Dictionary of Phrasal Verbs
Author:
NajmusseharPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789351860099
Pages: 136
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Mahashakti Bharat
- Author Name:
Dr. A.P.J. Abdul Kalam +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chandausi Junction Stories Book in Hindi
- Author Name:
Shankar Sahay::Priti Sahay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MAHARANAS: A Thousand Year War for Dharma
- Author Name:
Dr. Omendra Ratnu
- Rating:
- Book Type:

- Description: The book that is going to become as sacred as scriptures in each Hindu home. The book that will destroy the lies woven around the glorious Hindu resistance for one thousand uninterrupted years to Islamic invaders of various hues. The book that will reveal the truth of the greatest Dynasty, not just the greatest Hindu Dynasty, not just the greatest Dynasty of Bharat, but the greatest Dynasty in the world: The Sisodiyas of Mewad. The Avataras who fought invaders non-stop for 1000 years, who endured all hardships, who refused to surrender even when their kingdom was encircled by enemies on all sides, who lived like nomads, but refused to give up. The Dynasty because of which Kesaria still flies on the sacred land of Bharat. The book questions the whitewash of the deeds and lives of the great Maharanas, especially the greatest of them; Maharana Pratap Singh. Written by a passionate practicing surgeon who brings the same incisiveness, exactness, and accuracy to the study of the history of this great Dynasty, as his profession. The book that will arouse in you the sleeping kshatriya, and will remind you that honour and pride do not define the man, they are the man.
101 Zen Tales
- Author Name:
Nyogen Senzaki
- Book Type:

- Description: Zen tales are a unique and powerful form of storytelling that originated in the Zen Buddhist tradition. Typically short and straightforward, the Zen tales convey complex philosophical and spiritual messages in a way that is accessible and relatable to people of all ages and backgrounds. One of the most distinctive features of Zen tales is their use of paradox and humour. Many of these stories involve unexpected twists and turns that challenge people's assumptions and invite them to see things differently. Another principal theme in Zen tales is the idea of non-dualism, which is the belief that all things are interconnected and interdependent. Many of these stories emphasise the importance of seeing beyond surface appearances and recognising the fundamental unity of all things. Overall, Zen tales are a powerful tool for spiritual and philosophical exploration and offer valuable insights into the nature of reality and the human experience. Whether read as a form of entertainment or serving as a guide for spiritual growth, the Zen tales inspire and challenge people around the world. In this book, the readers will discover 101 famous Zen tales of all time that will ignite their souls with enlightenment.
Bihar School Examination Board, Patna Bihar STET Secondary Teacher Eligibility Test Study Guide Teaching Aptitude & Other Proficiency
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Upanyas Ki Pahchan : Maila Aanchal
- Author Name:
Gopal Ray
- Book Type:

- Description: गोपाल राय द्वारा ‘उपन्यास की पहचान’ शृंखला में व्यावहारिक आलोचना को आधार बनाकर फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की अप्रतिम रचना ‘मैला आँचल’ को परखने की प्राथमिक कोशिश की गई है। कहते हैं कि ‘मैला आँचल’ के प्रकाशन के बाद हिन्दी में आंचलिक उपन्यासों का आन्दोलन-सा चल पड़ा। ऐसा नहीं है कि भारतीय ग्रामीण जीवन को केन्द्र रखकर उपन्यास न रचे गए हों; किन्तु आंचलिक उपान्यासालोचना का मानदंड रचने में ‘मैला आँचल’ की महत्ती भूमिका रही है। गोपाल राय ने ‘उपन्यास की पहचान’ शृंखला की कड़ी में इन्हीं तथ्यों का उद्घाटन करने के साथ, उपन्यास की व्यावहारिक आलोचना की सैद्धान्तिक पहचान का आधार ‘मैला आँचल’ के कथ्य और शिल्प में तराशने की समग्र कोशिश की है। यह पुस्तक आंचलिक उपन्यास की अवधारणा और हिन्दी उपन्यास की परम्परा को रेखांकित करने के साथ-साथ फणीश्वरनाथ रेणु की उपन्यास-यात्रा पर भी अपनी बात रखती है। ‘मैला आँचल’ के कथ्य, शिल्प, पात्र-योजना, भाषा आदि के रचनात्मक तत्त्वों पर प्राथमिक बयान दर्ज करती है। कह सकते हैं कि उपन्यास के रचनात्मक मानकों की व्यावहारिक परख करते हुए ‘मैला आँचल’ की पढ़त को यह पुस्तक नये आयाम प्रदान करेगी।
Aavedan-Praroop
- Author Name:
Shivnarayan Chaturvedi
- Book Type:

