Manav Upayogi Ped
Author:
Ramesh BediPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 556
₹
695
Unavailable
जल, जंगल, ज़मीन निस्सन्देह मानव जीवन के आधार हैं। हमें शुद्ध वायु पेड़-पौधे ही उपलब्ध कराते हैं। लेकिन बढ़ते शहरीकरण के चलते पेड़-पौधों की उपेक्षा की गई और जंगल कटते चले गए जिसका ख़मियाजा मनुष्य असाध्य बीमारियों से लड़ते हुए भर रहा है। रामेश बेदी प्रकृति के विशेषज्ञ लेखक थे। यह पुस्तक विभिन्न पेड़ों की विभिन्न विशेषताओं से पाठक का परिचय कराती है।
इसमें मानव उपयोगी 8 वृक्षों—अर्जुन, चालमुग्रा, खैर, तुवरक, गाइनोकार्डिआ, भिलावा, गोरख इमली तथा हरड़ का वर्णन किया गया है। पुस्तक में पेड़ों के विविध भाषाओं में नाम, उनकी पहचान, उनका प्राप्ति-स्थान, उनकी कृषि, रासायनिक संघटन, घरेलू दवा-दारू में उपयोग तथा औद्योगिक उपयोग आदि की जानकारी दी गई है। वृक्षों का स्वरूप बताने के लिए रेखाचित्रों तथा तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है, जो पुस्तक को पठनीय बनाते हैं।
पुस्तक न सिर्फ़ पेड़-पौधों में रुचि रखनेवालों, आयुर्वेद व यूनानी के अध्येताओं, अनुसन्धानकर्त्ताओं, वन-अधिकारियों व वन-कर्मियों, फ़ार्मेसियों, कच्ची जड़ी-बूटियों के व्यापारियों के लिए उपयोगी है, वरन् आम जन के लिए स्वस्थ जीने के नुस्ख़े भी मुहैया कराती है।
ISBN: 9788126701025
Pages: 195
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Jal Sankat Aur Jal Sangrah
- Author Name:
Mukesh Kumar
- Book Type:

- Description: पानी का संकट लगातार गहराता जा रहा है। कहा जाने लगा है कि तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो बहुत ही सम्भव है कि वह पानी को लेकर ही हो। शहरी इलाक़ों में पानी की कमी और उसके लिए रोज़-रोज़ होनेवाले स्थानीय झगड़े शायद इसी की बानगी हैं। उधर ग्रामीण क्षेत्रों में जल-स्तर न सिर्फ़ नीचे जा रहा है, पेयजल के रूप में उसका उपयोग भी ख़तरनाक होता जा रहा है। जनसंख्या के साथ-साथ जहाँ पानी की आवश्यकता बड़े पैमाने पर बढ़ी है, वहीं जल-संग्रहण की पारम्परिक पद्धतियों को भी हमने भुला दिया है, जितना जल उपलब्ध है, वह बढ़ते शहरीकरण के परिणामस्वरूप प्रदूषण का शिकार है। आँकड़े बताते हैं कि इस समय देश में रोज़ छह हज़ार से ज़्यादा लोग दूषित जल से पैदा होनेवाली बीमारियों से मर जा रहे हैं। यह पुस्तक इस विकराल संकट से निबटने के लिए एक आरम्भिक ढाँचा सुझाती है जिसका उपयोग हम जल-संरक्षण, और सामान्यत: पानी के प्रति अपना आधारभूत दृष्टिकोण बदलने में कर सकते हैं। वर्षा जल के संग्रहण की पुरानी और नई प्रविधियों, इसके साथ भू-जल स्रोतों की सम्यक् सार-सँभाल, जल-अपव्यय को रोकने की ज़रूरत तथा तरकीबें, सूखे इलाक़ों में जल-संचयन की वैज्ञानिक पद्धति, विभिन्न क़िस्म के बाँधों, कुँओं, तालाबों के निर्माण सम्बन्धी जानकारी, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, आपूर्ति और वितरण की समस्या और कृषि-उपयोग के लिहाज़ से जल-प्रबन्ध, इन तमाम विषयों पर यह पुस्तक अद्यतन और वैज्ञानिक सामग्री उपलब्ध कराती है।
Sugam Hindi
- Author Name:
Ramvachan Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MPPEB Madhya Pradesh Shikshak Patrata Pariksha-2022 10 Sets
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Stree Kavita : Paksh Aur Pariprekshya
- Author Name:
Rekha Sethi
- Book Type:

- Description: एक मानवीय इकाई के रूप में स्त्री और पुरुष, दोनों अपने समय व यथार्थ के साझे भोक्ता हैं लेकिन परिस्थितियाँ समान होने पर भी स्त्री-दृष्टि दमन के जिन अनुभवों व मन:स्थितियों से बन रही है, मुक्ति की आकांक्षा जिस तरह करवटें बदल रही है, उसमें यह स्वाभाविक है कि साहित्यिक संरचना तथा आलोचना, दोनों की प्रणालियाँ बदलें। स्त्री-लेखन स्त्री की चिन्तनशील मनीषा के विकास का ही ग्राफ़ है जिससे सामाजिक इतिहास का मानचित्र गढ़ा जाता है और जेंडर तथा साहित्य पर हमारा दिशा-बोध निर्धारित होता है। भारतीय समाज में जाति एवं वर्ग की संरचना जेंडर की अवधारणा और स्त्री-अस्मिता को कई स्तरों पर प्रभावित करती है। स्त्री-कविता पर केन्द्रित प्रस्तुत अध्ययन जो कि तीन खंडों में संयोजित है, स्त्री-रचनाशीलता को समझने का उपक्रम है, उसका निष्कर्ष नहीं। पहले खंड, 'स्त्री-कविता : पक्ष और परिप्रेक्ष्य' में स्त्री-कविता की प्रस्तावना के साथ-साथ गगन गिल, कात्यायनी, अनामिका, सविता सिंह, नीलेश रघुवंशी, निर्मला पुतुल और सुशीला टाकभौरे पर विस्तृत लेख हैं। एक अर्थ में ये सभी वर्तमान साहित्यिक परिदृश्य में विविध स्त्री-स्वरों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उनकी कविता में स्त्री-पक्ष के साथ-साथ अन्य सभी पक्षों को आलोचना के केन्द्र में रखा गया है, जिससे स्त्री-कविता का बहुआयामी रूप उभरता है। दूसरा खंड, 'स्त्री-कविता : पहचान और द्वन्द्व' स्त्री-कविता की अवधारणा को लेकर स्त्री-पुरुष रचनाकारों से बातचीत पर आधारित है। इन रचनाकारों की बातों से उनकी कविताओं का मिलान करने पर उनके रचना-जगत को समझने में तो सहायता मिलती ही है, स्त्री-कविता सम्बन्धी उनकी सोच भी स्पष्ट होती है। स्त्री-कविता को लेकर स्त्री-दृष्टि और पुरुष-दृष्टि में जो साम्य और अन्तर है, उसे भी इन साक्षात्कारों में पढ़ा जा सकता है। तीसरा खंड, 'स्त्री-कविता : संचयन' के रूप में प्रस्तावित है...। इन सारे प्रयत्नों की सार्थकता इसी बात में है कि स्त्री-कविता के माध्यम से साहित्य और जेंडर के सम्बन्ध को समझते हुए मूल्यांकन की उदार कसौटियों का निर्माण हो सके जिसमें सबका स्वर शामिल हो।
Pariyon Ke Desh Mein
- Author Name:
Ruskin Bond
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vishwaprasiddha Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Shri Tilak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Art & Science Of Balance: Finding Bliss in Life’s 7 Spectrums
- Author Name:
Dr. Pankaj Chugh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chithhi Patri - II
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Tips for Happiness in the Shadow of Cancer
- Author Name:
Dr. Meenu Walia
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Towards New India
- Author Name:
Sunil Vashisht
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Oonchi Udaan Ki Ore
- Author Name:
Dr. Ram Buxani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Pro-Incumbency Century: How Leaders Are Fashioning Repeat Mandates in India
- Author Name:
Sutanu Guru +1
- Book Type:

- Description: "The dominant discourse in media debates before, during, and after elections in India revolves around “anti-incumbency”. Even seasoned commentators and analysts who have covered dozens of elections reflexively chant anti-incumbency like a mantra. Yet, electoral data for more than two decades suggests that the discourse should rather focus on the “pro-incumbency” phenomenon in Indian politics. In the first round of 2022, barring Punjab, assembly elections in four other states UP, Uttarakhand, Manipur, and Goa created history by returning incumbents to power. In 2021, not only did Mamata Bannerjee win a third consecutive term, but Pinnari Vijayan defied history by winning a second consecutive term. Jayalalitha did the unimaginable in Tamilnadu. While it all started with Sheila Dixit in 1998 who won three consecutive terms in Delhi, the winning formula was fine-tuned further by Narendra Modi, Nitish Kumar, Naveen Patnaik, Dr. Raman Singh, Shivraj Singh Chauhan, Tarun Gogoi, Pawan Kumar Chamling and many more Pro-incumbency champions. The book identifies and analyses factors responsible for making this a pro-incumbency century for India: the relentless rise of personality cults; ever-growing Presidential nature of electoral contests; the success of targeted welfare schemes and the structural weakness of opposition apart from the maturing split voting phenomenon. The book plugs a gaping hole in serious electoral analysis in contemporary India."
Haldighati Yuddha Ke Vijeta Maharana Pratap
- Author Name:
Vijay Nahar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Aakranta, Kroorta Aur Shadyantra | Untold History Of India Book in Hindi
- Author Name:
Raghu Hari Dalmia
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nayanon Ki Veethika
- Author Name:
R.K. Jaiswal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Captain Vikram Batra
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: Vikram Batra (Known by Luv, Shershah, Kargil-ka-She) was born on September 9, 1974 in Palampur district of Himachal Pradesh. Rank—Captain Unit—13 Jammu and Kashmir Rifles War—Kargil War (Operation Vijay – 1999) Award—Param Vir Chakra (Posthumously) Whenever any discussion comes up regarding the Kargil war, the first name that reminds to us is that of Captain Vikram Batra, the valiant son of India. Captain Vikram Batra of 13 Jammu and Kashmir Rifles is one of those bravehearts who contributed in the victory of the Kargil war after fiercely fighting on multiple peaks one after another. Captain Vikram Batra showed unprecedented valour in the Kargil war and attained martyrdom. He was awarded with the ‘Param Vir Chakra’ posthumously.
Mahaveer
- Author Name:
Sanjay Krishna
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
HINDI VARNAMALA KE AKSHAR (H)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Alphabets makes the very core of language learning in children which later help transform them into words and sentences. The alphabets in Hindi are known as MoolAkshar. Hindi Varnamala is a part of preprimary books for kids by Prabhat Prakashan. The Book is meticulously designed as Hindi Alphabet Book to introduce tiny tots to Hindi Alphabets. The objective of the book is to build a strong foundation for kids in learning Hindi.
