Secrets Of Breath
Author:
Rajeev SaxenaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 316
₹
395
Available
Breath is not merely a sign of life; it is complementary to and propeller of life. Our breath is behind all reactions happening inside our body. The same is also behind our emotion of anger, hate, frustration or jealously.
Both peace of mind and lack of it are linked to the breath. In fact, all that happens in our lives and the outcomes of our actions or interactions are not only related to the breath but also because of it. This book illuminates the hidden ancient secret knowledge as told by lord Shiva and reveals how anything and everything that we do, is impacted by the subtle changes happening inside our body while we breathe.
These changes can easily be felt by us in real life if we have this knowledge. The practices like meditation and yoga are incomplete without this knowledge. This book reveals how to lead a happy and successful life in the material world and also how to explore the path to the pinnacle of spiritual knowledge.
ISBN: 9789355211989
Pages: 248
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Stree-Adhikaron Ka Auchitya-Sadhan
- Author Name:
Meri Volsatanakrafta
- Book Type:

-
Description:
मेरी की यह सर्वप्रमुख कृति 1792 में प्रकाशित हुई। प्रकाशित होने के साथ ही इसकी ख्याति इंग्लैंड के बाहर पूरे यूरोप में और अमेरिका तक में फैल गई। मेरी ने इस कृति में प्रबोधनकाल की तर्कणा और बुर्जुआ क्रान्ति के ‘स्वतंत्रता-समानता-भ्रातृत्व’ के सिद्धान्तों को स्त्री-समुदाय के ऊपर भी समान रूप से लागू करते हुए स्पष्ट शब्दों में यह स्थापना दी कि कोई भी समतावादी सामाजिक दर्शन तब तक वास्तविक अर्थों में समतावादी नहीं हो सकता, जब तक कि वह स्त्रियों को समान अधिकार और अवसर देने की तथा उनकी हिफ़ाज़त करने की हिमायत नहीं करता। इस स्मारकीय कृति में मेरी वोल्सटनक्राफ़्ट ने ‘शिक्षा की कपटपूर्ण और कृत्रिम प्रणाली’ की निर्भीक-विध्वंसक आलोचना प्रस्तुत करते हुए यह तर्क दिया है कि यह मध्यवर्ग की स्त्रियों को ‘नारीत्व’ (फ़ेमिनिनिटी) के मिथ्याभासी दमघोंटू आदर्शों के दायरे में जीने के लिए तैयार करती है। शैशवावस्था से ही उन्हें यह शिक्षा दी जाती है कि ‘सौन्दर्य स्त्रियों का राजदंड होता है, कि दिमाग़ शरीर के हिसाब से अपने को ढालता है (यानी शारीरिक भिन्नता के चलते स्त्रियों का दिमाग़ भी अ़लग क़िस्म का होता है), और अपने स्वर्णजड़ित पिंजरे में चक्कर काटते हुए वे अपनी जेल को पसन्द करना सीख जाती हैं।’
मेरी वोल्सटनक्राफ़्ट ने अपने समाज के उग्र पुरुष-वर्चस्ववादी, रूढ़िवादी परिवेश में स्त्रियों को ‘तर्कपरक प्राणी’ के रूप में सम्बोधित करने का साहस किया और ऐसे व्यापकतर मानवीय आदर्शों का आकांक्षी बनने के लिए उनका आह्वान किया जिनमें अनुभूति के साथ तर्कणा और स्वतंत्रता के अधिकार का संश्लेषण हो।
Kalam Quiz Book
- Author Name:
Dr. Manish Rannjan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Yashpal Rachanawali : Vols. 1-14
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

