Sahitya Ki Vyapak Chintayen
Author:
Nand ChaturvediPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 316
₹
395
Available
इस पुस्तक में संकलित साक्षात्कार, सामयिक विषयों पर गम्भीर चिन्ताएँ तो हैं ही, साथ ही नन्द चतुर्वेदी के साहित्यिक सोच की अभिव्यक्ति भी है। वे कविता की परम्परागत बुनावट के साथ-साथ उसकी सामाजिकता और उससे जुड़े सरोकारों को भी जानते-पहचानते थे। ये सम्पूर्ण रूप से नन्द चतुर्वेदी की साहित्यिक चिन्ताओं और उनके सफल-असफल होने की कथा भी हैं।
शिक्षा, मीडिया, नया आर्थिक परिदृश्य, जिसमें निजीकरण और वैश्वीकरण शामिल हैं, उनकी व्यापक चिन्ताओं का हिस्सा थे। उनको एक दु:ख यह भी था कि राजस्थान के हिन्दी लेखकों को वह सम्मान और प्रतिष्ठा नहीं मिली जिसके वे हक़दार थे। वे राजस्थान को उत्तर प्रदेश की मंडी बनाने के ख़िलाफ़ थे और बार-बार इस दु:ख का बयान इन साक्षात्कारों में करते हैं।</p>
<p>नौ दशकों के लम्बे जीवनकाल में नन्द जी ने कई सामाजिक कालखंडों में अपना जीवन जिया। झालावाड़-उदयपुर का सामन्ती-काल, आज़ादी की लड़ाई और देश-निर्माण के सपने। आज़ादी के बाद बराबरी का सपना भी टूटा और बहुत बाद के दिनों में उन्हें निजीकरण और वैश्वीकरण के सवालों के उत्तर भी खोजने पड़े। ये साक्षात्कार उनके हर अनुभव का आईना हैं।
इस पुस्तक के कई साक्षात्कारकर्ता नन्द जी के साथी, सहयोगी कवि और प्रियजन रहे हैं। विदेश और देश के अन्य भागों से आए विद्वज्जनों ने भी उनसे बातचीत की है। इन लम्बे साक्षात्कारों में वे अपने पढ़ने-लिखने, स्मृतियों और बचपन के दिनों की चर्चा भी करते हैं।
पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें शामिल सभी साक्षात्कारों को नन्द जी ने अपने जीवन के आख़िरी वर्षों में स्वयं सम्पादित और चयनित किया था।
व्यवस्था के पुनर्निर्माण की आशा अब भी बची है, क्योंकि ये जो बहुत-से सपने हैं, वे काल्पनिक नहीं हैं। वे मनुष्य के अस्तित्व की बुनियादी शर्तें हैं—जैसे मनुष्य की स्वाधीनता, जैसे मनुष्य की समता। इनको छोड़ना सम्भव नहीं है। और तब मुझे यह प्रतीत होता है कि चाहे जितने दिन तक चीज़ें उथल-पुथल होती रहें लेकिन अन्त में समता और स्वाधीनता के प्राप्त हुए बिना मनुष्य बच नहीं पाएगा।
—इसी पुस्तक से
ISBN: 9788126730407
Pages: 140
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Phalit Sarovar
- Author Name:
Raghunandan Prasad Gaur
- Book Type:

- Description: प्रत्येक व्यक्ति को अपने भविष्य में घटित होनेवाली शुभाशुभ घटनाओं को जानने की जिज्ञासा रहती है । यही कारण है कि आजकल शिक्षित युवकों में भी ज्योतिष के अध्ययन के प्रति रुचि जाग्रत् होती जा रही है । विद्वान् लेखक की पहली पुस्तक ' आधुनिक ज्योतिष ' बड़े-बड़े ज्योतिर्विदों के लिए भी वैज्ञानिक आधार सिद्ध हो चुकी है । प्रस्तुत है, ज्योतिष के फलित पक्ष पर लिखी गई उनकी एक और प्रामाणिक रचना, जिसमें उन्होंने राशियों, ग्रहों एवं भावों की शुभाशुभता, भावात् भावम् के सिद्धांत, सुदर्शन पद्धति, ग्रह दृष्टि भेद आदि अनेक जटिल प्रकरणों के अतिरिक्त ज्योतिष के एक सौ इक्कीस महत्त्वपूर्ण फलित सूत्रो को भी अनेक व्यक्तियों की जन्मकुंडलियों द्वारा सिद्ध किया है तथा साथ ही विभिन्न लग्नों की कुंडलियों में राशियों, भावों तथा ग्रहों के फल का भावेश, स्थिति एवं दृष्टि के आधार पर विवेचन करते हुए प्रत्येक भाव से संबंधित अनेक विशिष्ट योग भी प्रस्तुत किए हैं, जिससे पुस्तक की उपयोगिता कई गुना बढ़ गई है । प्रस्तुत पुस्तक में प्रयास किया गया है कि पाठक निश्चित सिद्धांतों के आधार पर स्वयं अपनी जन्मकुंडली का अध्ययन कर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकें ।
Bharat Ke Mahan Swatantrata Senani | India's Great Freedom Fighter | Book in Hindi
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sanskriti Se Nikalati Rahen
- Author Name:
Ramnaresh Kushwaha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Main Paper-1 (General Studies) Samanya Adhyayan For 70th BPSC Mains Examination With Latest Important Practice Questions
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Path to Divinity Book by Swami Avdheshanand Giri
- Author Name:
Swami Avdheshanand Giri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sarvapriya Atalji
- Author Name:
Suresh Chand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
S.I.P. Ke Chamatkar Se Financial Freedom Kaise Payen?
- Author Name:
Mahesh Chandra Kaushik
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ramdhari Singh Diwakar Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Ramdhari Singh Diwakar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Matoshree: Ahilyabai Holkar (Queen of the Malwa kingdom) Biography Book in Hindi
- Author Name:
Sumitra Mahajan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
101 Weight Loss Tips
- Author Name:
Dr. Anil Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sugam Hindi
- Author Name:
Ramvachan Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ath Kaikeyi Katha
- Author Name:
Rajendra Arun
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
AMBEDKAR & MODI
- Author Name:
Bluekraft Digital Foundation
- Rating:
- Book Type:

- Description: Dr. B.R. Ambedkar's influence has overarching impact on the making of Modern India. However, his legacy was sidelined and subjected to institutional neglect. The book is a prism that reflects upon the multitude of contributions of Dr. Babasaheb Ambedkar in the nation building process. Many of his ideas and interventions continue to define our governance paradigm, especially with PM Narendra Modi at the helm ensuring that his legacy is revived. The book studies the points of intersection of India’s development story under Prime Minister Narendra Modi and the ideals of Babasaheb. It also highlights the striking parallels between the two towering personalities that succeeded against all odds and worked to dismantle stifling social structures that they themselves experienced from close quarters.
MUSALMAN AUR SHARNARTHI
- Author Name:
Sardar Patel
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kathasatisagar
- Author Name:
Prof. Raj Nehru +1
- Book Type:

- Description: The sole aim of writing this book has been to rekindle the values of Kashmir that has been considered as the cradle of civilisation. The book aims at making the world know about the land of Kashmir that has been a prime contributor in extensively escalating Bharatiya culture across the globe. The book articulates about the reality of ancient Kashmir where people belonging to different sects lived peacefully and in co-existence. For centuries, education, culture and knowledge has been a matter of reverence and honour that has consequently produced great scientists, scholars and saints and has made Kashmir a melting pot of knowledge and wisdom. The book brings to light the invasions and forcible conversions that has led to genocide and seven recorded exoduses of Kashmiri Hindus. It also recommends some steps that government needs to take towards the dignified return of Kashmiri Hindus back into their homeland. Proud children of this land who carry with them the cultural heritage of Kashmir, its spiritual strength, urge for knowledge and search for truth, will be the harbingers of human hope. They will be the torch bearers of respect for elders and teachers, universal love and unlimited hospitality for all beings. This book is a collection of inspiring cultural folklore of Kashmir.
Rishwat Mahadevi Ki Jai!
- Author Name:
Yashwant Kothari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bindeshwar Vibha
- Author Name:
Dr. Rahul
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Desh, Dharma Aur Sahitya
- Author Name:
Vidhyaniwas Mishra
- Book Type:

-
Description:
साहित्य वास्तव में मनुष्य धर्म को रेखांकित करनेवाला वह रूप है, जो अपने देश के समाज के परिदृश्य को उसके बहुआयामी रंगों में कैनवस पर फैला हुआ दिखलाता है। साहित्य ही देश को गति भी देता है और उसे जीवंत बनाने का प्रयत्न करता है।
धर्म से साहित्य का रिश्ता एक ख़ास मायने में परिलक्षित होता है। साहित्य द्वारा ही धर्म का परिचालन होता है, लेकिन वह धर्म से तटस्थ रहकर अपनी बात कह सकने में समर्थ है।
इसीलिए ये तीनों लेखक को परस्पर ओत-प्रोत दिखाई पड़े हैं। ये अन्दर या बाहर रहते हुए भी एक-दूसरे के पूरक होने का आभास देते हैं।
संग्रह के निबन्धों में आज का समय कहीं भी ओझल नहीं हुआ, बल्कि ठोस धरातल पर क़दम जमाए खड़ा है, परन्तु कालातीत से ग्रहण करने की पूरी क्षमता भी रखता है।
Smritiyon Ki Basti
- Author Name:
Abdul Bismillah
- Book Type:

- Description: ‘स्मृतियों की बस्ती’ कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह के संस्मरणों का संग्रह है। इन संस्मरणों के केन्द्र में हैं हिन्दी के वे महान व्यक्तित्व जिनसे उनकी भेंट-मुलाक़ात हुई, जिनसे उन्होंने सीखा और जिन्हें उन्होंने अपने ढंग से समझा। संस्मरणों की विशेषता यह है कि वे उनके व्यक्तित्व को ही नहीं, उनकी रचनात्मकता, उनके अवदान को रेखांकित करते हुए उनका चित्र पाठक के सामने रखते हैं। बहुभाषाविद् त्रिलोचन के बारे में लिखते हुए उनकी इस मान्यता पर विशेष ज़ोर देते हैं कि शब्द का अर्थ शब्दकोश से नहीं बोध से खुलता है, प्रत्यक्ष अनुभव से खुलता है। इसी तरह अमृतलाल नागर से जुड़े संस्मरण में वे उनके साथ लखनऊ शहर के कुछ सजीव चित्र भी आँकते हैं जो नागर जी के व्यक्तित्व को और अच्छे ढंग से समझने में सहायक होते हैं। उनकी तुलना वे बरगद से करते हैं, तो अमरकान्त की अशोक वृक्ष से। बताते हैं कि अमरकान्त हिन्दू-मुस्लिम समस्या पर बहुत सोचते थे। कहते थे कि ‘विभाजन सिर्फ़ वही नहीं जो भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ, यह एक सार्वभौम प्रक्रिया है। इस पर गम्भीरतापूर्व सोचा नहीं गया।’ इसी प्रकार हजारीप्रसाद द्विवेदी, नागार्जुन, केदारनाथ सिंह, हरिवंश राय बच्चन, हरिशंकर परसाई, दूधनाथ सिंह, सोमदत्त, काशीनाथ सिंह, चित्रकार भाऊ समर्थ तथा फ़िराक़ गोरखपुरी, अलग-अलग समय पर हुई मुलाक़ातों-वार्ताओं को जोड़कर उन्होंने इनमें से हर किसी को हमारे और नज़दीक ला दिया है। ज़ाहिर है इनके साथ इन संस्मरणों में हम उस दौर के साहित्यिक वातावरण और उनके समकालीन अन्य लोगों को भी देखते हैं। एक संग्रहणीय पुस्तक।
Desh-Videshon Ki Rashtriya Vichardharayen
- Author Name:
Prof. Prabhakar Nanakar +1
- Book Type:

- Description: सामयिक राष्ट्रीय विचारधारा का प्रभाव राष्ट्र के इतिहास में कैसा महत्त्वपूर्ण रहता है, यह इस पुस्तक का मुख्य विषय है। पुस्तक का विभाजन छह भागों में किया है। पहले भाग में विचारधारा और राष्ट्रीय विचारधारा की संकल्पना, अर्थ तथा विशेषता स्पष्ट की गई है। दूसरे भाग में सामयिक राष्ट्रीय विचारधारा के प्रभाव के संदर्भ में जापान, जर्मनी, इंग्लैंड, अमेरिका, रूस, पूर्व-यूरोपीय राष्ट्र, मध्य-एशियन राष्ट्र, टर्की आदि देशों के इतिहास की चर्चा है। तीसरे भाग में भारतीय राष्ट्रीय विचारधारा और भारतीय संविधान का विवरण है। चौथे भाग में राष्ट्रीय विचारधारा के संवर्धन हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कांग्रेस, अनेक संप्रदायों, विविध मंदिरों और तीर्थ स्थानों के प्रयास का लेखा-जोखा प्रस्तुत है। भाग पाँच में राजकीय विचारधारा, उनके स्वतंत्रता के बाद किए हुए कार्य का और उनके सामने स्थित चुनौतियों का विवरण है। छठे भाग में सामयिक राष्ट्रीय विचारधारा की एकात्म शक्ति ही राष्ट्र की सभी समस्याओं का हल निकाल सकती है, इस सत्य का निरूपण किया है। विश्व प्रसिद्ध शास्त्रज्ञ पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर ने इस पुस्तक की प्रस्तावना में लिखा है—भारतीय संस्कृति शाश्वत है। इसी भारतीय संस्कृति से भारतीय राष्ट्रीय विचारधारा का निर्माण हुआ है। देश के सभी स्तर पर भारतीय राष्ट्रीय विचारधारा का अध्ययन होना आवश्यक है। इस अध्ययन को गति प्रदान करने के लिए इस पुस्तक का उपयोग हो सकता है। सभी नागरिकों को राष्ट्रीय विचारधारा की समन्वयी शक्ति का प्रभाव किस प्रकार हो सकता है, इसकी जानकारी इस पुस्तक द्वारा अवश्य प्राप्त होगी।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...