Speed Calculation Hindi Translation of ‘Maths Sootra' Vedic Maths Achieve Immense Success In Mathematics
Author:
Gaurav TekriwalPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789352663514
Pages: 272
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Shivaji-Guru Samarth Ramdas
- Author Name:
Shubhangi Bhadbhade
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Meri Ayodhya, Mera Raghuvansh
- Author Name:
Rajeev "Acharya"
- Book Type:

- Description: हम दोनों भ्राता जब तक अपनी कुटी तक पहुँचते, तब तक अनर्थ घटित हो चुका था। हमारी कुटी रिक्त थी। भूमि पर धूलिकणों के मध्य अन्न एवं पात्र औंधे पड़े थे। 'सीते!' मैंने पुकारा, परंतु प्रत्युत्तर नहीं मिला। 'सीते!' मैंने पुन: पुकारा; पुन: प्रत्युत्तर में मुझे मौन ही प्राह्रश्वत हुआ। तत्पश्चात मैं भयभीत कुटी के प्रांगण में आया, जहाँ विशाल वटवृक्ष अवस्थित था। 'सीते! वृक्ष की आड़ में छिपकर मेरे साथ क्रीड़ा न करो। यह हास का समय नहीं है!' फिर भी मुझे कोई उत्तर नहीं मिला। अब मैं उसके पदचिन्हो को देखते हुए आगे बढऩे लगा। रथ के पहियों का चिह्नï मिलने के पश्चात् कोई अन्य चिह्नï नहीं मिला। मेरे धैर्य का सेतु टूट गया। 'देवताओ, गंधर्वो! क्या आपने भी नहीं देखा?' मैंने आकाश की ओर मुख करके भीषण गर्जना की। स्तब्ध पवनदेव ने अपना वेग मद्धिम कर दिया। उस तनावपूर्व घड़ी में देवताओं ने प्रश्नसूचक दृष्टि से गुरु बृहस्पति की ओर देखा। उन्होंने मंद-मंद मुसकराते हुए कहा, 'प्रभु लीला कर रहे हैं। आह! मेरा हृदय असंख्य शरों से बिंधा हुआ था। मैं लीला नहीं कर रहा था, वरन राम रूपी मानव काया में असहनीय वेदना का अनुभव कर रहा था। मैंने पुन: लक्ष्मण से कहा, अवश्य देखा होगा, इन वृक्षों ने, इन लताओं ने, इन पक्षियों ने, इन मृगों ने...। यह कहते हुए मैंने कदंब, अर्जुन, ककुभ, तिलक, अशोक, ताल, जामुन, कनेर, कटहल, अनार आदि अनेक वृक्षों से पूछा, क्या तुमने मेरी भार्या सीता को कहीं देखा है? परंतु वे सभी मौन रहे। —इसी पुस्तक से
Madhya Pradesh Higher Secondary Teacher Eligibility Test English Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher English Practice Sets)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
28 SHARE MARKET MONEY MAKING SECRETS (PB)
- Author Name:
Sudha Shrimali
- Rating:
- Book Type:

- Description: There are numerous books available in the market on the subject of share market, however, in this book, the author has attempted to elucidate the complicated aspects of financial domain in a clear and simple language. The modus operandi of share market, commodity market, mutual funds and idiomatic language used in the market have all been explained with illustrations. She presents her suggestions for selection of a good broker. Explanations on the factors impacting the market, references to historical crashes of the market, asset allocation and discussions on popular methods of investment for the benefit of readers are the special features of the book. This book would work as a great guide not only for beginner investors but also for students of degree courses, academic certifications and professional examinations.
Stree Kavita : Paksh Aur Pariprekshya
- Author Name:
Rekha Sethi
- Book Type:

- Description: एक मानवीय इकाई के रूप में स्त्री और पुरुष, दोनों अपने समय व यथार्थ के साझे भोक्ता हैं लेकिन परिस्थितियाँ समान होने पर भी स्त्री-दृष्टि दमन के जिन अनुभवों व मन:स्थितियों से बन रही है, मुक्ति की आकांक्षा जिस तरह करवटें बदल रही है, उसमें यह स्वाभाविक है कि साहित्यिक संरचना तथा आलोचना, दोनों की प्रणालियाँ बदलें। स्त्री-लेखन स्त्री की चिन्तनशील मनीषा के विकास का ही ग्राफ़ है जिससे सामाजिक इतिहास का मानचित्र गढ़ा जाता है और जेंडर तथा साहित्य पर हमारा दिशा-बोध निर्धारित होता है। भारतीय समाज में जाति एवं वर्ग की संरचना जेंडर की अवधारणा और स्त्री-अस्मिता को कई स्तरों पर प्रभावित करती है। स्त्री-कविता पर केन्द्रित प्रस्तुत अध्ययन जो कि तीन खंडों में संयोजित है, स्त्री-रचनाशीलता को समझने का उपक्रम है, उसका निष्कर्ष नहीं। पहले खंड, 'स्त्री-कविता : पक्ष और परिप्रेक्ष्य' में स्त्री-कविता की प्रस्तावना के साथ-साथ गगन गिल, कात्यायनी, अनामिका, सविता सिंह, नीलेश रघुवंशी, निर्मला पुतुल और सुशीला टाकभौरे पर विस्तृत लेख हैं। एक अर्थ में ये सभी वर्तमान साहित्यिक परिदृश्य में विविध स्त्री-स्वरों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उनकी कविता में स्त्री-पक्ष के साथ-साथ अन्य सभी पक्षों को आलोचना के केन्द्र में रखा गया है, जिससे स्त्री-कविता का बहुआयामी रूप उभरता है। दूसरा खंड, 'स्त्री-कविता : पहचान और द्वन्द्व' स्त्री-कविता की अवधारणा को लेकर स्त्री-पुरुष रचनाकारों से बातचीत पर आधारित है। इन रचनाकारों की बातों से उनकी कविताओं का मिलान करने पर उनके रचना-जगत को समझने में तो सहायता मिलती ही है, स्त्री-कविता सम्बन्धी उनकी सोच भी स्पष्ट होती है। स्त्री-कविता को लेकर स्त्री-दृष्टि और पुरुष-दृष्टि में जो साम्य और अन्तर है, उसे भी इन साक्षात्कारों में पढ़ा जा सकता है। तीसरा खंड, 'स्त्री-कविता : संचयन' के रूप में प्रस्तावित है...। इन सारे प्रयत्नों की सार्थकता इसी बात में है कि स्त्री-कविता के माध्यम से साहित्य और जेंडर के सम्बन्ध को समझते हुए मूल्यांकन की उदार कसौटियों का निर्माण हो सके जिसमें सबका स्वर शामिल हो।
Charu Ratna
- Author Name:
Swati Gautam
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Main Hoon Pani
- Author Name:
Turshan Pal Pathak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Be a Humble Winner
- Author Name:
Suresh Mohan Semwal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ramanujan Quiz Book
- Author Name:
Rajesh Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Tumhen Lagata Hai Kya?
- Author Name:
Prabhat Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
LOUIS PASTEUR
- Author Name:
Nandini Saraf
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Civil Services : Challenges And Resolutions
- Author Name:
Yogendra Narain
- Book Type:

- Description: The book carefully discusses the civil services in India, USA and China and the key-role played by their respective civil services. During the Covid-19 pandemic, India could save its population despite much meager resources than the USA. The success could be attributed to the rare blending of the political will with the highly skilled and committed civil servants. Eminent civil servant Yogendra Narain politely points out that how in USA under the garb of defining the powers of the states and the federation, the national government's key role in protecting its citizens appeared to be under a seize during the pandemic. The book is likely to trigger off the much-needed debate on the effective use of the civil services especially in a war situation or other emergencies. It also offers an insight on the issue whether a permanent civil service should be �committed� to a particular political ideology as being done in China, or it should function as an impartial instrument to serve the common people.
Share Market ke Success Mantra
- Author Name:
Saurabh Mukherjea
- Book Type:

- Description: मैंकैसे स्टॉक मार्केट में निवेश करूँ? किन कंपनियों में मुझे निवेश करना चाहिए? मुझे शेयर कब खरीदने चाहिए? कब उन्हें बेचना चाहिए? कैसे मैं महसूस कर पाऊँगा कि स्टॉक के दाम चढ़ेंगे या गिरेंगे? जीवन के जैसा ही, स्टॉक मार्केट का भी हाल है, सफलता के लिए कोई शॉर्ट-कट नहीं है। स्टॉक मार्केट से नियमित फायदा कमाने के लिए वर्षों का अनुभव और दिमाग की एक खास बनावट जरूरी होती है। देश के टॉप विश्लेषकों में शुमार सौरभ मुखर्जी ने सात निवेशकों से बात की, जो पिछले दो दशक से लंबे निवेश पर फायदा कमाने की कला में सिद्धहस्त हो चुके हैं। उन्होंने इन विशेषज्ञों की यात्रा का इतिहास खँगाला, जिसमें पता चला कि ये शौकिया निवेशक के तौर पर आगे बढ़े और आगे चलकर पेशेवर मैनेजर के रूप में विशाल रकम को सँभालने का हुनर दिखाया। सौरभ ने उनके दिमाग को पढ़ने और समझने का प्रयास किया और उस खास फिलॉसफी को भाँपा, जिसकी मदद से उन्होंने अपनी निवेश रणनीति को ताकत प्रदान की और उन्होंने अपने ज्ञान का इस्तेमाल इस पुस्तक को लिखने में किया, जो देश में निवेश की राह बताती है।
Kashmiri Ki Classic Kahaniyan "कश्मीरी की क्लासिक कहानियाँ" Book in Hindi
- Author Name:
Dr. Shiben Krishen Raina
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sangh Aur Sarkar
- Author Name:
Santosh Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Reshmi Khwabon Ki Dhoop Chhaon
- Author Name:
Prahlad Agarwal
- Book Type:

- Description: यश चोपड़ा रूमान के जादूगर थे। उन्होंने हिन्दी सिनेमा में तीन पीढ़ियों के साथ सफ़र किया। जब यश चोपड़ा ने अपनी रचना-यात्रा शुरू की तब महबूब, बिमल राय, राजकपूर, गुरुदत्त, विजय आनन्द वग़ैरह का गौरवगान था और फिर वे सूरज बड़जात्या, करन जौहर, संजय लीला भंसाली, राम गोपाल वर्मा और आशुतोष गोवारीकर जैसे फ़िल्मकारों की पीढ़ी के साथ सृजनरत रहे। इस पीढ़ी के साथ सफ़र करते हुए उन्होंने ‘डर’, ‘दिल तो पागल है’ और ‘वीर जारा’ जैसी फ़िल्में बनाईं जिनसे वे सिर्फ़ रोमान के बादशाह ही साबित नहीं हुए—वरन् नई पीढ़ी के साथ इस तरह खड़े हुए कि उसके मार्गदर्शक भी बन गए। पर हमारे इस आख्यान के कथानायक मात्र ‘निर्देशक’ यश चोपड़ा हैं। वे फ़िल्म निर्देशक होने के साथ ही और भी बहुत कुछ थे। फ़िल्म-निर्माता से लेकर स्टूडियो के मालिक तक और फिर फिल्मोद्योग के एक एम्बेसेडर की तरह भी उन्हें देखा गया। इन तमाम रूपों के बीच से यह सिर्फ़ उस यश चोपड़ा का क़िस्सा है जिसने 1959 से 2004 के बीच पैंतीस सालों में इक्कीस फ़िल्मों का निर्देशन किया और अपने जीवनकाल में ही अपनी विरासत को अगली पीढ़ी के हाथों सौंप दिया और उसे अपने ज़माने से भी अधिक फलता-फूलता देखा।
Jahalat Ke Pachas Saal
- Author Name:
Shrilal Shukla
- Book Type:

- Description: श्रीलाल शुक्ल के रचना संसार की सबसे बड़ी शक्ति है—व्यंग्य। शायद ही कोई दूसरा लेखक हो जिसने व्यंग्य का इतना विपुल, विविध और बहुआयामी उपयोग किया हो। ऐसे अद्वितीय लेखक श्रीलाल शुक्ल के लगभग सभी व्यंग्य निबन्धों का संग्रह है—'जहालत के पचास साल’। इस तरह देखें तो इस पुस्तक का प्रकाशन हिन्दी जगत में एक महत्त्वपूर्ण घटना तो है ही, यह एक अति विशिष्ट लेखक श्रीलाल शुक्ल के व्यंग्य की दुनिया को भली-भाँति जानने, समझने और उसमें सैर करने का दुर्लभ अवसर भी जुटाता है। 'जहालत के पचास साल’ की रचनाएँ आधुनिक भारत के महान से महान व्यक्तियों, संस्थाओं, अवधारणाओं, घोषणाओं, नारों की भी गल्तियों को नहीं बख्शतीं। समाज, सभ्यता और संस्कृति के किसी भी हिस्से की चूक पर श्रीलाल शुक्ल के व्यंग्य की बेधक मार के निशानों से भरी पड़ी है यह किताब। यह कहने में हर्ज नहीं कि यदि आ$जादी के बाद के भारत का असली चेहरा देखना हो तो वह समाजशास्त्र और पत्रकारिता से भी ज्यादा प्रामाणिक और चाक्षुष दिखेगा 'जहालत के पचास साल’ में। 'जहालत के पचास साल’ की रचनात्मक उत्कृष्टता का एक स्रोत यह है कि इसके व्यंग्य और हल्के-फुल्केपन के पीछे श्रीलाल शुक्ल का गहन अध्यवसाय, समय की सच्ची समझ और मनुष्यता के प्रति गहरे सरोकार का बल सक्रिय रहता है। इस संग्रह की रचनाएँ औसत समाज और औसत व्यंग्य-लेखन—दोनों को—कड़ी चुनौती देती हैं और फटकार लगाती हैं। संक्षेप में कहा जाए तो 'जहालत के पचास साल’ में भारतीय सत्ता और समाज की कारगुजारियों से सीधी भिड़ंत है। इस लड़ाई में भाषा के लिए एक से बढ़कर एक अमोघ अस्त्र तैयार करते हैं श्रीलाल शुक्ल।
Power Of Intelligent Thinking "पावर ऑफ इंटेलिजेंट थिंकिंग" (Hindi Translation Of Intelligent Thinking) Book - Som Bathla
- Author Name:
Som Bathla
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vimarsh - Jinhen Jurme Ishq Pe Naaz Tha
- Author Name:
Sudha Om Dhingra
- Book Type:

- Description: Vimarsh Jinhen Jurm e ishq pw naaz tha Writer Pankaj subeer Edit By Dr. sudha om dhingra
Dharti Ki Pukar
- Author Name:
Sundarlal Bahuguna
- Book Type:

-
Description:
विकास बनाम पर्यावरण इस सदी की सबसे बड़ी बहसों में से एक है। आज जबकि पूरी दुनिया में पर्यावरण-चेतना फैल रही है और विकास की लगभग हर गतिविधि के लिए पर्यावरणीय मानदंड निर्धारित किए जा रहे हैं, फिर भी विकासवादी निरन्तर इस कोशिश में रहते हैं कि पर्यावरणीय ख़तरों की अनदेखी करके भी किस तरह कोई बड़ा बाँध, कोई बड़ी परियोजना शुरू की जाए। इसलिए जब सुन्दरलाल बहुगुणा दुनिया के अन्य पर्यावरणविदों के साथ सुर मिलाकर यह कहते हैं कि तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ गया है और वह तथाकथित विकासवादियों द्वारा प्रकृति के विरुद्ध छेड़ा गया है, तो वे ग़लत नहीं होते।
वे कहते हैं, ‘‘प्रश्न केवल विकास के विरोध का नहीं है, ज़िन्दा रहने के अधिकार की रक्षा का है। जिन परियोजनाओं को सरकारी मीडिया और शासन व अर्थनीति पर हावी आभिजात्य वर्ग देश के त्वरित विकास के लिए अनिवार्य मानता है, उन परियोजनाओं के औचित्य को चुनौती देनेवालों को विदेशी एजेंट, देशद्रोही और विकास के दुश्मन के रूप में प्रचारित किया जाता है।’’
सुन्दरलाल बहुगुणा भी इस दृष्टि से बौद्धिक समाज में नायक और खलनायक दोनों हैं। लेकिन हिमालय, गंगा, जंगल और टिहरी बाँध को लेकर जो सवाल बहुगुणा ने खड़े किए हैं और सरकार की प्रकृति-विरोधी नीतियों का पर्दाफ़ाश किया है, उसमें शायद ही किसी को आपत्ति हो। साथ ही उन्होंने विकास की जो वैकल्पिक दृष्टि दी है, उससे भी किसी को परहेज़ नहीं होगा।
यह पुस्तक ‘धरती की पुकार’ बहुगुणा जी के चिन्तन का सार है। इसमें ‘चिपको आन्दोलन’ से लेकर टिहरी बाँध के विरोध में उनके लम्बे उपवासों तक की चिन्तनभूमि के दर्शन होते हैं। आशा है, यह पुस्तक विकास और पर्यावरण के रिश्तों को सही परिप्रेक्ष्य में देखने-समझने में मदद करेगी।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...