Pratinidhi Kahaniyan : Jogendra Paul
Author:
Jogendra PaulPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 48
₹
60
Available
पहली बार मैं जब जोगेंद्र पाल से मिला तो वो ठीक अपनी शक्ल, किरदार और आदतों के एतबार से एक मालदार जौहरी नज़र आया। बाद में मुझे मालूम हुआ कि मेरा कयास ज़्यादा ग़लत भी न था। वो जौहरी तो ज़रूर है, लेकिन हीरे-जवाहरात का नहीं; अफ़सानों का—और मालदार भी लेकिन अपनी कला में।
—कृष्ण चंदर। ‘एक परिचय : धरती का काल’
उर्दू कथा-साहित्य में जोगेंद्र पाल अपने रचनात्मक अनुभव के लिए नए-नए महाद्वीप खोजनेवाले कथाकार हैं—चन्द उन कथाकारों में से एक जिन्होंने अपनी आँखें बाहर की ओर खोल रखी हैं और जो अपने दिल के रोने की आवाज़ पर भी कान धरते हैं...।
—डॉ. अनवर सदीद ‘औरक़ लाहौर’
जोगेंद्र पाल के यहाँ कहानी बयान नहीं होती, बल्कि सामने ज़िन्दगी के स्टेज पर घटित होती है। उनके चरित्र उस स्टेज से निकलकर हमारे हवास के इतने क़रीब आ जाते हैं कि हमें अपने वजूद में उनकी साँसों का उतार-चढ़ाव महसूस होता है...।
— डॉ. कमर रईस ‘जोगेंद्र अपल : फ़न और शख़्सियत’
जोगेंद्र पाल ने मुर्दा लफ़्ज़ों को नई ज़िन्दगी अता करने की तख़्लीक़ी (रचनात्मक) कोशिश की है; उनमें आदम बू पैदा की है। उनकी रचनात्मक भाषा जानने की ज़ुबान नहीं, जीने की ज़ुबान है।
—निजाम सिद्दीकी
ISBN: 9788171785803
Pages: 158
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Jaltarang
- Author Name:
Jyoti Jain
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Lamp Shade
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता, और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है।
‘लैम्पशेड’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘नैतिक बल’, ‘सच्ची पूजा’, ‘कौन जाने?’, ‘बिना रोमांस’, ‘...अपना-अपना’, ‘एतकाद है’ और ‘लैम्पशेड’।
Thumari
- Author Name:
Phanishwarnath Renu
- Book Type:

-
Description:
अमर कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास अगर लोकजीवन के महाकाव्य हैं, तो उनकी कहानियाँ अविस्मरणीय कथा-गीत। ये मन के अछूते तारों को झंकृत करती हैं। इनमें एक अनोखी रसमयता और एक अनोखा सम्मोहन है।
‘ठुमरी’ में रेणु की नौ अतिचर्चित कहानियाँ संगृहीत हैं। इन कहानियों में जैसे कथाकार ने अपने प्राणों का रस घोल डाला है। इन्हें पढ़ते-पढ़ते कोमलतम अनुभूतियाँ अपने-आप सुगबुगा उठती हैं। चाहे वह ‘रसप्रिया’ या ‘लाल पान की बेगम’ हो, या ‘तीसरी क़सम’—इस संग्रह की लगभग हर कहानी मन पर अपनी कभी न मिटनेवाली छाप छोड़ जाने में समर्थ है।
‘ठुमरी’ की कहानियाँ जीवन की सहज लय को मोहक सुरों में बाँधने का कलात्मक प्रयास हैं। इनमें पीड़ा और अवसाद की अनुगूँजें हैं, आनन्द और उल्लास के मुखरित कलरव-गान हैं।
‘ठुमरी' की कहानियाँ एक समय-विशेष की पहचान हैं। जीवन की एक विशिष्ट लयधारा इनमें पूरी प्राणमयता से प्रवाहित है।
Abhilasha
- Author Name:
Panna Jha
- Book Type:

- Description: Collection of Short stories
Pratinidhi Kahaniyan : Ismat Chugtai
- Author Name:
Ismat Chugtai
- Book Type:

- Description: उर्दू कथा-साहित्य में इस्मत चुग़ताई एक ऐसा नुमाया नाम है, जिसने साहित्य और साहित्य से बाहर हर तरह की रूढ़ परम्परा को नामंजूर किया। जिस दौर और जिस समाज से उनकी क़लम का रिश्ता रहा है, एक महिला कथाकार के नाते उसे अपनी शर्तों पर निबाह ले जाना बेहद मुश्किल काम था। इस संग्रह में चुग़ताई की चुनिन्दा कहानियाँ शामिल हैं। ये कहानियाँ हमारी दुनिया और उसकी समाजी सच्चाइयों का ऐसा बयान हैं जिनकी कड़वाहट पर भरोसा किया जा सकता है। इनके माध्यम से हम आज की उस जद्दोजहद से वाबस्ता होते हैं जो इनसानी वजूद और इनसानियत के हक़ में सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। आदमी द्वारा आदमी पर होनेवाला ज़ुल्म और ऐसे आदमी को पैदा करनेवाले निज़ाम की तीखी आलोचना इन कहानियों में पूरी कलात्मकता के साथ मौजूद है। यथार्थ की गहरी पकड़, नए अर्थ खोलती अछूती उपमाएँ, बेबाकी-भरा व्यंग्यात्मक लहज़ा, चरित्रों का स्वाभाविक विकास और शब्दों का बेहद किफ़ायती इस्तेमाल इस्मत चुग़ताई के रचनाकर्म की कुछ ख़ास ख़ूबियाँ हैं।
Mansarovar Vol. 4 : Laag - Daat Aur Anya Kahaniyan
- Author Name:
Premchand
- Rating:
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gyandan
- Author Name:
Yashpal
- Rating:
- Book Type:

- Description: यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है। ‘ज्ञानदान’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘ज्ञानदानֺ’, ‘एक राज़’, ‘गण्डेरी’, ‘कुछ समझ न सका’, ‘दु:ख का अधिकार’, ‘पराया सुख’, ‘80/100’, या ‘सांई सच्चे!’, ‘ज़बरदस्ती’, ‘हलाल का टुकड़ा’, ‘मनुष्य’, ‘बदनाम’ और ‘अपनी चीज़’।
Uttaradhikari
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी
है।‘उत्तराधिकारी’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं: ‘उत्तराधिकारी’, ‘ज़ाब्ते की कार्रवाई’, ‘अगर हो जाता?’, ‘अंग्रेज़ का घुँघरू’, ‘अमर’, ‘चन्दन महाशय’, ‘कुल-मर्यादा’, ‘डिप्टी साहब’ और ‘जीत की हार’।
Kabootar Ki Udan
- Author Name:
Udita Mishra
- Book Type:

- Description: Book
Tumne Kyon Kaha Tha Main Sunder Hoon
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ, कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी
है।‘तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘कोकला डकैत’, ‘हुकूमत का जुनून’, ‘चोरबाज़ारी के दाम’, ‘गवाही’, ‘तगमे की चोट’, ‘मिट्ठों के आँसू’, ‘तीस मिनट’, ‘अख़बार में नाम’, ‘असली चित्र’, ‘कम्बलदान’, ‘आबरू’, ‘ग़मी में ख़ुशी’ और ‘तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ’।
Kachhua Aur Khargosh
- Author Name:
Zakir Hussain
- Book Type:

-
Description:
कुछ रचनाएँ ऐसी भी होती हैं, जो बच्चों के लिए लिखी जाती हैं, लेकिन उनकी शिक्षा या सीख सार्वभौमिक और सार्वकालिक होती है। ‘कछुआ और ख़रगोश’ डॉ. जाकिर हुसैन की ऐसी ही ज्ञानवर्द्धक कहानियों का संकलन है, जिसमें पशु-पक्षियों के बहाने मनुष्य के जीवन के विभिन्न पक्षों को उकेरा गया है।
‘कछुआ और ख़रगोश’ कहानी में विद्वानों और शिक्षकों पर तीखा व्यंग्य किया गया है जो अपने ज्ञान के जाल में मकड़ी की तरह स्वयं उलझ जाते हैं। वास्तविकता और वास्तविक तथ्यों की ओर ध्यान न देकर इधर-उधर भटकते हैं और दूसरों को भटकाते हैं। विद्वान अपनी विद्वत्ता का प्रदर्शन करने के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग करते हैं जो बहुत ही कठिन और गूढ़ होती है। वे यह भूल जाते हैं कि बात जिससे की जा रही है, वह उसे समझ भी रहा है या नहीं। इस कहानी में प्रो. कपचाक़, प्रो. फ़िलकौर और अलफ़लसेफुलहिन्दी ने कहीं-कहीं ऐसी ही भाषा का प्रयोग किया है जो पढ़नेवालों के छक्के छुड़ा देती है।
क़ैद का जीवन जब एक बकरी के लिए इतना कष्टदायक हो सकता है, तो मनुष्य के लिए कितना होगा—यह जानकारी हमें ‘अब्बू ख़ाँ की बकरी’ से मिलती है जिसे आज़ादी के लिए अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इसी तरह ‘मुर्गी चली अजमेर’, ‘उसी से ठंडा उसी से गरम’, ‘जुलाहा और बनिया’, ‘सच्ची मुहब्बत’, ‘सईदा की अम्मा’ आदि ऐसी कहानियाँ हैं, जो जीवन के विभिन्न पक्षों को अपनी मनोरंजक शैली में प्रस्तुत करती हैं। बच्चों के लिए लिखी गई ये कहानियाँ बड़ों के लिए भी उपयोगी और मनोरंजक हैं।
Short Stories from Pakistan
- Author Name:
Intizar Hussain +2
- Rating:
- Book Type:

- Description: The short stories - written originally in Urdu, Punjabi, Sindhi, Pushto and Saraiki, and now translated into English - showcased in this anthology engage with the above questions in their own ways, articulating a multiplicity of voices and experiences. They chrocle the birth of Pakistan nation in traumatic circumstances and its schequered history over the past fifty yearsthrough depicting the "desire and aspirations, fear and horror, pride, shame, helplessness and a thousand other unnamed feelings" of their protagonists. While doing so, they also depict the immensely varied and rich tapestry of the cultural life in Pakistan.
Lakshagrah
- Author Name:
Chitra Mudgal
- Book Type:

-
Description:
चित्रा मुद्गल समकालीन कहानी साहित्य की ऐसी विरल प्रतिभा हैं जिन्होंने विगत चालीस वर्षों में निरन्तर श्रेष्ठ कथा-लेखन किया है। इसीलिए उनके खाते में इतनी यादगार उम्दा कहानियाँ हैं जो सामान्यत: कथाकारों के पास नहीं होतीं। जिन लेखिकाओं ने इस मिथ को भंजित किया है कि उनका लेखन सीमित अनुभव-वृत्त से अलग गहरी सामाजिक संपृक्ति और सरोकारों का है, उनमें चित्रा मुद्गल का स्थान अप्रतिम है। अपने कथ्य की गहराई, बनावट-बुनता (टैक्सचर) की बारीकी और इन सबके ऊपर कथा-रस का ऋजु प्रवाह इनकी कहानियों को न केवल अनुपम बनाता है अपितु पाठक को अपना सहयात्री बनाकर उसकी सोच पर दस्तक देने का कार्य करता हुआ उसे संस्कारित करने का कार्य बहुत चुपचाप और अनजाने-से रूप में करता है, विचार को अनुभूति का अंग बनाते हुए, बिना किसी आरोपण के। इन कहानियों का फलक बहुत व्यापक है। ‘जगदम्बा बाबू गाँव आ रहे हैं’ में पूरी तरह रेणु की तरह लोक में बसकर वे गाँव में फैले राजनीतिक कदाचार की बखिया उधेड़ती हैं तो ‘भूख’, ‘चेहरे’ जैसी कहानियों में समाज के निम्नतम वर्ग की ‘त्रासद जिन्दगी’ को संवेदनात्मक रूप में उकेरती हैं। इससे आगे बढ़कर ‘वाइफ़ स्वैपी’ जैसी कहानी में वैश्विक गाँव की अपसंस्कृति में डूबे उच्चतम स्तर के उस समाज को अपनी पैनी दृष्टि से चित्रित करती हैं जहाँ हमारी संस्कृति के श्रेष्ठ का क्षरण पूरी तीव्रता में हुआ है। उनकी कहानियों में अपनी तरह का स्त्री-विमर्श है जो स्त्रीवाद के प्रचलित नारों के मुहावरों से अपने को अलग खड़ा करता है, वे पुरुष वर्चस्ववादी सामाजिक स्थितियों पर करारी चोट करती हैं किन्तु फिर भी उनके पात्र स्त्री-अस्मिता की रक्षा करते हुए जीवन में सामरस्य के पक्षधर हैं—रिश्तों की तोड़-फोड़ के नहीं। जीवन को पूर्ण वैविध्य में चित्रित करती उनकी कहानियाँ कहीं भी एकरेखीय और सपाट नहीं हैं, संश्लिष्ट रूप में वे बहुआयामी हैं, इसी कारण वे स्मृति में बस जाती हैं। स्मृति में बने रहना कहानी की बहुत बड़ी शक्ति है। वस्तुत: चित्रा की कहानियाँ हमारे समकालीन लेखन की गौरव हैं जिनका पाठ आश्वस्ति के साथ किया जा सकता है।
—पुष्पपाल सिंह
Bolta Lihaph
- Author Name:
Vishnu Nagar +1
- Book Type:

- Description: इस संग्रह में हिन्दी के श्रेष्ठ कथाकारों द्वारा लोकप्रिय मासिक 'कादम्बिनी' के ‘कथा-प्रतिमान’ स्तम्भ के लिए चयनित विश्व-साहित्य की श्रेष्ठ कहानियाँ संकलित हैं। चयनकर्ता कथाकारों ने इसमें अपनी पसन्द के कारणों का ज़िक्र करते हुए इन कहानियों की विशिष्टताओं का भी वर्णन किया है, जिससे इस संग्रह की उपयोगिता बढ़ गई है। विभिन्न कालखंडों में रची गई ये कहानियाँ अपनी रचनात्मक विशिष्टता के लिए चर्चित रही हैं। इस संग्रह में शामिल कथाकारों की कहानी-कला का मर्म मानव-जीवन के मूल्यों को लेकर उनकी सतत दुविधा और विस्मय का भाव है जो हमारे मन में मानव जीवन की असारता या क्षुद्रता के प्रति खीज नहीं उपजाते बल्कि एक गहरी हलचल मचाए रखते हैं। यही कारण है कि ये कहानियाँ आज भी हमें उतनी टटकी और अन्तरंग महसूस होती हैं जितनी अपने समकालीन पाठकों के लिए रही होंगी। विश्व के समर्थ कहानीकारों और उनकी विशिष्ट कथा कृतियों को सुलभ कराने का हमारा यह विनम्र प्रयास निश्चय ही आपको पसन्द आएगा और प्रेरणादायक लगेगा, ऐसा हमारा विश्वास है।
Tales of Wisdom: Stories to Motivate & Inspire
- Author Name:
Motilal Oswal
- Book Type:

- Description: This handy book of motivational stories contains short stories and anecdotes available on the internet. This book is a collection of either actual incidents of great thinkers and leaders or fictional stories with deep meaning and learnings. This simple yet profound collection will provide you with a sense of inspiration and guidance. Creative caricatures have been included to make the stories come alive.
Raf Raf Mail
- Author Name:
Abdul Bismillah
- Book Type:

-
Description:
समकालीन हिन्दी कथाकारों में जिन कुछ विशिष्ट कथाकारों की चर्चा की जाती है, उनमें अब्दुल बिस्मिल्लाह प्रमुख हैं। ऐसा इसलिए है कि इस वैश्विक सभ्यता, बाज़ारीकरण और मूल्यहीनता के दौर में भी उनकी आस्था लोक से, जनसामान्य से जुड़ी हुई है। उन्होंने पूँजीवादी व्यवस्था और दलाल बुर्जुआजी के बीच दम तोड़ते व्यक्तियों की सुगबुगाहट को अच्छी तरह पहचाना है और इनके भीतर छिपी विकासात्मक सम्भावनाओं को अपनी कहानियों में काव्यात्मक लय प्रदान की है। भावनात्मक स्तर पर वे जिस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं, वहाँ जीवन के प्रति निश्छल एवं अकुंठ प्रेम का दर्शन होता है। उनकी कहानियाँ परिवेशगत विचित्रताओं, विसंगतियों और जटिलताओं का सूक्ष्म, किन्तु मुकम्मल भाष्य हैं। यहाँ वैचारिक प्रतिबद्धता के साथ भावना का तिरस्कार नहीं, स्वीकार है। रफ रफ मेल की सभी कहानियाँ अब्दुल बिस्मिल्लाह की इन्हीं जीवनेच्छाओं का प्रतिफल हैं।
‘रफ रफ मेल’ में संगृहीत कहानियाँ अपने मिज़ाज और तेवर में परस्पर भिन्न हैं। आज जबकि उत्तर-आधुनिक परिवेश और उत्तर-आधुनिक लेखन की चर्चा ज़ोरों पर है; ये कहानियाँ
अपने पाठकों को हर तरह के नारों से परे करके उन्हें उनकी जड़ों से जोड़ती हैं।
इस संग्रह में ‘गृह प्रवेश’, ‘दुलहिन जीना तो पड़ेगा’, ‘पेड़’, ‘लंठ’, ‘कर्मयोग’ और ‘माटा-मिरला की कहानी’ आदि ऐसी कहानियाँ हैं, जो शिल्प के स्तर पर एकदम नई तर्ज की रचनाशीलता से रू-ब-रू कराती हैं।
‘रफ रफ मेल’ की सम्पूर्ण कहानियाँ संवादात्मक तो हैं ही, प्रयोगधर्मी भी हैं। इन कहानियों में लोक-भाषा, लोक-लय और लोक-मुहावरों को सुरक्षित रखने की कोशिश की गई है, इसीलिए इनमें व्यंग्यात्मकता और ध्वन्यात्मकता की तीखी धार दिखाई पड़ती है।
बीसवीं सदी के अन्त में प्रकाशित यह कहानी-संग्रह अतीत का स्मरण तो दिलाता ही है, भविष्य की ओर भी संकेत करता है।
Vyangya Saptak - Kailash Mandlekar
- Author Name:
Kailash Mandlekar
- Book Type:

- Description: Collection of humourous and witty stories. Written by Kailash Mandlekar.
Koi Naam Na Do
- Author Name:
Paritosh Chakraborti
- Book Type:

-
Description:
परितोष चक्रवर्ती की इन कहानियों के प्रत्येक कथ्य में कुछ ऐसा नया अनुभव या विचार है, जो उनकी कहानी के गहरे यथार्थ को समझने के लिए विवश करता है।
वैसे तो इस संकलन की सभी कहानियाँ ‘प्रेम की संवेदना’ को समर्पित हैं, लेकिन यह प्रेम के साथ-साथ आज के बाज़ारवाद में विशृंखलित होते हुए प्रेम, संवेदना और इंसानी सम्बन्धों की क्षीण होती हुई मनोभावना और उसके महीन यथार्थ को भी गहराई से प्रस्तुत करती हैं।
प्रेम नाम की नैसर्गिक भावना और सच्चाई में परितोष चक्रवर्ती ने आज के बदलते भावनात्मक सत्य और तथ्यों को बड़ी कुशलता से पेश किया है।
इस संग्रह में उनकी कुछ आरम्भिक कहानियाँ भी सम्मिलित हैं, लेकिन उनकी भावप्रवणता में भी कोई कमी नहीं है।
—कमलेश्वर
Katha Saptak - Mamta Kalia
- Author Name:
Mamta Kalia
- Book Type:

- Description: 7 Short Stories
Bhagya-Rekha
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

-
Description:
'भाग्य-रेखा' भीष्म साहनी का पहला कहानी-संग्रह है, जिसके साथ उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में क़दम रखा था। वर्ष 1953 में प्रकाशित इस संग्रह ने उन्हें साहित्य-संसार में अपनी एक पहचान दी; जिसके माध्यम से हिन्दी समाज ने कथा में सहज प्रवाह की शक्ति को महसूस किया।
भीष्म जी की कहानियों का ‘मैं’ भी कभी लेखक के प्रतिनिधि होने का आभास नहीं देता, पात्रों और उनके यथार्थ के साथ उनकी इस एकात्मता को, जो शायद बहुत गहरी तटस्थता से ही सधती होगी, बहुत कम लेखकों में चिह्नित किया जा सकता है। इस संग्रह में कई ऐसी कहानियाँ हैं जो भीष्म जी के गहरे मानवीय बोध को चिह्नित करती हैं और कुछ ऐसी हैं जो समकालीन समाज की अमानवीयता के प्रति घृणा का भाव भी पाठक के मन में जगाती हैं। उदाहरण के लिए 'क्रिकेट मैच' जिसमें पति-पत्नी सम्बन्धों के बीच आया दुराव इतने कौशल के साथ उभारा गया है कि बहुत कुछ न कहते हुए भी कहानी हमें घर-परिवार को बचाए-बनाए रखनेवाली स्त्री-भूमिका के प्रति आलोचनात्मक हो जाने को प्रेरित करती है। 'नीली आँखें' हाशिये पर रहनेवाले तबके के प्यार और शहरी पृष्ठभूमि में उसके प्रति असहिष्णु मध्यवर्गीय नज़रिए को बेहद कारुणिक रूप में व्यक्त करती है।
कहने की आवश्यकता नहीं कि भीष्म साहनी को चाहनेवाले पाठक इस संग्रह को अमूल्य पाएँगे ।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...