Madhya Bharat Ke Pahaadi Elake
Author:
Capt. J. ForsithPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
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Price: ₹ 636
₹
795
Available
‘मध्यभारत के पहाड़ी इलाक़े’ पुस्तक मध्यभारत के उन पहाड़ी और मैदानी इलाक़ों से हमारा साक्षात्कार कराती है जहाँ आदिवासियों की गहरी पैठ रही है।</p>
<p>पुस्तक हमें बताती है कि आम तौर पर लोग भारत के ‘पहाड़ी’ और ‘मैदानी’ इलाक़ों की ही बात करते हैं। पहाड़ी इलाक़े से उनका अभिप्राय होता है—मात्र हिमालय पर्वत शृंखला तथा मैदानी इलाक़े यानी बाक़ी देश। पृथ्वी पर बड़े-बड़े पर्वतों, जिन्हें ‘पहाड़’ से ज़्यादा कुछ नहीं कहा जाता, और तथाकथित ‘मैदानी’ इलाक़ों के बीच जो बहुत-सी ज़मीन पड़ी है, उसके लिए कोई निर्दिष्ट भौगोलिक नाम नहीं है।</p>
<p>प्रायद्वीप के दक्षिण में नीलगिरि नाम की पर्वत शृंखला है, जिसकी ऊँचाई 9000 फ़ीट है, लेकिन भारत से बाहर और भारत में भी इसे ऐसे इलाक़े के रूप में बहुत कम लोग जानते हैं, जो बीमार लोगों का आश्रय स्थल और विताप (जिसकी छाल से कुनैन बनती है) की नर्सरी है।</p>
<p>यह पुस्तक हमें उन स्थानों का भी भ्रमण कराती है, जहाँ पहुँचना मनुष्य के लिए लगभग दुष्कर है। इसमें नर्मदा घाटी, महादेव पर्वत, मूल जनजातियों, सन्त लिंगों का अवतरण, सागौन क्षेत्र, शेर, उच्चतर नर्मदा, साल वन आदि का भी विस्तार से वर्णन हुआ है।</p>
<p>प्रकृति-प्रेमियों, पर्यटकों तथा शोधकर्ताओं के लिए एक बेहद ज़रूरी पुस्तक।
ISBN: 9788126715947
Pages: 296
Avg Reading Time: 10 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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