Gift Lungs To Future Generations
Author:
Geetanjali Mehra, Rohit Mehra (Irs)Publisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
The biggest fall in human-values and human-civilization happened when the value of worshipping nature was replaced by the value of ‘exploiting’ the nature and its resources. This has led to an imbalance among various forces of nature. Our planet is on the verge of a catastrophe. Global warming is on the rise. Our air, water and land are polluted on an unprecedented level. Our forest-cover is fast depleting. Human being is fast destroying forests for his own needs and greed! If a human has destroyed forests, can he replenish the lost forest cover too? Can a forest be ‘developed’ or ‘created’? The answer to this question is yes. Yes, forests can be revived with the efforts of human beings. This book is based on this theme as how to replenish and recreate our lost forests.
This book will teach you the concept of man-made Urban-Forest. It will also discuss what, how, when, where and why of an Urban-forest? It also teaches 51 steps to make an Urban-forest. Also, a brief introduction of the prevalent techniques of forest-making including Vrikshayurveda and Miyawaki and other methods are also discussed.
Planting a forest is one of the best things you can do in your life for yourself as well as for generations to come. Trees are our ancestors and they give us the most vital thing—oxygen. We need lungs to filter the inhaled air. Similarly, forests filter the air and thus are the lungs of our planet. Let us gift a lung for the generations to come!
ISBN: 9788184306408
Pages: 108
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Bharatvarsh Ki Sarvang Swatantrata
- Author Name:
Narender Sehgal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Paridhi Par Stri
- Author Name:
Mrinal Pande
- Book Type:

- Description: आज स्त्रियों के काम तथा राष्ट्रीय उत्पाद में उनके कुल योगदान का बड़ा महत्त्व राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर स्वीकार कर लिया गया है। यह भी मान लिया गया है कि एक पुरुष को साक्षर बनाने से एक व्यक्ति ही साक्षर होता है, जबकि एक स्त्री के शिक्षित होने से एक पूरा कुनबा! अकाट्य तौर से यह भी प्रमाणित हो चुका है, कि ग़रीबतम तबके की औरतों तक स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियों तथा सुविधाएँ पहुँचाए बिना संक्रामक रोगों अथवा आबादी पर अंकुश लगाना क़तई नामुमकिन है। इसलिए ज़रूरत है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की वर्तमान रपट का महत्त्व तथा शरणार्थी समस्या का यह अनदेखा पहलू हमारी सरकार भी समझे और इन उपेक्षित स्त्रियों में कौन हिन्दू है, कौन ग़ैर-हिन्दू, इसकी स्वार्थी विवेचना की बजाय उन तक ज़रूरी नागरिक सुविधाएँ और आजीविका के संसाधन पहुँचाने की यथाशीघ्र चेष्टा की जाए, वरना लाख प्रयत्नों के बावजूद राष्ट्रीय प्रगति सही रफ़्तार नहीं पकड़ पाएगी। कवि रहीम ने कहा भी था, कि जिस व्यक्ति को याचक बनकर जाना पड़ता है, वह तो जीते जी मरता है, पर उससे भी गया-गुज़रा वह है, जिसके मुँह से निकलता है ‘नहीं’। क्या इन अधमरी स्त्रियों की ज़रूरतों को जाति-धर्म की तुला पर तौलते हुए हम हर बार राष्ट्र के ज़मीर की हत्या नहीं करते हैं?
Perfect Cursive Writing
- Author Name:
Prabhas Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ila
- Author Name:
Ila Dalmiya
- Book Type:

- Description: विशेष आकार और साज-सज्जा में प्रकाशित इस पुस्तक में इला डालमिया की कहानियाँ, एक उपन्यास, संस्मरण, आलेख और कवि-कथाकार-उपन्यासकार अज्ञेय से सम्बन्धित उनका लेखन शामिल है। इला डालमिया और अज्ञेय लम्बे समय तक सहजीवन में साथ थे। उनका लेखकीय जीवन सत्तर के दशक में आरम्भ हुआ। अज्ञेय की पत्रिका ‘नया प्रतीक’ में कुछ कहानियाँ प्रकाशित हुईं, फिर अन्य पत्र-पत्रिकाओं में भी उनकी रचनाएँ छपीं। इला डालमिया की कहानियों में उनके अपने वर्ग की सोच को पकड़ा गया है। ‘नई कहानी’ आन्दोलन से अलग उन्होंने एक लयात्मक भाषा ईजाद की जिसमें उन्होंने भावप्रवण क्षणों का अंकन भी किया और अपने समय के सत्य को भी साधा। बनता-बिगड़ता दाम्पत्य जीवन, स्त्री के दु:ख-सुख, रोज़ी-रोटी की समस्या आदि उनकी कथा-रचनाओं के केन्द्र में रहे हैं। ‘छत पर अर्पण’ उपन्यास में उन्होंने अपने ही कुछ अनुभवों को पिरोते हुए एक बड़े परिवार की लड़की की कहानी कही है, जहाँ घर की छत उसके तथा परिवार के बाक़ी लोगों के कई रहस्यों की साक्षी बनती है। वे बहुत नहीं लिख पाईं लेकिन जितना भी लिखा, वह एक बड़ी प्रतिभा का संकेत ज़रूर देता है।
Laughing In the Shadow of Bullets
- Author Name:
Sunita Bali
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kaljayi Yoddha Chhatrasal Bundela
- Author Name:
Dr. Om Prakash Pahuja
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Narendra Modi Aur Nari Shakti Vandan "नरेंद्र मोदी और नारी शक्ति वंदन" |India Developed Through Women Empowerment | Book in Hindi
- Author Name:
Mamta Chandrashekhar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JSSC JTPTCCE Primary Education Recruitment Exam Intermediate And Bachelors Degree Assistant Teacher ACHARYA HINDI PAPER-I प्राथमिक शिक्षक भरती परीक्षा इंटरमीडिएट एवं स्नातक परीक्षा सहायक आचार्य
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BACHCHON KO YAUN DURVYAVHAR SE KAISE BACHAYEN
- Author Name:
Mahesh Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
APANI KRIYAON KO PAHCHANEN
- Author Name:
PUSHPA TETE
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Periyar Lalai Singh Granthawali : Vols. 1-5
- Author Name:
Periyar Lalai Singh
- Book Type:

-
Description:
मैं तो यही कहूँगा कि वर्णाश्रम धर्म, गहरी मानवीय असमानता के प्रति हमें सहिष्णु बनाता है। यह असमानता कई अलग-अलग स्वरूपों में प्रकट होती है। इसमें शामिल हैं—आर्थिक, सामाजिक, पितृसत्ता, लैंगिकता, जाति प्रथा, आध्यात्मिक और सोच आदि की असमानता। ये एक-दूसरे को क्रमवार मजबूती देती हैं। भारतीय समाज इसके क्रूर दमन पर आधारित है। पूरी दुनिया में जिसकी कोई और मिसाल मिलना मुश्किल है।
भारत के सभी सत्ताधारी वर्णाश्रम धर्म के मौन समर्थक हैं, ऐसा नहीं है, मुझे ऐसा लगता है कि वर्णाश्रम धर्म, वर्तमान सत्ताधारी पार्टी की विचारधारा, हिन्दुत्व, का अभिन्न अंग है। इसके प्रवक्ता गोलवलकर ने साफ शब्दों में लिखा था कि वर्ण और आश्रम, समाज में हिन्दू ढाँचे की विशेषताएँ हैं।
भारत में हिन्दुत्ववादी आन्दोलन के समर्थक वर्ण, आश्रम और जाति-प्रथा के सार्वजनिक व्यख्याता और प्रशंसक हैं। अगर नरमपंथी—हिन्दू राष्ट्रवादी, वर्णाश्रम धर्म के विरोध में हैं, तो वे हिन्दुत्व के प्रखर विरोध के लिए आगे क्यों नहीं आते हैं! और समतामूलक सोच और समाज का अभियान क्यों नहीं चलाते? यह ग्रंथ और पेरियार ललई सिंह का चिन्तन इसी बात को चरितार्थ करता है।
—ज्यां द्रेज
The Naga Story "द नागा स्टोरी" | Unveiling The Secrets of Naga Warriors Book in Hindi
- Author Name:
Suman Bajpai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dynamic Diplomacy & foreign policy
- Author Name:
Vivasvan Shastri +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pankh Kholti Diary "पंख खोलती डायरी" Book in Hindi- Sushma Chauhan
- Author Name:
Sushma Chauhan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Premyoga
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: No Description Available for this Book
Ek Mulakat Tatha Anya Kahaniyan
- Author Name:
Shubha Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhagwan Parshuram | Hindi Translation of The Legend of Parshu-Raam
- Author Name:
Dr. Vineet Aggarwal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhya Prant Aur Barar Mein Adivasi Samsyayen
- Author Name:
W.V. Grigson
- Book Type:

- Description: जनजातीय समाज की अवहेलना सदियों से की जाती रही है और मौजूदा समय में भी बरकरार है, जिनकी अनगिनत समस्याओं को दरकिनार कर उनकी ज़मीनों के मालिकाना हक़ों को उनसे सरकारी या ग़ैर-सरकारी तरीक़ों से हड़पा जाता रहा है। उनकी कठिनाइयों और समस्याओं का सूक्ष्म दृष्टि से आकलन करता यह दस्तावेज़ हमारे सम्मुख उस जीवन-दृश्य को प्रस्तुत करता है, जो नारकीय है। प्रस्तुत पुस्तक मध्यप्रान्त और बरार में रहनेवाले जनजातीय समाज की उन विषम समस्याओं से हमें अवगत कराती है कि कैसे समय-समय पर उनकी ज़मीनों, परम्पराओं, भाषाओं से अलग-थलग करके उन्हें ‘निम्न’ जाँचा गया है और कैसे उन्हें साहूकारी के पंजों में फँसाकर बँधुआ मज़दूरी के लिए बाध्य किया गया है। यहाँ उनकी समस्याओं का एक गम्भीर विश्लेषण है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पशु-चिकित्सा आदि के नाम पर उन पर जबरन एक ‘सिस्टम’ थोपा गया जिससे उनकी समस्याएँ कम होने के बजाय और बढ़ी हैं। डब्ल्यू.वी. ग्रिग्सन की अंग्रेज़ी पुस्तक से अनूदित यह पुस्तक जहाँ एक तरफ़ जनजातीय समस्याओं पर केन्द्रित हिन्दी पुस्तकों के अभाव को दूर करती है, वहीं दूसरी ओर शोधकर्ताओं और समाज के उत्थान में जुटे कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन भी करती है।
Samajik Samrasta
- Author Name:
Narendra Modi
- Book Type:

- Description: "अंग्रेजों ने हिंदुत्व को, राष्ट्रीयत्व को क्षीण करने का षड्यंत्र रचा, जिसे डॉ. बाबा साहब अंबेडकरजी ने समझा और समाज में आई बुराइयों को दूर करने का बीड़ा उठाया। वंचित वर्ग में प्रेरणा जगाकर उसमें ऊपर उठने की ललक जगाई। उसी प्रकार गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी समाज में व्याप्त दु:ख और अभावों को दूर करने का संकल्प लिया। उन्होंने समरस समाज के विचार को प्रतिष्ठित करने का सत्प्रयास किया। समाज के विविध प्रश्नों को देखने का उनका अपना ही दृष्टिकोण है। नरेंद्र मोदी की समाज के प्रति जो संवेदना है, वंचितों के प्रति जो कर्तव्य-भाव है और सामाजिक समरसता के लिए जो प्रतिबद्धता है, वह उनके भाषणों में, उनके लेखों में तथा उनके कार्य में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। किसी भी राज्य के संपूर्ण विकास का मापन राज्य के वंचितों-पीड़ितों के विकास (कष्ट निवारण) के आधार पर होता है। सच्चा सर्वांगीण विकास वही है, जिसमें अंतिम छोर में निवास करने वाले छोटे-से-छोटे आम आदमी तक विकास का फल पहुँचे। श्री नरेंद्र मोदी के शासन का अधिष्ठान ऐसा ही ‘कल्याणकारी राज्य’ रहा है। उनके जीवन-कार्य का केंद्रबिंदु भी समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा सामान्य आदमी ही है। यह पुस्तक श्री नरेंद्र मोदी के विचारशील व चिंतनपरक लेखों का संकलन है। इसमें आमजन के प्रति उनके ममत्व भाव, सुख-दु:ख में सहभागिता तथा विचार-चिंतन की श्रेष्ठता, समाज के प्रति संवेदना एवं सामाजिक समरसता के प्रति वचनबद्धता को साक्षात् अनुभव किया जा सकता है। "
Arastu
- Author Name:
Sukesh kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...