Samaj - Vigyan Vishwakosh : Vols. 1-6
Author:
Abhay Kumar DubeyPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 2880
₹
3600
Available
छह खंडों और तीन हज़ार पृष्ठों में फैला समाज-विज्ञान और मानविकी का यह विश्वकोश राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय ख्याति के 26 विद्वानों के मार्गदर्शन में 60 समाज-वैज्ञानिकों द्वारा अनुवाद का सहारा लिए बिना मूल हिन्दी में तैयार किया गया है। कोश की 1015 प्रविष्टियाँ विश्व के 229 समाज-वैज्ञानिकों, सिद्धान्तकारों, दार्शनिकों, समाज-चिन्तकों, साहित्य-निर्माताओं और विमर्शकारों के कृतित्व की जानकारी देने के साथ-साथ सभी महत्त्वपूर्ण अवधारणाओं, दर्शनों, बहसों, क्रान्तियों और आन्दोलनों का विश्लेषणात्मक परिचय देती हैं। अर्थशास्त्र की 104, इतिहास की 107, अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध की 52, दर्शन की 135, राजनीतिशास्त्र की 448, मीडिया, फ़िल्म और टीवी-अध्ययनों की 50, स्त्री और सेक्सुअलिटी-अध्ययन की 69, समाजशास्त्र और मानवशास्त्र की 140 प्रविष्टियों के अतिरिक्त इस कोश में गांधी-विचार से सम्बन्धित 32 और मार्क्सवाद से सम्बन्धित 117 प्रविष्टियाँ भी दर्ज हैं।</p>
<p>समाजशास्त्र, मानवशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, भाषाशास्त्र, मनोविज्ञान, स्त्री-अध्ययन, सेक्सुअलिटी-अध्ययन, संस्कृति-अध्ययन, अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध-अध्ययन, मीडिया-अध्ययन, फ़िल्म-अध्ययन, टीवी-अध्ययन, साहित्य-अध्ययन, इतिहास और दर्शनशास्त्र के अध्येताओं, छात्रों, अध्यापकों, पत्रकारों, बुद्धजीवियों और गम्भीर पाठकों के लिए उपयोगी इस कोश की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी 430 प्रविष्टियाँ भारतीय दर्शन, राजनीति, समाज, संस्कृति, मीडिया, आधुनिकता और इतिहास पर विशेष रूप से प्रकाश डालती हैं। भारतीय लोकतंत्र, भारतीय राज्य, भारतीय सेकुलरवाद, दलित-विमर्श, हिन्दुत्ववादी विमर्श, भारत के राजनीतिक दलों और राज्यों की राजनीति की जानकारी देनेवाली प्रविष्टियों के अतिरिक्त भारतीय धर्म-दर्शन से सम्बन्धित प्रविष्टियों में उन दार्शनिकों, विचारकों और सिद्धान्तकारों के बौद्धिक परिचय भी शामिल हैं जिन्हें अंग्रेज़ी और पश्चिम द्वारा थमाए गए सिद्धान्तों के प्रभाव में लगभग अदृश्य कर दिया गया है। कई प्रविष्टियाँ आधुनिक भारत की संस्थागत संरचना में निर्णायक योगदान देनेवाली हस्तियों पर भी हैं। विश्वकोश में हिन्दी के निर्माताओं, साहित्य और विचार-जगत पर भी काफ़ी सामग्री है।</p>
<p>‘अतिक्रमण’ से ‘अन्तरराष्ट्रीय मुद्राकोष’ तक पहले खंड की 154 प्रविष्टियों में इतिहास-लेखन के अनाल स्कूल से लेकर टॉयनबी और स्पेंगलर के कृतित्व; कौटिल्य के अर्थशास्त्र और आर्यभट्ट के योगदान; एडम स्मिथ, अल्फ़्रेड मार्शल और अमर्त्य सेन के आर्थिक चिन्तन; एंटोनियो ग्राम्शी के विचारों; आधुनिकता की सैद्धान्तिक योजना; अमेरिका के अफ़र्मेटिव एक्शन और भारत में आरक्षण के विभिन्न पहलुओं; उपनिवेशवाद विरोधी आन्दोलन के सशस्त्र और शान्तिपूर्ण आयामों, अल-ग़ज़ाली, इब्न ख़ाल्दून, अल-किन्दी, अबु-अला मौदूदी और असग़र अली इंजीनियर के विमर्श; एडमंड बर्क, ई.एच. कार, एडवर्ड सईद, एरिक फ़्रॉम और आशिस नंदी के विमर्श की झलकियाँ; अमेरिकी क्रान्ति और आत्मसम्मान आन्दोलन से लेकर अंग्रेज़ी हटाओ आन्दोलन तक के ब्योरे शामिल हैं।</p>
<p>
ISBN: 9788126728497
Pages: 2279
Avg Reading Time: 76 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
10 Prerak IAS Mahila Adhikari Hindi Translation of Women of Influence
- Author Name:
Rajni Sekhri Sibal, IAS
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Satyavadi Raja Harishchandra
- Author Name:
Gopi Krishna Kunwar
- Book Type:

- Description: सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचार ऐसे गुण हैं, जिन्हें सहज भाव से अपनानेवाला मानव भी देवताओं की श्रेणी से उत्तम स्थान प्राप्त कर सकता है। जब राजा हरिश्चंद्र के नाम-यश की चर्चा होती है और उनके साथ यदि ‘सत्यवादी’ शब्द का प्रयोग न किया जाए तो प्रतीत होता है कि इतिहास के किसी अन्य राजा का वर्णन किया जा रहा है। इसके विपरीत यदि केवल ‘सत्यवादी’ राजा का वर्णन हो तो स्पष्ट संकेत सतयुग के राजा सत्यवादी हरिश्चंद्र की ओर ही होता है। यहाँ तक कि सूर्यवंशी राजा हरिश्चंद्र और शब्द ‘सत्यवादी’ एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। ऐसा हुआ राजा हरिश्चंद्र के द्वारा सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचरण जैसे गुणों को अपने जीवन में उतारने से। इस पुस्तक में राजा हरिश्चंद्र के चरित्र के विशिष्ट एवं प्रेरणाप्रद गुणों को सरल एवं सरस भाषा में सहज भाव से प्रस्तुत किया गया है। इसे पढ़कर पाठक सत्य, निष्ठा, कर्तव्यबोध आदि गुण अपने जीवन में उतार सकें, तो पुस्तक का लेखन व प्रकाशन सफल माना जाएगा।
BPSC Bihar Shikshak Bahali "Teacher Recruitment" Class 9 To 10 Vigyan "Science" 20 Practice Sets
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bruce Lee: A Complete Biography
- Author Name:
Abhishek Kumar
- Book Type:

- Description: Bruce Lee, son of Cantonese opera star Lee Hoi-Chuen, was one of the biggest names in Hollywood of his time. He is credited with introducing the East to the silver screens of the West. His greatest passion in life was Kung Fu—an ancient Chinese martial art unknown in the West until 1965, the year he made his first television appearance. A Kung Fu master, an actor, and a philosopher, Bruce Lee embodied the idea of a complete human one with a strong body and a critical mind. He studied a system of Chinese Kung Fu for nine years called Wing Chun. Apart from this, he was an ardent reader of Confucius. He tried to incorporate Confucian philosophy and teachings into his life. He taught Americans about Chinese philosophy and culture for six years. He detested mediocrity and always pushed his limits, both physically and mentally. He inspired generations of youngsters worldwide through his work and continues to do so even today. On July 20, 1973, the world lost this most influential martial artist of all time.
Bible Ki Kahaniyan
- Author Name:
John Wilson
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक में ईसामसीह के जन्म तथा उनसे संबंधित कथाएँ संकलित हैं। कथाओं को सरल भाषा तथा चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, ताकि पाठकों को कथाएँ सरल एवं रोचक लगें।
Pakshiyon Ki Ashcharyajanak Baaten
- Author Name:
Lalit Narain Upadhyaya
- Book Type:

- Description: This book does not have any description.
The Life and Times of Gopal Krishna Gokhale
- Author Name:
Mamta Kumari
- Book Type:

- Description: "I am not a Democrat. I don't believe in democracy. I believe in liberty and rights. - Gopal Krishna Gokhale This proclamation of Gopal Krishna Gokhale heralded the struggle for freedom in India. Who influenced whom and how this struggle began is written in the annals of history. Many freedom fighters advocated British rule, but few dominated the scene as Gopal Krishna Gokhale. His impact on the course of the Indian National Movement was considerable. He awakened Indians, especially the youth and motivated them to rise and fight for their rights and freedom in the country. This a critical biography for everyone to know about this great freedom fighter.
Aazadi Ki Kahani Dak Ticketon Ki Zabani
- Author Name:
Gopi Chand Shrinagar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pairol Par Atma Stories Book In Hindi
- Author Name:
K.P.S. Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Karyalaya Karyabodh: Manual on Office Procedure, Business Letters Notes and Instructions)
- Author Name:
Hari Babu Kansal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Priyatama
- Author Name:
Phani Mohanty
- Book Type:

- Description: चारों दिशाएँ, चौदह भुवन खाली-खाली लगते हैं, एक अध-जला दीया की रस्सी की तरह नाम के वास्ते हाथ-पैर पसारकर, गिरा हुआ हूँ मैं। यह कैसा जीवन है प्रियतमा? हर पल मैं कितने शब्द जोड़ता हूँ और तोड़ता हूँ, जुड़े-तुड़े इन्हीं शब्दों से मैं एक वाक्य की माला भी बना नहीं सका, इस जीवन में। करोड़ों तारों और चाँद और सूरज के मेले में, तुम ही तो मेरे साक्षी हो, तुम ही मेरे साक्षी हो भाव में रहकर भी कवि मर सकता है, अभाव के नरक में। इस जीवन को अकेले में जाने दो, प्रियतमा, चाहे तुम जितने न पहुँचनेवाले दुनिया में, तुम ही मेरी प्रथम और आखिरी वर्णमाला तुम ही मेरा प्रथम और आखिरी वादा। —इसी पुस्तक से
Dictionary of Science
- Author Name:
Bhawani Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hamare Ashok Singhalji
- Author Name:
Rajeev Gupta
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Desh-Desh Ki Lokkathayen "देश-देश की लोककथाएँ" Book In Hindi
- Author Name:
Renu Saini
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Main Tilak Bol Raha Hoon
- Author Name:
Giriraj Sharan Agrawal
- Book Type:

- Description: "भारत माँ के अमर सपूत लोकमान्य बालगंगाधर तिलक एक संघर्षशील राजनेता थे। उन्होंने मृतप्राय भारतीय समाज को संघर्ष करने की प्रेरणा दी। इस संघर्ष से एक नए समाज का उदय हुआ, एक नए युग का आरंभ हुआ। स्वराज्य उनके लिए धर्म था, स्वराज्य उनके लिए जीवन था। स्वदेशी आंदोलन के लिए उन्होंने गणपति महोत्सव शुरू किया, भारतीयों को विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए तैयार किया। कोरे आदर्शवाद से लोकमान्य का संपर्क नहीं था। उन्होंने व्यावहारिक विषयों पर व्यावहारिक दृष्टिकोण से चिंतन किया। उनका चिंतन उनके कार्यों का आधार बना। लोकमान्य तिलक तत्कालीन शिक्षा-प्रणाली से पूर्णत: असंतुष्ट थे। तिलक चाहते थे कि हमारी शिक्षा-प्रणाली स्वतंत्र देश के समान हो। उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा दिए जाने पर जोर दिया। तिलक अपने तेज से एक पूरे युग को नई आभा से मंडित कर गए। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता-आंदोलन को केवल प्रेरणा ही नहीं दी, वरन् संघर्ष करने की एक निश्चित योजना भी दी। ऐसे अमर साधक, कर्मयोगी, राष्ट्ररक्षक और सत्य के प्रतिपालक लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की विचारधारा से अपने देश की युवा पीढ़ी को परिचित कराने और प्रेरित करने का मंगलकारी संकल्प लेकर तैयार किया गया प्रस्तुत संकलन युवा पीढ़ी को समर्पित है। "
Mahila Adhikar
- Author Name:
Mamta Mehrotra
- Book Type:

- Description: यह समय ‘अस्मिता विमर्श’ का है। विमर्श सचेत करते हैं अधिकारों और दायित्वों के प्रति। विभिन्न स्तरों पर जारी ‘स्त्री विमर्श’ ने स्त्रियों से जुड़े अनेक सवालों को मुखर और प्रखर किया है। स्त्रियाँ स्वतंत्रता, सम्मान, समता और सहभागिता के लिए निरन्तर संघर्ष कर रही हैं। इस सन्दर्भ में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि भारत के संविधान ने महिलाओं को कौन-कौन से अधिकार दिए हैं। 'महिला सशक्तिकरण' को सच करते हुए क़ानून ने महिलाओं को क्या-क्या शक्तियाँ प्रदान की हैं। ज़ाहिर है कि इस लोकतंत्र में महिलाएँ यदि अपने अधिकारों को भली प्रकार जान जाएँ तो उनके 'अस्तित्व' का संघर्ष सरल और सकारात्मक हो जाएगा। ‘महिला अधिकार’ पुस्तक में ममता मेहरोत्रा ने मानवाधिकार को विश्व पटल पर रखकर स्त्री-प्रश्नों का विवेचन किया है। बीजिंग घोषणा-पत्र, वियना सम्मेलन—1993, भारतीय विधि आयोग की इक्कीसवीं रिपोर्ट के ज़रिए महिला अधिकारों के प्रति सामाजिक-वैधानिक सतर्कता का जायजा लिया गया है। सती प्रथा, डायन, विज्ञापन, मातृत्व, द्विविवाह, दहेज आदि पक्षों पर तर्कपूर्ण विचार करते हुए लेखिका ने इनके अनेक पक्षों का वर्णन किया है, विशेषत: क़ानूनी पक्ष का। पुस्तक की भाषा प्रवाहपूर्ण है, इसलिए पठनीयता भरपूर है। सचेत और सशक्त करती एक ज़रूरी किताब।
Lokmata Ahilyabai
- Author Name:
Arvind Javlekar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Maupassan Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Guy De Maupassant
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
UPPSC Uttar Pradesh Lok Seva Aayog RO/ARO Samiksha Adhikari Evam Sahayak Samiksha Adhikari Bharti Pareeksha 15 Practice Sets And 3200+ question With Latest Solved Papers
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Krishnayan
- Author Name:
Kaajal Ozavaidya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...