LOKKATHAYEN BIHAR KI
Author:
SAKSHAMPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 68.8
₹
86
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789392574108
Pages: 16
Avg Reading Time: 1 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Pearl Buck Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Pearl Buck
- Book Type:

- Description: कभी-कभी उसे लगता कि वे दोनों एक-दूसरे को थोड़ा कम जान पाते हैं। यदि वह उसके परिवार की पुरानी पीढि़यों के बारे में न जानती। उसके माता-पिता गरिमामय और आनंदित रहनेवाले थे। लियू भी उसके पीछे उसके परिवार को देखता था; हालाँकि उसने कभी ऐसा कहा नहीं था। वह थोड़ा कम औपचारिक था या उसके मुकाबले में कम संवेदनशील भी। वह उसे आसानी से यह बात कह सकता था, अगर वह मँगनी तोड़ना चाहता तो...! नहीं, नहीं, वह उससे बहुत प्यार करता है, उसे इस बारे में कोई संदेह नहीं था। —इसी पुस्तक से पर्ल बक ने लंबे समय तक एक मिशनरी के रूप में समाज-कार्य किया। उस गहन अनुभव को इनकी कहानियों में साफ देखा जा सकता है। जन-समाज की ऊहापोह, पारस्परिक संबंध तथा संबंधों के बीच के प्रेम और टकराव को बड़ी खूबसूरती से उन्होंने अपनी कहानियों में उकेरा है। पठनीयता से भरपूर ये कहानियाँ पाठक के मन को छूनेवाली हैं।
Dictionary of Biology
- Author Name:
Kirti Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Everything About Tarot
- Author Name:
Manisha Koushik
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lopa Agastya
- Author Name:
Rita Shukla
- Book Type:

- Description: ऐश्वर्य से भरा जीवन त्याग कर वल्कलधारिणी बननेवाली ब्रह्मवादिनी लोपा को उनके संकल्प से कोई भी नहीं डिगा पाया। वे स्वयंवरा बनीं। इस औपन्यासिक कृतिमें आर्यावर्त की सनातन संस्कृति का, वैदिक वाङ्मय के उस विराट् स्वरूप का विशेष आकर्षणहै, जिसके अभाव में राष्ट्रबोध की अवधारणा का कोई मोल नहीं! भारत की नारीशक्तिसकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण मृत्यु के रव में अमृतत्व का संधान करती उत्कर्ष की नईऊँचाइयों को छूने के प्रयास में संलग्न है। शताब्दियाँ व्यतीतहो जाएँगी, लोकधर्म का मूल सत्य अपरिवर्तित ही रहेगा। राम की राजनीति—आंतरिक निर्णयोंकी गोपनीयता, प्रजा के कल्याण हेतु राजकोष के अधिकतम अंश का प्रावधान, न्यूनतम निजीव्यय, सत्यवादी सभासदों, अमात्यों, अंगरक्षकों की पहचान, प्रजा पर कोई भी कर नहीं,कृषि और व्यवसाय के दैनंदिन उत्कर्ष का संकल्प, भौतिक संपदा के स्थान पर दैवी संपदाको सबसे अधिक मूल्यवान समझना... लोपामुद्रा और अगस्त्यकी यह कथा हमारी संतति को असंशयी, दृढ़निश्चयी बना सके, यही इसका श्रेय और प्रेय है।
Apana Paraya
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: "अपना पराया एक सामाजिक उपन्यास है, जिसमें सुप्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘िनशंक’ बड़े कौशल से पर्वतीय अभावमय जीवन, सामाजिक विसंगतियों, अनमेल विवाह, विधवा-समस्या, सास-बहू-संबंध, वर्तमान शहरी प्रभाव, शिक्षा-स्वास्थ्य-िबजली-पानी-सड़क आदि और अन्य कई ग्रामीण समस्याओं का चित्रण कर उनका समाधान पाठक के ऊपर छोड़ देते हैं। कुछ समस्याओं-शैक्षिक आत्मनिर्भरता, संशोधित घराट योजना आदि का वह समाधान भी प्रस्तुत करते हैं। उपन्यास मानवीय संबंधों और संवेदनाओं को उजागर करने में समर्थ है। आत्मीयता, विश्वास, आस्था और स्नेह-प्रेम के भाव पराए को भी अपना बना लेते हैं और इनके अभाव में अपना भी पराया-सा लगता है। ग्रामीण मुहावरेदार और लोकोक्तिपरक वाक्य- रचना उपन्यास के आंचलिक वैशिष्ट्य को सामने लाती है। पहाड़ के रीति-िरवाज एवं सांस्कृतिक जीवन-मूल्यों का दिग्दर्शन कराता एक मर्मस्पर्शी, संवेदनशील उपन्यास! "
Dictionary of Science
- Author Name:
Bhawani Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Samay ki Kharad Par
- Author Name:
Gourinath
- Book Type:

