Bharat Ka Rashtradharm
Author:
Aanand AadeeshPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789355629272
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Modi Hai To Mumkin Hai
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Think And Grow Rich (Hindi Translation of Think And Grow Rich)
- Author Name:
Napoleon Hill
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahakati Bagiya
- Author Name:
Smt. Shubhangi Bhadbhade
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JAWAHAR LAL NEHRU
- Author Name:
S.K. Agrawal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Magic in You
- Author Name:
Ratneshwar K. Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Trade and Grow Rich (Hindi Translation)
- Author Name:
Indrazith Shantharaj, Kirankumar Nayak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jahalat Ke Pachas Saal
- Author Name:
Shrilal Shukla
- Book Type:

- Description: श्रीलाल शुक्ल के रचना संसार की सबसे बड़ी शक्ति है—व्यंग्य। शायद ही कोई दूसरा लेखक हो जिसने व्यंग्य का इतना विपुल, विविध और बहुआयामी उपयोग किया हो। ऐसे अद्वितीय लेखक श्रीलाल शुक्ल के लगभग सभी व्यंग्य निबन्धों का संग्रह है—'जहालत के पचास साल’। इस तरह देखें तो इस पुस्तक का प्रकाशन हिन्दी जगत में एक महत्त्वपूर्ण घटना तो है ही, यह एक अति विशिष्ट लेखक श्रीलाल शुक्ल के व्यंग्य की दुनिया को भली-भाँति जानने, समझने और उसमें सैर करने का दुर्लभ अवसर भी जुटाता है। 'जहालत के पचास साल’ की रचनाएँ आधुनिक भारत के महान से महान व्यक्तियों, संस्थाओं, अवधारणाओं, घोषणाओं, नारों की भी गल्तियों को नहीं बख्शतीं। समाज, सभ्यता और संस्कृति के किसी भी हिस्से की चूक पर श्रीलाल शुक्ल के व्यंग्य की बेधक मार के निशानों से भरी पड़ी है यह किताब। यह कहने में हर्ज नहीं कि यदि आ$जादी के बाद के भारत का असली चेहरा देखना हो तो वह समाजशास्त्र और पत्रकारिता से भी ज्यादा प्रामाणिक और चाक्षुष दिखेगा 'जहालत के पचास साल’ में। 'जहालत के पचास साल’ की रचनात्मक उत्कृष्टता का एक स्रोत यह है कि इसके व्यंग्य और हल्के-फुल्केपन के पीछे श्रीलाल शुक्ल का गहन अध्यवसाय, समय की सच्ची समझ और मनुष्यता के प्रति गहरे सरोकार का बल सक्रिय रहता है। इस संग्रह की रचनाएँ औसत समाज और औसत व्यंग्य-लेखन—दोनों को—कड़ी चुनौती देती हैं और फटकार लगाती हैं। संक्षेप में कहा जाए तो 'जहालत के पचास साल’ में भारतीय सत्ता और समाज की कारगुजारियों से सीधी भिड़ंत है। इस लड़ाई में भाषा के लिए एक से बढ़कर एक अमोघ अस्त्र तैयार करते हैं श्रीलाल शुक्ल।
1984 : International Bestseller “1984 by George Orwell”
- Author Name:
George Orwell
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hamare Sudarshanji
- Author Name:
Baldev Bhai Sharma
- Book Type:

- Description: "संघ के पंचम सरसंघचालक पूज्य सुदर्शनजी का ऋषितुल्य जीवन भौगोलिक व मत-पंथ की सीमाएँ लाँघकर देश-विदेश के लक्षावधि अंतःकरणों में एक प्रेरणापुंज के रूप में बसा है। हमारे ऋषियों ने कहा, ‘यानि अस्माकं सुचरितानि तानि त्वया सेवितम्’ यानी उनके जीवन के जो आदर्श हैं, सुचरितरूप श्रेष्ठ जीवन-मूल्य जिन्हें उन्होंने जिया, वह सद्मार्ग जिस पर चलकर उन्होंने मानवता के उच्च मानदंड स्थापित किए, उन्हें उनकी आनेवाली पीढ़ी यानी हम अपने जीवन के आचरण में ढालें, ताकि हम उन सद्गुण-सदाचार से युक्त उदात्त जीवन-मूल्यों और संस्कारों से युक्त जीवन जी सकें। पूज्य सुदर्शनजी के ऐसे तपोनिष्ठ व संकल्पवान् राष्ट्रसेवी जीवन का सान्निध्य जिन असंख्य लोगों को मिला, वे स्मृतियाँ उनके हृदय को सुवासित किए हुए हैं। एक बालक से लेकर स्वयंसेवक बनने, कार्यकर्ता के रूप में ढलकर प्रचारक जीवन का असिधारा व्रत स्वीकारने और विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए पूज्य सरसंघचालक के रूप में प्रतिष्ठित होने की उनकी यात्रा बड़ी प्रेरणास्पद है। पूज्य सुदर्शनजी के जीवन की यह विविध पक्षीय प्रेरणा आनेवाले समय में राष्ट्र व समाज के सर्वतोमुखी उन्नयन हेतु लक्षावधि स्वयंसेवकों के लिए तो जीवंत रहे ही, समाज के अन्य वर्गों में भी उस जीवन-दृष्टि का विस्तार हो, यह महत् उद्देश्य ही इस ग्रंथ की रचना का आधार है। विश्वास है कि यह ग्रंथ पूज्य सुदर्शनजी की यश-काया को अक्षुण्ण रखेगा और सबके लिए राष्ट्रभक्ति व समाजसेवा का पाथेय बनेगा। "
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Rajniti Shastra Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Political Science Practice Sets in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindi Sahitya Ke Nirmata SADAL MISHRA
- Author Name:
Ashok Priyadarshi
- Book Type:

- Description: हिंदी के प्रथम गद्यकार सदल मिश्र का जन्म 1767 (अनुमानित) में आरा (बिहार) में हुआ था। फोर्ट विलियम कॉलेज, कलकत्ता में भाषा मुंशी के पद पर रहते हुए सदल मिश्र ने जॉर्ज गिलक्रिस्ट के कहने पर 'नासिकेतोपाख्यान' व 'रामचरित' लिखा। उन्होंने हिंदी को खड़ी बोली बनाया, जिसमें संस्कृत का प्रभाव कम था। सदल मिश्र ने हिंदी-परशियन शब्दकोश भी बनाया। उनकी मुख्य कृतियाँ हैं—'नासिकेतोपाख्यान' या 'चंद्रावती' (1803), 'रामचरित' (1806), 'फूलन्ह के बिछोने', 'सोनम के थंभ', 'चहुँदसि', 'बरते थे', 'बाजने लगा', 'काँदती हैं', 'गाँछों'।
All is Well
- Author Name:
Dr. Sneh Desai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Swayam Prakash ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Swayam Prakash
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Table Lamp
- Author Name:
Geet Chaturvedi
- Book Type:

- Description: “साहित्य को जीने की शक्ति देनेवाला माननेवाले गीत चतुर्वेदी का गद्य कई विधाओं को समेटता है : उसमें साहित्य, संगीत, कविता, कथा आदि पर विचार रखते हुए एक तरह का बौद्धिक वैभव और संवेदनात्मक लालित्य बहुत घने गुँथे हुए प्रकट होते हैं। उनमें पढ़ने, सोचने, सुनने-गुनने आदि सभी का सहज पर विकल विन्यास भी बहुत संश्लिष्ट होता है। एक लेखक के रूप में गीत की रुचि और आस्वादन का वितान काफ़ी फैला हुआ है। लेकिन उनमें इस बात का जतन बराबर है कि यह विविधता बिखर न जाए। उसे संयमित करने और फिर भी उसकी स्वाभाविक ऊर्जा को सजल रखने का हुनर उन्हें आता है।” —अशोक वाजपेयी
Rifleman Sanjay Kumar
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: Sanjay Kumar was born on March 3, 1976 in Kalol Bakain of District Bilaspur in Himachal Pradesh. Rank—Rifleman (Presently, Subedar Major) Unit—13 Jammu and Kashmir Rifles War—Kargil War (Operation Vijay – 1999) Award—ParamVir Chakra Recognition—Rifleman Sanjay Kumar is a paradigm of extraordinary bravery. His enemies were amazed and impressed by his incredible bravery. The enemy attacked from the hill and most of the soldiers from his team were martyred. There was a point of time when Sanjay was out of ammunitions, but this never stopped him. He could see his end right in front of his eyes, yet he acted with determination and courage and thus defeating death, he successfully completed the mission assigned to him.
But Marte Nahin
- Author Name:
Brahmaveer Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rajyoga : Swaroop evam Sadhna
- Author Name:
Yogi Adityanath
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BHAVISHYA KA BHARAT
- Author Name:
Nitin Gadkari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahila Adhikar
- Author Name:
Mamta Mehrotra
- Book Type:

- Description: यह समय ‘अस्मिता विमर्श’ का है। विमर्श सचेत करते हैं अधिकारों और दायित्वों के प्रति। विभिन्न स्तरों पर जारी ‘स्त्री विमर्श’ ने स्त्रियों से जुड़े अनेक सवालों को मुखर और प्रखर किया है। स्त्रियाँ स्वतंत्रता, सम्मान, समता और सहभागिता के लिए निरन्तर संघर्ष कर रही हैं। इस सन्दर्भ में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि भारत के संविधान ने महिलाओं को कौन-कौन से अधिकार दिए हैं। 'महिला सशक्तिकरण' को सच करते हुए क़ानून ने महिलाओं को क्या-क्या शक्तियाँ प्रदान की हैं। ज़ाहिर है कि इस लोकतंत्र में महिलाएँ यदि अपने अधिकारों को भली प्रकार जान जाएँ तो उनके 'अस्तित्व' का संघर्ष सरल और सकारात्मक हो जाएगा। ‘महिला अधिकार’ पुस्तक में ममता मेहरोत्रा ने मानवाधिकार को विश्व पटल पर रखकर स्त्री-प्रश्नों का विवेचन किया है। बीजिंग घोषणा-पत्र, वियना सम्मेलन—1993, भारतीय विधि आयोग की इक्कीसवीं रिपोर्ट के ज़रिए महिला अधिकारों के प्रति सामाजिक-वैधानिक सतर्कता का जायजा लिया गया है। सती प्रथा, डायन, विज्ञापन, मातृत्व, द्विविवाह, दहेज आदि पक्षों पर तर्कपूर्ण विचार करते हुए लेखिका ने इनके अनेक पक्षों का वर्णन किया है, विशेषत: क़ानूनी पक्ष का। पुस्तक की भाषा प्रवाहपूर्ण है, इसलिए पठनीयता भरपूर है। सचेत और सशक्त करती एक ज़रूरी किताब।
SHRI RAM KI ATMAKATHA
- Author Name:
Deokinandan Gautam
- Book Type:

- Description: श्रीराम लोकमानस में रचे-बसे हैं। इससे बड़ा सत्य यह है कि श्रीराम से पुराना कोई नाम नहीं है। श्रीराम के चरित्र से हजारों वर्षों से मानव ने स्वयं को पुनीत किया है। भगवान् श्रीराम के हृदय में तो मैत्रीभाव, सौहार्द भाव है। वे विरोधी के कल्याण की ही सोचते हैं। उनके हृदय में तो बस सबके लिए कल्याण-भाव है। भगवान् श्रीराम के मन में शत्रुभाव का नितांत अभाव है। उन्होंने अपना अनर्थ करनेवाले रावण के प्रति भी हमेशा उदारता दिखाई, समझाया और धर्म की रीति का पालन करते हुए धर्मयुद्ध में राक्षसों का संहार किया। ऐसे श्रीराम की राजकुमार से भगवान् के परमपद तक की जीवन-यात्रा साधना के साथ होना इस पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य रहा है। धैर्यशीलता, सत्यशीलता और कृपाशीलता की संयुक्त झलक श्रीराम के चरित्र में स्थान-स्थान पर मिलती है। उनके अवतरण से समाज में समभाव, और सत्यनिष्ठा, अद्वितीय कर्त्तव्य से पीडि़त, शोषित और वंचितों के सम्मान की श्रीवृद्धि हुई और समाज में जीवन-मूल्यों की स्थापना हुई। पुस्तक में श्रीराम के राजकुमार, ब्रह्मचारी, शिष्य, परिव्राजक, पुत्र, पति, वनवासी, जिज्ञासु, ऋषि-सत्ता के प्रति श्रद्धावान्, परम योद्धा, भ्राता, मित्र, शत्रु, राजा, त्यागी, मर्यादा पुरुषोत्तम आदि सभी रूपों में अनुकरणीय आदर्श के रूप में चरित्र को उकेरने का प्रयास किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक श्रीराम का अयोध्या के राजकुमार से भगवद्पद तक प्रेरक एवं पुनीत प्रस्तुतीकरण है।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.