
Prakrati Aur Prakratish
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
163
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
326 mins
Book Description
परमजीत सिंह (जन्म : 1935) देश के उन महत्त्वपूर्ण आधुनिक चित्रकारों में से हैं जिन्होंने अपने समय के प्रचलित आधुनिक मुहावरों की चिन्ता न करके अपना एक अलग और लम्बा रास्ता खोजा है। पिछले 55 से भी अधिक सालों में एक अद्भुत समर्पण, एकाग्रता और निजी आग्रहों के प्रति एक गहरी निष्ठा से वह अपनी कला भाषा को विकसित करते रहे हैं। एक समय उनकी कला पर अतियथार्थवादी (सररियलिस्ट) चित्र भाषा का असर था पर धीरे-धीरे उन्होंने अपने प्रकृति प्रेम को कलाकार की गहरी आध्यात्मिक साधना में रूपान्तरित कर दिया है। ‘प्रकृति और प्रकृतिस्थ’ पुस्तक में परमजीत सिंह के जीवन, विकास और कला सरोकारों की गहरी छानबीन की गई है। लेखक ने कलाकार से अनेक लम्बी अनौपचारिक भेंटवार्ताओं के अलावा परमजीत की निजी आर्काइव और उनके दौर के कलाकारों और कला समीक्षकों से बातचीत करके इस एक बड़े कलाकार की दुनिया को कला-प्रेमियों के सामने प्रस्तुत किया है। परमजीत सिंह की कला में लैंडस्केप केन्द्र में है पर उन्होंने लैंडस्केप कला को एक नई गरिमा और पहचान दिलाई है। उनके लैंडस्केप सुन्दर दृश्यों की स्मृतियाँ मात्र नहीं हैं, उनमें एक रहस्यमय दुनिया में प्रवेश की दुर्लभ कुंजियाँ हैं और चिन्ता व आशंका का एक अद्वितीय संसार भी है। आशंका की आहटें उनके लैंडस्केप चित्रों को अपने समय का स्मरणीय दस्तावेज़ बना देती हैं। इस पुस्तक में कलाकार और उनके मित्रों-स्वजनों के अनेक दुर्लभ चित्र हैं, विभिन्न चरणों में किए गए कलाकार के काम का एक प्रतिनिधि चयन है और आज़ादी के बाद के उस दौर को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में समझने की एक सार्थक कोशिश है जो परमजीत की कला के विकास में निर्णायक साबित हुई।