Evening
Author:
NeerajPublisher:
Author'S Ink PublicationsLanguage:
EnglishCategory:
Literary-fiction1 Reviews
Price: ₹ 167.45
₹
197
Available
It is a story of an Indian boy--his innocent childhood, his fascinating family, his adventurous friendship, his adorable first crush, his struggles, his pain, and his journey to the ??? Let's keep it a suspense, shall we??? It is a touching story based on real life. and it gives its readers a meaningful experience. Nikhil is a small town boy, who is enjoying his childhood with his best friend, Akshay. He has a loving family and shares a special bond with his grandfather. As the kids grow up, they face their ups and downs, failure and success, pain and wisdom. It is a cute and fascinating story about childhood , friendship and love. It's a story about school life, and all the fun and drama associated with it. So, grab a copy and relive those innocent childhood moments! A good story leaves its readers with a beautiful experience, and justifies their effort of reading it. --- NEERAJ
ISBN: 9788194462118
Pages: 170
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Kandho Par Ghar
- Author Name:
Pragya
- Book Type:

-
Description:
काँधों पर घर दूर-दराज़ के इलाकों से अपने सपनों की गठरी बाँधकर दिल्ली आए लोगों की अनेक कहानियाँ कहता उपन्यास है। एक जीवन में अनेक पहचानों और अनेक संघर्षों से जूझते लोग इसमें नज़र आएँगे।
पूनम इन्हीं में से एक है जो अपने सूरज का हाथ थामकर बदायूं से दिल्ली चली आई। शहर के जीवन ने पूनम को एक सपना सौंपा और साथ सौंपा उसके सपने को अपना मानने वाले लोगों का अटूट भरोसा। इस तरह एक सपने में अचानक कई-कई सपने झांकने लगे। जीवन के आंधी-तूफान में पूनम ने एक छोटा-सा सपना साकार किया पर सपने और हकीकत के बीच संघर्षों का दरिया तेज़ तूफान लिए था। इन लोगों के पांव तले जमीन कच्ची थी पर पूनम, फरीदा, सुगंधा, मुनमुन, नेचू, पंकज और सूरज का हौसला पक्का था। ये ऐसे ही ज़िन्दादिल लोगों की कहानी है जो एक से दो, दो से तीन और आगे बढ़ते-बढ़ते एक काफिला बनाते चलते गए। अपने खून-पसीने से जिन्होंने दूसरों के लिए स्वर्ग रचे। ऐसे लोग जो शहर को शहर बनाते हैं पर शहर का भरा-पूरा आसमान अक्सर ज़मीन के इन लोगों की तरफ देखता भी नहीं।
ये कहानी दिल्ली के उस यमुना पुश्ते की कहानी है जिसका अपना एक इतिहास रहा है। वे लाखों लोग पुश्ते से हटाकर कहीं और बसा दिए गए पर वीरान पुश्ते में दबी आवाज़ें उस पूरे संसार को सामने ले आती हैं जो जीवन के आरोह-अवरोह की जीवंत शरणस्थली था। इनका जीवन जैसे विस्थापन के एक चक्र में उलझा रहता है। एक विस्थापन समाप्त होता है तो दूसरा शुरू हो जाता है।
Na Hanyante
- Author Name:
Maitriye Devi
- Book Type:

- Description: साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत मैत्रेयी देवी के आद्यन्त रसपूर्ण इस उपन्यास में प्रेम के अमर तत्त्व ने समय की अबाध गति को न केवल रोक दिया है, वरन् उसे अतीत की ओर मोड़ दिया है—बयालीस वर्ष पूर्व नवयौवन के निश्छल, निष्पाप प्रेम के सहज और अबोध दिनों की ओर। आज की पकी उम्र की श्वेत-केशिनी, झुर्रियों-भरे चेहरे और ढीले बदन की अमृता; बेटों-पोतोंवाली, सम्पन्न परिवार की सम्भ्रान्त अमृता एक ऐसे असमंजस का शिकार हो गई है, जिसे न तो वह छोड़ ही पा रही है और न अपने हृदय से भींच-बाँधकर रख सकती है। बयालीस वर्ष पहले वह सब कुछ, जो एक विदेशी छात्र को लेकर उसके साथ हुआ था, वह प्रेम ही था न! प्रेम नहीं था तो इस तरह, इस उम्र में, आज की परिस्थितियों में उसकी याद ने उसे इतना क्यों झकझोर दिया है? आधी सदी पहले सात समन्दर पार से आए उस अपरिचित से मिलने को आज वह एकाएक कातर क्यों हो उठी है और अपने अत्यन्त सहनशील पति से उसे एक बार देख आने की अनुमति क्यों चाह रही है? प्रेम जन्म-रहित है, शाश्वत व पुरातन है—शरीर का नाश होने पर भी वह नहीं मरता। न हन्यते हन्यमाने शरीरे।
Baadshahi Angoothi
- Author Name:
Satyajit Ray
- Book Type:

-
Description:
औरंगज़ेब तब बादशाह नहीं बना था, शहज़ादा ही था; जब उसे समरकन्द की एक लड़ाई पर भेजा गया। लड़ते हुए जब उसकी जान पर बन आई तो उसके सिपहसालार ने उसकी रक्षा की। इससे खुश होकर औरंगज़ेब ने उसे अपनी एक अँगूठी बख्श दी। सैकड़ों बरस बाद वही अँगूठी आगरा में उस सिपहसालार के खानदानवालों से प्यारेलाल नामक एक रईस ने ख़रीदी; और फिर वह उसे एक डॉक्टर को भेंट कर गया...
स्वाभाविक है कि ऐसी बेशकीमती अँगूठी को हड़पने के लिए चोर-डाकू भी उसके पीछे लगे। लेकिन उससे पहले ही वह कुछ इस प्रकार गायब हुई, मानो जादू हो गया हो!
और इसके बाद शुरू होती है उसे, बल्कि कहना चाहिए, उसे चुरानेवाले व्यक्ति को खोजने की रहस्यपूर्ण यात्रा।
एक प्रकार से देखा जाए तो यह जासूसी उपन्यास है, लेकिन सत्यजित राय सरीखे लेखक और फिल्मकार की रचना-दृष्टि इतने से ही सन्तोष नहीं कर सकती। यही कारण है कि बादशाही अँगूठी के गायब होने और उसे गायब करनेवाले को खोजते हुए वे लखनऊ, हरिद्वार और ऋषिकेश की ऐतिहासिक यात्रा भी कराते हैं।
कहना न होगा कि किशोर पाठकों को ध्यान में रखकर लिखा गया यह उपन्यास दिलचस्प भी है और ज्ञानवर्धक भी।
Vardhman
- Author Name:
Rajendra Ratnesh
- Book Type:

-
Description:
‘वर्द्धमान' शीर्षक यह उपन्यास लिच्छवियों के विशाल समृद्ध गणराज्य की राजधानी वैशाली में महाराजा चेटक के राजमहल के इन्द्रभवन जैसे मणिकांचन जड़ित स्फटिक भवन में वैशाली की महारानी सुभद्रा और सुभद्रा की ननद राजकुमारी त्रिशला के मनोविनोदपूर्ण परिहास से शुरू होकर पावापुरी में महाप्रभु के निर्वाण पर पूर्ण विराम लेता है। यही राजकुँवरी त्रिशला कुंडपुर में ब्याही गई और वर्द्धमान महावीर की माँ बनी।
महावीर के आयुकाल में विभाजन रेखाएँ स्पष्ट हैं। अपनी आयु के 28 वर्ष उन्होंने कुंडपुर में बिताए। बाल्यकाल से ही वे वीतराग होते चले गए। फिर 2 वर्ष वह अग्रज नन्दीवर्द्धन के आग्रह पर स्वयं को वहीं रोके रहे। 30 वर्ष की आयु में राजमहल से चल पड़े। ज्ञात खंड उद्यान के अशोक वृक्ष की छाया में उन्होंने सारे वस्त्र और आभूषण उतार दिए। तपस्या काल यहीं से शुरू हुआ। पूरे साढ़े बारह वर्ष परीषह और उपसर्ग सहते हुए सस्मित मौन तपस्वी रहे। पावापुरी से जंभियग्राम और वहीं ऋजुबालुका नदी के पास शालवृक्ष के नीचे उन्हें कैवल्य प्राप्त हुआ। वे केवली बने।
बाद के तीस वर्ष उन्होंने धर्मलाभ और पुण्यलाभ के निमित्त सारे संसार पर न्योछावर कर दिए।
उपन्यास के कथानक, उपन्यासों के पात्रों, राजनगरों, राजधानियों, राज्यशैलियों, प्रचलित परम्पराओं, पात्रों के नामों, सामाजिक स्थितियों, परिस्थितियों, सामान्य नागरिकों की मन:स्थितियों, यात्राओं, धर्मसभाओं, न्यायालयों, नारी जगत की संवेदनाओं, ईर्ष्याओं, वैर-बदलों, उपसर्गों, परीषहों, मन्दिरों, मदिरालयों आदि का अध्ययन करने पर लगता है कि मनस्वी डॉ. रत्नेश ने पचासों उपन्यासों को इस एक उपन्यास में महावीर को अपना कथानायक बनाकर लिखने की कोशिश की है। श्री रत्नेश अपनी प्रवाहमयी भाषा के लिए जाने जाते हैं। उस काल के अनुरूप संवादों और व्यवहारगत भाषा का ध्यान उन्होंने बराबर रखा है।
डॉ. राजेन्द्र रत्नेश की पुस्तक ‘वर्द्धमान’ का समग्र लेखन जैन आगम, जैन इतिहास, जैन पुराण और जैन मान्यताओं के अध्ययन तथा आधारभूमि पर है। डॉ. रत्नेश ने अपनी आयु का स्वर्णकाल एक जैन श्रमण या जैन मुनि के रूप में जिया है। उन्होंने साधु जीवन और मुनि जन्म का शैलीगत पालन किया है। आज वे एक सद्गृहस्थ और मेधावी पत्रकार तथा लेखक हैं। अपने दीर्घ अनुभव और अध्ययन से वे यदि 'वर्द्धमान' जैसा मात्र पठनीय ही नहीं, अपितु मननीय ग्रन्थ अपने समाज को सौंपते हैं तो यह बहुत सुखद फलित है।
Kalindi
- Author Name:
Shivani
- Book Type:

-
Description:
...“एक बुज़ुर्ग ने मुझे रोककर कहा—‘कालिंदी’ पढ़ रहा हूँ!...अहा कैसा चित्र खींचा है उन दिनों का। लगता है एक बार फिर उसी अल्मोड़ा में पहुँच गया हूँ।”
“मुझे लगा मुझे कुमाऊँ का सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार मिल गया।”...शिवानी के यह शब्द उपन्यास की पाठकों तक सहज पहुँच और स्वयं उनकी अपने लाखों सरल, अनाम पाठकों के प्रति अगाध समर्पण भाव का आईना है।
डॉक्टर कालिंदी एक स्वयंसिद्धा लड़की है, जिसने अपने जीवन के झंझावातों से अपनी शर्तों पर मुक़ाबला किया। कुमाऊँ की स्त्री-शक्ति के सुदीर्घ शोषण और उसकी अदम्य सहनशक्ति और जिजीविषा का दस्तावेज़ यह उपन्यास नए और पुराने के टकराव और पुनर्सृजन की गाथा भी है। शिवानी की मातृभूमि अल्मोड़ा और उस अंचल के गाँवों की मिट्टी-बयार की गन्ध से भरी कालिंदी की व्यथा-कथा भारत की उन सैकड़ों लड़कियों की महागाथा है, जो आधुनिकता का स्वागत करती हैं, लेकिन परम्परा की डोर को भी नहीं काट पातीं। अपने पुरुष उत्पीड़कों और शोषकों के प्रति भी अनथक स्नेह-ममत्व बनाए रखनेवाली कालिंदी और उसकी एकाकिनी माँ अन्नपूर्णा क्या आज भी देश के हर अंचल में मौजूद नहीं?
Ataichi-Rahasya
- Author Name:
Satyajit Ray
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahabhishag
- Author Name:
Bhagwan Singh
- Book Type:

-
Description:
‘महाभिषग’ शीर्षक से ही स्पष्ट है कि यह गौतम बुद्ध के जीवन पर आधारित उपन्यास है न कि भगवान बुद्ध के। बुद्ध को भगवान बनानेवाले उस महान उद्देश्य से ही विचलित हो गए थे, जिसे लेकर बुद्ध ने अपना महान सामाजिक प्रयोग किया था और यह सन्देश दिया था कि जाति या जन्म के कारण कोई किसी अन्य से श्रेष्ठ नहीं है और कोई भी व्यक्ति यदि संकल्प कर ले और जीवन–मरण का प्रश्न बनाकर इस बात पर जुट जाए तो वह भी बुद्ध हो सकता है।
‘महाभिषग’ इस क्रान्तिकारी द्रष्टा के ऊपर पड़े देववादी खोल को उतारकर उनके मानवीय चरित्र को ही सामने नहीं लाता, यह देववाद के महान गायक अश्वघोष को भी एक पात्र बनाकर सिर के बल खड़ा करने का और देववाद की सीमाओं को उजागर करने का प्रयत्न करता है। इतिहास की मार्मिक व्याख्या वर्तमान पर कितनी सार्थक टिप्पणी बन सकती है, इस दृष्टि से भी यह एक नया प्रयोग है।
Flamingos Beyond Pink
- Author Name:
Kanika Israni Karda
- Rating:
- Book Type:

- Description: What would you do if your new beginning seems to be the end of something precious, if you lose the only person you’ve ever had as family, if the cost of the love you seek is compromising on who you are? Kavya On some days in your life, you don’t get a say in what happens to your dreams, you just have to swallow the lump in your throat and the pain in your heart and just let life lead you to the place it’s meant to. Maahi The most basic thing about tragedy is, that it stuns you into the kind of grief, that your entire life, the things that mattered to you, the things that used to upset you, concern you or made you happy seem like a huge bunch of lies. Ananya I believe there is a certain point in a person’s life, where they sincerely, almost desperately wish for a magic wand or a mystical creature to shed some light on what went wrong. A state where your entire world is overshadowed by the fact that you failed. And while, no one openly blurts it out on your face, you can feel it by the way people look at you. On a sudden trip to Srinagar, they find each other. Will they be able to find themselves? Flamingos Beyond PINK is a striking tale of self-discovery, heartbreak, longing, friendship and courage. The courage it takes to become who you are.
Kagaj Ki Nav
- Author Name:
Krishna Chander
- Book Type:

-
Description:
उर्दू और हिन्दी में समान रूप से समादृत कथाकार कृश्न चन्दर का उपन्यास ‘काग़ज़ की नाव’ उनकी सशक्त लेखनी का मुखर साक्षी है। एक दस रुपए के नोट की आत्मकथा के माध्यम से उन्होंने इस उपन्यास में समाज के विभिन्न पक्षों के विभिन्न अंगों का चित्र बड़ी सरसता एवं स्पष्टता से खींचा है। आज की जीवन-प्रणाली में नोट इतना प्रधान हो गया है कि उसके आगे सभी अन्य वस्तुएँ धुँधली नज़र आती हैं। किसी की ख़ुशी का वादा एक नोट है, किसी की मुहब्बत का धोखा नोट है, किसी की मजबूर मेहनत का एक पल नोट है, तो किसी की प्रेमिका की मुस्कान भी एक नोट ही है। सच तो यह है कि संसार का हर व्यक्ति अपने जीवन के प्रति क्षण को नोट—यानी काग़ज़ की नाव में खेये चला जा रहा है। शायद यह नोट काग़ज़ का एक पुर्जा नहीं, इस युग की सबसे महत्त्वपूर्ण वस्तु है।
निस्सन्देह, आज के युग-यथार्थ की अगर कोई शक्ल है तो यही काग़ज़ की नाव। कृश्न चन्दर की प्रवाहमयी भाषा-शैली ने इसे जिस तेज़ी से घटनाओं की उत्ताल तरंगों पर तैराया है, उसका रोमांच बहुत गहरे तक पाठकीय भाव-संवेदन का हिस्सा बन जाता है।
Tapaswini
- Author Name:
K. M. Munshi
- Book Type:

-
Description:
भारतीय साहित्य में कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का अप्रतिम महत्त्व है। वे केवल गुजराती भाषा के नहीं, अपितु समस्त भारतीय भाषाओं के प्रतिनिधि रचनाकारों में से एक हैं। हिन्दीभाषी समाज के लिए तो वे जैसे अपने ही रचनाकार हैं। भारतीय पौराणिक आख्यान और इतिहास उनकी रचना-भूमि है। एक ओर उन्होंने ‘भगवान परशुराम’ और ‘कृष्णावतार’ जैसे पौराणिक आख्यानों का सृजन किया, वहीं ‘जय सोमनाथ’ जैसे वृहत् ऐतिहासिक उपन्यास की रचना की।
‘तपस्विनी’ मुंशी जी की एक ऐसी अमर रचना है जिसमें 1857 से लेकर 1947 तक का कालखंड समाहित है। भारतीय स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती वर्ष में इस कृति का इसलिए भी अधिक महत्त्व है कि इसमें स्वतंत्रतापूर्व की राजनीतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ समाहित हैं। इतिहासबद्ध न होने पर भी इस कृति के ऐतिहासिक महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता। स्वतंत्रतापूर्व और स्वतंत्रता-पश्चात् की स्थितियों के तुलनात्मक अध्ययन में यह कृति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मानवीय संवेदनाओं का सूक्ष्म चित्रण और भाषिक तरलता मुंशी जी के लेखन की विशिष्टता है।
इतिहास को विषयवस्तु बनाते हुए भी मुंशी जी मानवीय व्यवहार को घटनाओं से अधिक महत्त्व देकर एक तरह से समाजशास्त्रीय इतिहास की रचना करते हैं। प्रस्तुत उपन्यास भी इसी तरह का सामाजिक इतिहास रचता है। निस्सन्देह, यह कथाकृति लेखकीय दायित्व-बोध, विलक्षण प्रतिभा और कमनीय कल्पना का अपूर्व सामंजस्य प्रस्तुत करती है।
Agnibeej
- Author Name:
Markandey
- Book Type:

- Description: 'अग्निबीज' में प्रस्तुत कथा-योजना का समय स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद का है। उत्तर भारत के सामाजिक-राजनैतिक जीवन और यहाँ की असह्य वर्ण व्यवस्था का उस पर प्रभाव इस उपन्यास का मुख्य विचार तत्व है। इसी कारण इसके नायक तीन ऐसे पात्र बनाए गए हैं जो अल्पवय हैं और पिछड़ी तथा निचली जातियों से आते हैं। श्यामा, जो एक विक्षिप्त स्वतंत्रता सेनानी की कन्या है, इन बाल पात्रों में सर्वाधिक जागृत है। श्यामा के पिता को, स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान पुलिस की लाठियों और यातनाओं गूँगा बना दिया है। उनका भाई उनकी कृति और त्याग का पूरा फ़ायदा उठाता है और राजनीति तथा सामाजिक जीवन में निरन्तर लन्द-फन्द करके एक महत्त्वपूर्ण कांग्रेस नेता बन जाता है। 'अग्निबीज' का सत्य उत्तर भारत के ग्रामीण जीवन का ऐसा मुखर सत्य है जिसके कारण उच्च जातियों के बुद्धजीवियों और आलोचकों ने इस उपन्यास के विचार तत्व को एक रूप तले दबाने का प्रयत्न किया लेकिन इसके व्यापक प्रभाव को रोक पाना, उनके लिए सम्भव नहीं हो पाया। उपन्यास सारे देश में पढ़ा एवं सराहा गया और उसे अनेक विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों में पढ़ा रहे हैं। 'अग्निबीज’ की मुख्य उपलब्धि उसमें वर्णित उत्तर भारत के गाँवों का सामाजिक जीवन है। पिछड़ी जातियों और हरिजनों के दुःखद और यातनामय जीवन की जैसी झाँकी 'अग्निबीज' में चित्रित है, उसका दर्शन प्रेमचन्द को छोड़कर किसी अन्य कथाकार के यहाँ उपलब्ध नहीं है। ख़ुशी की बात तो यह है कि ‘अग्निबीज’ का सत्य स्वतंत्रता प्राप्ति के इतने वर्षों बाद पुन: उजागर हो रहा है। समाज के उपेक्षित वर्ण जागृत होकर देश की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने सामाजिक-राजनीतिक जीवन में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है।
Pehla Aadmi
- Author Name:
Albert Camus
- Book Type:

-
Description:
पहला आदमी कामू का अन्तिम उपन्यास है। एक प्रकार से यह उनकी आत्मकथात्मक कृति है।
1960 में हुई एक कार दुर्घटना में जब कामू की मृत्यु हुई तो उनके हाथ में थमे ब्रीफकेस में इस उपन्यास की पांडुलिपि थी; काफी कुछ अधूरी और असंशोधित।
कामू की पत्नी ने इसे प्रकाशित नहीं होने दिया था। कई वर्ष बाद 1993 में अपनी माँ के निधन के बाद कामू की पुत्री कैथरीन ने ‘पहला आदमी’ बिना किसी संशोधन के प्रकाशित करने का निर्णय लिया। चूँकि लिखने के दौरान कामू द्वारा पांडुलिपि पर अंकित टिप्पणियाँ और परिवर्तन के लिए स्वयं को दी गई हिदायतें भी प्रकाशित की गईं इसलिए यह उपन्यास कामू के शोधार्थियों के लिए अमूल्य दस्तावेज़ और विश्व साहित्य की एक महत्त्वपूर्ण घटना साबित हुआ। ‘पहला आदमी’ ने कामू के उन आलोचकों को भी शान्त कर दिया जो कहते थे कि ‘प्लेग’ के बाद कामू की सर्जनात्मक क्षमता चुक गई थी। ‘पहला आदमी’ में अपने पिता की खोज करता हुआ चालीस वर्षीय नायक जाक कारमॅरी अपने अतीत पर एक गहरी निगाह डालता है और अपनी अभाव से भरी ज़िन्दगी में भी जीवित रहने की गहरी इच्छा का परिचय देता है। कामू इस कृति में आत्मकथ्य के ज़रिए ग़रीबी का सामाजिक इतिहास रचते चले जाते हैं।
उपन्यास दो भागों में विभक्त है : ‘पिता की खोज’, और ‘पुत्र’। वह पिता जिसकी खोज नायक कर रहा है, कामू के पिता की तरह ही पहले विश्वयुद्ध में मारा जा चुका है। कारमॅरी की माँ का अनपढ़, बहरा, मितभाषी होना और चुपचाप यातनाएँ झेलते रहना पिता की खोज में उसी तरह बाधा डालता है जैसे कामू की माँ के स्वभाव ने उनके वास्तविक जीवन में बाधा डाली थी।
इस उपन्यास का शीर्षक ‘पहला आदमी’—चर्चा का विषय रहा है। कौन है यह पहला आदमी—पिता, पुत्र या वह अल्जीरिया निवासी, फ्रांसीसी या अरब या कोई भी वह निर्धन आदमी जिसकी मृत्यु के साथ उसका नाम-निशान तक मिट जाता है, कुछ शेष नहीं रहता? यह उपन्यास आपको भी यह उत्तर ढूँढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
दुनिया की लगभग सभी भाषाओं में अनूदित इस उपन्यास को सीधे फ्रेंच से हिन्दी में भाषान्तरित किया है डॉ. शरद चन्द्रा ने।
Jammu-Kashmir Ki Lokkathayen
- Author Name:
Gauri Shanker Raina
- Book Type:

- Description: जम्मू-कश्मीर में किस्से-कहानियों को सुनाने की परंपरा पुरानी है। ‘कथासरितसागर’ को कश्मीर में ही रचा गया था। इसके रचनाकार महाकवि सोमदेव ने जहाँ बैतालपचीसी, किस्सा तोतामैना तथा सिंहासनबत्तीसी के कथानक इसमें समेट लिये, वहीं भारतीय परंपराओं और संस्कृति को प्रस्तुत किया है। कश्मीर के राजा अनंतदेव के शासन काल में सोमदेव ने इसकी रचना रानी सूर्यमती के कहने पर 1070 ई. में की थी। विश्व के लोक-साहित्य में विचारों से भरे-पूरे और उत्कृष्ट माने जानेवाले जम्मू-कश्मीर की लोककथाओं का साहित्य सुननेवालों और प्राच्यविदों को वर्षों से प्रभावित करता आ रहा है। इन मौखिक कथाओं को कागज पर उतारने का उपक्रम 19वीं सदी में शुरू हुआ था। ये कथाएँ संस्कृति और समाज का परिदृश्य प्रस्तुत करने के साथ ही देवी-देवताओं, राजा-रानियों तथा साधारण व्यक्तियों के चरित्रों को प्रस्तुत करती हैं और संदेश भी देती हैं। ये लोककथाएँ प्रेरणादायक भी हैं और मनोरंजक भी।
Himmat Jounpuri
- Author Name:
Rahi Masoom Raza
- Book Type:

-
Description:
हिम्मत जौनपुरी एक ऐसे निहत्थे किरदार की कहानी है जो जीवन-भर जीने का हक़ माँगता रहा, सपने बुनता रहा लेकिन आत्मा की बेचैनी और सपनों के संघर्ष में उलझकर रह गया। यह बम्बई के उस फ़िल्मी माहौल की कहानी भी है जिसकी भूल-भुलैया और चमक-दमक आदमी को भटका देती है और वह कहीं का नहीं रह जाता।
राही मासूम रज़ा की सिद्ध शैली का ही कमाल है कि इसमें केवल सपनों या भूल-भुलैया का तिलस्म ही नहीं बल्कि उस समाज की भी कहानी कही गई है, जिसमें जमुना चाहकर भी अपनी असली ज़िन्दगी बसर नहीं कर पाती। एक तरफ़ इसमें व्यंग्यात्मक शैली में सामाजिक खोखलेपन को उजागर किया गया है तो दूसरी तरफ़ भावनाओं की उत्ताल लहरों की नक़्क़ाशी भी की गई है।
राही मासूम रज़ा साहब ने हिम्मत जौनपुरी को माध्यम बनाकर एक सामान्य व्यक्ति के टूटने और बिखरने को जिस नए अन्दाज़ और तेवर के साथ लिखा है वह उनके अन्य उपन्यासों से बिल्कुल अलग है।
Aatankit
- Author Name:
Abid Surti
- Book Type:

- Description: "आबिद सुरती चित्रकार हैं, कार्टूनिस्ट हैं, व्यंग्यकार हैं, उपन्यासकार हैं, घुमक्कड़ हैं, फक्कड़ हैं—और एक कहानीकार भी हैं। विभिन्न कला-विधाएँ उनके लिए जिंदगी के ढर्रे को तोड़ने का माध्यम हैं। उनकी ये कोशिशें जितनी उनके चित्रों में नजर आती हैं, उससे अधिक नहीं तो कम-अज-कम उतनी ही उनकी कहानियों में भी नजर आती हैं। स्वभाव से यथार्थवादी होते हुए भी वे अपनी कहानियों में मानव-मन की उड़ानों को शब्दांकित करते हैं। जीवन की सच्चाई से सीधे साक्षात्कार न करके फंतासी और काल्पनिकता का सहारा लेते हैं। व्यंग्य का पैनापन इसी से आता है; क्योंकि यथार्थ से फंतासी की टकराहट से जो तल्खी पैदा होती है, उसका प्रभाव सपाट सच्चाई के प्रभाव से कहीं ज्यादा तीखा होता है। एक सचेत-सजग कलाकार की तरह आबिद अपनी कहानियों में सदियों से चली आ रही जड़-रूढ़ियों, परंपराओं और जिंदगी की कीमतों पर लगातार प्रश्नचिह्न लगाते हैं और उन्हें तोड़ने के लिए भरपूर वार भी करते हैं। यह बात उन्हें उन कलाकारों की पंक्ति में ला खड़ा करती है, जो कला को महज कला नहीं, जिंदगी की बेहतरी के माध्यम के रूप में जानते हैं। सबसे बड़ी खूबी यह है कि आबिद के भीतर अब भी एक जिज्ञासु बालक मौजूद है, जो हर चीज पर क्या, क्यों, कैसे जैसे प्रश्नचिह्न लगाता रहता है। यही वजह है कि उनकी रचनाएँ जहाँ हमें आंदोलित और उद्वेलित करती हैं, वहीं हमारा बौद्धिक मनोरंजन भी करती हैं। विचार और रोचकता का ऐसा अद्भुत सम्मिश्रण बहुत कम रचनाकारों में नजर आता है—और जिनमें नजर आता है, वे प्रथम पंक्ति के रचनाकार हैं। —सुदीप "
Are! Yeh Kaisa Man
- Author Name:
Shanti Kumari Bajpai
- Book Type:

-
Description:
शान्ति कुमारी बाजपेयी का यह तीसरा उपन्यास दो दृष्टियों से अनूठा है। एक तो इसकी आत्मकथापरक शैली और दूसरे गद्य-पद्य-मिश्र चम्पू-सदृश रूप—ये दोनों ही इसे वैशिष्ट्य प्रदान करते हैं।
कथासूत्र में विशेष कसाव न होने पर भी मानव-मन की गहराइयों में झाँककर उसके अन्तस्तल का प्रत्यक्ष कराने की लेखिका की शक्ति रोचकता को निरन्तर बनाए रखती है।
रस की भाषा में बात करें तो शृंगार को इसमें भरपूर स्थान मिला है। लम्बा पूर्वराग, फिर मिलन, अन्त में सदा के लिए वियोग, इस प्रकार शृंगार के क्रमशः परिपाक और उसकी करुण में परिणति—इन सबका यहाँ मार्मिक चित्रण है।
रचना के अन्तिम अंश में नायिका को स्वयं द्वारा उपेक्षित प्रेमी के आजीवन प्रेम-व्रत-परिपालन और देहपात की बात जब ज्ञात होती है, तब उसके चित्त में करुण रस का एक पृथक् स्रोत फूट उठता है। उसके अन्तर्मन की भीतरी तह में छिपा प्रेम उभरकर जब घोर मन्थन को जन्म देता है, तब मन की जटिलता से साक्षात्कार होता है और ‘अरे! यह कैसा मन?’ इस उद्गार को सार्थकता मिलती है।
— प्रेमलता शर्मा
Gobar Ganesh
- Author Name:
Rameshchandra Shah
- Book Type:

-
Description:
‘‘...‘गोबरगणेश’ को पढ़ते हुए मुझे अपनी सुध-बुध बिसर गई। यह अनुभव मुझे सबसे प्रिय और सुखद होता है। जिस रचना से वह धन्यता मिले, उसे धन्य ही कह सकता हूँ। नहीं तो क्या!’’
—जैनेन्द्र कुमार
‘‘...‘गोबरगणेश’ इस बार कुमाऊँ यात्रा में साथ ले गया और वहीं उसे पूरा पढ़ आया। उपन्यास मुझे अच्छा लगा और उस परिवेश में उसे पढ़ना और भी अच्छा लगा। उससे कुछ ही पहले मनोहर श्याम जोशी का ‘कसप’ भी पढ़ा था। इसलिए कुमाऊँ का एक कंट्रास्टिंग चित्र भी सामने रहा। इससे पढ़ने में एक विशेष प्रकार का आनन्द आया। सोचता हूँ कि ‘गोबरगणेश’ के बारे में कुछ लिखूँ...’’
—अज्ञेय
‘‘...विनायक के अनेक दोस्त उपन्यास में अपनी अलग पहचान तो बनाते ही हैं, साथ ही उनके माध्यम से एक उत्तर-भारतीय क़स्बे के सामाजिक जीवन की अनेक परतें अपने बुनियादी अन्तर्विरोधों के साथ उद्घाटित हुई हैं, जिनकी बहुआयामिता सचमुच प्रभावी है।...‘गोबरगणेश’ की भाषा और दृष्टि में, विशेषकर पहले खंड में, बहुत दूर तक एक कवि-उपन्यासकार की संवेदना की छाप मिलती है। यह बात उसे हिन्दी कथाकारों की एक ख़ासी लम्बी और बड़ी परम्परा से जोड़ती है, जिसमें जयशंकर प्रसाद, अज्ञेय, नरेश मेहता, धर्मवीर भारती, मुक्तिबोध आदि अनेक लोग हैं।...’’
—नेमिचन्द्र जैन (‘जनान्तिक’, पृ. 106-07)
‘‘...विनायक की यह दुनिया चार्ल्स डिकेंस के पिप या ओलीवर या डेविड कॉपरफिल्ड के बचपन की दुनिया है—काल्पनिक, पर अनुभूत; आत्यन्तिक, पर विश्वसनीय—इन्द्रधनुषी मानवीय ऊष्मा लिये, वास्तविक यथार्थ से कहीं ज़्यादा यथार्थ, कहीं ज़्यादा संवेद्य। इस दुनिया के अन्न-जल से पला-पुसा विनायक वास्तविक जीवन-समर में प्रवेश करते ही जटिलता की चट्टान से टकराकर बिखरने लगता है...’’
—मलयज (‘संवाद और एकालाप’, पृ. 27)
Shastra Vidaai
- Author Name:
Ernest Hamingway
- Book Type:

- Description: ‘शस्त्र विदाई’ अर्नेस्ट हेमिंग्वे के विश्वप्रसिद्ध उपन्यास ‘ए फ़ेयरवेल टू आर्म्स’ का अनुवाद है। कई फ़िल्मों का आधार बन चुके और विश्व की अनेक भाषाओं में अनूदित इस उपन्यास की पृष्ठभूमि में प्रथम विश्वयुद्ध है। 1929 में प्रकाशित ‘ए फेयरवेल टू आर्म्स’ का कथावाचक पात्र अमेरिकी फ़ेडरिक हेनरी है जो इतालवी सेना में लेफ़्टिनेंट है। प्रथम विश्वयुद्ध के लोमहर्षक विवरणों, सनकी सिपाहियों, युद्ध और विस्थापन से जूझते नागरिकों से अँटे उपन्यास के विशाल फ़लक का केन्द्र हेनरी और कैथरीन बार्कले का प्रेम है। इस उपन्यास के प्रकाशन के साथ ही हेमिंग्वे एक आधुनिक अमेरिकी लेखक के रूप में स्थापित हो गए थे, यही उपन्यास उनका पहला बेस्टसेलर था।
Khalnayak
- Author Name:
Yi Mun Yol
- Book Type:

-
Description:
इस उपन्यास की कथा साफ़ तौर से एक रूपक है जो कोरियाई राजनीति से जुड़ी है। यह कोरिया में एक अधिनायकवादी राज्य शैली से अनिश्चित क़िस्म के प्रजातंत्र में बदलने की गाथा है। इसमें ताक़त के भयंकर दुरुपयोग, आम जन के द्वारा उसे स्वीकार कर चुपचाप सहते रहने की मनोदशा, प्रजातंत्र की ओर उन्मुख करनेवाली जागृति को तो साक्षात् किया ही गया है लेकिन बड़ी बात यह है कि अधिनायक की हार के बावजूद अधिनायकवादी प्रवृत्ति के प्रति सदा सावधान बने रहने की ओर सशक्त संकेत भी किया गया है।
इस उपन्यास के दो स्तर हैं : एक सीधा-सादा और दूसरा सांकेतिक। सीधे-सीधे अर्थ के अनुसार यह कक्षा के एक ऐसे बिगड़ैल मॉनीटर की कहानी है जो अपनी ताक़त और अपने साम्राज्य का झंडा बनाए रखने के लिए कितने ही तरह के हथकंडे अपनाता है। सांकेतिक अर्थ के अनुसार यह मनुष्य के भीतर की एक ऐसी प्रवृत्ति को सामने लाता है जो ताक़तवर बनने की भरपूर कोशिश करती है। उपन्यास आत्मकथात्मक शैली में है जिसका ‘विकृत नायक’ अर्थात् ‘खलनायक’ ‘ओम सोकदे’ है।
माना जाता है कि यह उपन्यास 1980 के ग्वांगजू सामूहिक हत्याकांड से प्रेरित होकर लिखा गया था जिसमें प्रजातंत्र के लिए आन्दोलन कर रहे निहत्थे लोगों को दक्षिण कोरियाई सैनिकों (जिन्हें उत्तर कोरिया से लोहा लेने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था और जो शायद युद्ध न होने की स्थिति में ऊब चुके थे) ने मौत के घाट उतारा था।
Forever - A Promise
- Author Name:
Jasbir Singh
- Rating:
- Book Type:

- Description: Goal is a rich and educated man who has everything in life. Tara is a simple and beautiful girl from a small village in Kathmandu. Gopal meets Tara for the first time in his house. It is love-at-first-sight, but he has no hope that his love will be fulfilled. She does not respond to him at first, and even runs away shyly upon seeing him. But that is maybe because she has feelings for him too. Then, Tara leaves the village and no one knows her whereabouts. Goal is depressed, but there is still a little hope left in his heart. Will Gopal be able to find Tara, and will he be able to tell his feelings for her? How will she respond? Will she accept him? Will their love story begin? Will the hypocrisy of the society allow their love to prosper? Is Gopal’s love for Tara true? Or is it just like many other “love stories” now a days — merely time-pass? This is the story of how goal and Tara made their love story successful even though the whole world was against them. See the different faces of society as they put obstacles in their path, but how true love succeeds in the end. So, would you like to know how they made their love story possible, even when the whole world was against them? All right! Let’s travel through the journey of their love by reading this novel, and see the different faces of society and find answers to them all. Welcome to an old tale of friendship, love, sacrifice, and inspiration. This book will make you believe that promises are not meant to be broken. It will make you once again in the existence of true love, and that true love never dies.
Customer Reviews
4 out of 5
Book
Be the first to write a review...