Lal Bahadur Shastri
Author:
Sunil ShastriPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 204
₹
255
Available
"लाल बहादुर शास्त्री भारत माँ के उन महान् सपूतों में से एक हैं, जिनके आह्वान पर देश उनकी उँगली की दिशा में चल पड़ता था। उनके सुपुत्र सुनील शास्त्री ने इस पुस्तक के जरिए देश के उन लाखों युवक-युवतियों को संबोधित किया है, जिन्हें सादगीपूर्ण जीवन की विशेषताओं के बारे में नहीं मालूम। गांधीजी ने खुद सादगीपूर्ण जीवन जिया और अपने अनुयायियों को इस तरह का जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। शास्त्रीजी ने भी वैसा ही जीवन जिया, जैसाकि वे अपने साथी भारतीयों से उम्मीद करते थे। वे उपदेश नहीं देते थे, बल्कि एक सच्चे मनुष्य की तरह ऐसा सीधा-सादा जीवन जीते थे, जिसे उनके संपर्क में आनेवाला व्यक्ति आसानी से अपना सकता था। निस्स्वार्थ समाज-सेवक, प्रतिबद्ध एवं संवेदनशील नेता, सशक्त, दृढ़ एवं भद्र प्रधानमंत्री की अपनी भूमिकाओं में उन्होंने साबित कर दिखाया कि वे महान् व्यक्ति थे।
‘जय जवान, जय किसान’ के उद्घोषक शास्त्रीजी के विचारों, मूल्यों और आदर्शों का परिचय देनेवाली यह प्रेरक जीवनी हर भारतीय का समुचित मार्गदर्शन करेगी।
"
ISBN: 9789350484784
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pareeksha Rasayan Vigyan Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Chemistry Practice Sets Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Scarlet Plague (Pb)
- Author Name:
Jack London
- Book Type:

- Description: This book has no description
Paharua Jan "पहरुआ जन" Book in Hindi- Mithileshwar
- Author Name:
Mithileshwar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Premmay Ram "प्रेममय राम" | Book in Hindi
- Author Name:
Ram Bachchan Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Premchand Vishwakosh An Encyclopaedia of Premchand’s Life and Literature Vol. 2-‘Literature’
- Author Name:
Dr. K.K. Goyanka
- Rating:
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gift Lungs To Future Generations
- Author Name:
Rohit Mehra (Irs) +1
- Book Type:

- Description: The biggest fall in human-values and human-civilization happened when the value of worshipping nature was replaced by the value of ‘exploiting’ the nature and its resources. This has led to an imbalance among various forces of nature. Our planet is on the verge of a catastrophe. Global warming is on the rise. Our air, water and land are polluted on an unprecedented level. Our forest-cover is fast depleting. Human being is fast destroying forests for his own needs and greed! If a human has destroyed forests, can he replenish the lost forest cover too? Can a forest be ‘developed’ or ‘created’? The answer to this question is yes. Yes, forests can be revived with the efforts of human beings. This book is based on this theme as how to replenish and recreate our lost forests. This book will teach you the concept of man-made Urban-Forest. It will also discuss what, how, when, where and why of an Urban-forest? It also teaches 51 steps to make an Urban-forest. Also, a brief introduction of the prevalent techniques of forest-making including Vrikshayurveda and Miyawaki and other methods are also discussed. Planting a forest is one of the best things you can do in your life for yourself as well as for generations to come. Trees are our ancestors and they give us the most vital thing—oxygen. We need lungs to filter the inhaled air. Similarly, forests filter the air and thus are the lungs of our planet. Let us gift a lung for the generations to come!
SSC Multi Tasking Non Technical Havaldar Guide 2024-25 (CBIC & CBN) Include Latest Solved Papers SSC MTS Complete Guide Book with Current Affairs Hindi Edition
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Positive Thinking Dwara Apaar Safalta "Great Success By Positive Thinking" | Think High and Achieve Goals | Book in Hindi
- Author Name:
Ravindra Nath Prasad Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vinoba Ke Uddharan
- Author Name:
Nandkishore Acharya
- Book Type:

-
Description:
विनोबा की दृष्टि में उच्चतम कोटि का साहित्य मूलत: सत्यान्वेषण की स्वायत्त प्रक्रिया है—अनुभूत्यात्मक अन्वेषण की प्रक्रिया—और इसीलिए, वह उसे विज्ञान और आत्मज्ञान के समकक्ष—बल्कि शायद अधिक महत्त्वपूर्ण दर्जा देते हैं तथा साहित्य की शक्ति को 'परमेश्वर की शक्ति के बराबर' मानते हैं। साहित्यकारों की एकाधिक कोटियों को स्वीकार करते हुए भी वह सर्वाधिक महत्त्व उन साहित्यकारों को देते हैं, जिन्होंने किसी नए मार्ग का अन्वेषण किया होता है।
यह प्रक्रिया, विनोबा के अनुसार, केवल लेखक तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि पाठक या ग्रहीता में भी घटित होती है। वह, इसलिए अर्थ की निश्चितता को उत्तम साहित्य का गुण नहीं मानते। कह सकते हैं कि उत्तर-आधुनिकतावादी साहित्य-चिन्तकों की तरह वह साहित्यिक रचनात्मकता को अर्थ की निरंकुशता से मुक्ति के पक्षधर हैं। विनोबा उन साहित्यिक सैद्धान्तिकों की पंक्ति में आ खड़े होते हैं जो अर्थ या तात्पर्य को पाठकाश्रित मानते हैं। वह मानते हैं कि किसी रचना के न केवल परस्पर विरोधी भाष्य लिखे जा सकते हैं, बल्कि ऐसा भी भाष्य लिखा जा सकता है, जो स्वयं लेखक के अपने मन्तव्य के विरोध में हो और सम्भव है कि न केवल अन्य लोग, बल्कि स्वयं लेखक भी उसे स्वीकार कर ले। साहित्य के सत्य की अनुभूत्यात्मक प्रक्रिया होने के कारण विनोबा अपनी अनुभूति के प्रति निष्ठा को साहित्यकार के लिए अनिवार्य मानते हैं—यही साहित्यकार की नैतिकता है।
विनोबा के साहित्य-चिन्तन से सम्बन्धित लेखों और टिप्पणियों का यह चयन साहित्य-अध्येताओं की ही नहीं, सामान्य पाठक-वर्ग की साहित्यिक समझ को भी निश्चय ही उत्प्रेरित कर सकेगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती है।
—प्रस्तावना से
''हमारे समय में ऐसे लोग विरले हैं जो किसी अन्य क्षेत्र में सक्रिय और निष्णात होते हुए साहित्य के बारे में कुछ विचारपूर्वक लिखें-कहें। महात्मा गाँधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी और अपने समय में अनूठे सन्त विनोबा भावे ने साहित्य पर कई बार विचार किया है जो अकसर हमारे ध्यान में नहीं आया और आता है। वरिष्ठ कवि-आलोचक नन्दकिशोर आचार्य ने विनोबा के साहित्य-चिन्तन को संकलित कर साहित्य पर सोचने की नई और विस्मृत दृष्टि को पुनरुज्जीवित किया है। हमें प्रसन्नता है कि रज़ा साहब के अत्यन्त प्रिय विनोबा जी की यह सामग्री हम प्रस्तुत कर रहे हैं।"
—अशोक वाजपेयी
Gandhi Darshan Ke 5 Sootra
- Author Name:
Renu Kumari Kushwaha
- Book Type:

- Description: "महात्मा गांधी के पाँच सूत्र—डॉ. रेणु कुमारी कुशवाह आज आम समाज गरीबी व बेरोजगारी की परेशानी से त्रस्त है। धन का असमान वितरण तथा मानवाधिकारों का उल्लंघन नित नई समस्या पैदा करता जा रहा है। आतंकवाद की समस्या से न केवल भारत बल्कि पूरा विश्व ही प्रभावित हो रहा है। ऐसी अनेक समस्याओं का समाधान ‘गांधी दर्शन’ में ढूँढ़ा जा सकता है। इस धरा पर अमन-चैन कायम हो—पूरी दुनिया एक ऐसे विकल्प की तलाश में है। अत: गांधीवाद इसका उत्तर और एक विकल्प देता है। गांधी दर्शन के सिद्धांत और सूत्र इस युग की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करने में पूर्ण सक्षम हैं। आज दुनिया भर की आवाजें गांधी की बातों को दोहरा रही हैं, जो उन्होंने औद्योगिकीकरण, मशीनीकरण, आर्थिक विकास, स्त्रा् सशक्तीकरण, पर्यावरण सुरक्षा, सामाजिक न्याय आदि के बारे में कही थीं। गांधी के ये पाँच सूत्र आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उस काल में थे। शाश्वत गांधी दर्शन के मूल सूत्रों का दिग्दर्शन कराती महत्त्वपूर्ण पुस्तक। इस पुस्तक में एक सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. रेणु कुमारी द्वारा विश्व के महानतम राजनीतिक कार्यकर्ता महात्मा गांधी के मूल दर्शन को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सरल एवं सूक्ष्म रूप से प्रस्तुत किया गया है। —डॉ. अनिल दत्त मिश्रा लेखक एवं गांधीवादी विचारक भूमंडलीकरण, उदारीकरण व निजीकरण के दौर में डॉ. रेणु कुमारी की महात्मा गांधी की प्रासंगिकता पर पुस्तक उचित समय पर लिखा गया अद्वितीय साहित्यिक योगदान है। —प्रो. आर.पी. द्विवेदी, अध्यक्ष गांधी भवन, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ,बनारस आधुनिकता के युग में गांधी को पुन: स्थापित करने का डॉ. रेणु कुमारी द्वारा एक सार्थक प्रयास हुआ है। आनेवाले समय में हिंदी में लिखित यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगी। —डॉ. प्रवीण कुमार एसोसिएट प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय
MERE PRADESH KE AITIHASIK STHAL
- Author Name:
SANJAY JHA
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dr. Kalam Ke Sapanon Ka Bihar
- Author Name:
Lalit Kumar Singh
- Book Type:

- Description: "बिहार राज्य का इतिहास अत्यंत ही प्राचीन एवं गौरवशाली रहा है। यह राज्य पूर्व ऐतिहासिक काल से ही विकसित होनेवाली संस्कृतियों का महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है और विभिन्न युगों में इसने देश के इतिहास एवं सांस्कृतिक जीवन में अग्रणी भूमिका निभाई है। इतना प्राचीन एवं गौरवशाली अतीत होने तथा विकास एवं उन्नति के पथ पर अग्रसर होने की सारी क्षमताएँ होते हुए भी आज यह राज्य विकसित राज्यों की श्रेणी से बाहर है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सदा बिहार के उत्कर्ष का स्वप्न देखते रहे और इसकी संभावनाओं को साकार करने के लिए प्रेरित करते रहे। इस पुस्तक में डॉ. कलाम ने बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए न सिर्फ वैज्ञानिक सोच, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की भी रूपरेखा निर्धारित की है। इसमें प्रस्तुत विचार ‘महात्मा बुद्ध के संदेश’ के सदृश्य बिहार की प्रगति के लिए वरदान हैं। डॉ. कलाम की विभिन्न बिहार-यात्राओं के दौरान दिए गए संदेशों का संकलन है यह पुस्तक। इनसे प्रेरित होकर राज्य के सभी वर्गों के लोग एकजुट होकर विकास-कार्यों में अपनी ऊर्जा लगाएँ, तो विकसित बिहार के स्वप्न को साकार करना कठिन नहीं होगा।
SHYAM BENEGAL AUR SAMANANTAR CINEMA
- Author Name:
Pramod Kumar Barnwal
- Book Type:

- Description: प्रमोद बर्णवाल सिनेमा के अध्येता और प्रशंसक हैं। वे कला माध्यमों में नवाचार के प्रति विशेष श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने हिन्दी सिनेमा में बीसवीं सदी के सातवें दशक में अभ्युदित समान्तर सिनेमा आन्दोलन को मुहब्बत की नज़र से देखते हुए, इस बदलाव के मसीहा के रूप में उभर कर सामने आए श्याम बेनेगल की कोई पाँच दशक लम्बी रचनायात्रा का गौरवशाली परिदृृश्य, सृृृजन विश्लेषण, आलोचना के तंज़ को गहरी आत्मीयता की चाशनी में घोलकर प्रस्तुत किया है। इस तरह कि बेनेगल के सिनेमा का कोई कोण अनावृत्त होने से रह न जाए। उन्होंने अपने आख्यान को सिनेमा के आशिकों, विद्यार्थियों और अध्येताओं के लिए समवेत उपयोगी बनाया है। सिनेमा को व्यावसायिकता के भँवर से निकाल कर, जीवन की सार्थकता से जुड़ी अनुभूूतियों को आलोकित करनेवाले कलाकारों का बेहद उत्कृष्ट योगदान, दृश्यों की उपयुक्त बानगी प्रस्तुत करते हुए किया गया है। समान्तर सिनेमा से उभरकर विकसित होने वाले कलाकारों की रचनायात्रा के सर्वोत्कृष्ट संधान तक जा पहुँचने का विवरण आश्चर्यचकित करने वाली सहजता से बर्णवाल ने प्रस्तुत किया है। इस आख्यान में श्याम बेनेगल के साथ ही शबाना-स्मिता, ओम-नसीर, गिरीश कारनाड, रजित कपूर, अमरीश पुरी, साधु मेहर, अनंत नाग, पंकज कपूर प्रभृति कलाकारों की विकासयात्रा की मनोहारी झलकियाँ बहुत खूबसूरती से उभर कर आई हैं। कथा से लेकर कला पक्ष तक का हर कोण कोने-कोने से निरख कर परखा गया है। —प्रह्लाद अग्रवाल
Jabalpur Model Book In Hindi
- Author Name:
Ved Prakash
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dadi Janki A Century of Service
- Author Name:
Liz Hodgkinson
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Meri Khaki, Meri Zindagi (Hindi Translation of Life In The Uniform)
- Author Name:
Amit Lodha
- Book Type:

- Description: अमित लोढ़ा एक सम्मानित आई.पी.एस. अधिकारी हैं और अभी महानिरीक्षक के पद पर सुशोभित हैं। प्रशासनिक सेवा में शामिल होने एवं पदोन्नति से पूर्व वह आई.आई.टी. स्नातक थे और अपने जीवन के उद्देश्य की तलाश में थे। इस पुस्तक में लोढ़ा ने अपने जीवन में आए उल्लेखनीय बदलाव और यू.पी.एस.सी. परीक्षाओं की तैयारियों के विषय में अपने अनुभव, अपने संघर्ष और अपनी जिजीविषा के बारे में खुलकर चर्चा की है। साथ ही, अधिकारी बनने के लिए प्राप्त प्रशिक्षण का भी उल्लेख किया है; और बिहार में अपने कॅरियर की शुरुआत के सबसे यादगार पलों का भी। ‘मेरी खाकी मेरी जि़ंदगी’ की साहसिक कहानियों में लेखक के विनोदी स्वभाव की झलक दिखाई देगी और अपहरण के मामलों को सुलझाने से लेकर भीड़ को नियंत्रित करने की घटनाओं का भी वर्णन मिलेगा, जो उनकी कर्मशीलता, नेतृत्व क्षमता और कर्तव्यपरायणता का बोध कराएगा। एक पुलिस अधिकारी के जीवन की सच्ची घटनाओं पर आधारित यह पठनीय एवं भावपूर्ण पुस्तक आपको उनके संघर्ष, त्याग और सफलताओं का दिग्दर्शन कराएगी।
Baatcheet Ki Kala
- Author Name:
Manavati Arya +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sugar and Spice and Everything that’s Not So Nice: A Serial Entrepreneur’s Journey of Start-ups!
- Author Name:
G Ramachandran
- Book Type:

- Description: This book is a refreshing new take on start-ups. The author Ramachandran Gopalakrishnan, has drawn on his immense experience and learning’s and painted an extremely realistic picture of start-ups. While delineating his success stories, he has also dwelled on the downside of startups by narrating incidents from his failed ventures. He has painted the canvas of the startup culture with rich hues of anecdotes and his valuable insights. In the modern-day world riddled with entrepreneurial ventures and chest thumping success stories this book acquaints you with this journey in its entirety, thread bare and real. This book without being instructional, judgmental or biased, guides entrepreneurs in their start up journey. GR with all his entrepreneurial wisdom seeks to address the various myths regarding startups. One pertinent one that he dispels is that a successful entrepreneur needs to be armed with great ideas. Successful startups go well beyond just ideas and their categorization into two distinct compartments - good and bad. The nurturing of ideas and adaptation to the modern environment is crucial. An idea, bred in a conducive external and internal environment coupled with the necessary entrepreneurial skills catapults to success in no time or else sinks into quick oblivion never to be resurrected again. It is a must read for all aspiring entrepreneurs as well as those who have started their journey, are mid-way into it, those facing crisis situations or even those who are highly successful.
Nanaji Deshmukh Chitrawali
- Author Name:
Atul
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mallika Samagra
- Author Name:
Mallika
- Book Type:

- Description: बहुमुखी प्रतिभा की धनी एवं स्वतंत्रचेता मल्लिका आधुनिक हिन्दी साहित्य के आरम्भिक दिनों की एक महत्त्वपूर्ण, लेकिन उपेक्षित शख़्सियत हैं। अकसर उनका उल्लेख भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की प्रेयसी (धर्मग्रहीता) और उनकी बौद्धिक सहायक के रूप में किया जाता है जबकि एक रचनाकार के रूप में उनकी स्वतंत्र पहचान को स्वीकार किया जाना और उनके योगदान का यथोचित मूल्यांकन अब भी शेष है। उन्होंने कई उपन्यास लिखे। गीतों और लेखों की रचना की। पत्रिकाओं के सम्पादन-प्रकाशन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई—बालाबोधिनी में उनकी भूमिका तो थी ही, रहस्य चन्द्रिका पत्रिका का भी उन्होंने स्वतंत्र रूप से प्रकाशन किया। यही नहीं, उन्होंने मल्लिका चन्द्र एंड कम्पनी चलाने की ज़िम्मेदारी का भी निर्वाह किया। सम्भवतः उन्नीसवीं सदी में लेखन करनेवाली हिन्दी-क्षेत्र की वह अकेली स्त्री हैं जो लेखन के साथ-साथ प्रकाशन-सम्पादन में सक्रिय दिखाई देती हैं। बांग्ला और हिन्दी के बीच अपने लेखन से एक सेतु बनाने का उनका प्रयास भी उल्लेखनीय है। इस परिप्रेक्ष्य में मल्लिका के योगदान का सम्यक् मूल्यांकन हिन्दी-क्षेत्र के पुरुष-केन्द्रित साहित्यिक-सांस्कृतिक इतिहास को दुरुस्त करने के लिए ज़रूरी है। वास्तव में मल्लिका के बिना न तो उन्नीसवीं सदी के कथित ‘हिन्दी नवजागरण’ की कहानी पूरी हो सकती है, न ही उस नवजागरण के प्रवर्तक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की। उम्मीद है, मल्लिका की समस्त उपलब्ध रचनाओं का यह प्रामाणिक संकलन इस ज़रूरत को पूरा करेगा।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...