Hindi-Angrezi Abhivyakti Kosh
Author:
Dr. Kailash Chandra BhatiaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 720
₹
900
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789352663316
Pages: 430
Avg Reading Time: 14 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Apratim Bharat
- Author Name:
Shri Bhagwat Pariwar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MAHAKAVI RAMDHARI SINGH DINKAR
- Author Name:
Kapil
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
A Pocket Guide to the Six Systems of Indian Philosophy
- Author Name:
Moloy Kumar Bannerjee
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Towards Perfection Book by Swami Avdheshanand Giri
- Author Name:
Swami Avdheshanand Giri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
A Syntactic Grammar of Hindi
- Author Name:
Prof Suraj Bhan Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ye To Hona Hi Tha
- Author Name:
Malti Joshi
- Book Type:

- Description: मैंने बहुत पहले अपनी एक कहानी में लिखा था कि बड़े आदमियों की बेटियाँ देखकर नहीं, तौलकर ब्याही जाती हैं। यह सच है। क्योंकि कई लोग रुपयों की चकाचौंध में अपनी विचारधारा खो बैठते हैं । पर कई बार ऐसा जान-बूझकर किया जाता है और कह दिया जाता है कि हमें चाय में कुछ पिला दिया था, जिससे हमारी मति भ्रष्ट हो गई थी। खासकर महिलाएँ इस विषय में बड़ी निपुण होती हैं । वे जान-बूझकर साधारण रूप- रंग वाली कन्या ब्याह कर ले जाते हैं। उन्हें डर होता है कि वह अगर रूपवती हुई तो बेटा उसके रूपजाल में उलझकर परिवार की अनदेखी कर देगा। फिर वे बहू के दहेज पर कुंडली मारकर बैठ जाते हैं, ताकि उसे अपनी बेटियों के काम में ले सकें। फिर बहू के रूप-रंग की आलोचना करती रहती हैं। उसे नाना विशेषणों से नवाजा जाता है, ताकि उसका मनोबल टूट जाए। वह टी.बी. से ग्रस्त हो जाए और खास बात यह कि वह बेटे के मन से उतर जाए। पर विवेकशील पुरुष पत्नी के सम्मान के लिए अपनों से भिड़ जाता है। उसका स्नेह और संबल पत्नी को टूटने नहीं देता, हारने नहीं देता। क्योंकि पति का हाथ अगर पीठ पर हो तो वह बड़े-से-बड़ा दुःख आसानी से झेल जाती है। हिंदी के सुप्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित लेखिका मालती जोशी की नवीन कहानियों का अद्भुत संकलन। ये कहानियाँ आपके मर्म और अंतर्मन को छू जाएँगी और आपकी संवेदना को झंकृत कर देंगी।
Ramakrishna Paramhans
- Author Name:
Pradeep Pandit
- Book Type:

- Description: गंगा के किनारे बसा बेलूर मठ अब भी अपने परमहंसी स्वरूप में है। रामकृष्ण का कमरा, उनकी चारपाई सबकुछ वैसा ही है जैसा कभी था। नहीं है तो रामकृष्ण की वह देह, जिसके जरिए उन्होंने अध्यात्म के अनेक अभ्यास किए और संसार को प्रायोगिक भक्ति की प्रामाणिकता से अवगत कराया। परमहंस के पहले और बाद में भक्ति सिर्फ याचक की याचना से ज्यादा नहीं रही; लेकिन रामकृष्ण ने भक्ति के शाब्दिक कायांतरण के प्रमाण उजागर किए। भक्ति के उनके प्रयोगों की दुनिया शब्द, अर्थ, ध्वनि के आकाशों से घिरी हुई दुनिया है, जिसकी शुरुआत रामकृष्ण स्कूली जीवन में ही कर चुके थे। भक्ति एक भाव है, स्थिति है, इसलिए उसमें गणित नहीं होता। होता है तो सिर्फ भरोसा और विश्वास। रामकृष्ण अपने स्कूली जीवन में गणित में कमजोर थे, पर उस समय भी वे धार्मिक या धर्म पर बोलनेवाले संतों, महात्माओं को सुनते और अपने दोस्तों को ठीक वैसा ही सुनाकर चकित कर देते। उन्हें रास आता था सिर्फ अध्यात्म का रास्ता। भारत के आध्यात्मिक महापुरुषों में अग्रणी रामकृष्ण परमहंस की पूरी जीवन-यात्रा इस लौकिक जगत् को अतार्किक और अबूझ जगत् से नि:शब्द जोड़ने की यात्रा है। रामकृष्ण परमहंस के जीवन को जानने-समझने में सहायक एक उपयोगी पुस्तक।
Deshbhakton Ki Amar Kahaniyan
- Author Name:
Chitra Garg
- Book Type:

