Jungle Ki Jadi Butiyan
Author:
Ramesh BediPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 556
₹
695
Unavailable
वैज्ञानिक उपलब्धियों ने जीवन को जहाँ सहज व सुलभ बनाया है, वहीं प्रकृति से की गई छेड़-छाड़ के कारण पर्यावरण दूषित हुआ है। असाध्य रोगों के पीछे मुख्य कारक प्रदूषण भी रहा है। स्वस्थ रहने के लिए प्रकृति हमें असंख्य फल, फूल, सब्ज़ी, अनाज, जड़ी-बूटी उपलब्ध कराती है। प्रस्तुत पुस्तक प्रकृति से न सिर्फ़ हमारा तादात्म्य बनाती है, वरन् उन जड़ी-बूटियों से भी परिचय कराती है जिनके दैनिक इस्तेमाल से हम कई बीमारियों से स्वयं को बचा सकते हैं।</p>
<p>एरण्ड, पुनर्नवा, कतीरा हिन्दी, फनियर बूटी, कपूर तुलसी, बन काकड़ू, गोखरू, भांग, जवा पिप्पली, लता करंज, दण्डी दरिया, विधारा, निर्गुण्डी कन्द, सत्यानाशी, न्याज़बो, सफ़ेद सत्यानाशी, पिण्डालु, सर्पगन्धा तथा पिप्पली आदि लगभग 19 वनस्पतियों का चित्रों व रेखाचित्रों सहित वर्णन पुस्तक को सुग्राह्य बनाता है। इन मानव उपयोगी वनस्पतियों के विविध भाषाओं में नाम, उनकी पहचान, उनका प्राप्ति-स्थान, उनकी कृषि, रासायनिक संघटन, घरेलू दवा-दारू में उपयोग तथा औद्योगिक उपयोग आदि दिए हैं।
जड़ी-बूटियों में रुचि रखनेवालों, आयुर्वेद व यूनानी के अध्येताओं, अनुसन्धानकर्ताओं, वन-अधिकारियों व वनकर्मियों, फ़ार्मेसियों, कच्ची जड़ी-बूटियों के व्यापारियों के लिए पुस्तक बेशक उपयोगी और संग्रहणीय है।
ISBN: 9788126701032
Pages: 191
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Shreshtha Hasya Vyangya Ekanki
- Author Name:
Kaka Hatharasi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Great Bank Scam: Mystery of A Digital Robbery
- Author Name:
Ajay Mohan Jain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vikas Ka Vishwas
- Author Name:
Mridula Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rajendra Rao Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Rajendra Rao
- Book Type:

- Description: "देवों और असुरों की एक ऐसी कहानी, जिसमें ध्रुव-लोक नाम के मिथकीय देश में भगवान् शिव का त्रिशूल रखा है, जिसे सदियों से कोई भी धारण नहीं कर सका है। भविष्यवाणी, शपथ, वरदान और अभिशाप के साथ न्याय, कर्तव्य और प्रेम के बीच एक साहसिक युद्ध की परिस्थितियाँ बन चुकी हैं। शक्तिशाली त्रिशूल को किसने धारण किया? अवश्यंभावी युद्ध में भगवान् विष्णु किसका पक्ष लेंगे? क्या एक सदाचारी अपनी शपथ का पालन करने के लिए अधर्म करेगा? क्या एक निम्नवर्गीय छात्र के साथ अन्याय होगा? क्या एक राजा अपने पुत्र-प्रेम में बँध जाएगा? धर्म का पालन कौन करता है और कौन डगमगा जाता है? एक युद्ध-कथा इस विषय पर कि मनुष्य होने का अर्थ क्या होता है! प्रस्तुत पुस्तक आपको इस महागाथा के मूल तक ले जाती है। देवों और असुरों की सेनाएँ अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए आमने-सामने खड़ी हैं। सभी के प्रारब्ध आपस में टकराने वाले हैं और एक भीषण संग्राम छिड़ने वाला है।
BPSC Bihar Teacher Recruitment Upper Primary School Teacher Class 6-8 General Studies
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Alha-Udal Ki Veergatha
- Author Name:
Acharya Mayaram 'Patang'
- Book Type:

- Description: कवि जगनिक रचित ‘परिमाल रासो’ में वर्णित आल्हा-ऊदल की इस वीरगाथा को प्रत्यक्ष युद्ध-वर्णन के रूप में लिखा गया है। बारहवीं शताब्दी में हुए वावरा (52) गढ़ के युद्धों का इसमें प्रत्यक्ष वर्णन है। स्वयं कवि जगनिक ने इन वीरों को महाभारत काल के पांडवों-कौरवों का पुनर्जन्म माना है। बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में इनकी शौर्य गाथाएँ गाँव-गाँव में गाई जाती हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ भागों में तो आल्हा को ‘रामचरित मानस’ से भी अधिक लोकप्रियता प्राप्त है। गाँवों में फाल्गुन के दिनों में होली पर ढोल-नगाड़ों के साथ होली गाने की परंपरा है तो आल्हा गानेवाले सावन में मोहल्ले-मोहल्ले रंग जमाते हैं। मातृभूमि व मातृशक्ति की अपनी अस्मिता, गौरव और मर्यादा की रक्षा के लिए अपूर्व शौर्य और साहस का प्रदर्शन कर शत्रु का प्रतिकार करनेवाले रणबाँकुरों की वीरगाथाएँ, जो पाठक को उस युग की विषमताओं से परिचित कराएँगी; साथ ही आप में शक्ति और समर्पण का भाव जाग्रत् करेंगी।
ISIS Aur Islam Mein Civil War
- Author Name:
Satish Pednekar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Yogasan Aur Shareer Vigyan
- Author Name:
Swami Akshay Atmanand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dharmashastra Aur Jatiyon ka Sach
- Author Name:
Shashi Shekhar Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Miracle of Gratitude | No Debate Only Thanks Book in Hindi
- Author Name:
Sirshree
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sa Se Stories
- Author Name:
Bhavna Shekhar
- Book Type:

- Description: विमर्श विशेष की बजाय लेखिका का आग्रह समाज-विमर्श के प्रति है। सभी मुद्ïदे, सभी समस्याएँ इसी में समाहित हैं। संकलन की कहानियाँ जीवन के विभिन्न पक्षों का संस्पर्श करते हुए किशोर मन की उधेड़बुन से लेकर बुजुर्गों के एकाकीपन तक की समस्या उठाती हैं। दांपत्य की विविध परतों को खोलती कहानियों में एक ओर टूटते रिश्तों की पड़ताल है तो दूसरी ओर मरकर भी न मिटनेवाला प्रेम पाठक के सशंकित मन को आश्वस्त करता है। कोरोनाकाल की बुरी यादों से आज भी हम उबरे नहीं हैं। मन के साथ तन की नजदीकियाँ कितनी जरूरी हैं। लड़खड़ाते का हाथ थाम लेना, मौजमस्ती की गलबहियाँ, टूटते हौसलों में कंधे पर उम्मीद भरी गरम हथेली...लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग ने अपनों के बीच मीलों का फासला पैदा कर दिया। बदलते मूल्यों के साथ हम एक नखलिस्तान में जी रहे हैं। आँगन-गलियारे की जगह यूट्ïयूब-ट्विटर की गलियाँ, सोंधी माटी की जगह डियो परफ्यूम की खुशबू। मांसलता के आगे सोने से मन का कौड़ी मोल नहीं। ऐसे में प्रस्तुत संगह की ये कहानियाँ प्रेम, निश्छलता, ममत्व जैसे मूल्यों की उपस्थापना करते हुए पूर्वग्रहों को तोड़ती हैं। मानवीय दुर्बलताओं को उघाड़कर आत्म-मंथन के लिए उकसाती हैं। कथारस से भरपूर एक रोचक कथासं ग्रह।
Chandreshwar Karn Rachnawali Vol-I-5
- Author Name:
Edited By Shridharam
- Book Type:

- Description: लगभग 3000 पृष्ठों में संकलित प्रसिद्ध आलोचक चंद्रेश्वर कर्ण की रचनावली के पाँचों खंडो के मुख्य आकर्षण हैं : - हिंदी कहानी की भूमिका/आंचलिक हिंदी कहानी/कुछ और कहानी आलोचना/परिशिष्ट/गोदान : संवेदना और शिल्प/उपन्यासकार अश्क/कुछ और उपन्यास आलोचना/प्रेमचन्द/निराला/रामवृक्ष बेनीपुरी/ नागार्जुन/फणीश्वरनाथ रेणु/राजकमल चौधरी/सिद्धांत, विचार और विश्लेषण/हिन्दी की साहित्यिक विधाएँ/काव्यालोचना/नाट्यालोचना/लोक : जीवन, कला और संस्कृति/साक्षात्कार/कहानी/लघुकथा/महाभारत की कहानियाँ/झारखण्ड की लोककथाएँ/कविताएँ/संस्मरण, आत्मकथ्य, डायरी/पत्र
Jansankhya Samasya Ke Istri Path ke Rastey
- Author Name:
Ravindra Kumar Pathak
- Book Type:

- Description: सूचना-क्रान्ति के विभिन्न रूपों तथा तकनीक में निरन्तर विकास ने मानव सभ्यता के इतिहास के महत्त्वपूर्ण वाहक एवं गवाह संचार माध्यमों एवं संचार प्रक्रिया पर ज़बरदस्त प्रभाव डाला है। बीसवीं सदी के प्रारम्भ तक संचार व इसके माध्यमों को किसी स्वतंत्र चिन्तन का विषय भले ही न माना गया हो, आधी सदी गुज़रने तक इसकी विशिष्टता का अहसास सबको हो चुका था। यही कारण है कि संचार से जुड़े विविध पहलुओं पर गम्भीर शोध कार्य हुए और तरह-तरह के सिद्धान्तों ने इसकी विभिन्न सन्दर्भों में व्याख्या का आधार प्रस्तुत किया। हिटलर के प्रचारमंत्री गोयबल्स का यह कथन पूरी दुनिया में आज भी एक मुहावरे की तरह जाना जाता है कि किसी झूठ को दोहराओ तो सच हो जाएगा। इस कथन की लोकप्रियता स्वयं मीडिया की ताक़त व प्रभाव का प्रमाण है क्योंकि किसी भी सच या झूठ को प्रस्तुत करने (या दोहराने) का सर्वाधिक अवसर इसे ही प्राप्त है। ‘जनसंचार : सिद्धान्त और अनुप्रयोग’ शीर्षक यह पुस्तक संचार की प्रक्रिया, प्रभाव व अनुप्रयोग से जुड़े प्रमुख सिद्धान्तों को समझने का एक विनम्र प्रयास है।
Uttar Pradesh Police (UP) Arakshi Bharti Pareeksha-2024 Visheshank Mansik Abhiruchi (Mental Aptitude)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sankara—No-Other (A Tribute to Adi Shankaracharya)
- Author Name:
Raghunandan Trikannad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dalmandi "दालमंडी" Story Book Based On The Invaluable Contribution of Banaras From 'kothi' To 'kothe' In The Indian Freedom Struggle
- Author Name:
Ankita Khatri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pyaar To Hona Hi Tha
- Author Name:
Himanshu Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Indian Mujahideen
- Author Name:
Brij Lal
- Book Type:

- Description: India was divded because of the obduracy of Jinnah, and in August 1947 India was partitioned and a separate country Pakistan came into existence. The demand for creation of a separate Islamic country for Muslims by dividing India was being raised since 1940. Babasaheb Dr. Bhimrao Ambedkar believed that the partition of India into two countries on religious lines was not practically possible, and such a partition would be more harmful for humanity than the Nation, and lead to large-scale violence, which actually happened. Dr. Ambedkar believed that Hindus and Sikhs in the newly-created nation of Pakistan should come to India, and Muslims in India should go to Pakistan, an Islamic country created on religious lines. Despite so many years have passed, some terrorist organisations (state actors) such as Indian Mujahideen, Lashkar-e-Tayyiba, Jaish-e-Muhammed, Hizbul Mujahideen etc. have continu- ously waged a war against India and have gone forward to destabilise and disturb our socio-economic situations. This book takes an in-depth look at the heinous misdeeds of the 'Indian Mujahideen', the masterminds of Islamic terrorism, who created an army of Islamic Jihadis whose brutal and bestial acts have put humanity to shame. These heretics have worked to bring the world to its knees by creating an atmosphere of fear and intimidation by making videos of their heinous inhuman acts of torture and broadcast- ing them across the world. A well-researched readable book exposing the activities, mechanisms, working style and dangerous intentions of the terrorist organisation 'Indian Mujahideen', which has become synonymous with terror.
Raghuvir Sahay Rachanawali : Vols. 1-6
- Author Name:
Raghuvir Sahay
- Book Type:

-
Description:
रघुवीर सहाय की रचनाएँ आधुनिक समय की धड़कनों का जीवन्त दस्तावेज़ हैं। इसीलिए छह खंडों में प्रकाशित उनकी रचनावली में आज का समय सम्पूर्णता में परिभाषित हुआ है। अपनी अद्वितीय सर्जनशीलता के कारण रघुवीर सहाय ऐसे कालजयी रचनाकारों में हैं जिनकी प्रासंगिकता समय बीतने के साथ बढ़ती ही जाती है।
‘फिर उन्हीं लोगों से’ शीर्षक रचनावली के इस पहले खंड में रघुवीर सहाय की 1946 से 1990 तक की प्रकाशित-अप्रकाशित सम्पूर्ण कविताएँ संकलित हैं। इस खंड में शामिल कविता-संग्रहों के नाम हैं : ‘सीढ़ियों पर धूप में’ (1960), ‘आत्महत्या के विरुद्ध’ (1967), ‘हँसो, हँसो जल्दी हँसो’ (1975 ), ‘लोग भूल गए हैं’ (1982), ‘कुछ पते कुछ चिट्ठियाँ ' (1989) तथा ‘एक समय था’ (1995)। इन संग्रहों के अलावा बाद में मिली कुछ नई अप्रकाशित कविताएँ भी इस खंड में हैं। संग्रह के परिशिष्ट में ‘यह दुनिया बहुत बड़ी है, जीवन लम्बा है', शीर्षक से रघुवीर सहाय की सैकड़ों आरम्भिक कविताएँ संकलित हैं। रघुवीर सहाय ने अपने जीवनकाल में ही अपनी आरम्भिक कविताओं का संग्रह तैयार किया था, लेकिन अब तक यह अप्रकाशित था। कवि के काव्य-विकास को समझने की दृष्टि से यह सामग्री अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। परिशिष्ट में ही रघुवीर सहाय की बरस-दर-बरस ज़िन्दगी का ख़ाक़ा और सैकड़ों वर्षों का उनका वंश-वृक्ष भी दिया गया है। अपने नए कथ्य और शिल्प के कारण रघुवीर सहाय ने हिन्दी कविता को नया रूप दिया है। इस खंड की कविताओं में आप उस नए रूप को आसानी से पहचान सकते हैं।
Bharat Aur Europeeya Sangh : Ek Antrang Drishtikon
- Author Name:
Bhaswati Mukherjee
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...