Mere Aasaan Jhooth "मेरे आसान झूठ" Book in Hindi
Author:
Dwarika UniyaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789355215871
Pages: 208
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Audio-Visual Aids to Educational Technology
- Author Name:
Prof. Harmesh Lal, Dr. Shailendra Bhushan, Dr. Meenu Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pratham Vishwa Yuddha
- Author Name:
Capt. Rajpal Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kathak Ki Parampara, Gharane aur Stree Prashn
- Author Name:
Avantika Shukla
- Book Type:

- Description: Hindi Discourse
18 Life Lessons of The Bhagavad Gita: Secrets To Success And Happiness
- Author Name:
Bhavaraju Srinivasa Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Art of War
- Author Name:
Sun Tzu
- Book Type:

- Description: The present book, The Art of War, is an ancient Chinese war treatise. It is estimated to be written in the 15th century BC. It is attributed to ancient China's war and military strategist Sun Tzu. This book is written in over thirteen chapters, each comprising one strategy or trick of warfare in explicit detail. Hence, this book has been rendered as one of the greatest works on the art of war and its design. It was placed at the head of China's Seven Military Classics upon the collection's creation in 1080 by Emperor Shenzong of Song and has long been the most influential strategy text in East Asia. It has influenced Eastern and Western military thinking, business tactics, legal strategy and beyond.
Bhagwaticharan Verma Rachanawali : Vols. 1-14
- Author Name:
Bhagwaticharan Verma
- Book Type:

-
Description:
भगवतीचरण वर्मा ने अपने प्रथम उपन्यास ‘पतन’ की रचना अपने कॉलेज के दिनों में की थी जो गंगा पुस्तक माला के अन्तर्गत प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास को वे अपनी अपरिपक्व रचना मानते थे और उन्होंने इसे अपनी रचनाओं में गम्भीरता से नहीं लिया।
सन् 1932 में भगवती बाबू ने पाप और पुण्य की समस्या पर अपना प्रसिद्ध उपन्यास ‘चित्रलेखा’ लिखा जो हिन्दी साहित्य में एक क्लासिक के रूप में आज भी प्रख्यात है। ‘तीन वर्ष’ उनका प्रथम सामाजिक उपन्यास है जो एक प्रेमकथा है। सन् 1948 में उनका प्रथम वृहत उपन्यास ‘टेढे़-मेढ़े रास्ते’ आया जिसे हिन्दी साहित्य के प्रथम राजनीतिक उपन्यास का दर्जा मिला। इसी शृंखला में उन्होंने आगे चलकर वृहत राजनीतिक उपन्यासों की एक शृंखला लिखी जिनमें ‘भूले-बिसरे चित्र’, ‘सीधी-सच्ची बातें’, ‘प्रश्न और मरीचिका’, ‘सबहिं नचावत राम गोसाईं’ और ‘सामर्थ्य और सीमा’ प्रमुख हैं।
भगवतीचरण वर्मा के सभी उपन्यासों में एक विविधता पाई जाती है। उन्होंने हास्य-व्यंग्य, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और दार्शनिक सभी विषयों पर उपन्यास लिखे। कवि और कथाकार होने के कारण वर्मा जी के उपन्यासों में भावनात्मकता और बौद्धिकता का सामंजस्य मिलता है। ‘चित्रलेखा’ में भगवती बाबू का छायावादी कवि-रूप स्पष्ट दिखता है जबकि ‘टेढ़े-मेढ़े रास्ते’ को उन्होंने अपनी प्रथम शुद्ध बौद्धिक गद्य-रचना माना है।
रचनावली के इस खंड में प्रस्तुत, साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत उपन्यास ‘भूले-बिसरे चित्र’ अतीत के चित्रों का एक विशेष एलबम है जिसके चित्र कभी धुँधले नहीं पड़ सकते। जीवन के सभी पहलुओं से रू-ब-रू कराता यह कालजयी उपन्यास है।
Kavita Ki Baat
- Author Name:
Ashish Singh
- Book Type:

- Description: Criticism
Dictionary of Economics (Financial Education Frequently Used Terms in Economics)
- Author Name:
A. Sulthan
- Book Type:

- Description: Awaiting description
Tata : Ek Carporate Brand Ka Vikas
- Author Name:
Morgen Witzel
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Perfect Cursive Writing
- Author Name:
Prabhas Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jungle Ki Jadi Butiyan
- Author Name:
Ramesh Bedi
- Book Type:

