Lekhak Ka Jantantra
Author:
Krishna SobtiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 396
₹
495
Available
कृष्णा सोबती के लिए लेखक की पहचान एक साधारण नागरिक का बस थोड़ा-सा विशेष हो जाना है। समाज की मंथर लेकिन गहरी और शक्तिशाली धारा में अपनी क़ीमत पर पैर जमाकर खड़ा हुआ एक व्यक्ति जो जीवन को जीते हुए उसे देखने की कोशिश भी करता है। उनके अनुसार लेखक का काम अपनी अन्तरभाषा को चीन्हते और सँवारते हुए अज्ञात दूरियों को निकटताओं में ध्वनित करना है।</p>
<p>लेखक की इस पहचान को स्वयं उन्होंने जिस अकुंठ निष्ठा और मौन संकल्प के साथ जिया, उसके आयाम ऐतिहासिक हैं। उनका लेखक सिर्फ़ लिखता नहीं रहा, उसने अपनी सामाजिक, राजनैतिक और नागरिक ज़िम्मेदारियों का आविष्कार भी किया और लेखकीय अस्तित्व के सहज विस्तार के रूप में उन्हें स्थापित भी किया।</p>
<p>उन्होंने कई बार पुरस्कारों और सम्मानों को लेने से इनकार किया, क्योंकि वह उन्हें लेखक होने की हैसियत से ज़रूरी लगा। उन्होंने दशकों-दशक एक सम्पूर्ण रचना के अवतरण की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा की, क्योंकि लेखक होने की उनकी अपनी कसौटी बहुत ऊँची और कठोर रही। लेखक के रूप में अपने युवा दिनों में ही उन्होंने अपने पहले और बड़े उपन्यास को एक प्रतिष्ठित प्रकाशक से छपाई के बीच में ही इसलिए वापस ले लिया कि उन्हें अपनी भाषा से खिलवाड़ स्वीकार नहीं था। उन्होंने जीवन के लगभग तीन दशक कॉपीराइट की सुरक्षा के लिए लोकप्रियता और राजनीतिक पहुँच की धनी ताक़तों से अकेले अदालती लड़ाई लड़ी।</p>
<p>और आज उन्हें अपने स्वास्थ्य से ज़्यादा चिन्ता इस बात की है कि सत्तर साल की आज़ादी के बाद देश फिर एक ख़तरनाक मोड़ पर है। वे रात-दिन सोचती हैं कि भेदभाव की राजनीति के चलते जैसे उन्हें 1947 में विभाजन की विभीषिका से गुज़रना पड़ा, कहीं आज की राजनीति वही समय आज के बच्चों के लिए न लौटा लाए! मौजूदा सरकार की राजनीतिक और वैचारिक संकीर्णताएँ उन्हें एक सात्त्विक क्रोध से भर देती हैं जिसमें पूरी सदी छटपटाती दिखाई पड़ती है।</p>
<p>इस पुस्तक में हमने उनके कुछ चुनिन्दा साक्षात्कारों को संकलित किया है जो अलग-अलग कालखंडों में अलग-अलग आयु और भिन्न अनुशासनों के लेखकों, पत्रकारों और विचारकों ने उनसे किए। पाठक इन्हें पढ़कर स्वयं महसूस करेगा कि साहित्य की, लेखक की और नागरिक की मुकम्मल तस्वीर कैसे बनती है।
ISBN: 9789387462472
Pages: 216
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Bharat Ke Pratapi Samrat
- Author Name:
Maj (Dr.) Parshuram Gupt
- Book Type:

- Description: पुराणों में दिग्विजयी सम्राटों के अनेक प्रमाण देखे जा सकते हैं। विभिन्न रूपों में आज भी उनके जीवित प्रमाण भारत सहित विश्वभर में बिखरे पड़े हैं। इनकी गौरव गाथाएँ जन-सामान्य की आस्था के केंद्र हैं, जो पग-पग पर उनका मार्गदर्शन भी करती हैं। इस पुस्तक में भगवान बुद्ध के बाद के उन विशिष्ट भारतीय सम्राटों की चर्चा की गई है, जिनकी गौरव-गाथाओं ने काल के कपाल पर अनेक गरिमामय अभिलेख अंकित किए हैं। उनकी दिग्विजयी सेनाओं ने भारत की सीमाओं के बाहर जाकर भी विजय के अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इन विजयों में धम्म विजय महत्त्वपूर्ण है। सम्राट् अशोक और कनिष्क जैसे सम्राटों ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई। विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त मौर्य,समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त द्वितीय, हर्षवर्धन, बप्पा रावल, ललितादित्य, मिहिर भोज, महाराणा प्रताप, महाराणा साँगा, परमार भोज, अनंगपाल, राजेंद्र चोल प्रथम, हेमचंद्र विक्रमादित्य व सम्राट् कृष्णदेव राय की अपनी-अपनी गौरव गाथाएँ हैं।इन्होंने जहाँ अपने भुजबल से संपूर्ण भारतवर्ष को एकता के सूत्र में बाँधने काप्रयास किया, वहीं इनके घोड़ों के टापों की धमक पेकिंग से लेकर गांधार तक अनुभव की गई। सम्राट् राजेंद्र चोल प्रथम के नौसैनिक बेड़े श्रीलंका से लेकर दक्षिण पूर्व एशियाके कई भागों तक पहुँचे और वहाँ भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक बने। भारत के प्रतापी सम्राटों के शौर्य, प्रराक्रम, प्रजावत्सलता, सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकारों का दिग्दर्शन करवाकर गौरवबोध जाग्रत करनेवाली प्रेरक पुस्तक।
Rajneeti Aur Naitikta
- Author Name:
Ashutosh Partheshwar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Azad Ke Karname Vol-1
- Author Name:
Ratan Nath Sarshar
- Book Type:

- Description: रतननाथ सरशार की “आज़ाद के कारनामे” उर्दूअदब की एक शाहकार किताब है जो कुल छह हिस्सों में प्रकाशित हुई है। इस किताब में मियाँ आज़ाद और हज़रत ख़ोजी के क़िस्से हैं लखनऊ के रेलवे स्टेशनों, बाज़ारों और पटरियों की मंज़र-कशी है। अलग-अलग जगहों की सैर करते हुए मियाँ आज़ाद अजब-ग़ज़ब कारनामे करते हैं कई बार पढ़ने वालों को हैरत में डालती है तो कई बार उन्हें हँसाती और गुदगुदाती है।
The Infinite
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: Our life is sprinkled with anecdotes and their narrative tales, and one does not have to traverse too far and wide to stumble upon them. A connoisseur can identify them with an insightful profundity and a perceptively sensitive observance. The compositions of stories compiled in The Infinite are testimony to this. Ramesh Pokhriyal 'Nishank' has accentuated his truthful observations in his stories, standing on the rough surface of life. It is worth noticing that numerous stories of 'Nishank' are the narrative sagas of the marginalised people. 'Nishank' has collected story threads from poverty, the commodification of relationships, subject matters about women, and the ironical circumstances engulfing human life etc. While working on the warp and the woof of his narrative sources, he captures his readers' attention and does not deviate them from the labyrinth of his imagination. His narratives speak volumes in a simple language filled with simplicity.
Super Genius Computer Learner-2
- Author Name:
Manuj Bajaj +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Phalit Sarovar
- Author Name:
Raghunandan Prasad Gaur
- Book Type:

- Description: प्रत्येक व्यक्ति को अपने भविष्य में घटित होनेवाली शुभाशुभ घटनाओं को जानने की जिज्ञासा रहती है । यही कारण है कि आजकल शिक्षित युवकों में भी ज्योतिष के अध्ययन के प्रति रुचि जाग्रत् होती जा रही है । विद्वान् लेखक की पहली पुस्तक ' आधुनिक ज्योतिष ' बड़े-बड़े ज्योतिर्विदों के लिए भी वैज्ञानिक आधार सिद्ध हो चुकी है । प्रस्तुत है, ज्योतिष के फलित पक्ष पर लिखी गई उनकी एक और प्रामाणिक रचना, जिसमें उन्होंने राशियों, ग्रहों एवं भावों की शुभाशुभता, भावात् भावम् के सिद्धांत, सुदर्शन पद्धति, ग्रह दृष्टि भेद आदि अनेक जटिल प्रकरणों के अतिरिक्त ज्योतिष के एक सौ इक्कीस महत्त्वपूर्ण फलित सूत्रो को भी अनेक व्यक्तियों की जन्मकुंडलियों द्वारा सिद्ध किया है तथा साथ ही विभिन्न लग्नों की कुंडलियों में राशियों, भावों तथा ग्रहों के फल का भावेश, स्थिति एवं दृष्टि के आधार पर विवेचन करते हुए प्रत्येक भाव से संबंधित अनेक विशिष्ट योग भी प्रस्तुत किए हैं, जिससे पुस्तक की उपयोगिता कई गुना बढ़ गई है । प्रस्तुत पुस्तक में प्रयास किया गया है कि पाठक निश्चित सिद्धांतों के आधार पर स्वयं अपनी जन्मकुंडली का अध्ययन कर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकें ।
Chanakya In The Classroom: Timeless Wisdom for Students
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhumakkhi Palan Keejiye Aur Kamaiye
- Author Name:
Manish Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Best of Gulliver's Travels
- Author Name:
Jonathan Swift
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pages From The Diary of A Geologist
- Author Name:
Dr. G. S. Srivastava
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Prophet (Hindi Translation of The Prophet)
- Author Name:
Kahlil Gibran
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
HEART TO HEART CONVERSATIONS
- Author Name:
Jawahar Sushila Bhagwandas Dodani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Who Were The Shudras?
- Author Name:
DR. B.R. Ambedkar
- Rating:
- Book Type:

- Description: "Who Were the Shudras?—Is a book about the history of the Shudra (lowest) varna of the Indian caste system written in 1946 by Dr. Bhimrao Ambedkar. The book is dedicated to Jyotirao Phule and intends to break the myth about Shudras being an untouchable caste in India. Ambedkar cites the Indian scriptures like The Vedas and Mahabharata among others to argue that Shudras were in fact Aryan kings who fell to a substandard caste after a long-drawn conflict with the Brahmans. Ambedkar also discusses the Aryan race theory and does not agree on the Indo-Aryan migration that has often been considered canon in the history of the race. The book is a debunking of myths and ideologies and hopes to achieve a sense of tolerance for a misunderstood and ill-treated caste in India."
The Power Is 'You'
- Author Name:
Rajesh Yadav
- Rating:
- Book Type:

- Description: This book is a step-by-step process so as to teach the readers about how to uncover the real potential in you and how to be a successful person. This book is an opus of the author's hard earned intellect and how he navigated his life through various unexpected twists and turns that life has thrown at him. This is a sweet book of beautifully woven sets of experiences that by reading this, one can take charge of their life and make a 360 degree turn. It teaches the art of communication and time management in the simplest language, in order to create a better, kinder and more beautiful world. In "The Power is YOU", you will learn about:- > How your mind is the actual powerhouse and how to face various challenges of life? > What are the essential habits for success in life? > The key to have a better communication skill. > How'can YOU direct your life story and get in charge?
MANN KI BAATEIN
- Author Name:
Kiran Sharma
- Book Type:

- Description: मन की बातें’ किरण शर्मा द्वारा लिखी गई पहली पुस्तक है जिसकी भाषा अत्यंत सहज एवं सरल है। इस पुस्तक में बाल सुलभ सौंदर्य, युवावस्था की अनिश्चितता एवं नादानियाँ, परिपक्वता की प्रतिबद्धता एवं दुविधाएँ तथा जीवन के चरम लक्ष्य को पाने के लिए मन के द्वारा उद्गारित बातों को अत्यंत सरल ढंग से बताने का रोचक, मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक प्रयास किया गया है जिसके कारण यह पुस्तक हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय है।
Mandala Tear Out Sheet Colouring Book for Kids
- Author Name:
Namaskar Kids
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Muktibodh Samagra : Vols. 1-8
- Author Name:
Gajanan Madhav Muktibodh
- Book Type:

-
Description:
मुक्तिबोध की कविताओं के बारे में यदि शमशेर बहादुर सिंह के शब्दों में कहें तो उनकी ‘कविता, अद्भुत संकेतों-भरी, जिज्ञासाओं से अस्थिर—कभी दूर से ही शोर मचाती, कभी कानों में चुपचाप राज़ की बातें कहती चलती है। हमारी बातें हमीं को सुनाती है और हम अपने को एकदम चकित होकर देखते हैं, और पहले से और भी अधिक पहचानने लगते हैं।’
और मुक्तिबोध समग्र के रूप में, ‘हमारी बातें हमीं को’ सुनानेवाली उनकी कविताओं का यह पहला खंड है। इसमें 1935 से लेकर 1956-57 तक की कविताएँ हैं जिनमें प्रारम्भिक काव्य-प्रयासों से लगाकर आधुनिक हिन्दी-कविता में अपना अलग, निजी मुहावरा हासिल कर लेने तक मुक्तिबोध के काव्य-व्यक्तित्व के विकास के सभी चरण एक साथ मौजूद हैं। साथ ही परवर्ती लेखन में अनुभव और सृजन सम्बन्धी जिन उलझनों, अन्तर्द्वन्द्वों और उनकी अभिव्यक्ति का सशक्त और अनोखा रूप सामने आया, उसकी शुरुआत भी प्रारम्भिक रचनाओं तथा तार सप्तककालीन कविताओं में साफ़ देखी जा सकती है। इस दृष्टि से यह खंड मुक्तिबोध-काव्य के प्रेमी पाठकों के लिए निस्सन्देह एक नया अनुभव होगा।
Shaheed-E-Vatan Ashfaq Ullah Khan
- Author Name:
Mi Rajasvi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
25 Super Brands
- Author Name:
Prakash Biyani +1
- Book Type:

- Description: बिजनेस स्कूल के छात्रों को पढ़ाया जाता है- ‘‘ब्रांड यानी उत्पाद विशेष का नाम एक ट्रेडमार्क।’’ वेबस्टर्स शब्दावली के अनुसार ब्रांड यानी... ''A mark Burned on the Skin with hot iron.'' हिंदी में इसका भावार्थ है... ‘‘व्यक्ति के शरीर पर उसकी पहचान दाग देना।’’ यही इस पुस्तक का सार है । ब्रांड किसी उत्पाद का केवल नाम नहीं होता । उसके उत्पादक का पैटेंटेड ट्रेडमार्क भी नहीं होता । ग्राहक जब ' फेविकोल ' खरीदता है तो उसके साथ इस विश्वास का मूल्य भी चुकाता है कि इसका जोड़ निकाले नहीं निकलेगा । एडीडास या बाटा के जूते हों, मैक्डॉनल्ड्स के फास्ट फूड हो या बाबा रामदेव की ओषधियाँ-ग्राहक इनके साथ एक भरोसा खरीदता है । ब्रांडेड उत्पाद केवल वस्तु का मूल्य प्राप्त नहीं करते, वे एक भरोसे' एक विश्वास की कीमत भी वसूल करते हैं । वही ब्रांड मार्केट लीडर बनते हैं या लंबी पारी खेलते हैं, जो अपने पर ' दाग ' दी गई ' पहचान ' को एक बार नहीं, हर बार सही साबित करते हैं ।
Mahan Avishkarak Marconi
- Author Name:
Sushil Kapoor
- Book Type:

- Description: "महान् आविष्कारक मार्कोनी महान् आविष्कारक मार्कोनी का जन्म 25 अप्रैल, 1874 को ग्यूसेप, इटली में हुआ था। उन्हेंने बोलोग्ना, लोरेंस और लिवोमो में शिक्षा प्राप्त की। बचपन में उनकी शारीरिक और बिजली विज्ञान में गहरी दिलचस्पी थी। उन्होंने मैक्सवेल, हर्ट्ज, RIGHI, लॉज और अन्य वैज्ञानिकों के कार्य का अध्ययन किया। सन् 1896 में मार्कोनी ने वायरलेस टेलीग्राफी उपकरण बनाया और उसका लंदन में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया तथा जुलाई 1897 में वायरलेस टेलीग्राफ और सिग्नल कंपनी लिमिटेड (1900 में मार्कोनी के वायरलेस टेलीग्राफ कंपनी लिमिटेड फिर से नामित) का गठन किया। 1899 में उन्होंने इंग्लिश चैनल पर फ्रांस और इंग्लैंड के बीच बेतार संचार की स्थापना की। सन् 1914 में उन्हें एक लेफ्टिनेंट के रूप में इतालवी सेना में कमीशन मिला और 1916 में कमांडर की रैंक में नौसेना के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। उनकी उत्कृष्ट युद्ध सेवा के लिए वर्ष 1919 में उन्हें ‘इतालवी सेना पदक’ तथा बाद में ‘ग्रैंड क्रॉस’ से सम्मानित किया गया। 20 जुलाई, 1937 को रोम में उनका निधन हो गया। उन्होंने विविध रूपों में मानवता की बड़ी सेवा की। प्रस्तुत पुस्तक में उनके जीवन-प्रसंगों के साथ-साथ उनके उपयोगी आविष्कारों के बारे में विस्तार से बताया गया है। विद्यार्थी व शिक्षार्थी ही नहीं, कुछ भी नया करने की इच्छा रखनेवाले विज्ञान-प्रेमी पाठकों के लिए एक उपयोगी पुस्तक। "
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...