My Dream Man
Author:
Aditi BosePublisher:
Author'S Ink PublicationsLanguage:
EnglishCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 167.45
₹
197
Available
I don�t know if I can do a story like this once again or not. Ajopa Ganguly, a struggling writer, is reeling from the pains of her manuscript having been rejected by all publishers. She knows that making cupcakes and embroidering handkerchiefs is not her true calling. However, she is scared to write anymore and is losing focus. Aniket Verma, is the professor of economics who was also Ajopa�s tuition teacher once. Despite their twelve years age gap, with time, they forge a special bond of friendship. Then a misunderstanding! Now Aniket is back and it feel just like old times. With a challenge of finishing a new manuscript in record time and a promise that he will help her to get it published if she does, he asks her to meet him at the publisher�s office two days later. Does she write? Does she go to the publisher�s office? At what moment does their friendship change? Do they fall in love? My Dream Man, a let-me-tell-my-friends and I-need-to-finish-this-now story, is an insightful examination of how forces beyond our control help us make decisions. As Ajopa says, it is all about �deep choosing�.
ISBN: 9789385137303
Pages: 203
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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व्यास की रचनाएँ समस्त भारत की रचना, संगीत, शास्त्र, सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था का आधार हैं। जहाँ भी जिस रूप में भारत है, सर्वत्र व्यास हैं—दूसरा कृष्ण। व्यास ने नियोग द्वारा कुरुवंश को स्थायी करना चाहा था। किन्तु वह हो न सका। कौरव आपसी युद्ध में नष्ट हो गए। शान्तिपूर्व में विशाल, सामाजिक नियमों की स्थापना की। एक दिन अपने ही पुत्र से पराजित थे व्यास। ढेरों-ढेरों शास्त्र नहीं। भगवान का भजन आवश्यक है। ‘महाभारत’ व्यास के युद्ध और नाश की कथा है। भागवत में व्यास उसी कृष्ण के हाथों में वंशी थमाकर भक्ति की स्थापना करते हैं। वैदिक वाङ्मय से लेकर भागवत तक व्यास ने शास्त्र और समाज की लम्बी यात्रा की है।
नाना प्रकार के देश, समाज, विचार, दर्शन, काव्य, कथा हैं व्यास के साहित्य में। मंत्र और कथा, महासमर एवं महारस, स्त्री के प्रति घोर वैराग्य तथा हज़ारों पत्नियों वाले के अनेक काव्य पुराण लिखे हैं व्यास ने। वेद, वेदान्त भी व्यास के। पुराण, उप-पुराण एवं अनेक टीकाएँ, व्याख्याएँ भी व्यास की। तुलसीदास कहते हैं—‘राम न सकहिं नामे गुन भाई’। ऐसे व्यास ने कितना लिखा, क्या-क्या लिखा? उस अनन्त, सगुण साकार की गणना व्यास से भी सम्भव होगा, इसमें सन्देह है। उसी महान लेखक ईश्वर प्रतिनिधि, कृष्ण के द्वितीय स्वरूप व्यास की कथा है—‘दूसरा कृष्ण’।
Bihar Main Nilahe Kothiyon Ka Itihas
- Author Name:
Minden Wilson
- Book Type:

- Description: नील फैक्टरियों के किस्से आमतौर पर उत्तर बिहार से जुड़े हैं, वह भी चंपारण और तिरहुत से। इसका मुख्य कारण यह रहा है कि नील की खेती में शोषण पर आधारित तौर-तरीके के खिलाफ और नीलहे रैयतों (नील की खेती करनेवालों) के प्रति हो रहे अत्यधिक आर्थिक उत्पीड़न के खिलाफ चंपारण में सत्याग्रह हुए। इसलिए भारत में उपनिवेशवाद के शोषक चरित्र व साथ ही इसके प्रतिरोध के अध्ययन में रुचि रखनेवालों और इतिहासकारों के लिए उत्तर बिहार में नील की खेती जिज्ञासा के विषय रहे हैं। प्रस्तुत पुस्तक मिंडेन विल्सन रचित ‘History of Indigo Factory in Bihar’ का हिंदी अनुवाद है। यह रिपोर्ट मुख्यतः उत्तर बिहार के क्षेत्रों के नील उद्योगों के संबंध में है। मिंडेन ने उत्तर बिहार की लगभग सभी छोटी-बड़ी नील फैक्टरियों की स्थापना, क्रमिक विकास एवं उनके पतन का कारण सहित विस्तृत विवरण लिखा है तथा उत्तर बिहार के नील एवं चीनी उद्योगों के लिए बेहतर उत्पादन के तरीकों का भी उल्लेख किया गया है। मिंडेन विल्सन एक ब्रिटिश नागरिक थे। उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में नील उद्योग के प्रबंधन क्षेत्र में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है। औपनिवेशिक भारत में प्रमुख समृद्ध नील उत्पादकों की श्रेणी में उनका महत्त्वपूर्ण स्थान था। नील उद्योग के क्षेत्र में मिंडेन विल्सन ने अपना प्रारंभिक जीवन मॉरीशस में बिताया। भारत आने के पूर्व वे मॉरीशस के गन्ना उद्योग से भी जुड़े रहे। बेहतर जीवन की तलाश में मिंडन ने भारत आने का निर्णय लिया, जहाँ उनकेबड़े भाई पहले से ही नील उद्योग से जुड़े थे। वर्ष 1847 में अमेरिकन जहाज ‘अलबाटरोस’ से कलकत्ता पार्ट सिटी पर उनका आगमन हुआ। वहाँ से वे बिहार के नील उत्पादन क्षेत्र में आए। उसके पश्चात् बिहार के अनेक नील फैक्टरियों में सहायक प्रबंधक व प्रबंधक के तौर पर उन्होंने कार्य किया। नील उद्योग क्षेत्र में उनका व्यापक अनुभव था।
Ekakipan Ke Sau Varsh
- Author Name:
Gabriel Garcia Marquez
- Book Type:

- Description: ‘एकाकीपन के सौ वर्ष’ की कहानी आपको विस्मित करती है; इसकी अतिरंजनाएँ आपको अवाक् और हास्य के आवेग में विह्वल छोड़ देती हैं; आप एक विराट स्मृति-गाथा के अतिमानवीय मायाजाल में धीरे-धीरे यथार्थ और वास्तविकता के कठोर पत्थरों पर पैर रखते हुए आगे बढ़ते हैं; और इस तरह मानव नियति के साथ बिंधे अनन्त अकेलेपन की एक सामूहिक गाथा के दूसरे छोर तक जाते हैं।
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