- Description: सरकारी कार्यालयों के कार्य-व्यवहार का एक आवश्यक पहलू है फ़ाइलों पर की जानेवाली टिप्पणियाँ, विभागीय पत्राचार और विषयानुरूप मसौदे। परम्परागत रूप से इन्हें अंग्रेज़ी में किया जाता है, परन्तु अब कुछ वर्षों से इन्हें हिन्दी में भी किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से विभिन्न पुस्तकें भी प्रकाशित हुई हैं, लेकिन डॉ. शिवनारायण चतुर्वेदी की यह पुस्तक ऐसी तमाम पुस्तकों से अलग हटकर लिखी गई है। सरकारी फ़ाइलों से जुड़े टिप्पण-आवेदन-प्रारूप के महत्त्व को स्वीकारते हुए भी डॉ. चतुर्वेदी का मानना है कि उक्त विषय सरकारी कार्यविधि का केवल एक पक्ष है। दूसरा पक्ष है—छुट्टी, स्थानान्तरण, स्थायीकरण, पदोन्नति, वरिष्ठता-वेतन, अग्रिम वेतन, आवास आदि से जुड़े आवेदन-प्रारूप। यह पुस्तक ऐसे प्रारूपों के कई-कई नमूने प्रस्तुत करती है। इसके अलावा पुस्तक के तीसरे खंड में विभिन्न सरकारी अधिकारियों से पत्र-व्यवहार के प्रारूप दिए गए हैं। सम्पादकों के नाम पत्र, विभिन्न अवसरों से सम्बद्ध निमंत्रण-पत्र आदि भी इसी खंड में शामिल हैं। पुस्तक के तीन-तीन परिशिष्टों में भी कुछ उपयोगी जानकारियाँ निहित हैं। इसी प्रकार प्रस्तुत पुस्तक आवेदन-पत्रों के प्रायः सभी आवश्यक हिन्दी रूपों को समाहित किए हुए है, जिनकी ज़रूरत एक कर्मचारी को अपने जीवन में पड़ती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि डॉ. चतुर्वेदी की यह पुस्तक उन तमाम सरकारी कर्मचारियों के दैनंदिन उपयोग से जुड़ी हुई है, जो विभागीय और विभागेतर पत्राचार हिन्दी में करना चाहते हैं। यही नहीं, जैसा कि लेखक ने कहा है, यह पुस्तक हिन्दी-शिक्षण-योजना के अन्तर्गत ‘प्रवीण’ और ‘प्राज्ञ’ परीक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी होगी, क्योंकि पिछले अनेक वर्षों में इन परीक्षाओं में प्रारम्भिक आलेखन के अन्तर्गत आवेदन-पत्रों से सम्बन्धित जितने भी प्रश्न आए हैं, उन्हें भी इसमें शामिल कर लिया गया है।
Manushya Aur Paryavaran
- Author Name:
Irfan Habib
- Book Type:

-
Description:
विगत दशकों में पारिस्थितिकी और उससे जुड़े मसलों के प्रति विशेष रुचि दिखाई पड़ी है, ख़ास तौर पर जलवायु-परिवर्तन को लेकर होनेवाली बहसों के सन्दर्भ में इस तरफ़ सुधीजन का ज़्यादा ध्यान गया है। लेकिन पारिस्थितिकी का विमर्श सिर्फ़ जलवायु तक सीमित नहीं है। इसमें जीव-जन्तुओं तथा पेड़-पौधों के साथ मनुष्य के रिश्तों के अलावा मनुष्य जाति के सम्मुख प्रकृति द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का अध्ययन भी शामिल होता है। इसी व्यापक परिप्रेक्ष्य के साथ इस पुस्तक में पारिस्थितिकी के इतिहास को देखा-समझा गया है।
‘भारत का लोक इतिहास’ परियोजना के तहत प्रकाशित यह पुस्तक भी इस श्रृंखला की अन्य कड़ियों की तरह गहन अध्ययन और प्रामाणिक सामग्री पर आधारित है। मूल स्रोतों के उद्धरणों तथा पारिस्थितिकी, पर्यावरण विज्ञान, वन विज्ञान तथा प्राकृतिक इतिहास पर विशेष टिप्पणियों से समृद्ध इस पुस्तक में विषय से सम्बन्धित अन्य उपयोगी ग्रन्थों का उल्लेख भी किया गया है जिससे पाठक और अधिक लाभान्वित होंगे।
सूचनाओं की सटीकता को बरकरार रखते हुए, पुस्तक को अतिरिक्त तकनीकी विवरणों से मुक्त रखा गया है ताकि इतिहास के छात्रों के अलावा यह सामान्य पाठकों के लिए भी रुचिकर सिद्ध हो।
1000 Patrakarita Evam Jansanchar Prashnottari
- Author Name:
S.P. Chaitanya
- Book Type:

- Description: वर्तमान युग में जन-संचार माध्यमों की भूमिका का क्षेत्र काफी विस्तृत हो गया है । आजादी के बाद के साठ वर्षों में जीवन के हर क्षेत्र में बदलाव आया है । आज अखबार मित्रता करना भी सिखा रहे हैं । अखबार उपहार दिलाते हैं, विदेश की सैर कराते हैं और नकद इनाम भी दिलाते हैं ।पत्रकारिता एवं जन-संचार के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है । प्रिंट मीडिया की आज देश के कोने-कोने तक पहुँच है । खोजी पत्रकारिता एवं स्टिंग ऑपरेशन आज खूब लोकप्रिय हैं । प्रेस का दायरा एवं दायित्व बहुत बढ़ गए हैं । लोकतंत्र में पत्रकारिता यानी मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है ।आज की भागमभाग की जीवनचर्या में सभी के पास समय का अभाव है । दूसरे, आज हर क्षेत्र में प्रतियोगिता का बोलबाला है । इसी को ध्यान में रखकर पत्रकारिता जगत् की समस्त जानकारी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में दी गई है । प्रस्तुत पुस्तक में जनसंचार के सिद्धांत प्रशिक्षण, पत्रकारिता का इतिहास, प्रिंट मीडिया, फोटो पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो, टी.वी., केबल चैनल, कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रेस कानून, विज्ञापन, स्टिंग ऑपरेशन, जनसंपर्क इत्यादि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं ।प्रस्तुत पुस्तक विभिन्न विश्व- विद्यालयों में पढ़ाए जानेवाले पत्रकारिता एवं जन-संचार के पाठ्यक्रमों के आधार पर तैयार की गई है । निश्चय ही यह विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं सामान्य पाठकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकती है ।
Ameeri Rekha Ki Khoj Mein
- Author Name:
Vijay Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Call of Kailash Mansarovar : A Travelogue
- Author Name:
Dr. Hari Om
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bebaak Baat
- Author Name:
Vijay Goyal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shriramcharitmanas Hindi
- Author Name:
Tulsidas
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Natha Panth "नाथपंथ" Book In Hindi
- Author Name:
Dr. Pradeep Kumar Roy, Dr. Padmaja Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ila
- Author Name:
Ila Dalmiya
- Book Type:

- Description: विशेष आकार और साज-सज्जा में प्रकाशित इस पुस्तक में इला डालमिया की कहानियाँ, एक उपन्यास, संस्मरण, आलेख और कवि-कथाकार-उपन्यासकार अज्ञेय से सम्बन्धित उनका लेखन शामिल है। इला डालमिया और अज्ञेय लम्बे समय तक सहजीवन में साथ थे। उनका लेखकीय जीवन सत्तर के दशक में आरम्भ हुआ। अज्ञेय की पत्रिका ‘नया प्रतीक’ में कुछ कहानियाँ प्रकाशित हुईं, फिर अन्य पत्र-पत्रिकाओं में भी उनकी रचनाएँ छपीं। इला डालमिया की कहानियों में उनके अपने वर्ग की सोच को पकड़ा गया है। ‘नई कहानी’ आन्दोलन से अलग उन्होंने एक लयात्मक भाषा ईजाद की जिसमें उन्होंने भावप्रवण क्षणों का अंकन भी किया और अपने समय के सत्य को भी साधा। बनता-बिगड़ता दाम्पत्य जीवन, स्त्री के दु:ख-सुख, रोज़ी-रोटी की समस्या आदि उनकी कथा-रचनाओं के केन्द्र में रहे हैं। ‘छत पर अर्पण’ उपन्यास में उन्होंने अपने ही कुछ अनुभवों को पिरोते हुए एक बड़े परिवार की लड़की की कहानी कही है, जहाँ घर की छत उसके तथा परिवार के बाक़ी लोगों के कई रहस्यों की साक्षी बनती है। वे बहुत नहीं लिख पाईं लेकिन जितना भी लिखा, वह एक बड़ी प्रतिभा का संकेत ज़रूर देता है।
Dehari Par Patra
- Author Name:
Nirmal Verma
- Book Type:

-
Description:
यह निर्मल वर्मा के कथाकार जयशंकर को लिखे पत्रों का संकलन है। एक वरिष्ठ लेखक का एक युवा लेखक से हुआ संवाद जो अगस्त 82 से शुरू होकर अगस्त 2005 तक चला।
पत्रों में निर्मल वर्मा का एक अलग ही रूप प्रकट होता है जो खासा मुखर और संवादप्रिय है। पाठकों, प्रशंसकों और मित्रों के ढेरों पत्र उन्हें रोज आते थे; और वे हर पत्र का जवाब देते थे। न सिर्फ़ जवाब देते थे बल्कि उन पत्रों में दूसरों के लिए एक तरह से रचनात्मक पर्यावरण के निर्माण की कोशिश भी करते थे; उन पत्रों में उनका अपना आत्मसंघर्ष और आत्म-मंथन भी व्यक्त होता था।
जयशंकर को लिखे इन पत्रों में ख़ासतौर पर साहित्य, सिनेमा, संगीत और चित्रकला विषयक इतने विवरण आते हैं कि कोई भी युवा लेखक इनसे अपनी अध्ययन-यात्रा के लिए पर्याप्त मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है। इनमें निर्मल जी के रचना-संसार को, उनकी चिन्तन-प्रक्रिया को समझने के सूत्र भी मिलेंगे।
...और ऐसे परामर्श भी—“मैं सोचता हूँ—हर व्यक्ति को गर्मियों के दौरान अपने सारे काम, कर्तव्य और जिम्मेवारियाँ पूरी करने के बाद जाड़े के दिन सिर्फ़ सोचने, सोने और पढ़ने के लिए सुरक्षित रखने चाहिए...और प्रेम करने के लिए भी, यदि ऐसा सुयोग मिल सके।”
Bharatiya Sanskar
- Author Name:
Indu Veerendra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Subhash Chandra Bose Ki Adhoori Atmkatha
- Author Name:
Sisir Kumar Bose +1
- Book Type:

- Description: सुभाषचंद्र बोस की ‘भारत की खोज’, जवाहरलाल नेहरू की तुलना में उनके जीवन में काफी पहले ही हो गई, यानी उन दिनों वे अपनी किशोरावस्था में ही थे। वर्ष 1912 में पंद्रह वर्षीय सुभाष ने अपनी माँ से पूछा था, ‘स्वार्थ के इस युग में भारत माता के कितने निस्स्वार्थ सपूत हैं, जो अपने निजी स्वार्थ को त्याग कर इस आंदोलन में हिस्सा ले सकते हैं? माँ, क्या तुम्हारा यह बेटा अभी तैयार है?’’ 1921 में भारतीय सिविल सेवा से त्यागपत्र देकर वह आजादी की लड़ाई में कूदने ही वाले थे कि उन्होंने अपने बड़े भाई शरत को पत्र लिखा, ‘‘केवल बलिदान और कष्ट की भूमि पर ही हम अपने राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।’’ दिसंबर 1937 में बोस ने अपनी आत्मकथा के दस अध्याय लिखे, जिसमें 1921 तक की अपनी जीवन का वर्णन किया था और ‘माई फेथ-फिलॉसोफिकल’ शीर्षक का एक चिंतनशील अध्याय भी था। सदैव ऐसा नहीं होता कि जीवन के बाद के समय में लिखे संस्मरणों को शुरुआती, बचपन के दिनों की प्राथमिक स्रोत की सामग्री के साथ पढ़ा जाए। बोस के बचपन, किशोरावस्था व युवावस्था के दिनों के सत्तर पत्रों का एक आकर्षक संग्रह इस आत्मकथा को समृद्ध बनाता है। इस प्रकार यह ऐसी सामग्री उपलब्ध कराता है, जिसकी सहायता से उन धार्मिक, सांस्कृतिक, नैतिक, बौद्धिक तथा राजनीतिक प्रभावों का अध्ययन किया जा सकता है, जिनसे भारत के इस सर्वप्रथम क्रांतिधर्मी राष्ट्रवादी के चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण हुआ।
Charaiveti! Charaiveti!!
- Author Name:
Ram Naik
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Advanced Dictionary of Mathematics Formulas
- Author Name:
Rajesh Kumar Thakur
- Rating:
- Book Type:

- Description: Mathematics is called the queen of all subjects but it is also thought to be one of the dreadful subject. Here is a Dictionary that goes beyond a mere listing of words and definations. This unique work has more than 2000 mathematical terms, designed as a time-saving reference work for students of all classes. Hundreds of examples and how to solve the problem of a particular type in almost every branch of mathematics has been its additional beauty. This vast fund of information will also enable the general reader to understand a particular mathematical concept, or to extend his own knowledge of mathematics. The coverage of terms is broad, from elementary terms in algebra, arithmetic through calculus, basic terms in 2-D and 3-Dimension geometry, advanced calculus, differential equations to the vector algebra and matrices, statics, dynamics and LPP. To make the understanding of concept clear more than 200 mathematical diagrams have been used. Apart from that, ample examples have been given to give in depth knowledge to students.
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...