Kaddaver Ki Dastan
Author:
pandit Sunder LalPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
क्रान्तिकारी से गांधी मार्ग के अनुयायी बने पं. सुन्दरलाल के भीतर वह आग आजीवन विद्यमान रही जिसे उन्होंने अपने शुरुआती राजनीतिक जीवन में अग्निपथ पर चलते हुए अर्जित किया था। ‘भारत में अंग्रेज़ी राज’ जैसे गौरव-ग्रन्थ के लेखक के रूप में देश-भर में ख्याति पानेवाले सुन्दरलाल की इस कृति की ब्रिटिश हुकूमत द्वारा की गई ज़ब्ती के रोमांचक घटनाक्रम ने ही तब न जाने कितने नौजवानों को क्रान्तिमार्ग का अनुगामी बना दिया था। उन्हें गांधी से लेकर मोतीलाल नेहरू, गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य तिलक, महर्षि अरविन्द. लाला लाजपतराय, महामना मदनमोहन मालवीय, गणेशशंकर विद्यार्थी, रासबिहारी बोस, जवाहरलाल नेहरू. पुरुषोत्तम दास टंडन, राजा महेन्द्र प्रताप, पं. बालकृष्ण भट्ट, मंज़र अली सोख़्ता. महात्मा नन्दगोपाल, अबुल कलाम आज़ाद, पं. बनारसीदास चतुर्वेदी सहित न जाने कितने देशभक्तों और समाज-सेवियों के साथ मुक्ति-युद्ध में सघन हिस्सेदारी करने का अवसर प्राप्त हुआ।
पंडित सुन्दरलाल ने साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए अथक संघर्ष किया। वे भारतचीन मैत्री के लिए भी अपने ढंग से आजीवन कर्मशील बने रहे। यही कारण था कि 1951 में चीन जानेवाले सद्भावना मिशन का उन्हें अगुआ बनाया गया। विश्व शान्ति मिशन के लिए तो वे दुनिया-भर की खाक छानते घूमे।
पंडित सुन्दरलाल की इस सार्थक जीवन-यात्रा और साथ ही उनके क्रान्तिकारी विचार-अभियान को समग्रता में जानने-समझने के लिए उनके आत्मवृत्त के साथ ही पंडित जी की कुछेक संस्मृतियों और निबन्धों को इस पुस्तक में पिरोने का ज़रूरी दायित्व क्रान्तिकारी आन्दोलन के सुप्रसिद्ध इतिहास लेखक सुधीर विद्यार्थी ने अनेक वर्षों की खोजबीन से सम्पन्न किया है।
‘क़द्दावर की दास्तान’ पंडित सुन्दरलाल की जीवनगाथा के साथ ही उनके मिशन का भी समग्र और प्रामाणिक लेखा-जोखा है।
ISBN: 9788126721504
Pages: 288
Avg Reading Time: 10 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: Awating description for this book
Hindu Rashtra Darshan
- Author Name:
Vinayak Damodar Savarkar
- Book Type:

- Description: A Hindu, to sum up the conclusions arrived at, is he who looks upon the land that extends from Sindhu to Sindhu, from the Indus to the seas, as the land of his forefathers, his pitrabhu, who inherited the blood of that race whose first discernible source is traced to the Vedic Saptasindhus, which, on its onward march, assimilated much that was incorporated and ennobling. The Hindus, who inherited and claimed as their own the culture of that race, as expressed chiefly in their common classic language, Sanskrit, and represented by a common history, a common literature, art and architecture, law and jurisprudence, rites and rituals, ceremonies and sacraments, fairs and festivals, and who, above all, address this land, this Sindhustan, as their punyabhu, as the holy land, the land of their saints and seers, of godmen and gurus, the land of piety and pilgrimage. These are the essentials of Hindutva – a common rashtra, a common jaati, and a common sanskriti. All these essentials could best be summed up by stating in brief that they are Hindu to whom Sindhustan is not only a pitrabhu but also a punyabhu. —Excerpts from this book This classic and unique book, Hindu Rashtra Darshan by Swatantrayaveer Savarkar, gives the true meaning and correct picture of the Hindu Rashtra, wherein everyone living on the land this side of Indus river is a Hindu by culture, by values and not by the religion in its narrow definition. The book is divided in three major parts—First part is Hindu Pad-Padshahi, Second is Hindu Rashtra Darshan and third part is Essentials of Hindutva. It is a must read book for all Bharatiyas.
Narayana Murthy: A Complete Biography of Indian Businessman
- Author Name:
Dinkar Kumar
- Book Type:

- Description: This book takes you on an inspiring journey through the life of a visionary who transformed the global business landscape. From his modest beginnings in a small town to becoming the co-founder of Infosys, this is the story of how one man's determination and values reshaped India's IT industry. Discover how Murthy's bold decisions, unwavering ethics and innovative thinking propelled Infosys from a fledgling startup to a global powerhouse. Explore the challenges he faced, the milestones he achieved and the leadership philosophies that made him a revered icon in the corporate world. Beyond the boardroom, this biography delves into Murthy's personal life, his enduring partnership with Sudha Murthy and their shared commitment to giving back to society. It captures the essence of a man who believes in the power of simplicity, hard work and compassionate capitalism. Told with authenticity and insight, this book is not just a biography it's a testament to the transformative power of vision and values
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