Mehrunnisa Parvez ki Lokpriya Kahaniyan
Author:
Mehrunnisa ParvezPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 140
₹
175
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789386300645
Pages: 184
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Vinamrata
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: "विनम्रता मानव जीवन में सबसे शक्तिशाली और महत्त्वपूर्ण गुणों में से एक है। विनम्र होना विश्वास बनाने में मदद करता है और सीखने की सुविधा देता है, जो नेतृत्व और व्यक्तिगत विकास के प्रमुख पहलू हैं। नम्रता वस्तुतः वह भावना या दृष्टिकोण है, जहाँ आप स्वयं को विशेष महत्त्व न देकर अभिमान रहित, निस्स्वार्थ भाव से दूसरों की भलाई के विषय में तत्पर रहते हैं। पहली नजर में विनम्रता एक नकारात्मक गुण की तरह लग सकती है—एक ताकत के बजाय कमजोरी के संकेत की तरह, परंतु वास्तव में विनम्रता एक ऐसा गुण है, जो आपको दूसरों की अपेक्षा श्रेष्ठ स्थापित करते हुए आपके जीवन को बहुत आगे ले जाएगी। आइए, इसे दूसरे तरीके से देखें। जिस व्यक्ति में नम्रता का अभाव होता है, वह अपने बारे में सोचता है और खुद को दूसरों से ऊँचा और बेहतर देखता है। ऐसे व्यक्ति से सब बचना चाहते हैं। हम जिस अहंकार के युग में रहते हैं, उसमें विनम्रता की शक्ति छिपी हुई है, उसे व्यक्तित्व का हिस्सा बनाना अत्यंत आवश्यक है। विनम्रता के लिए अत्यधिक आत्मज्ञान, आत्मनियंत्रण और आत्मसम्मान की आवश्यकता होती है। चाहे व्यक्ति हो, संगठन हो या संस्था हो, विनम्रता से ही शिखर तक पहुँचा जा सकता है। इसलिए विनम्रता को सफलता का मूलमंत्र भी कहा गया है। अगर नेतृत्व विनम्र है तो सब लोगों को साथ लेकर चलने की कला का स्वतः ही विकास हो जाता है। जरूरत पड़ने पर सब की सलाह और सहयोग लेने की क्षमता भी विकसित हो जाती है।
BIHAR KE MAHAPURUSH VEERCHAND PATEL
- Author Name:
SAMVED
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat Ke Parakrami Raja
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Adhura Takaja
- Author Name:
Ram Shankar Kovind
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ishwar Ki Atmakatha
- Author Name:
Saralmanoj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Great Salesman
- Author Name:
Sandeep Gajjar
- Book Type:

- Description: "आज की दुनिया खरीदारों की दुनिया है—बस, कमी है तो अच्छे सेल्समैनों की। अगर आप अपने कस्टमर का खयाल नहीं रखते तो आपका प्रतिद्वंद्वी रखेगा और वह आपसे आगे निकल जाएगा। फिर आप नंबर वन सेल्समैन बनने की दौड़ में पिछड़ जाएँगे। आप जब कस्टमर के सभी प्रश्नों के सटीक उत्तर देंगे, तभी वे संतुष्ट होंगे और आपसे सामान खरीदेंगे। अगर आप दो बार ‘नो थैंक्स’ कहने के बावजूद कस्टमर के पीछे पडे़ रहते हैं तो फिर वे भविष्य में कभी मुड़कर आपके पास नहीं आते। वहीं आप सहज और सरल भाव से मुसकराकर उन्हें विदा करते हैं तो जरूरत पड़ने पर वे अवश्य आपके पास आएँगे या आपको कॉल करेंगे। यह एक कड़वी सच्चाई है कि सेल्समैन को ‘हाँ’ से ज्यादा ‘ना’ सुननी पड़ती है। यह याद रखें कि ‘ना’ या ‘नो’ शब्द सेल्स से गहराई से जुड़ा हुआ है। जो जितनी ज्यादा ‘नो’ सुनने की हिम्मत रखता है, वह उतनी ही शिद्दत से सेल्स करता है। यह पुस्तक आपको अच्छे सेल्समैन से सर्वोत्तम सेल्समैन बनाएगी। यह सिखाएगी कि एक सेल्स टीम का नेतृत्व करने का बेहतर तरीका क्या है? अपने प्रतिद्वंद्वी से स्पर्धा करते हुए अपनी बिक्री और मुनाफा कैसे बढ़ाएँ? गलत फैसलों से कैसे बचें और अच्छे फैसले कैसे लें? मार्केटिंग और सेल्स के बहुप्रशंसित गुरु संदीप गज्जर के गहन अनुभव का सार है यह बेस्टसेलर पुस्तक।
Body Language
- Author Name:
Mk Mazumdar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vrat-Upvas Ke Dharmik Aur Vaigyanik Adhar
- Author Name:
Shashikant Sadaiv
- Book Type:

- Description: "भले ही व्रत-उपवास का वास्तविक अर्थ कुछ भी हो, लेकिन ये जनमानस में धर्म, आस्था एवं श्रद्धा का प्रतीक हैं। कुछ लोग इसे धर्म के साथ जोड़कर देखते हैं तो कुछ ज्योतिषीय उपायों की तरह लेते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके अलग लाभ हैं तो मनोविज्ञान की दृष्टि से इनका अपना महत्त्व है। शायद यही कारण है कि व्रत-उपवास का चलन सदियों नहीं, युगों पुराना है। एक तरफ हिंदू शास्त्र व्रत-उपवास जैसे धार्मिक कर्मकांडों की पैरवी करते नजर आते हैं तो दूसरी ओर खुद ही इसी बात पर जोर देते हैं कि भूखे भजन न होय गोपाला, अर्थात् भूखे पेट तो भगवान् का भजन भी नहीं हो पाता। व्रत-उपवास हमारे आत्मिक बल और स्व-नियंत्रण को बढ़ाते हैं; इंद्रियों को वश में रखने की शक्ति देते हैं। कुछ लोग व्रत-उपवास श्रद्धा से रखते हैं तो कुछ लोग भय से, कुछ लोग शारीरिक स्वास्थ्य के लिए रखते हैं तो कुछ लोग मानसिक शांति के लिए। कारण भले ही कोई हो, लेकिन लोगों के जीवन में व्रत-उपवास का विशेष स्थान है। यह पुस्तक व्रत-उपवासों की महत्ता और उनकी वैज्ञानिकता प्रस्तुत करती है।"
The Hungry Stones And Other Stories (Pb)
- Author Name:
Rabindra nath Tagore
- Rating:
- Book Type:

- Description: This book has no description
Hindi Sahitya Ke Nirmata SADAL MISHRA
- Author Name:
Ashok Priyadarshi
- Book Type:

- Description: हिंदी के प्रथम गद्यकार सदल मिश्र का जन्म 1767 (अनुमानित) में आरा (बिहार) में हुआ था। फोर्ट विलियम कॉलेज, कलकत्ता में भाषा मुंशी के पद पर रहते हुए सदल मिश्र ने जॉर्ज गिलक्रिस्ट के कहने पर 'नासिकेतोपाख्यान' व 'रामचरित' लिखा। उन्होंने हिंदी को खड़ी बोली बनाया, जिसमें संस्कृत का प्रभाव कम था। सदल मिश्र ने हिंदी-परशियन शब्दकोश भी बनाया। उनकी मुख्य कृतियाँ हैं—'नासिकेतोपाख्यान' या 'चंद्रावती' (1803), 'रामचरित' (1806), 'फूलन्ह के बिछोने', 'सोनम के थंभ', 'चहुँदसि', 'बरते थे', 'बाजने लगा', 'काँदती हैं', 'गाँछों'।
Ek Chhatra Ka Mukadama
- Author Name:
Seema Pradhan Raj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sundarakanda
- Author Name:
Tulsidas
- Rating:
- Book Type:

- Description: संवत् 1631 में तुलसीदासजी ने श्रीरामचरितमानस की रचना प्रारंभ की। दो वर्ष, सात महीने और छब्बीस दिन में यह अद्भुत ग्रंथ संपन्न हुआ। सुंदरकांड मूलतः गोस्वामी तुलसीदास कृत इसी श्रीरामचरित मानस का एक भाग है। सुंदरकांड में हनुमानजी द्वारा किए गए महान् कार्यों का वर्णन है। मानस पाठ में सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्त्व माना जाता है। सुंदरकांड में हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन कर लंका से वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। साथ ही उनकी असीम शक्ति, बुद्धि-कौशल और अनन्य भक्ति का पता चलता है। सुंदरकांड का पारायण वाले साधक को असीम ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त होती है।
Hu Tu Tu
- Author Name:
Gulzar
- Book Type:

- Description: साहित्य में मंज़रनामा एक मुकम्मिल फ़ॉर्म है। यह एक ऐसी विधा है जिसे पाठक बिना किसी रुकावट के रचना का मूल आस्वाद लेते हुए पढ़ सकें। लेकिन मंज़रनामा का अन्दाज़े-बयान अमूमन मूल रचना से अलग हो जाता है या यूँ कहें कि वह मूल रचना का इन्टरप्रेटेशन हो जाता है। मंज़रनामा पेश करने का एक उद्देश्य तो यह है कि पाठक इस फ़ॉर्म से रू-ब-रू हो सकें और दूसरा यह कि टी.वी. और सिनेमा में दिलचस्पी रखनेवाले लोग यह देख-जान सकें कि किसी कृति को किस तरह मंज़रनामे की शक्ल दी जाती है। टी.वी. की आमद से मंज़रनामों की ज़रूरत में बहुत इज़ाफ़ा हो गया है। कथाकार, शायर, गीतकार, पटकथाकार गुलज़ार ने लीक से हटकर शरत्चन्द्र की-सी संवेदनात्मक मार्मिकता, सहानुभूति और करुणा से ओत-प्रोत कई उम्दा फ़िल्मों का निर्देशन किया जिनमें ‘मेरे अपने’, ‘अचानक’, ‘परिचय’, ‘आँधी’, ‘मौसम’, ‘ख़ुशबू’, ‘मीरा’, ‘किनारा’, ‘नमकीन’, ‘लेकिन’, ‘लिबास’, और ‘माचिस’ जैसी फ़िल्में शामिल हैं। ‘हू तू तू’ इसी नाम से मशहूर एक फ़िल्म का मंज़रनामा है जिसमें गुलज़ार ने संजीदगी से इस बात को रेखांकित किया है कि आज़ादी के पचास सालों में देश की रहनुमाई करनेवाले नेताओं पर कैसे ताक़त का नशा चढ़ा है और नई पीढ़ी किस प्रकार प्रभुत्वशाली वर्ग के भ्रष्टाचार और पक्षपात का शिकार हो रही है। इस नई जेनरेशन में जो बालिग हैं वो ‘भाऊ’ की तरह लड़ रहे हैं तथा जो नाबालिग हैं वो आदि और पन्ना की तरह जानें गँवा रहे हैं। लेकिन यह कृति पूरी तरह फ़िल्मी नहीं है। फ़िल्म में जो अंश हटा दिए गए थे, वे इस कृति में महफ़ूज़ हैं। निश्चय ही यह कृति पाठकों को एक औपन्यासिक रचना का आस्वाद प्रदान करेगी।
Edgar Allan Poe Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Edgar Allan Poe
- Book Type:

- Description: एलेनोरा की सुंदरता और मासूमियत एक सेराफिम एंजेल की तरह थी, वह एक कुँआरी कन्या थी, जो कृत्रिमता से कोसों दूर थी और फूलों के बीच अपनी छोटी सी निर्दोष जिंदगी गुजार रही थी। उसके भीतर कोई छल-कपट नहीं था, सिर्फ एक गहरा जुनूनी अहसास था, जो सिर्फ दिल से महसूस किया जा सकता था। उसने मुझे अपने दिल की गहराइयों से देखा, जब हम घाटी में रंग-बिरंगी घास पर साथ में चल रहे थे। हमारे इस फैसले से जो बदलाव हुए थे, हम उसके बारे में बात कर रहे थे। उस दिन एक-दूसरे से लिपटे हुए, उसके बारे में लंबी बातचीत करने के दौरान एकबारगी तो उसकी आँखों में आँसू आ गए और वह उदास हो गई कि कहीं यह मानवता के खत्म होने से पहले के आखिरी पल तो नहीं, जो वे बिता रहे थे। वह उस पल केवल उन्हीं दुःख भरी बातों को लेकर बैठ गई, जो हमारी बातों के बीच में बार-बार उन छवियों जैसी उभर रही थी, जैसे कवि शिराज के गीतों के वाक्यांश की हर प्रभावशाली भिन्नता में बार-बार घटित होती थी। —इसी पुस्तक से एडगर एलन पो ने मृत्यु जैसे गूढ़ विषयों पर गहन चिंतन किया और इसे ही अपने लेखन का विषय बनाया। उनकी कहानियाँ मानवीय संबंधों के साथ-साथ कल्पनाओं की उड़ान, अय्यारी तथा जादूगरी की रोचकता से भरी हैं, जो पाठकों को बाँधे रखती हैं।
Mere Priya
- Author Name:
Saiyed Haider Raza
- Book Type:

- Description: रज़ा साहब जब 2010 के अन्त में अपने जीवन का आख़िरी चरण बिताने दिल्ली आ गए तो अपने साथ पुस्तकों, कैटलॉगों व अन्य काग़ज़ात का एक बड़ा संग्रह भी लाए। इस सारी सामग्री को एकत्र और व्यवस्थित कर रज़ा अभिलेखागार बनाया जा रहा है। जो काग़ज़ात हमें मिले उनमें रज़ा के कलाकार-मित्रों के कई पत्र भी मिले हैं। इनमें मक़बूल फिदा हुसेन, फ्रांसिस न्यूटन सूज़ा, के.एच. आरा, रामकुमार, कृष्ण खन्ना और तैयब मेहता शामिल हैं। उनके पत्राचार में निजी, कलात्मक, सामाजिक आदि कई विषयों पर लिखा गया है और उन्हें पढ़ने से एक मूर्धन्य कलाकार की संघर्ष-गाथा के कई पहलू समझ में आते हैं। उस परिवेश, उन मित्रों और उनके सम्बन्धों पर भी रोशनी पड़ती है जिन्होंने रज़ा को एक व्यक्ति और कलाकार के रूप में विकसित होने में भूमिका निभाई। यह एक तरह का अनौपचारिक रिकॉर्ड भी है जो हमें बताता है कि हमारे कुछ कला-मूर्धन्य अपने समय कैसे देख-समझ रहे थे, उनकी उत्सुकताएँ और बेचैनियाँ क्या थीं और एक विकासशील सौन्दर्य-बोध कैसे आकार ले रहा था। इस पत्राचार को क्रमश: कुछ पुस्तकों में प्रकाशित करने का इरादा है। इस सीरीज़ में पहली पुस्तक रज़ा और कृष्ण खन्ना के पत्राचार की है। सौभाग्य से इन दोनों ने एक-दूसरे के पत्र सँभालकर रखे। दो मूर्धन्य कलाकारों के बीच यह पत्र-संवाद बिरला है और इसे हिन्दी अनुवाद में प्रकाशित करते हमें प्रसन्नता है। —अशोक वाजपेयी
Hindu Dharma: Hamara Janmaprapt Dharma
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: तुम लोग आर्य, ऋषियों के वशंधर हो ऋषियों के, जिनकी महत्ता की तुलना नहीं हो सकती। मुझे इसका गर्व है कि मैं तुम्हारे देश का एक नगण्य नागरिक हूँ। अतएवं भाइयो, आत्मविश्वासी बनो। पूर्वजों के नाम से अपने को लज्जित नहीं, गौरवान्वित समझो। याद रहे, किसी का अनुकरण कदापि न करना, कदापि नहीं। जब कभी तुम औरों के विचारों का अनुकरण करते हो, तुम अपनी स्वाधीनता गँवा बैठते हो। —इसी पुस्तक से प्रस्तुत पुस्तक 'हिंदू धर्म : हमारा जन्मप्राप्त धर्म' में स्वामीजी ने सरल शब्दों में वेदप्रणीत हिंदू धर्म, उसकी सार्वभौमिकता, उसकी उदारता, व्यापकता और सर्वधर्म समभाव की उसकी मौलिकता की अनिर्वचनीय व्याख्या की है और मानव-मन में हिंदू धर्म को लेकर सदा से पनपते कतिपय अनुत्तरित प्रश्नों के सटीक व तार्किक उत्तर दिए हैं। एक अत्यंत प्रेरक, रोचक और ओजपूर्ण पुस्तक, जो जीवन में दैविक आशा का संचार करती है।
Shailesh Matiyani Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Shailesh Matiyani
- Book Type:

- Description: शैलेश मटियानी हिंदी के उन गिने-चुने कथाकारों में से एक हैं, जो रचना को जिंदगी से इस तरह उठा लेते हैं कि अनुभव और कल्पना एकमेक होकर एक विशेष प्रकार की दुनिया ही रचने लगते हैं। मटियानीजी का अपनी कहानी के जरिए जिंदगी को देखने का नजरिया अलग ही है। वे अपनी हर कहानी में जैसे एक नई बात खोज लाना चाहते हैं। उनके विपुल लेखन संसार में से चयनित प्रस्तुत लोकप्रिय कहानियाँ अपने-अपने कारणों तथा कथ्य की विविधता से आकर्षक हैं। इन कहानियों में वर्णित चरित्र, स्थितियाँ, परिवेश और वातावरण ऐसा है कि पाठक लंबे समय तक उनके प्रभाव में रहता है। उनकी भाषा, कहन, शिल्प और कथा की प्रस्तुति अनायास ऐसा चमत्कार पैदा करती है कि पढ़नेवाला उसी कथादेश का नागरिक हो जाता है। इतना ही नहीं, कहानी पाठक केहृदय में उतरती चली जाती हैं।
Shishtachaar
- Author Name:
P.K. Arya
- Book Type:

- Description: "शिष्टाचार का जीवन में अहम स्थान है। शिष्टाचार आईने के समान है, जिसमें मनुष्य अपना प्रतिबिंब दरशाता है। शिष्टाचार अच्छे विचारों से आता है। जिस प्रकार कोई दीवार नींव के बिना खड़ी नहीं रह सकती, वैसे ही शिष्टाचार के बिना व्यक्ति का, समाज का और राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता। शिष्टाचार एक संस्कार है, जिसकी नींव बचपन में ही पड़ जाती है—शिक्षा इसके आड़े नहीं आती। खूब पढ़-लिखकर भी जिस व्यक्ति में शिष्टाचार का अभाव हो, लोग उसे पढ़ा-लिखा मूर्ख ही कहेंगे, और उसे समाज में सम्मान नहीं मिलेगा। शिष्टाचार द्वारा अनजान व्यक्ति भी समाज में सम्मान पाता है, वहीं शिष्टाचार रहित व्यक्ति परिजनों द्वारा भी दुत्कारा जाता है। शिष्टाचार व्यक्ति को फर्श से अर्श तक पहुँचा सकता है, कठिनतम कार्य को आसान बना सकता है और अँधेरे में भी आशा की किरण दिखा सकता है। प्रस्तुत पुस्तक व्यक्ति को शिष्टाचार युक्त बनाने की दिशा में अग्रसर करती है।
Sherlock Holmes Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Sir Arthur Conan Doyle
- Book Type:

- Description: होम्स ने घंटी बजाते हुए जवाब दिया, ‘‘कुछ ठंडा मीट और एक गिलास बियर हो जाए, मैं इतना व्यस्त था कि मैं खाने के बारे में सोच भी न सका और मेरी आज की शाम के भी व्यस्त रहने की संभावना है। डॉक्टर, मुझे तुम्हारे साथ की जरूरत होगी।’’ ‘‘मुझे इसमें खुशी होगी।’’ ‘‘तुम्हें कानून तोड़ना बुरा तो नहीं लगेगा?’’ ‘‘बिलकुल नहीं।’’ ‘‘गिरफ्तार होने की संभावना से भी नहीं?’’ ‘‘अच्छे कारण के लिए, बिलकुल नहीं।’’ ‘‘हाँ, कारण तो बहुत ही अच्छा है।’’ ‘‘तब तो मैं तुम्हारा ही आदमी हूँ।’’ ‘‘मुझे यकीन था कि मैं तुम पर भरोसा कर सकता हूँ।’’ ‘‘मगर, तुम चाहते क्या हो?’’ —इसी संग्रह से शेरलॉक होम्स की कहानियाँ दुनिया भर में जासूसी और साहसिक कारनामों के लिए जानी जाती हैं। कहानी के अंत तक रोमांच तथा सस्पेंस बना रहता है। बेहद पठनीय एवं रोमांच से भरपूर सर आर्थर कॉनन डॉयल सृजित पात्र शेरलॉक होम्स की लोकप्रिय कहानियों का पठनीय संग्रह।
100 Modi Mantras: A Decade of India's Uprising
- Author Name:
Shankar Lalwani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...