Parivrajak: Meri Bhraman Kahani
Author:
Swami VivekanandPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
स्वामी विवेकानंद ने भारत में उस समय अवतार लिया, जब हिंदू धर्म के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। हिंदू धर्म में घोर आडंबर और अंधविश्वासों का बोलबाला हो गया था। ऐसे में स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म को एक पूर्ण पहचान प्रदान की। इसके पहले हिंदू धर्म विभिन्न छोटे-छोटे संप्रदायों में बँटा हुआ था। तीस वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (अमेरिका) में विश्व धर्म संसद् में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और इसे सार्वभौमिक पहचान दिलाई।
प्रस्तुत पुस्तक 'परिव्राजक: मेरी भ्रमण कहानी' में स्वामीजी ने अपनी यूरोप यात्रा के माध्यम से सरल शब्दों में तत्कालीन इतिहास, कला, समाज, जीवन-दर्शन इत्यादि का अत्यंत रोचक वर्णन प्रस्तुत किया है। इनके माध्यम से व्यक्ति अपने तत्कालीन ज्ञान-दर्शन को सहज ही प्रशस्त कर सकता है। स्वामी विवेकानंद की यात्रा-वृत्तांत की यह पुस्तक हमें सांस्कृतिक-सामाजिक यात्रा का आनंद देगी।
ISBN: 9789355213686
Pages: 136
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
The Prophet (Hindi Translation of The Prophet)
- Author Name:
Kahlil Gibran
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Little Book of Rumi
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Rating:
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vedant: Bhavishya Ka Dharma
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: उनतालीस वर्ष की अल्पायु में स्वामी विवेकानंद जो काम कर गए, वे आनेवाली अनेक शताब्दियों तक पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।वे केवल संत ही नहीं थे, एक महान् देशभक्त, ओजस्वी वक्ता, प्रखर विचारक, रचनाधर्मी लेखक और करुणा से ओतप्रोत मानवताप्रेमी भी थे। अमेरिका से लौटकर उन्होंने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा था, “नया भारत निकल पड़े मोची की दुकान से, भड़भूजे के भाड़ से, कारखाने से, हाट से, बाजार से; निकल पड़े झाड़ियों, जंगलों, पहाड़ों, पर्वतों से ।'' और जनता ने स्वामीजी की पुकार का उत्तर दिया। वह गर्व के साथ निकल पड़ी। गांधीजी को आजादी की लड़ाई में जो जन-समर्थन मिला, वह विवेकानंद के आह्वान का ही फल था। इस प्रकार वे भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के भी प्रमुख प्रेरणास्नोत बने । प्रस्तुत पुस्तक 'वेदांत भविष्य का धर्म' में स्वामीजी ने भारतीय अध्यात्म के दो आधारभूत ग्रंथों 'रामायण' और “महाभारत' के माध्यम से भारत के समाज का आध्यात्मिक, सामाजिक और मानसिक दृश्य खींचा है, जो भारतीय जनमानस के भावों का दिग्दर्शन कराता है।
Kahaniyon Ki Lata "कहानियों की लता" Book in Hindi
- Author Name:
Lata Kadambari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Karmic Threads
- Author Name:
Neelam Saxena Chandra
- Book Type:

- Description: Monika stays in the comfort of her colossal bungalow and her loving parents in Patiala, but destiny strikes and takes away her parents. Quite young to understand the stealth, she completely believes in her kin who come over to take care. She meekly agrees even to their choice of partner in marriage, abandoning her love, Gurpreet. After marriage, she flies away to Paris with dreams in her eyes, where her husband Tanishk stays. However, his eyes are only on the money she’s having. The moment he covertly gets hold of it, he ditches her, leaving her alone, lonely and forsaken in a foreign land. Will the karmic threads help in seeking justice against those who’ve wronged her? Will the karmic threads be able to connect her to her long-lost love, Gurpreet?
Naukarshah Hi Nahin…
- Author Name:
Anil Swarup
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Thomas Hardy ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Thomas Hardy
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Tales of My Wrinkles Tell
- Author Name:
Dr. Krishna Saksena
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Manu Sharma ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Manu Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Weight Loss Ke 101 Tips
- Author Name:
Dr. Anil Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahayoddha Ki Mahagatha
- Author Name:
Manjeet Negi
- Book Type:

- Description: भारत के प्रथम सी.डी.एस. जनरल बिपिन रावत अदम्य इच्छाशक्ति और अपूर्व दूरदृष्टि-संपन्न महायोद्धा थे । अपने सैन्य जीवन में उन्होंने प्रखत्ता और तेजस्विता के साथ नेतृत्व किया। उन्हें मालूम था कि वे जिस मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं, वह देशहित के लिए है, दूरदर्शी व दूरगामी है; भारतीय सेना के भविष्य की बेहतरी के लिए है। भले ही यह उनके लिए काँटों भरा ताज रहा हो, पर वे कभी नहीं डिगे। उन्होंने सेनाओं में जितने भी सुधार लागू किए, उन्हें पहले खुद पर भी लागू किया। सेनाओं में नैतिक मूल्यों और भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई। वे सेनाओं में 'मेक इन इंडिया' के सबसे बड़े पुरोधा थे। उन्होंने डी.आर. डी.ओ. और सेनाओं के भीतर अंतर्विरोध के बावजूद देश में हथियार और सैन्य साजो-सामान बनाने पर पूरा जोर दिया। जनरल बिपिन रावत का विराट व्यक्तित्व, दृढ़ चरित्र और बेहतरीन कार्य कौशल, अतिसामान्य सरल व्यवहार, सबकुछ इतना स्वाभाविक और गैर-बनावटीपन वाला तथा प्रभावोत्पादक था कि जो उनसे एक बार भी मिलता, सहज ही प्रभावित हो जाता। उनकी सैन्य रणनीतियाँ, कार्य-तत्परता, अध्ययन, विश्लेषण, बेखौफ, बेलौस, बेबाक बयानगी, उनकी कर्मशीलता, उनकी मानवीय न्यायप्रियता तथा भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस किसी भी निष्पक्ष और निरपेक्ष को उनके पक्ष में कर देता था। भारतीयों के गौरवपुरुष जनरल बिपिन रावत के पराक्रमी और प्रेरक जीवन की यशोगाथा है यह कृति।
Panchayati Raj Ke Naye Aayam
- Author Name:
Pratapmal Devpura
- Book Type:

-
Description:
भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। ग्राम-व्यवस्था वस्तुतः राष्ट्र-व्यवस्था की बुनियाद है। यही कारण है कि हमारे राष्ट्रनायकों ने सामाजिक उन्नयन, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक प्रगति और राजनीतिक चेतना की दृष्टि से गाँवों को पर्याप्त महत्त्व दिया है। सबका मानना है कि भारत के विकास का रास्ता गाँवों से होकर गुज़रता है। महात्मा गांधी के श्रम, स्वदेशी और स्वावलम्बन की कर्मभूमि अधिकांश अर्थ में गाँव ही हैं।
प्रतापमल देवपुरा द्वारा लिखित ‘हमारा पंचायती राज’ पुस्तक पंचायती राज के प्रति जानकारी व जागरूकता उत्पन्न करने हेतु लिखी गई है। पुस्तक जनप्रतिनिधियों से लेकर सामान्य नागरिकों के लिए समाजिक रूप से उपयोगी है। 50 छोटे-छोटे अध्यायों में पंचायती राज से जुड़ी विभिन्न जिज्ञासाओं व जानकारियों की सूत्र-शैली में प्रस्तुति सकारण है। इस पद्धति से सूचनाएँ सरलता से प्राप्त हो जाती हैं। जैसे ‘सूचना का अधिकार’ के अन्तर्गत पहला सूत्र है, ‘सूचना के अधिकार का अर्थ है नागरिकों द्वारा सूचना माँगने पर सूचना मिले जिससे उसका जीवन बेहतर एवं सुरक्षित बने; इसके साथ ही सरकारी विभागों द्वारा सूचना देने का कर्तव्य।’
सरल व सुबोध भाषा में लिखित ‘हमारा पंचायती राज’ अत्यन्त जनोपयोगी पुस्तक है।
Film Ke Jagat Ke Pitamaah Dadasaheb Falke
- Author Name:
Sukesh kumar
- Book Type:

- Description: भारतीय फिल्म उद्योग के पितामह के रूप में विख्यात दादासाहेब फाल्के विलक्षण भारतीय कार थे। वे मंच के अनुभवी अभिनेता थे, उत्कृष्ट जादूगर थे। उन्होंने भारतीय फिल्म निर्माण की नींव रखी, जिसके ऊपर आज भारत का सिने उद्योग टिका है। उनके अभिनव प्रयोगों और नवाचार के कारण ही आज भारत में प्रतिवर्ष इतनी बड़ी संख्या में विविध विषयों पर फिल्में बन रही हैं और दर्शकों में लोकप्रिय हो रही हैं। 1891 में दादासाहेब फाल्के ने मुंबई में एक विदेशी मूक चलचित्र 'लाइफ ऑफ क्राइस्ट' देखा। उन्हें प्रभु ईसामसीह के स्थान पर कृष्ण, राम, समर्थ गुरु रामदास, शिवाजी, संत तुकाराम इत्यादि महान् विभूतियाँ दिखाई दे रही थीं । उन्होंने सोचा, क्यों न चलचित्र के माध्यम से महान् भारतीय विभूतियों के चरित्र को चित्रित किया जाए। उन्होंने इस चलचित्र को कई बार देखा और फिर क्या, उनके हृदय में चलचित्र निर्माण का अंकुर फूट पड़ा। आठ महीने की कठोर साधना के बाद दादासाहेब के द्वारा पहली मूक फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र'
Grihapravesh
- Author Name:
Smt.Suryabala
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Prabhat Vidyarthi English-Hindi Dictionary
- Author Name:
Badri Nath Kapoor
- Book Type:

- Description: This Book Doesn't have any Description.
Rapid General Knowledge-2026 with Current Affairs | UPSC, State PSC, SSC, Bank, Railways RRB, Defence NDA/CDS, CUET , Teaching, State Govt & other Useful For All Competitive Exams
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dard Ka Devta
- Author Name:
Anshuman
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hamari Sanskritik Dharohar
- Author Name:
Dr. Shankar Dayal Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MAHARANAS: A Thousand Year War for Dharma
- Author Name:
Dr. Omendra Ratnu
- Rating:
- Book Type:

- Description: The book that is going to become as sacred as scriptures in each Hindu home. The book that will destroy the lies woven around the glorious Hindu resistance for one thousand uninterrupted years to Islamic invaders of various hues. The book that will reveal the truth of the greatest Dynasty, not just the greatest Hindu Dynasty, not just the greatest Dynasty of Bharat, but the greatest Dynasty in the world: The Sisodiyas of Mewad. The Avataras who fought invaders non-stop for 1000 years, who endured all hardships, who refused to surrender even when their kingdom was encircled by enemies on all sides, who lived like nomads, but refused to give up. The Dynasty because of which Kesaria still flies on the sacred land of Bharat. The book questions the whitewash of the deeds and lives of the great Maharanas, especially the greatest of them; Maharana Pratap Singh. Written by a passionate practicing surgeon who brings the same incisiveness, exactness, and accuracy to the study of the history of this great Dynasty, as his profession. The book that will arouse in you the sleeping kshatriya, and will remind you that honour and pride do not define the man, they are the man.
Pathik-Dharma : Ek Prerak Geet
- Author Name:
Sunil Bajpai 'Saral'
- Book Type:

- Description: श्री सुनील बाजपेयी ‘सरल’ की अभिनव काव्य-कृति ‘पथिक-धर्म : एक प्रेरक गीत’ अबतक का सबसे लंबा छंदोबद्ध गीत है। इसमें संवेदना और वैचारिकता की जुगलबंदी है। इस धरती पर मानव-जीवन संघर्षों की एक कहानी है और इन संघर्षों के बीच कवि का संदेश है—रुको मत, चलते रहो। निरंतर चलते रहने का आह्वान एक ओर ऋषियों के आप्तकथन ‘चरैवेति-चरैवेति’ से जुड़ता है, दूसरी ओर रवींद्रनाथ ठाकुर के ‘एकला चलो रे’ की ध्वनि भी इसमें अंतर्निहित है। जीवन-पथ पर फिसलन, अँधेरा, काँटे, निराशाओं के मेघ, संशय के बादल और ऐसी ही बहुत सी बाधाएँ मिलती हैं। साथ-ही-साथ, संसार में अनेक आकर्षण भी हैं, जो व्यक्ति को कर्म-विमुख कर सकते हैं। इन सभी परिस्थितियों का एक ही उपचार है—चलते रहो, निरंतर चलते रहो। पाँवों में काँटे चुभते हैं, कंधों पर है बोझ अधिक। किंतु निरंतर चलते जाना, यही तुम्हारा धर्म पथिक॥
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...