
Cycle Se Duniya Ki Sair
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
280
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
560 mins
Book Description
बांग्ला के विख्यात यात्रा-वृत्तकार एवं यात्री-पर्वतारोही बिमल दे की यह पुस्तक उनके सबसे साहसी यात्रा-अभियान पर केन्द्रित है। पाँच वर्षों में पूरी हुई यह यात्रा उन्होंने साइकिल से की थी।</p> <p>वर्ष 1967 में कोलकाता से शुरू हुआ उनका यह सफ़र ईरान, तुर्की, रूस, अफ़गानिस्तान, इराक, सूडान, मिस्र, इटली, स्विट्जरलैंड, स्पेन, मोरक्को, फ्रांस, अमेरिका आदि देशों और उनके प्रमुख शहरों से होते हुए 1972 तक जारी रहा।</p> <p>बांग्ला में ‘सुदूरेर पियासी’ नाम से प्रकाशित और अत्यन्त चर्चित इस पुस्तक में बिमल दे ने अपने उन अनुभवों को अंकित किया है जिनका उनकी चिन्तन-धारा पर दीर्घकालीन प्रभाव पड़ा।</p> <p>विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों, जीवन-शैलियों और प्रकृति के अनेकानेक रूपों को एक सजग आँख से दिखाती यह पुस्तक हमारी सोच और जीवन-दृष्टि को भी विस्तृत करती है, और विविधता से परिपूर्ण इस विशाल संसार में रहने व जीने का सलीका देती है।