-
Description:
वैज्ञानिक उपलब्धियों ने जीवन को जहाँ सहज व सुलभ बनाया है, वहीं प्रकृति से की गई छेड़-छाड़ के कारण पर्यावरण दूषित हुआ है। असाध्य रोगों के पीछे मुख्य कारक प्रदूषण भी रहा है। स्वस्थ रहने के लिए प्रकृति हमें असंख्य फल, फूल, सब्ज़ी, अनाज, जड़ी-बूटी उपलब्ध कराती है। प्रस्तुत पुस्तक प्रकृति से न सिर्फ़ हमारा तादात्म्य बनाती है, वरन् उन जड़ी-बूटियों से भी परिचय कराती है जिनके दैनिक इस्तेमाल से हम कई बीमारियों से स्वयं को बचा सकते हैं।
एरण्ड, पुनर्नवा, कतीरा हिन्दी, फनियर बूटी, कपूर तुलसी, बन काकड़ू, गोखरू, भांग, जवा पिप्पली, लता करंज, दण्डी दरिया, विधारा, निर्गुण्डी कन्द, सत्यानाशी, न्याज़बो, सफ़ेद सत्यानाशी, पिण्डालु, सर्पगन्धा तथा पिप्पली आदि लगभग 19 वनस्पतियों का चित्रों व रेखाचित्रों सहित वर्णन पुस्तक को सुग्राह्य बनाता है। इन मानव उपयोगी वनस्पतियों के विविध भाषाओं में नाम, उनकी पहचान, उनका प्राप्ति-स्थान, उनकी कृषि, रासायनिक संघटन, घरेलू दवा-दारू में उपयोग तथा औद्योगिक उपयोग आदि दिए हैं। जड़ी-बूटियों में रुचि रखनेवालों, आयुर्वेद व यूनानी के अध्येताओं, अनुसन्धानकर्ताओं, वन-अधिकारियों व वनकर्मियों, फ़ार्मेसियों, कच्ची जड़ी-बूटियों के व्यापारियों के लिए पुस्तक बेशक उपयोगी और संग्रहणीय है।
Nayi Naari : Sita Ki Maa : Shakuntala
- Author Name:
Shriramvriksha Benipuri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Duniya Ke Tanashahon Ki Dastan
- Author Name:
Vasindra Mishra
- Book Type:

- Description: तानाशाही प्रवृत्तियाँ कब और कैसे किसी देश में पैदा हो जाती हैं, इसको जानना और समझना आवश्यक है। किसी भी देश और वहाँ के नागरिकों को बदलती परिस्थितियों पर तीक्ष्ण दृष्टि रखते हुए सदैव सजग रहना चाहिए और साथ ही साथ ऐसे कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी प्रवृत्तियों को जड़ जमाने का अवसर ना मिले। इस पुस्तक में लेखक ने अपने लम्बे पत्रकारिता-जीवन में संचित अनुभव को शामिल करते हुए विभिन्न देशों में समय-समय पर पैदा हुईं परिस्थितियों का विश्लेषण करते जो तथ्यात्मक विवरण दिया है, वह निश्चित रूप से सराहनीय है। —विजय शंकर पांडे, आईएएस, पूर्व सचिव भारत सरकार तानाशाही केवल राष्ट्रीय नेता नहीं करते हैं, यह ग्राम प्रधान से लेकर के हम सब अपने कार्यस्थल और निवास में भी इसका बीजारोपण करते हैं। येन-केन प्रकारेण हम अपने अधीनस्थ और हम पर निर्भर रहने वाले लोगों का शोषण किस प्रकार कर सकते हैं, इस पुस्तक में यह भली-भाँति इंगित किया गया है। यह पुस्तक ना केवल विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अन्य सामान्य जन के लिए उपयोगी होगी, बल्कि इस विषय पर शोध करने वाले छात्रों के लिए भी बहुमूल्य साबित होगी। —डॉ विक्रम सिंह चांसलर, नोएडा इंटरनेशनल युनिवर्सिटी पूर्व डीजीपी, उत्तर प्रदेश जैसे-जैसे तानाशाहों के हाथ में सत्ता का केंद्रीकरण हुआ, उनका पतन शुरू हो गया। फलस्वरूप कुछ ने आत्महत्या किया, कुछ मारे गए और कुछ को देश छोडऩा पड़ा। लेकिन इस दौर में उन्होंने देश को तबाह कर दिया। वासिंद्र मिश्र की इस पुस्तक में भले ही तानाशाहों की कहानी मात्र कही गई है लेकिन पाठकों के लिए तानाशाही प्रवृत्तियों को समझने के लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी है। —चन्द्र भषण पाण्डेय पूर्व न्यायाधीश
Jihad in My Saffron Garden
- Author Name:
Roxy Arora
- Book Type:

- Description: �Undoubtedly, My Saffron Garden was a playground for Farishtey and Djinns. The tiny flora in the lush meadow tiptoed upwards as lithe as ballet dancers while they hobnobbed with the tinted winged butterflies�.......... Year 1988, the two Superpowers of the world, U.S.A. and U.S.S.R., embroiled in their cold war. Each vying to outdo the other in its quest for terrain, a terrain saturated with oil. As the Soviet troops leave Afghanistan.............. Our Indian borders bleed at their most breathtaking yet strategic point..... Kashmir. Jihad unleashes its angst. Roshina Kapoor, headstrong and feisty, born and bred in Kashmir. Aafaq Qazmi, principled Muslim elitist, reciprocates Roshina�s love for him with unbridled ardour. Heena Qazmi, Aafaq�s sister and Roshina�s best friend. All three young adults fiercely possessive of each other as well as their beautiful state and the Kashmiriyat they symbolise. The �Saffron Garden� was theirs. Why in 2015 does Roshina return to Sopore without her lover and best friend? Why does the Saffron Garden scare her? Is it because she is a Kafir? Will Roshina ever find closure and love or will her past catch up with her and wreak havoc in her life yet again?
Kavita Laut Pahi
- Author Name:
Kailash Gautam
- Book Type:

-
Description:
कैलाश गौतम एकदम नए ढंग की भाषा लेकर आए हैं। ऐसी भाषा हिन्दी के इस दौर में कहीं नहीं दिखती। धूमिल के पास भी ऐसी भाषा नहीं थी।
—नामवर सिंह
कैलाश गौतम की कहानियों का प्रशंसक रहा हूँ। इनकी अनेक रचनाओं का लोकधर्मी रंग और ग्राम्य संस्कृति का टटकापन इन्हें एक ऐसी भंगिमा देता है, जो आसानी से इस विधा के दूसरे रचनाकारों में नहीं मिलती?
—श्रीलाल शुक्ल
कैलाश गौतम जैसे प्रथम कोटि के गीतकार निर्भय होकर अपने जीवन परिवेश, पारिवारिकता सबको अपने काव्य में मूर्त करने में लगे हैं। कैलाश गौतम जैसे वास्तविक कवि अपनी संस्कृति से एक क्षण को भी पृथक् नहीं होते। जयदेव, विद्यापति, निराला के बाद ये कविताएँ ऐसी रचनात्मक बयार हैं, जिनका स्वागत किया ही जाना चाहिए।
—श्रीनरेश मेहता
कैलाश गौतम की रचनाओं का रंग बिलकुल अनोखा है, कितनी सादगी से तन-मन की बारीक संवेदनाओं को उकेर देते हैं। इतनी मीठी पारदर्शी संवेदनाएँ ऐसी सौन्दर्य चेतना जाने क्या-क्या लौटा जाती हैं, वह सब जो तीस-पैंतीस बरस से हिन्दी कविता में खोया हुआ था।
—धर्मवीर भारती
कैलाश गौतम जमात से बाहर के कवि हैं। इनकी कविताओं में ताज़गी है, उबाऊपन नहीं। वे लोकमन के कवि हैं।
—दूधनाथ सिंह
Shivna Sahityiki January-March 2023
- Author Name:
Pankaj Subeer
- Rating:
- Book Type:

- Description: UGC Registered General
Jahiram Pad Neh
- Author Name:
Narottam Pandey
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
35 Minute Niyamit Yog "35 मिनट नियमित योग" Book In Hindi - Dr. Surakshit Goswami
- Author Name:
Dr. Surakshit Goswami
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Loktantra Ki Maya
- Author Name:
Arvind Mohan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dhwaniyon Ke Aalok Mein Stree
- Author Name:
Mrinal Pande
- Book Type:

-
Description:
प्रख्यात लेखिका मृणाल पाण्डे की यह नवीनतम कृति संगीत-जगत के अनेक अनदेखे-ओझल वृत्तान्तों का आकलन है। इसमें इन गायिकाओं-गवनहारियों के जीवन-संघर्ष का वर्णन है, जिनके सुर और संगीत का आलोक तो हमारे सामने है, लेकिन स्त्री होने के कारण और अपने समय-समाज की कथित कुलीनता के दायरे से बाहर होने के कारण जिन अवरोधों का पग-पग पर उन्हें सामना करना पड़ा, उस अँधेरे का कहीं कोई ज़िक्र नहीं करता। गौहर जान से लेकर बेगम अख़्तर तक और मोघूबाई से लेकर गंगूबाई हंगल तक—कलाकारों की एक लम्बी फ़ेहरिस्त यहाँ हम देख सकते हैं, जिन्हें अकल्पनीय प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच संगीत-साधना करनी पड़ी।
वास्तव में संगीत के प्रसंग से पाण्डे ने इस किताब में सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास की उस दरार पर रोशनी डाली है, जिसका भरना अब तक बाक़ी है। उन्होंने बेहद आत्मीयता से तमाम प्रसंगों का उल्लेख किया है, जिससे पुस्तक ने अकादमिक विवेचना के बजाय एक दिलचस्प अनौपचारिक पाठ की शक्ल ले ली है। ज़ाहिर है, यह पाठक के दिल को छू लेती है।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...