Prashasnik Kosh (Angreji-Hindi)
Author:
Hardev BahariPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Unavailable
इस शब्दकोश की ख़ास विशेषता यह है कि इसमें अपने समय के तमाम ज़रूरी विषयों के शब्दों को संगृहीत किया गया है<strong>—</strong>अर्थ व्याख्या<strong>, </strong>आयोजन <strong>(</strong>planning), उद्योग-धन्धे<strong>, </strong>कार्यालयी कार्य<strong>, </strong>डाक-तार-संचार<strong>, </strong>नागरिक आपूर्ति<strong>, </strong>परिवहन<strong>, </strong>पुलिस प्रशासन<strong>, </strong>प्रसारण और दूरदर्शन<strong>, </strong>बीमा<strong>, </strong>बैंकिंग<strong>, </strong>मुद्रण<strong>, </strong>रक्षा<strong>, </strong>राजनीति विज्ञान<strong>, </strong>रेलवे<strong>, </strong>लेखा-परीक्षण<strong>, </strong>लेखाविधि<strong>, </strong>वाणिज्य<strong>, </strong>वास्तुकला<strong>, </strong>वित्त<strong>, </strong>विदेश-नीति<strong>, </strong>विधि (क़ानून)<strong>, </strong>शिक्षा<strong>, </strong>श्रम और रोज़गार<strong>, </strong>संसदीय मामले<strong>, </strong>संस्कृति<strong>, </strong>समाज कल्याण<strong>, </strong>सहकारिता और स्वास्थ्य आदि।</p>
<p>निस्सन्देह<strong>, </strong>अंग्रेज़ी से हिन्दी का यह कोश सरकारी काम करनेवालों और सरकार से पत्राचार करनेवालों के लिए विशेष रूप से उपयोगी और संग्रहणीय है।
ISBN: 9788192434667
Pages: 457
Avg Reading Time: 15 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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बाबू के इन निबन्धों में प्रवाह और ताजगी तो है ही भाषा की सुन्दर छवियाँ भी हैं। मनुष्य की मुक्ति उनकी चिन्ताओं का सबसे बड़ा केन्द्र है और उसके लिए वे समता को आवश्यक शर्त मानते हैं। गैर-बराबरी से अधिक मनुष्य विरोधी उन्हें शायद कुछ नहीं लगता और इस विषय पर वे अनेक बार लिखते हैं। नंद बाबू ने ‘धर्मयुग’ जैसी पत्रिका के लिए लिखा तो लघु पत्रिकाओं और लघु समाचार-पत्रों के लिए भी लिखा। उनके इस गद्य लेखन में जहाँ काव्य की सौन्दर्यपक्षीय चिन्ताएँ हैं वहीं काव्य के उपयोगपक्ष की वस्तुनिष्ठ चिन्ताओं पर भी लगातार जिरह भी। कवि का यह गद्य उनके काव्य संसार को बेहतर ढंग से समझने का रास्ता देता है, मनुष्यता के रास्तों का संधान करता है तो इसे पढ़ना प्रसन्न गद्य को पढ़ना भी है। ‘रचनावली’ के तीसरे खंड में नंद चतुर्वेदी के कथेतर लेखन को सहेजा गया है जिसमें संस्मरण, डायरी, पत्रों के साथ व्याख्यान और साक्षात्कार भी हैं। वे इस गद्य लेखन में अपने समय और समाज की छोटी बड़ी तमाम व्याधियों पर नज़र दौड़ाते हैं और राजनीति व राजनेताओं के सम्बन्ध में भी दो-टूक लिखने में संकोच नहीं करते। एक लेखक के रूप में उन्होंने समाजवादी 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- Description: फ़ारसी भाषा, हिन्दी की ही तरह, भारतीय आर्य भाषा उपकुल का एक भाग है। ईरान एवं भारत, दोनों कृषि–प्रधान देश रहे हैं। दोनों की संस्कृतियों में अनेक समानताएँ आज भी विद्यमान हैं। मुग़ल–पूर्व, मुग़ल और मुग़लोत्तर शासन के दौरान हिन्दुस्तान में फ़ारसी भाषा का प्रसार एवं प्रचार अपनी चरम सीमा पर था। कबीरदास, सूरदास, मलिक मुहम्मद जायसी जैसे हिन्दी के कालजयी महान कवियों ने फ़ारसी भाषा के अनेक शब्दों को अपनी भावाभिव्यक्ति का साधन बनाया और उनका रचनात्मक प्रयोग