- Description: वर्तमान समय में जब प्रतिरोध के सारे दरवाज़े बंद किये जा रहे हैं ऐसे में सतत विरोध की आवाज़ सिर्फ लेखकों के पास ही बची है। कथाकार-संपादक गौरीनाथ के 52 लेखों और टिप्पणियों का संकलन 'समय की ख़राद पर' को पढऩे के बाद यह महसूस होता है कि लेखक की भूमिका रचनात्मकता और विवेक-सम्मत प्रतिरोध के द्वैत से निर्मित होती है। तक़रीबन डेढ़ दशक की भारतीय राजनीति, संस्कृति और समाज के बुनियादी परिवर्तनों को इन टिप्पणियों और लेखों से जाना जा सकता है। ये लेख और टिप्पणियाँ अपने समय की आंतरिक लय को पकडऩे, उनके आरोह-अवरोह को समझने और समकालीन समाज की सांस्कृतिक विस्मृति को एक साथ उजागर करती हैं। इन लेखों का विषय वैविध्य इस बात की तस्दीक करता है कि उदारीकरण ने हर तरह की केन्द्रीयता को नष्ट कर एक विभ्रम की स्थिति निर्मित कर दी है। लेखक इस बात से पूरी तरह वाक़िफ़ है और इसीलिए अपने समय के सामाजिक-सांस्कृतिक विघटन को बहुलताओं के कोलाज़ के रूप में प्रस्तुत करता है। इस अर्थ में ये लेख एक नई समग्रता की परिकल्पना प्रस्तुत करते हैं-बहुलताओं का कोलाज़। संस्कृति के उत्तर-आधुनिक रूपों और उपभोक्तावादी मानस पर सबसे अधिक चोट इन लेखों में किया गया है। फ़िल्मों पर लिखे लेखों को अपसंस्कृति की आलोचना के बतौर पढ़ा जा सकता है। चमक और ताक़त के प्रति नकार की चेतना ही कठिन समय में प्रतिरोध का सूक्ष्म विरोध निर्मित करती है। इस आधे अंधे मोड़ पर इन टिप्पणियों को पढऩा बेहद लम्बी यात्रा पर निकले मुसाफ़िर का किसी पेड़ के नीचे दो घड़ी सुस्ताने जैसा है। अपने फेफड़ों में ताज़ा हवा भरने की एक अनिवार्य कोशिश। अगले मोड़ पर ज़हरीली हवाओं का झोंका आने को है, ऐसे में अपने फेफड़े दुरुस्त रखना तभी संभव है जब आप समय की ख़राद पर गुज़रने से गुरेज न करें।
Europe Ka Sanskritik Kendra FRANCE
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have any description
Shramana Shabari Ke Ram
- Author Name:
Mahakavi Avadhesh
- Book Type:

- Description: जब न बेर कुछ बचे राम ने लखा निकट का कोना, देखा क्षत-विक्षत बेरों का पड़ा दूसरा दोना। बोले वह भी लाओ भद्रे! वे क्यों वहाँ छिपाए, होंगे और अधिक मीठे वे लगते शुक के खाए। उठा लिया था स्वयं राम ने अपना हाथ बढ़ाकर, तभी राम का कर पकड़ा था श्रमणा ने अकुलाकर। प्रभु! अनर्थ मत करो, लीक संस्कृति की मिट जाएगी, जूठे बेर भीलनी के खाए, दुनिया गाएगी। हुआ महा अघ यह मैंने ही चख-चखकर छोड़े थे, जिस तरु के अति मधुर बेर थे, वही अलग जोड़े थे। किंतु किसे था भान, प्रेम से तन-मन सभी रचा था, कहते-कहते बेर राम के, मुख में जा पहुँचा था। छुड़ा रही थी श्रमणा, दोना राम न छोड़ रहे थे, हर्ष विभोर सारिका शुक ने तब यों वचन कहे थे। जय हो प्रेम मूर्ति परमेश्वर, प्रेम बिहारी जय हो, परम भाग्य शीला श्रमणा भगवती तुम्हारी जय हो। —इसी महाकाव्य से ——1—— रामायण में प्रभु की भक्त-वत्सलता और भक्त की भक्ति की मार्मिक कथा की नायिका श्रमणा पर भावपूर्ण महाकाव्य।
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Bhag-(A) Anivaraya Prashan Patra (MPTET Higher Secondary Teacher Part A Guidebook in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
ELON MUSK KI BIOGRAPHY
- Author Name:
Digant Rai
- Book Type:

- Description: एलन मस्क दुनिया में वर्तमान सदी में नए-नए आविष्कारों के पथप्रदर्शक माने जाते हैं। अंतरिक्ष की यात्रा, इलेक्ट्रिक कार, मोबाइल पेमेंट के पीछे इनका दिमाग है; उनके साथ कई और उपलब्धियाँ भी जुड़ी हैं। स्पेसएक्स के सीटीओ, टेस्ला के सीईओ, द बोरिंग कंपनी के संस्थापक, न्यूरालिंक और ओपन एआई के सह-संस्थापक के साथ ही एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में एक हैं। प्रस्तुत पुस्तक की कहानी दक्षिण अफ्रीका में मस्क के शुरुआती दिनों की है। यूनिवर्सिटी में उनकी पढ़ाई, नवीनता को लेकर शुरुआती पहल और उनके पहले कारोबार की स्थापना से लेकर उनके अरबपति संस्थापक बनने की कहानी है। यह पुस्तक उनकी उथल-पुथल भरी निजी जिंदगी से भी परिचय कराती है—कैसे वे अपने दम पर अरबपति बने; उनकी सफलता के राज क्या हैं; वे किनसे प्रभावित हुए और कैसे उनके पास लगभग 200 बिलियन डॉलर की दौलत है! एक सफल व्यापारी, टेक्नोक्रेट, नवाचारी उद्यमी की बेहद रोचक, प्रेरक एवं अनुकरणीय जीवनगाथा।
HINDI VYAKARAN EKVACHAN-BAHUVACHAN
- Author Name:
SATISH AHUJA
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chhoti Chhoti Baton ka Tension na Le - Hindi Edition Of Don't Sweat the Small Stuff and It's All Small Stuff
- Author Name:
Richard Carlson
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Patanjali Yoga Sootra (Hindi Edition)
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: सांख्यदर्शन के अनुसार, ईश्वर का अस्तित्व नहीं है।यह दर्शन कहता है कि जगत् का कोई ईश्वर नहीं हो सकता, क्योंकि यह वह हो तो अवश्य वह एक आत्मा ही होनी चाहिए और आत्मा या तो बद्ध होगी या मुक्त। जो आत्मा प्रकृति के अधीन है, प्रकृति ने जिस पर अपना आधिपत्य जमा लिया है, वह भला कैसे सृष्टि कर सकेगी ? वह तो स्वयं एक दास है। दूसरी ओर, यदि आत्मा मुक्त हो, तो वह क्यों इस जगतू-प्रपंच की रचना करेगी, क्यों इस पूरे संसार की क्रिया आदि का संचालन करेगी? स्वामी विवेकानंद का विश्वास था कि पवित्र भारतवर्ष धर्म एवं दर्शन की पुण्यभूमि है। यहीं बड़े-बड़े महात्माओं तथा ऋषियों का जन्म हुआ, यही संन्यास एवं त्याग की भूमि है तथा यहीं, केवल यहीं आदिकाल से लेकर आज तक मनुष्य के लिए जीवन के सर्वोच्च आदर्श एवं मुक्ति का द्वार खुला हुआ है। प्रस्तुत पुस्तक ' पतंजलि योग सूत्र ' में स्वामीजी ने सरलतम व्याख्या के साथ पतंजलि के योग दर्शन को पाठकों के सामने रखा है, ताकि एक सामान्य अभ्यासकर्ता भी इसका पूरा लाभ उठा सके। इस दृष्टि से यह उनकी एक श्रेष्ठतम कृति कही जा सकती है।
Hamare Dr. Hedgewarji
- Author Name:
Shyam Bahadur Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Indian Mujahideen
- Author Name:
Brij Lal
- Book Type:

- Description: India was divded because of the obduracy of Jinnah, and in August 1947 India was partitioned and a separate country Pakistan came into existence. The demand for creation of a separate Islamic country for Muslims by dividing India was being raised since 1940. Babasaheb Dr. Bhimrao Ambedkar believed that the partition of India into two countries on religious lines was not practically possible, and such a partition would be more harmful for humanity than the Nation, and lead to large-scale violence, which actually happened. Dr. Ambedkar believed that Hindus and Sikhs in the newly-created nation of Pakistan should come to India, and Muslims in India should go to Pakistan, an Islamic country created on religious lines. Despite so many years have passed, some terrorist organisations (state actors) such as Indian Mujahideen, Lashkar-e-Tayyiba, Jaish-e-Muhammed, Hizbul Mujahideen etc. have continu- ously waged a war against India and have gone forward to destabilise and disturb our socio-economic situations. This book takes an in-depth look at the heinous misdeeds of the 'Indian Mujahideen', the masterminds of Islamic terrorism, who created an army of Islamic Jihadis whose brutal and bestial acts have put humanity to shame. These heretics have worked to bring the world to its knees by creating an atmosphere of fear and intimidation by making videos of their heinous inhuman acts of torture and broadcast- ing them across the world. A well-researched readable book exposing the activities, mechanisms, working style and dangerous intentions of the terrorist organisation 'Indian Mujahideen', which has become synonymous with terror.
Bazar Ke Bazigar
- Author Name:
Prahlad Agarwal
- Book Type:

- Description: कहिए कि हिन्दी सिनेमा का नया सुनहरा दौर शुरू हो चुका है। एक बिलकुल नई जगमगाती पीढ़ी समूचे परिदृश्य पर क़ब्ज़ा जमा चुकी है। उसने तमाम शक-शुब्हा नेस्तनाबूद कर अपनी फ़िल्मों में लोकप्रिय चरित्रों की ऐसी बुनियादें डाली हैं जिसने बीसवीं शताब्दी के तमाम प्रतिमानों की चूलें हिला दी हैं। स्थापित प्रतिमानों को ख़ारिज करने की जहमत उठाने में इसकी कोई रुचि नहीं है। वह उन प्रतिमानों को अपने दौर के साथ खड़ा करती है। और उनसे एक क़दम आगे जाकर। कई मायनों में सौ क़दम पीछे रहते हुए भी। वह जिसे प्रथम पुरुष कहा जाता है, कोई चालीस साल बाद अपनी किताबी ज़ुबान की चौहद्दी से बाहर निकला है। आज आशुतोष गोवारीकर, संजय लीला भंसाली, मधुर भंडारकर, राजकुमार हीरानी, करन जौहर और आदित्य चोपड़ा उन फ़िल्मकारों के नाम हैं जिनकी फ़िल्में सिर्फ़ सितारों के नाम से नहीं पहचानी जातीं। आज फिर परिदृश्य सुनहरे दौर की तरह ही भरा-पूरा है। इसमें कोई शक नहीं कि यह एक नए सुनहरे दौर की शुरुआत है। लेकिन बस शुरुआत।
Sadho Ye Utsav Ka Gaon
- Author Name:
Abhishek Upadhyay +2
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Prithvi
- Author Name:
Chandramani Singh
- Book Type:

-
Description:
पृथ्वी जैसी हमें दिखती है वैसी अतीत में नहीं थी और न ही भविष्य में रहेगी। धरती पर तरल जल का होना ही इसे ब्रह्मांड में विशिष्ट बना देता है। सौरमंडल में किसी भी ग्रह अथवा उनके उपग्रहों के धरातल पर तरल जल उपलब्ध नहीं है। तरल जल का सीधा सम्बन्ध जीवन से है। पृथ्वी की वे परिस्थितियाँ जिन्होंने महासागरों तथा वायुमंडल का निर्माण होने दिया और उन्हें क़ायम रखा, अन्य ग्रहों पर नहीं है। परन्तु ब्रह्मांड बहुत विशाल है, और असंख्य ग्रह दूसरे सितारों के चारों ओर उसी तरह परिक्रमारत हैं जैसे हमारे सौरमंडल के ग्रह। अतएव उनमें से कुछ ग्रहों पर तरल जल के महासागरों एवं पृथ्वी जैसी परिस्थितियों के होने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। और यदि ऐसा है तो वहाँ जीवन भी होगा ।
कैसा होगा धरती का भविष्य? टेक्टानिक गतिविधियों से अनुप्रेरित महाद्विपीय संरचना अगले 25 से 35 करोड़ वर्षों में एक बृहत् अखंडित महाद्वीप का रूप ले सकती है, जैसा कि अतीत में एक से अधिक बार हो चुका है। अगले चार अरब वर्षों में सूर्य की चमक क्रमबद्ध ढंग से बढेगी जिसका अर्थ है कि पृथ्वी को अधिक ऊर्जा मिलेगी जिसके कारण सिलिकेट खनिजों का कालाधारित क्षरण अधिक होगा जिससे धरती का कार्बन-सिलिकेट-चक्र प्रतिकूलत: प्रभावित होने लगेगा जिसके फलस्वरूप वायुमंडल में कार्बन-डाईऑक्साइड गैस का स्तर गिरेगा। धीरे-धीरे वनस्पतियों का लोप होता जाएगा और वानस्पतिक खाद्य-शृंखला टूट जाएगी जिससे उन पर आधारित समस्त प्राणि जगत् के अस्तित्व पर ही संकट आ जाएगा।
‘पृथ्वी’ विज्ञान के कई रहस्यों से पर्दा हटाती एक बेहद महत्त्वपूर्ण पुस्तक है।
Deerghtama
- Author Name:
Suryakant Bali
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...