What I Lived For
Author:
Diya VyasPublisher:
Author'S Ink PublicationsLanguage:
EnglishCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 209.95
₹
247
Available
Neil, a rural boy, grew up in a village growing fast. His obsession with badminton lands him up in the big city of Lucknow. He dreams of winning the world one day, but is he dreaming too much? Ahilya, a player herself, knows that money is essential to survive. And, Sports don’t fetch much money. Is she too practical? Two opposites, how do they fall in love? Dhaani, who is she of the two? Dreamy or practical? Fourteen years younger, how will she change Neil's life? Can Neil win over his lost friends, love and career, or will he lose all three bets? Let Neil truly whisper in your ear what he lived for!
ISBN: 9789390006205
Pages: 180
Avg Reading Time: 3 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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इसी बीच रावण द्वारा सीता के अपहरण के बाद राम उन्हें खोजते हुए हनुमान से मिलते हैं। हनुमान सीता की खोज में लंका जाते हैं। सीता से तो मिलते ही हैं, रावण की शक्ति और कमज़ोरियों से भी परिचित होते हैं। फिर राम-रावण युद्ध, सीता को वनवास, लव-कुश का जन्म और पूरे उत्तर कांड की कहानी वही है—बस, दृष्टि अलग है।
लेखक ने पूरी रामकथा में हनुमान की निष्ठा, समर्पण, मित्रता और भक्तिभाव का विलक्षण चित्र खींचा है। उनकी अलौकिकता को भी महज़ कपोल-कल्पना न मानकर एक आधार दिया है। लेखक ने पूरे उपन्यास में उन्हें अंजनी-पुत्र आंजनेय ही कहा है, उनकी मातृभक्ति के कारण उपन्यास में सबसे महत्त्वपूर्ण उत्तरार्ध और क्षेपक है जो शायद किसी राम या हनुमान कथा का हिस्सा नहीं।
यहाँ हनुमान सीता माता के निष्कासन के लिए राम के सामने अपना विरोध जताते हैं और उन्हें राजधर्म और निजधर्म की याद दिलाते हैं। यहाँ यह कथा अधुनातन सन्दर्भों में गहरे स्तर पर राजनीतिक हो जाती है। वैसे, मूल रामकथा में बिना कोई छेड़छाड़ किए लेखक ने आंजनेय के चरित्र को पूरी गरिमा के साथ स्थापित किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
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