किया। इस प्रकार कहा जा सकता है कि फ़ारसी ने हिन्दी साहित्य की रचनाधर्मिता पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। फ़ारसी के अनेक शब्द ऐसे भी हैं, जिनका चलन आज ईरान में लगभग समाप्त हो चला है, लेकिन हिन्दी में वे अब भी जीवित हैं और साहित्य में ही नहीं, आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग किए जा रहे हैं। फ़ारसी के अनेक मुहावरे अनूदित होकर हिन्दी की निधि बन चुके हैं। प्रस्तुत ‘फ़ारसी–हिन्दी शब्दकोश’ हज़ारों वर्षों में फैले भारत–ईरान के सांस्कृतिक सम्बन्धों को रेखांकित करनेवाला प्रथम शब्दकोश है। विभिन्न विषयों एवं अलग–अलग परिप्रेक्ष्यों से सम्बन्धित लगभग 25,000 शब्द–प्रविष्टियों से सम्पन्न यह शब्दकोश, जिसमें पुरातन और नवीन दोनों प्रकार की अर्थ–परम्पराओं का समावेश है, प्राचीन और अर्वाचीन शब्दों का सुन्दर मिश्रण है। आशा है, यह शब्दकोश विभिन्न प्रकार के अध्ययनकर्ताओं तथा सामान्य पाठकों के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगा।
Khushiyon Ka Network
- Author Name:
Smt. Vandana Singh
- Book Type:

- Description: खुशियों का नेटवर्क व्यक्तिगत विकास से संबंधित एक ऐसी पुस्तक है, जो सिद्धांतों पर ज्यादा जोर न देते हुए व्यावहारिक प्रयोग पर बल देती है। यह पुस्तक पाठकों को खुशी के मंत्र प्रदान करती है, जिससे वह अपनी भाण- दौड़ भरी जिंदगी में 'खुश कैसे रहा जाए! बहुत आसानी से जान जाएँगे। यह पुस्तक पढ़ने के उपरांत आपको निम्नांकित लाभ होंगे- आप अपनी सोच को नियंत्रित कर पाएंगे। हर पल आपको खुशी का एहसास होगा | आपको अपने चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह महयूस होगा। भावनात्मक रूप से आप आत्मनिर्भर होंगे। हर परिस्थिति में उत्साहित करनेवाले सकारात्मक तथ्यों को ढूँढ़ पाएंगे। जीवन के प्रति नजरिए में परिवर्तन होगा। आप अपनी सकारात्मकता को दूयरों में भी स्वतः ही प्रवाहित करने लगेंगे, जिससे आपके आसपास का वातावरण उल्लासपूर्ण हो जाएगणा। अपनी जिन आदतों को आप परिवर्तित करना चाहते हैं, उसकी प्रक्रिया स्वयं प्रारंभ कर सकेंगे। आप अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को आकर्षित कर पाएँगे। अन्य लोगों के साथ आपके संबंध एवं व्यवहार में सुधार आएगा | जीवन के आनंद, उल्लास और सार्थकता का बोध करानेवाली एक व्यावहारिक व पठनीय पुस्तक |
Ramana Pito
- Author Name:
Hiralal Shukla
- Book Type:

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Description:
गोंडी बोली में रामकथासार की प्रस्तुति रचनात्मक अभाव को दूर करने की एक बड़ी कोशिश
तो है ही, नई शुरुआत करने की एक दूरदृष्टि भी है। गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानसएक ऐसी कृति है, जिसका दो-तिहाई से अधिक अंश वनभूमि और वनजनों से सम्बद्ध है और आदिवासियों के जीवन-जगत में आज भी शामिल है, जिससे ये अपना सम्बन्ध पुरातन मानते हैं, इसलिए अभिन्न जुड़ाव रखते हैं।
गोंडी बोली की इस रामकथा में आदिवासी समुदाय अपने जीवन, समाज, संस्कृति और सामूहिक संघर्ष-चेतना की
भी कथा देखता, जीता है। यह पुस्तक रामकथा के बहाने जनजातियों की तरफ़ से उनकी विरासत का परिचय
और उनके अपने अस्तित्व की गाथा भी प्रस्तुत करती है।
Mahalon Mein Vanvas
- Author Name:
Aruna Mukim
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
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