- Description: हमारे राष्ट्र के निर्माण में अनेक महान देशभक्तों व क्रांतिवीरों का योगदान रहा है। चाहे राष्ट्र का स्वावलंबन हो, स्वतंत्रता संग्राम हो या स्वाभिमान, सभी में देशभक्तों ने अमूल्य योगदान दिया है, जिससे नए भारत का निर्माण हो सका। अनेक क्रांतिकारियों ने देश की स्वाधीनता हेतु अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनकी जीवन-स्मृति व योगदान हमारी अमूल्य धरोहर है। उनके जीवन की कहानियाँ हमारे अंदर देशप्रेम की भावना जाग्रत करके हमें राष्ट्र-निर्माण में सहयोग देने के लिए प्रेरित करती हैं। प्रस्तुत पुस्तक में माँ भारती के कुछ अमर सपूतों के जीवन से संबंधित प्रेरणाप्रद घटनाओं को कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुछ देशभक्तों के नाम जाने-पहचाने हैं और कुछ पूरी तरह अपरिचित हैं। दरअसल अनेक क्रांतिकारी वीरों को हमारे देश ने विस्मृत कर दिया है। एक ही पुस्तक में बहुत सारे क्रांतिवीरों और देशभक्तों की कहानियाँ पाठकों को रोचक अंदाज में प्रस्तुत करने का यह विनम्र प्रयास है। वर्तमान और भावी पीढिय़ों को अपने हुतात्माओं, क्रांतिवीरों और देशभक्तों के त्याग, समर्पण तथा राष्ट्रभक्ति से परिचित करानेवाली पठनीय कृति।
Tulsi Ke Hiye Heri
- Author Name:
Vishnukant Shastri
- Book Type:

- Description: भारतीय जीवन-दृष्टि को रूपायित, व्याख्यायित एवं परिष्कृत करने वाला संत तुलसीदास का काव्य आज भी देश की जनता के मन-प्राण में समाया हुआ है। ध्यान देने की बात तो यह है कि शिक्षित और अशिक्षित सभी उसे समान आदर और सम्मान देकर भावविभोर होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने ठीक ही कहा है कि ‘गहि न जाइ अस अद्भुत बानी।’ वस्तुतः तुलसी-काव्य में इतना मर्म और भारतीय संस्कृति का व्यापक फलक समाहित है कि उसमें नयी-नयी प्रेरणाओं के अनन्त स्रोत समाहित हैं। उनकी काव्य-सरिता में अवगाहन करने वाले को सदा नयी स्फूर्ति और नयी चेतना मिलती रहेगी। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने विनम्र भाव से तुलसी-काव्य के मर्म तक पहुँचने की बात कही है लेकिन सच्चाई यह है कि उसकी आत्म-निमग्नता और सांस्कृतिक दृष्टि ने अप्रतिम सफलताएँ प्राप्त की हैं। इसमें तनिक भी संदेह नहीं कि तुलसी-काव्य के प्रेमियों को इस पुस्तक से अपार तुष्टि प्राप्त होगी।
Amirt
- Author Name:
Hare Krishna Jha
- Book Type:

- Description: समकालीन मैथिली कविताक एक टा महत्त्वपूर्ण स्तंभ हरे कृष्ण झाक गद्य-लेखन मात्रा मे कम अवश्य छनि, मुदा कविक गद्यक विशिष्टता सभ सँ भरल-पुरल आ विचारशील लेखनक लेल एक टा नीक बानगी जकाँ। एहि पुस्तक मे हिनक कुल सात गोट आलेख छनि जाहि मे सँ एक हुनक कविता-संग्रह 'एना त नहि जे'क भूमिका थिक आ से अपन कथ्य-शिल्प मे हुनक आत्मकथ्य सदृश्य लगैत अछि। एक टा आरो भूमिका अछि जे विटमनक कविताक अनूदित पोथी 'ई थिक जीवन' लेल लिखल गेल छल। एहि आलेख सँ विश्व कविताक परिप्रेक्ष्य मे कवि-अनुवादक हरे कृष्ण झाक दृष्टि केँ बढिय़ा जकाँ बुझल जा सकैछ। अंतिम आलेख हुनक एक टा भाषणक अविकल प्रस्तुति थिक शेष चारि टा लेख मैथिली आलोचनाक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि थिक। चारि मे सँ एक लेख थिक राजकमल चौधरीक कविता 'महावन' पर केंद्रित जे कि 'अंतिका'क राजकमल विशेषांक मे छपल छल आ कैक टा नव अर्थक संधान करैत ई लेख स्वतंत्र रूप सँ एक कविता पर केंद्रित आलोचनाक उत्कृष्ट आ विरल उदाहरण अछि। दोसर लेख धूमकेतुक प्रसिद्ध कथा 'छठि परमेसरी' पर केंद्रित मैथिली मे अपना तरह विशिष्ट प्रयास थिक। मनुक्खक जीवन धर्मक चक्र मे फँसि क' कोना लहूलुहान होइत अछि आ बजार तकर कोना दोहन करैत अछि, हरे कृष्ण जी तकर व्याख्या खूब गहींर जाक' सविस्तार कयलनि अछि। तकरा बाद रामकृष्ण झा 'किसुन' आ मायानंद मिश्रक कथा पर केंद्रित हुनक दू गोट महत्त्वपूर्ण आलोचनात्मक लेख छनि। जहिना सूझ-बूझ संग ओ किसुन जीक कथाक मर्म केँ बुझबाक प्रयास करैत छथि, प्राय: ओही आत्मीयता संग मायानंद मिश्रक कथाक सूक्ष्म पड़ताल सेहो करैत छथि। हरे कृष्ण झाक ई पुस्तक जत' हुनक विचार आ साहित्य-सरोकार केँ बुझै-जानैक कुंजी दैत अछि, ओतहि हुनक आलोचना भविष्यक आलोचक केँ बेसी ऊहिक संग काज करबाक लेल प्रेरित सेहो करैत अछि। —गौरीनाथ
BPSC TRE 3.0 Bihar Teacher Recruitment Class 9-10 "हिंदी भाषा" Hindi | 20 Practice Sets (Hindi)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindu Charmakar Jati
- Author Name:
Dr. Bizay Sonkar Shastri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindi Patrakarita Ka Itihas
- Author Name:
Jagdish Prasad Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bahuaayami Kisunji
- Author Name:
Kedar Kanan +1
- Book Type:

- Description: प्रतिगामी सोच आ पतनशील परम्पराक दलदल मे फँसल मैथिल समाज आ ओकर प्राचीन मूल्य-मान्यता वला तथाकथित शाश्वत साहित्य केँ नव दिशा देबाक संगहि एक टा नव जमीन तलाशक जे काज साठि-सत्तरक दशक मे किसुनजी कयलनि, से साइत पछिला सत्तर साल मे केओ नइँ क सकलाह। एक्कैसम शताब्दी मे आइ किसुनजीक नव कविताक सोच भने नव नइँ लागय, मुदा ई वैह जमीन थिक जकरा तोडि़ क एक समय अग्निजीवी पीढ़ी अपना ढंगे लेखनक दिशा तय करक यथासंभव प्रयास कयलक आ आगाँ चलि क 'अंतिकाक दौर मे हमरा सभ व्यापक अर्थ मे प्रगतिशीलताक संग बहुत साहस सँ अस्मितावादी विमर्श—दलित-विमर्श, स्त्री-विमर्श, यौनिकता-विमर्श—केर सेहो बात करैत छी। आइ जखन कि फेर सँ यथास्थितिवादी, वैदिक कर्मकांडी मूल्य-मान्यतावला सोचक आग्रही प्रबल भ उठल अछि; बहुत रास कवि-कथाकार अपना लेखन मे लोक-परम्परा आ 'खाँटी मैथिलपनक नाम पर पुनरुत्थानवादी मूल्य-मान्यता, बिम्ब आ प्रतीक लादने जा रहल अछि। सायास स्त्री केँ अनुगामिनी आ पारंपरिक, कर्मकांड केँ उपयोगी, मुस्लिम केँ सन्देहास्पद, दलित केँ निठल्ला आ कृषि-विरोधी देखेबाक प्रचलन मैथिली मे एम्हर खूबे बढ़ल अछि। एकर प्रतिकार लेल किसुनजीक प्रयास हमरा सभक सोझाँ प्रेरक जकाँ अछि—हम सब नव तरहें, मुदा सामूहिक प्रयास करी। भविष्यक बाट पर सँ काँट-कूस हटेबा लेल जखन फेर सँ संघर्षक बेगरता भ गेल अछि; किसुनजी पर लिखित अनेक लेखकक संस्मरण आ मूल्यांकनपरक लेख सँ भरल ई संपादित किताब पढ़ब साइत बहुत उपयोगी सिद्ध हैत। —गौरीनाथ
Indian Economy for Civil Services and other Competitive Examinations
- Author Name:
Dr. Birendra Prasad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Life and Times of Veer Savarkar
- Author Name:
A.K. Gandhi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rani Durgavati
- Author Name:
Shankar Dayal Bhardwaj
- Book Type:

- Description: "कैसा विचित्र समय था? जब हिंदू राजाओं ने अकबर की अधीनता स्वीकार करने के बारे में विचार करना ही त्याग दिया था। वे सीधे शरणागत हो रहे थे। रानी दुर्गावती की दृढ़ता, शासन करने की शैली तथा प्रजा-रंजन बादशाह अकबर को भी चिढ़ाता था। एक विधवा रानी का सुयोग्य शासन उसे खटक रहा था। अकबर ने संदेश भेजा—रानी, पिंजरे में कैद हो जाओ, तभी सुरक्षित रहोगी और वह पिंजरा होगा, मुगल बादशाह अकबर का। सोने का ही सही, पर पिंजरा तो पिंजरा होता है। गुलामी तो गुलामी होती है। कितना निकृष्ट संदेश रहा होगा? रानी दुर्गावती ने इस संदेश के उत्तर में अकबर को उसकी औकात बता दी। रानी संस्कृति की पूजक थीं, ‘गीता’ रानी का प्रिय ग्रंथ था। वह पंडितों से नियमित गीता प्रवचन सुनती थीं। रानी जीना भी जानती थीं और मृत्यु का वरण करना भी। उन्हें पुनर्जन्म पर भी विश्वास था। वह देशाभिमान भी जानती थीं और युद्ध के मैदान में रणचंडी बनना भी। ऐसी मनस्विनी रानी अकबर की नौकरानी कैसे बन सकती थीं? दुर्गावती की गाथा गोंडवाना की लोककथाओं में जीवित है, उन्हें जन-जन पूजता है। महारानी दुर्गावती के जीवन-चरित्र को अनेक लेखकों ने लिखा है। दुर्गावती के बलिदान स्थल से जन्म स्थल तक अनेक अभिलेख, आलेख तथा पुरातत्त्व के अवशेष मिल जाते हैं। दुर्गावती शोध संस्थान, जबलपुर ने रानी दुर्गावती के जीवन-चरित्र और उनके रेखांकित स्थलों पर अनुसंधान भी किया है। दुर्गावती का जीवनवृत्त सुना, समझा और पढ़ा जा रहा है। देशाभिमानी, निर्भीक, साहसी क्षत्राणी और विदुषी रानी दुर्गावती का प्रामाणिक जीवन-चरित है यह उपन्यास।
UPSSSC Stenographer Main Exam - 2025 (Mukhya Pareeksha) 20 Practice Sets With Latest Solved Papers
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jeevon Ka Sansar Anokha
- Author Name:
S.K. Trivedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nardiya Sanchar Neeti "नारदीय संचार नीति" (The Philosophy of Communication of the Narada) Book in Hindi
- Author Name:
Jay Prakash Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.