Popale Muh Ka Painapan
- Author Name:
Prakash Dubey
- Book Type:

- Description: पत्रकारिता को किसी भी दबाव से मुक्त रखने के लिए प्रेस आयोग की सिफारिश पर प्रेस परिषद् (प्रेस काउंसिल) का गठन हुआ। प्रेस परिषद् का मुख्य उद्देश्य एक ओर सरकारी, कारोबारी या अन्य किसी दबाव से मुक्त रखना है, वहीं कलम की ताकत का दुरुपयोग करके किसी के साथ अन्याय करने से रोकना भी है। सूचना प्रौद्योगिकी के विकास के बाद नए प्रेस आयोग के गठन के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को शामिल कर मीडिया परिषद् बनाने की माँग जारी है। वर्तमान कसौटी पर भारतीय प्रेस परिषद् को कसने के बाद 'पोपले मुँह का पैनापन' पुस्तक साकार हुई। किस्सागोई शैली में लिखी गई इस पुस्तक में प्रेस परिषद् का गठन कैसे होता है? इसमें किन संगठनों का प्रतिनिधित्व रहता है? आदि विषयों पर प्रकाश डाला गया है। पत्रकारिता की बढ़ती भूमिका के कारण इस तरह की जानकारी पाने में आम पाठक की उत्सुकता का ध्यान रखते हुए जानकारी शामिल की गई है। सूचना का अधिकार लागू किए बहुत अधिक समय नहीं बीता है। प्रेस परिषद् का महत्त्व जतलाने के लिए इतना कहना पर्याप्त है कि आपातकाल में परिषद् को भंग कर दिया गया था। भारतीय प्रेस परिषद् स्वर्ण जयंती मना ली है। अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में समाचार-पत्र नागरिक स्वतंत्रता को हानि न पहुँचाएँ और न सच कहने के लिए किसी माध्यम और पत्रकार प्रताडि़त हों, इस दोहरे लक्ष्य को पाने में परिषद् की सीमा और सक्षमता को समझने में यह पुस्तक सहायक होगी।
Amirt
- Author Name:
Hare Krishna Jha
- Book Type:

- Description: समकालीन मैथिली कविताक एक टा महत्त्वपूर्ण स्तंभ हरे कृष्ण झाक गद्य-लेखन मात्रा मे कम अवश्य छनि, मुदा कविक गद्यक विशिष्टता सभ सँ भरल-पुरल आ विचारशील लेखनक लेल एक टा नीक बानगी जकाँ। एहि पुस्तक मे हिनक कुल सात गोट आलेख छनि जाहि मे सँ एक हुनक कविता-संग्रह 'एना त नहि जे'क भूमिका थिक आ से अपन कथ्य-शिल्प मे हुनक आत्मकथ्य सदृश्य लगैत अछि। एक टा आरो भूमिका अछि जे विटमनक कविताक अनूदित पोथी 'ई थिक जीवन' लेल लिखल गेल छल। एहि आलेख सँ विश्व कविताक परिप्रेक्ष्य मे कवि-अनुवादक हरे कृष्ण झाक दृष्टि केँ बढिय़ा जकाँ बुझल जा सकैछ। अंतिम आलेख हुनक एक टा भाषणक अविकल प्रस्तुति थिक शेष चारि टा लेख मैथिली आलोचनाक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि थिक। चारि मे सँ एक लेख थिक राजकमल चौधरीक कविता 'महावन' पर केंद्रित जे कि 'अंतिका'क राजकमल विशेषांक मे छपल छल आ कैक टा नव अर्थक संधान करैत ई लेख स्वतंत्र रूप सँ एक कविता पर केंद्रित आलोचनाक उत्कृष्ट आ विरल उदाहरण अछि। दोसर लेख धूमकेतुक प्रसिद्ध कथा 'छठि परमेसरी' पर केंद्रित मैथिली मे अपना तरह विशिष्ट प्रयास थिक। मनुक्खक जीवन धर्मक चक्र मे फँसि क' कोना लहूलुहान होइत अछि आ बजार तकर कोना दोहन करैत अछि, हरे कृष्ण जी तकर व्याख्या खूब गहींर जाक' सविस्तार कयलनि अछि। तकरा बाद रामकृष्ण झा 'किसुन' आ मायानंद मिश्रक कथा पर केंद्रित हुनक दू गोट महत्त्वपूर्ण आलोचनात्मक लेख छनि। जहिना सूझ-बूझ संग ओ किसुन जीक कथाक मर्म केँ बुझबाक प्रयास करैत छथि, प्राय: ओही आत्मीयता संग मायानंद मिश्रक कथाक सूक्ष्म पड़ताल सेहो करैत छथि। हरे कृष्ण झाक ई पुस्तक जत' हुनक विचार आ साहित्य-सरोकार केँ बुझै-जानैक कुंजी दैत अछि, ओतहि हुनक आलोचना भविष्यक आलोचक केँ बेसी ऊहिक संग काज करबाक लेल प्रेरित सेहो करैत अछि। —गौरीनाथ
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...