name:
Vasant Potdar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dhyan : Kaise Aur Kyon Karen?
- Author Name:
Sirshree Tejparkhi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahila Lekhan Ke Sau Varsh
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

- Description: लेखन में बीसवीं सदी से आज तक का समय यदि एक प्रस्थान-बिन्दु के रूप में लिया जाए तो यह स्पष्ट है कि इन सौ वर्षों में स्त्रियों की लेखनी में सबसे अधिक परिवर्तन की प्रक्रिया दिखी। पुरुष-लेखन में मात्र एक पात्र होने की भूमिका से निकलकर स्त्री-लेखक ने स्वयं अपनी क़लम से अस्तित्व, व्यक्तित्व और विचार को अभिव्यक्ति देना अभीष्ट समझा। प्रस्तुत संकलन में स्त्री-रचनाकारों के कोमल संवेगों के साथ-साथ आत्मसजग सृजन और विकास-प्रक्रिया का परिचय मिलता है। राजेन्द्र बाला घोष (बंग महिला) से लेकर अलका सरावगी तक एक लम्बी परम्परा तैयार हुई है जहाँ क़लम की साँकलें कहीं अनायास तो कहीं सायास खुली हैं। हर्ष और गर्व का विषय है कि महिला-लेखन अब हिन्दी साहित्य में एक सशक्त सचेत और संवेदनायुक्त धारा है। आनेवाला समय यह याद रखे कि अपने इर्द-गिर्द खड़े किए समस्त चौखटे और कोष्ठक तोड़कर इक्कीसवीं सदी की स्त्री अपने पूरे तेवर के साथ हर क्षेत्र में उठ खड़ी हुई है। प्रस्तुत संकलन में हमें कहानी और निबन्ध, जीवनी और संस्मरण, आलोचना और विमर्श, गोया हर विधा और विषय पर स्त्री की तेजस्विता का परिचय मिलेगा। महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान, कृष्णा सोबती, मन्नू भंडारी से लेकर गीतांजलि श्री, मधु कांकरिया, सारा राय और अलका सरावगी तक अपने पूरे तेवर के साथ यहाँ मौजूद हैं। पृष्ठ सीमा के चलते कई विधाओं का मात्र उल्लेख ही कर पाये हैं। यहीं से अगले खंड की सम्भावना नज़र आती है।
Jagadguru Shri Shankaracharya
- Author Name:
Deendayal Upadhyay
- Book Type:

- Description: "हमारे राष्ट्र निर्माताओं में जगद्गुरु श्री शंकराचार्य का स्थान बहुत ऊँचा है। कई विद्वानों ने तो उन्हें आधुनिक हिंदू धर्म का जनक ही कहा है। शंकराचार्य ने समस्त हिंदू-राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने एवं उसे संगठित करने का प्रयास किया। देश के चारों कोनों पर चार धामों के प्रति श्रद्धा केंद्रित करते हुए उन्होंने संपूर्ण भारतवर्ष की, मातृ-भू की मूर्ति जन-जन के हृदय पर अंकित कर दी। पंचायतन का पूजन प्रारंभ कर विभिन्न संप्रदायों को एक-दूसरे के आराध्य देवों के प्रति केवल सहिष्णुता का भाव ही नहीं तो सभी देवताओं के प्रति अपने इष्टदेव के माध्यम से वही श्रद्धा एवं आदर का भाव व्यक्त करने को प्रेरित किया, इसके अनुसार प्रत्येक पाँचों देवताओं—विष्णु, शुक्र, शक्ति, गणपति और सूर्य की पूजा करता है। अपनी श्रद्धा के अनुसार अपने इष्टदेव को बीच में तथा चारों ओर अन्य चार देवताओं को रखकर पूजन करने की उसे छूट है। चार धामों के समान ही उन्होंने समाज को धर्म मार्ग पर नियंत्रित एवं अनुशासित रखने के लिए चार शंकराचार्यों की अध्यक्षता में भारत के चारों कोनों में चार मठ स्थापित किए। —दीनदयाल उपाध्याय
Bharat Ki Sarvangeen Unnati Ka Mantra Antyodaya
- Author Name:
Dr. Saravan Singh Baghel "Shravan"
- Book Type:

- Description: एकात्म मानवदर्शन और अंत्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि हमारी सोच और हमारे सिद्धांत हैं कि असहाय और अशिक्षित लोग हमारे भगवान हैं। हम सभी का यह सामाजिक और मानवीय धर्म है कि इन वंचितों का उत्कर्ष हो। इसी विराट विचार को आत्मसात् कर जन-कल्याण के लिए उपयोगी कार्यों की प्रेरणा हमें पं. दीनदयालजी से मिलती है। भारत-दर्शन का मूल विचार पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उदय से है। इस कार्य को पूर्ण करने में हमें कई चुनौतियों का सामना करना पडे़गा। मगर भारत के पूर्ण विकास की कल्पना और सार्थकता इसी अंत्योदय विचार से की जा सकती है। अंत्योदय से राष्ट्रोदय की संकल्पना को मूर्तरूप प्रदान करती हमारी वैचारिक भावभूमि ही भारत के कल्याण और विकास की अभिलाषा को संतुष्ट करने के क्रम में अनवरत कर्मशील है। गरीबी के बारे में दीनदयालजी का विचार था—राष्ट्र की रक्षा के लिए हर व्यक्ति को न्यूनतम जीवन स्तर, जैसे उसके मौलिक अधिकार, भोजन, कपड़ा, मकान, दवाई, शिक्षा और उसकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा का आश्वासन सरकारों द्वारा उन्हें प्रदान किया जाना चाहिए। यह पुस्तक देश के विकास में हर वर्ग की भागीदारी तय कर राष्ट्र-निर्माण का मार्ग प्रशस्त करनेवाली चिंतनपरक है।
Sosobonga | A Famous Religious Saga of Mundas Book In Hindi
- Author Name:
Jagdish Trigunayat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Naresh Agarwal Ke Rajneetik 50 Varsh "नरेश अग्रवाल के राजनीतिक 50 वर्ष" Book In Hindi - Devaki Nandan Mishra
- Author Name:
Devaki Nandan Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Divya Garbha Sanskar Vigyan : Garbha Vidya—Ancient Wisdom to Smart Mothers for Super-Child Birth
- Author Name:
Dr. Usha Rajender Pensiya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dharma Aur Vigyan
- Author Name:
Dr. Hariprasad Somani
- Book Type:

- Description: "भारतीय संस्कार, रीति-रिवाज, परंपराएँ, प्रथाएँ एवं धार्मिक कृत्य शास्त्रीय हैं या ऐसा कहें कि अपना धर्म और शास्त्र एक ही सिक्के के दो बाजू हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। अपने ऋषियों और प्राचीन काल के निष्णात गुरुओं ने अपनी अंतरात्मा की अनंत गहराई में उतरकर चेतना का जाग्रत् आनंद लिया था। अपने अंतर्ज्ञान के अनुभव और आध्यात्मिक परंपराओं को संस्कार एवं संस्कृति के रूप में उन्होंने जनमानस में वितरित किया। परंपराएँ तो चलती जा रही हैं, किंतु इनके मूल ज्ञान और मूल आधार से हम अनभिज्ञ होते जा रहे हैं। भारतीयों को गुलामी झेलनी पड़ी। विशेष करके मुगलों के शासन काल में काफी धार्मिक अत्याचार सहने पड़े। हिंदुओं को धर्म-परिवर्तन के लिए बाध्य किया जाने लगा। इसलिए उस समय के धार्मिक गुरुओं ने अपनी संस्कृति बचाने के लिए हर कर्म को धार्मिक रूप दे दिया, जिससे धर्म के नाम पर ही सही, जो संस्कार ऋषि-मुनियों ने दिए थे, उन्हें हमारे पूर्वज अपनाकर, अपनी धरोहर मानकर, सँजोकर रखने में सफल रहे। समय के साथ इन प्रथाओं ने धार्मिक विधि का रूप ले लिया और बिना कुछ सोचे-समझे ही धर्म की आज्ञा मानकर ये रीतियाँ चलती रहीं। किंतु आज की युवा पीढ़ी हर कर्म, विधि या संस्कार को मानने से पूर्व इसके पीछे क्या कारण है, यह जानने को उत्सुक है। हिंदू धर्म की विभिन्न परंपराओं और प्रथाओं को वैज्ञानिकता के आधार पर प्रमाणित करती पठनीय पुस्तक। "
Anand Mahindra: A Complete Biography | Rise of Mahindras From Millions To Billions | Indian Billionaire Businessman Life Story
- Author Name:
Parteek Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat Ka Rashtriya Pakshi Aur Rajyo Ke Rajya Pakshi
- Author Name:
Parashuram Shukla
- Book Type:

- Description: ‘भारत का राष्ट्रीय पक्षी और राज्यों के राज्य पक्षी’ एक अनूठी पुस्तक है। इसका उद्देश्य है पाठकों को अपने पर्यावरण के प्रति सचेत व सहृदय बनाना। पिछली अनेक शताब्दियों से विश्व स्तर पर वन-सम्पदा तेजी से नष्ट हो रही है। बीसवीं शताब्दी आते-आते अनेक जीव-जन्तु तथा वृक्ष धरती से समाप्त हो गए। पर्यावरणविदों और पर्यावरण सुरक्षा से सम्बद्ध अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इसे गम्भीरता से लिया। वन्यजीवों को बचाने के लिए डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. ने चीन के राष्ट्रीय पशु दैत्याकार पांडा को अपना प्रतीक चिह्न बनाया। इससे विलुप्तप्राय पांडा को नया जीवन मिला। इसके साथ ही इस संस्था ने बर्ड फीजैंट एसोसिएशन, इंटरनेशनल यूनियन फ़ॉर कंजरवेशन ऑफ़ नेचर जैसी अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर वन्य पशुओं, पक्षियों, वृक्षों, पुष्पों के संरक्षण का कार्य आरम्भ किया। विभिन्न देशों के राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय वृक्ष और राष्ट्रीय पुष्प इसी का परिणाम हैं। राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान, राष्ट्रचिह्न, राष्ट्रभाषा आदि के समान ये भी राष्ट्र का गौरव हैं। भारत ने स्वतंत्रता के बाद यह कार्य भारतीय वन्यजीव बोर्ड (इंडियन बोर्ड फ़ॉर वाइल्ड लाइफ़) को सौंपा। इस बोर्ड की संस्तुति पर जनवरी, 1963 में मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया। इसके बाद अनेक राज्यों ने भी अपने-अपने राज्य पक्षी घोषित किए। किन्तु कुछ पक्षी ऐसे हैं, जिन्हें दो-दो राज्यों ने अपना राज्य पक्षी घोषित किया है। धनेस, पहाड़ी मैना, मोनाल राज हारिल और श्रीमती ह्यूम फीजैंट ऐसे ही पक्षी हैं। नीलकंठ एक ऐसा पक्षी है, जिसे तीन राज्यों ने अपना राज्य पक्षी घोषित किया है। भारत में दिल्ली और आसाम दो ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक अपने राज्य पक्षी घोषित नहीं किए हैं। केन्द्रशासित प्रदेशों में केवल लक्षद्वीप ने अपना राज्य पक्षी घोषित किया है। समाजशास्त्री और पर्यावरणविद् डॉ. परशुराम शुक्ल ने इस पुस्तक में इन पक्षियों के बारे में विस्तार से जानकारियाँ दी हैं। ये रोचक और ज्ञानवर्द्धक हैं। हिन्दी में अपने विषय पर यह अकेली पुस्तक है।
1000 Computer Internet Prashnottari
- Author Name:
Vinoy Bhushan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hanumanji Ke Jeevan Ki Kahaniyan
- Author Name:
Mukti Nath Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Samaj Aur Siyasat
- Author Name:
R.K. Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindu Dharma Mein Vaigyanik Manyatayen
- Author Name:
K.V. Singh
- Book Type:

- Description: "भारतीय जनमानस में वैदिक धर्म का जो वर्तमान स्वरूप आजकल में देखने को मिलता है, उसे आज का तर्कशील और वैज्ञानिक दृष्टि रखनेवाला मानव अंधविश्वास, आस्था व रूढि़वाद की संज्ञा देता है। प्रायः देखा जाता है कि पढ़े-लिखे लोग, जो अपने आपको बुद्धिजीवी मानते हैं, अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों, मान्यताओं के वर्तमान स्वरूप की या तो उपेक्षा करते हैं या उन्हें अपने व्यंग्य और मनोरंजन का विषय बनाते हैं। ऐसे अनेक लोगों का तो यह भी मानना है कि हमारी धार्मिक मान्यताओं का कोई वैज्ञानिक आधार ही नहीं है। परंतु यह उनके अज्ञान का परिचायक है। वास्तव में हमारे धर्म का एक सुदृढ़ वैज्ञानिक आधार है। जरूरत बस, उसके मूल और मर्म को समझने की है। प्रस्तुत पुस्तक में सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति से जुड़ी मान्यताओं, परंपराओं, रीति-रिवाजों एवं धर्म-कर्म के पीछे जो गहरा विज्ञान है, उसे बड़े ही सरल शब्दों में समझाने का प्रयास किया गया है। इसके अध्ययन से जन सामान्य का अंध-विश्वास दूर हो और वे तथा भावी पीढि़याँ अपनी मान्यताओं एवं धरोहर पर गर्व कर सकें, तो इस पुस्तक का लेखन-प्रकाशन सार्थक होगा। "
Sunderkand "सुंदरकांड" | Shri Goswami Tulsidas (Hindi)
- Author Name:
Tulsidas
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sanskritik Utthan Ka Marg
- Author Name:
Ram Sahay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sevasadan
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sinhasan Battisi
- Author Name:
Mukesh 'Nadan'
- Book Type:

- Description: No Description Available for this Book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...