- Description: प्रेमचन्दोत्तर हिन्दी कथा साहित्य में यशपाल असाधारण महत्त्व के लेखक हैं। उन्होंने गद्य की प्राय: सभी विधाओं में लिखा है। प्रेमचन्द की तरह ही उनका भी लेखन ख़ाली समय को भरने का एक शग़ल-भर नहीं था। उनके लिए सामाजिक परिवर्तन में उसकी एक स्पष्ट और सुनिर्दिष्ट भूमिका थी। अपने लेखन से वे बहुत कुछ वही काम करना चाहते थे जिसके लिए अपनी तरुणाई में वे सामाजिक और राजनीतिक क्रान्ति की ओर मुड़े थे। उनके उपन्यास, कहानियाँ, आत्म-वृत्तान्त, वैचारिक लेखन, यात्रा-साहित्य यानी उनका लिखा सब कुछ इसी एक सूत्र में गुँथा और पिरोया गया लगता है। इस सबका एक ही घोषित-अघोषित लक्ष्य है—एक बेहतर दुनिया की खोज और निर्माण। विवादों से बचकर निकलना यशपाल की प्रवृत्ति नहीं है। सब कहीं और प्रायः हमेशा वे जैसे विवादों को आमंत्रित करते हैं, क्योंकि उनका विश्वास था—वादे-वादे जायते तत्त्वबोध। ‘यशपाल रचनावली’ के चौदह खंडों की योजना वस्तुतः उनके साहित्य में निरन्तर बढ़ती हुई इसी दिलचस्पी का परिणाम है। हर बड़े और समर्थ लेखक की तरह यशपाल भी अपने समय के प्रति सच्चे रहकर ही आज हमारे समय के लिए और भी सार्थक, प्रामाणिक एवं विश्वसनीय हैं। उनकी रचनावली की सार्थकता का सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि जिस और जैसे समाज का निर्माण वे करना चाहते थे, उसकी आवश्यकता इधर बहुत शिद्दत से महसूस की जाती रही है। अपने समय और समाज को यशपाल ने जितनी अच्छी तरह समझा और जाना था, उसके उदाहरण भारतीय समाज में अधिक नहीं हैं। इसे जानने और समझने की भरपूर क़ीमत भी उन्होंने चुकाई। इस तरह यह रचनावली प्रकारान्तर से इस सच को भी सामने लाती है कि साहित्य, कला एवं विचार की दुनिया में उठाया जानेवाला जोखिम ही किसी लेखक के बड़े और सार्थक होने की एक ज़रूरी शर्त हो सकता है। ‘यशपाल रचनावली’ के पहले खंड में यशपाल के उपन्यास ‘दादा कामरेड’, ‘देशद्रोही’ और ‘गीता’; दूसरे खंड में ‘दिव्या’, ‘अमिता’ और ‘अप्सरा का शाप’; तीसरे खंड में ‘झूठा सच : वतन और देश’; चौथे खंड में ‘झूठा सच : देश का भविष्य’; पाँचवें खंड में ‘मनुष्य के रूप में’, ‘बारह घंटे’ और ‘क्यों फँसें’; छठे खंड में ‘तेरी मेरी उसकी बात’ और सातवें खंड में उनके दो अनूदित उपन्यास ‘पक्का कदम’ और ‘जुलैखाँ’ शामिल हैं। ‘रचनावली’ के आठवें खंड में यशपाल के कहानी-संग्रह—‘पिंजरे की उड़ान’, ‘वो दुनिया’, ‘तर्क का तूफ़ान’, ‘अभिशप्त’ और ‘ज्ञानदान’; नौवें खंड में ‘भस्मावृत्त चिंगारी’, ‘फूलों का कुर्ता’, ‘धर्मयुद्ध’, ‘उत्तराधिकारी’ ‘चित्र का शीर्षक’ और ‘तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ’; दसवें खंड में ‘वो भैरवी’, ‘उत्तमी की माँ’, ‘सच बोलने की भूल’, ‘खच्चर और आदमी’, ‘भूख के तीन दिन’ और ‘लैम्प शेड’ शामिल हैं। वहीं ‘रचनावली’ के ग्यारहवें खंड में निबन्ध-संग्रह—‘मार्क्सवाद’, ‘गांधीवाद की शव-परीक्षा’, ‘रामराज्य की कथा’, ‘देखा सोचा समझा’ और ‘बीवी जी कहती हैं मेरा चेहरा रोबीला है’; बारहवें खंड में ‘न्याय का संघर्ष’, ‘चक्कर क्लब’, ‘बात-बात में बात’ और ‘जग का मुजरा’; तेरहवें खंड में यशपाल के कहानी-संग्रह—‘लोहे की दीवार के दोनों ओर’, ‘राहबीती’ और ‘स्वर्गोद्यान : बिना साँप’ तथा कथा-नाटक ‘नशे-नशे की बात’ शामिल हैं, तो चौदहवें खंड ‘सिंहावलोकन’ में यशपाल के क्रान्तिकारी जीवन के संस्मरण को शामिल किया गया है।
Success Principles of Bill Gates : Secrets Behind the Success of the Microsoft Billionaire
- Author Name:
Shikha Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Happiness & Wellbeing
- Author Name:
Alok Ranjan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Magic of Faith
- Author Name:
Dr. Joseph Murphy
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Indian Tea in American Cup (English Translation of अमरीकी प्याले में भारतीय चाय)
- Author Name:
Harish Naval +1
- Book Type:

- Description: The cheerful saga of our daily life has harsh undertones which we tend to overlook until they are exposed to us in some form or the other. Here is a series of satire episodes which take a dig at our fake perceptions. In his book ‘Indian Tea in American Cup’ Harish Naval stirs up myriad shades of human emotions. As an accomplished satirist, he carefully scratches the superficial sheen to unearth the underlying dark mosaic of human nature.
Arabpatiyon Jaisa Kaise Sochen?
- Author Name:
Pradeep Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lokpriya Jatak Kathayen
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ayurveda va Yoga Dwara Vazan Ghatayen
- Author Name:
Dr. Vinod Verma
- Book Type:

- Description: "डॉ.एस. राधाकृष्णन ने हिंदू धर्म के केंद्रीय सिद्धांतों, इसके दार्शनिक और आध्यात्मिक सिद्धांत, धार्मिक अनुभव, नैतिक चरित्र और पारंपरिक धर्मों की व्याख्या की है। हिंदू धर्म परिणाम नहीं एक प्रक्रिया है, विकसित होती परंपरा है, न कि निश्चित रहस्योद्घाटन—जैसा कि अन्य धर्मों में होता है। उन्होंने ईसाई धर्म, इसलाम और बौद्ध धर्म की तुलना हिंदू धर्म के संदर्भ में की है और इस बात पर बल दिया है कि इन धर्मों का अंतिम उद्देश्य सार्वभौमिक स्वयं की प्राप्ति है। धर्म को लेकर राधाकृष्णन का विश्लेषण परम बौद्धिक और संतुलित है तथा उनके व्याख्यानों को विश्व भर में हार्दिक प्रतिक्रिया मिली है। इस पुस्तक के लेख इस महान् दार्शनिक के मन को प्रतिबिंबित करते हैं, जिनका अभिवादन एक और विवेकानंद के रूप में किया गया है। हिंदू धर्म का विहंगम दिग्दर्शन करानेवाली पठनीय पुस्तक।
Ladke Rotey Nahin "लड़के रोते नहीं" Boys Don't Cry Book in Hindi | Nidhi Kaushik
- Author Name:
Nidhi Kaushik
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhookh aur Bhoj ke Beech Vivekananda
- Author Name:
Sankar
- Book Type:

- Description: कभी राजभवन में सोने की थाली में राजसी भोजन, कभी झोंपड़ी में गरीबों का भोजन, कभी भूखे पेट, कभी सुनसान जंगल में आधे पेट खाकर भ्रमण करना स्वामी विवेकानंद के जीवन के अंतिम दो दशकों की आश्चर्यजनक जीवनगाथा। पिछले लगभग डेढ़ सौ वर्षों से कई देशों में स्वामीजी के पाककला प्रेम की चर्चा के साथ महासागर के उस पार अमेरिका में वेद, वेदांत के साथ-साथ बिरयानी-पुलाव-खिचड़ी से संबंधित कई अनजानी कहानियाँ प्रचलित हैं। भारतीय पाककला के प्रचार में सर्वत्यागी संन्यासी के असीम उत्साह वर्तमान के समाजतत्त्वविद् के लिए आश्चर्य की बात है, फिर भी पाकशास्त्री महाराज विवेकानंद को लेकर कोई संपूर्ण पुस्तक किसी भी भाषा में क्यों नहीं लिखी गई है, यह समझ से परे है। इस पुस्तक में स्वामी विवेकानंद के आहार के विषय में हजारों लोगों के मुँह से कही गई अनमोल बातों पर खोजी लेखक शंकर की अद्भुत प्रस्तुति है।
SHRI RAM KI ATMAKATHA
- Author Name:
Deokinandan Gautam
- Book Type:

- Description: श्रीराम लोकमानस में रचे-बसे हैं। इससे बड़ा सत्य यह है कि श्रीराम से पुराना कोई नाम नहीं है। श्रीराम के चरित्र से हजारों वर्षों से मानव ने स्वयं को पुनीत किया है। भगवान् श्रीराम के हृदय में तो मैत्रीभाव, सौहार्द भाव है। वे विरोधी के कल्याण की ही सोचते हैं। उनके हृदय में तो बस सबके लिए कल्याण-भाव है। भगवान् श्रीराम के मन में शत्रुभाव का नितांत अभाव है। उन्होंने अपना अनर्थ करनेवाले रावण के प्रति भी हमेशा उदारता दिखाई, समझाया और धर्म की रीति का पालन करते हुए धर्मयुद्ध में राक्षसों का संहार किया। ऐसे श्रीराम की राजकुमार से भगवान् के परमपद तक की जीवन-यात्रा साधना के साथ होना इस पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य रहा है। धैर्यशीलता, सत्यशीलता और कृपाशीलता की संयुक्त झलक श्रीराम के चरित्र में स्थान-स्थान पर मिलती है। उनके अवतरण से समाज में समभाव, और सत्यनिष्ठा, अद्वितीय कर्त्तव्य से पीडि़त, शोषित और वंचितों के सम्मान की श्रीवृद्धि हुई और समाज में जीवन-मूल्यों की स्थापना हुई। पुस्तक में श्रीराम के राजकुमार, ब्रह्मचारी, शिष्य, परिव्राजक, पुत्र, पति, वनवासी, जिज्ञासु, ऋषि-सत्ता के प्रति श्रद्धावान्, परम योद्धा, भ्राता, मित्र, शत्रु, राजा, त्यागी, मर्यादा पुरुषोत्तम आदि सभी रूपों में अनुकरणीय आदर्श के रूप में चरित्र को उकेरने का प्रयास किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक श्रीराम का अयोध्या के राजकुमार से भगवद्पद तक प्रेरक एवं पुनीत प्रस्तुतीकरण है।
Student Mind Power : Every Peak Has To Be Conquered
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kahani Ke Falak
- Author Name:
Arun Prakash
- Book Type:

- Description: Critic
Safalta ke Gurumantra
- Author Name:
Napoleon Hill
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JANGALI DULHAN
- Author Name:
Neha Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Afghanistan "अफगानिस्तान : शांति की तलाश, युद्ध की राह" Book in Hindi
- Author Name:
Prem Prakash
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Spoken English Digest
- Author Name:
Rashmeet Kaur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
A Patriot Monk Swami Vivekananda
- Author Name:
Shanta Kumar
- Book Type:

- Description: "In jail, I read the complete literature of Swami Vivekananda. One thing which impressed and amazed me very much was that Swami Vivekananda left his home and all worldly affairs to attain salvation but after travelling the whole of India for four years and seeing the poverty of our country, gave up the idea of Moksha too. On the rock of Kanyakumari, he made a historical announcement—“O Lord! I do not want salvation till every human being of my country is not free from hunger: And let me be born again and again to serve my motherland.” Not only this, he called upon all the countrymen to forget all the Gods and Goddesses for some time as the poor countrymen are the greatest Gods and Goddesses and their service is the highest worship. He gave the Mantra of DRIDARA-NARAYANA. —Shanta Kumar"
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...