Bhartiya Dalit Andolan Ka Itihas : Vols. 1-4
Author:
Mohandas NaimisharayPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 1599.2
₹
1999
Available
अतीत कभी सम्पूर्ण रूप से व्यतीत नहीं होता। बहुआयामी समय के साथ वह भिन्न–भिन्न रूपों में प्रकट होता रहता है। इतिहास अतीत का उत्खनन करते हुए उसमें व्याप्त सभ्यता, संस्कृति, नैतिकता, अन्तर्विरोध, अन्त:संघर्ष, विचार एवं विमर्श आदि के सूत्रों को व्यापक सामाजिक हित में उद्घाटित करता है। कारण अनेक हैं किन्तु इस यथार्थ को स्वीकारना होगा कि भारतीय समाज का इतिहास लिखते समय ‘दलित समाज’ के साथ सम्यक् न्याय नहीं किया गया। भारतीय समाज की संरचना, सुव्यवस्था, सुरक्षा व समृद्धि में ‘दलित समाज’ का महत्त्वपूर्ण योगदान होते हुए भी उसकी ‘योजनापूर्ण उपेक्षा’ की गई। ‘भारतीय दलित आन्दोलन’ का इतिहास (चार खंड) इस उपेक्षा का रचनात्मक प्रतिकार एवं वृहत्तर भारतीय इतिहास में दलित समाज की भूमिका रेखांकित करने का ऐतिहासिक उपक्रम है।</p>
<p>सुप्रसिद्ध दलित रचनाकार, सम्पादक एवं मनीषी मोहनदास नैमिशराय ने प्राय: दो दशकों के अथक अनुसन्धान के उपरान्त इस ग्रन्थ की रचना की है। दलित समाज, दलित अस्मिता–विमर्श तथा दलित आन्दोलन का प्रामाणिक दस्तावेज़ीकरण एवं तार्किक विश्लेषण करता यह ग्रन्थ एक विरल उपलब्धि है। आधुनिक भारतीय समाज की समतामूलक संकल्पना को पुष्ट और प्रशस्त करते हुए मोहनदास नैमिशराय स्वतंत्रता, समता, न्याय और बन्धुत्व जैसे शब्दों का यथार्थवादी परीक्षण भी करते हैं।</p>
<p>वस्तुत: भारतीय दलित आन्दोलन का इतिहास हज़ारों वर्ष पुराने भारतीय समाज की सशक्त सभ्यता–समीक्षा है। ग्रन्थ का प्रथम भाग ‘पूर्व आम्बेडकर भारत’ में निहित सामाजिक सच्चाइयों को उद्घाटित करता है। मध्यकालीन सन्तों के सुधारवादी आन्दोलन से प्रारम्भ कर दलित देवदासी प्रश्न, भंगी समाज, जाटव, महार, दुसाध, कोली, चांडाल और धानुक आदि जातियों के उल्लेखनीय इतिहास; ईसाइयत और इस्लाम से दलित के रिश्ते; आम्बेडकर से पहले बौद्ध धर्म एवं दक्षिण भारत में जातीय संरचना आदि का प्रामाणिक विवरण–विश्लेषण है। दलित आन्दोलन में अग्रणी व्यक्तित्वों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व संस्थाओं का वर्णन है। पंजाब और उत्तराखंड में दलित आन्दोलन की प्रक्रिया और उसके परिणाम रेखांकित हैं।</p>
<p>पाठकों, लेखकों, अनुसन्धानकर्ताओं, मीडियाकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं सजग नागरिकों के लिए पठनीय–संग्रहणीय। गाँव से लेकर महानगर तक प्रत्येक पुस्तकालय की अनिवार्य आवश्यकता।
ISBN: 9788183618571
Pages: 2209
Avg Reading Time: 74 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Alha-Udal Ki Veergatha
- Author Name:
Acharya Mayaram 'Patang'
- Book Type:

- Description: कवि जगनिक रचित ‘परिमाल रासो’ में वर्णित आल्हा-ऊदल की इस वीरगाथा को प्रत्यक्ष युद्ध-वर्णन के रूप में लिखा गया है। बारहवीं शताब्दी में हुए वावरा (52) गढ़ के युद्धों का इसमें प्रत्यक्ष वर्णन है। स्वयं कवि जगनिक ने इन वीरों को महाभारत काल के पांडवों-कौरवों का पुनर्जन्म माना है। बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में इनकी शौर्य गाथाएँ गाँव-गाँव में गाई जाती हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ भागों में तो आल्हा को ‘रामचरित मानस’ से भी अधिक लोकप्रियता प्राप्त है। गाँवों में फाल्गुन के दिनों में होली पर ढोल-नगाड़ों के साथ होली गाने की परंपरा है तो आल्हा गानेवाले सावन में मोहल्ले-मोहल्ले रंग जमाते हैं। मातृभूमि व मातृशक्ति की अपनी अस्मिता, गौरव और मर्यादा की रक्षा के लिए अपूर्व शौर्य और साहस का प्रदर्शन कर शत्रु का प्रतिकार करनेवाले रणबाँकुरों की वीरगाथाएँ, जो पाठक को उस युग की विषमताओं से परिचित कराएँगी; साथ ही आप में शक्ति और समर्पण का भाव जाग्रत् करेंगी।
Lok Seva Mein Naitikta : 100 Case Studies Sahit
- Author Name:
Alok Ranjan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
HAWA KI KAHANI
- Author Name:
Jay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Grenadier Yogendra Singh Yadav
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: Yogendra Singh Yadav was born on May 10, 1980 in the Ahir village of Aurangabad in Bulandshahr district of Uttar Pradesh. Rank—Grenadier, Retired as Honorary Captain Unit—18 Grenadiers War—Kargil War (Operation Vijay – 1999) Award—ParamVir Chakra Recognition—five months old when he joined the Indian Army. He became the youngest 'ParamVir Chakra' awardee at the age of 19 years. The entire world will always remember the exemplary valour displayed by the Indian soldiers in the Kargil war. Grenadier Yogendra Singh Yadav not only defeated the enemy but also dodged death in this war. At the time of receiving the ParamVir Chakra award he was only 19 years of age. He is the youngest soldier to have received the ParamVir Chakra.
Rapid General Knowledge-2026 with Current Affairs | UPSC, State PSC, SSC, Bank, Railways RRB, Defence NDA/CDS, CUET , Teaching, State Govt & other Useful For All Competitive Exams
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Drishya Aur Dhwaniyan : Khand 2
- Author Name:
Sitanshu Yashashchandra
- Book Type:

- Description: गुजराती आदि भारतीय भाषाएँ एक विस्तृत सेमिओटिक नेटवर्क अर्थात् संकेतन-अनुबन्ध-व्यवस्था का अन्य-समतुल्य हिस्सा हैं। मूल बात ये है कि विशेष को मिटाए बिना सामान्य अथवा साधारण की रचना करने की, और तुल्य-मूल्य संकेतकों से बुनी हुई एक संकेतन-व्यवस्था रचने की जो भारतीय क्षमता है, उसका जतन होता रहे। राष्ट्रीय या अन्तरराष्ट्रीय राज्यसत्ता, उपभोक्तावाद को बढ़ावा देनेवाली, सम्मोहक वाग्मिता के छल पर टिकी हुई धनसत्ता एवं आत्ममुग्ध, असहिष्णु विविध विचारसरणियाँ/आइडियोलॉजीज़ की तंत्रात्मक सत्ता, आदि परिबलों से शासित होने से भारतीय क्षमता को बचाते हुए, उस का संवर्धन होता रहे। गुजराती में से मेरे लेखों के हिन्दी अनुवाद करने का काम सरल तो था नहीं। गुजराती साहित्य की अपनी निरीक्षण परम्परा तथा सृजनात्मक लेखन की धारा बड़ी लम्बी है और उसी में से मेरी साहित्य तत्त्व-मीमांसा एवं कृतिनिष्ठ तथा तुलनात्मक आलोचना की परिभाषा निपजी है। उसी में मेरी सोच प्रतिष्ठित (एम्बेडेड) है। भारतीय साहित्य के गुजराती विवर्तों को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में जाने बिना मेरे लेखन का सही अनुवाद करना सम्भव नहीं है, मैं जानता हूँ। इसीलिए इन लेखों का हिन्दी अनुवाद टिकाऊ स्नेह और बड़े कौशल्य से जिन्होंने किया है, उन अनुवादक सहृदयों का मैं गहरा ऋणी हूँ। ये पुस्तक पढ़नेवाले हिन्दीभाषी सहृदय पाठकों का सविनय धन्यवाद, जिनकी दृष्टि का जल मिलने से ही तो यह पन्ने पल्लवित होंगे। —सितांशु यशश्चन्द्र (प्रस्तावना से) 'हमारी परम्परा में गद्य को कवियों का निकष माना गया है। रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम इधर सक्रिय भारतीय कवियों के गद्य के अनुवाद की एक सीरीज़ प्रस्तुत कर रहे हैं। इस सीरीज़ में बाङ्ला के मूर्धन्य कवि शंख घोष के गद्य का संचयन दो खण्डों में प्रकाशित हो चुका है। अब गुजराती कवि सितांशु यशश्चन्द्र के गद्य का हिन्दी अनुवाद दो जि़ल्दों में पेश है। पाठक पाएँगे कि सितांशु के कवि-चिन्तन का वितान गद्य में कितना व्यापक है—उसमें परम्परा, आधुनिकता, साहित्य के कई पक्षों से लेकर कुछ स्थानीयताओं पर कुशाग्रता और ताज़ेपन से सोचा गया है। हमें भरोसा है कि यह गद्य हिन्दी की अपनी आलोचना में कुछ नया जोड़ेगा।" —अशोक वाजपेयी
Bharatiya Kala Darshan
- Author Name:
Shashiprabha Tiwari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
High School Essays
- Author Name:
N.C. Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gangadeen
- Author Name:
Gen. Yashwant Mande
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Siddhartha
- Author Name:
Hermann Hesse
- Book Type:

- Description: ज्ञान की खोज का लोकप्रिय उपन्यास, जिसने पाठकों, लेखकों और विचारकों की पीढ़ियों को प्रसन्न, प्रेरित और प्रभावित किया है; जो स्नातक की परीक्षा पास करने पर दिया जानेवाला एक सदाबहार उपहार है। पी.बी.एस. के द ग्रेट अमेरिकन रीड द्वारा अमेरिका के सबसे पसंदीदा उपन्यासों में से एक के रूप में नामांकित पुस्तक की शुरुआत 1922 में भले ही हुई हो, लेकिन यह उस समय के जर्मनी से बहुत दूर एक स्थान और काल पर आधारित है। यह उपन्यास हरमन हेस्से के समय की संवेदनशीलता से भरा है, जो अलग-अलग दर्शनों, पूर्वी देशों के धर्मों, जुंगियन रूढ़िवादियों, पश्चिमी व्यक्तिवाद को मिलाकर जीवन का एक अनोखा दृष्टिकोण सामने रखता है। यह अर्थ के लिए एक व्यक्ति की खोज को अभिव्यक्त करता है। यह एक अमीर भारतीय ब्राह्मण सिद्धार्थ की खोज की कहानी है, जो आध्यात्मिक संतुष्टि और ज्ञान की तलाश के लिए सुविधासंपनन एवं आरामदेह जीवन का त्याग कर देता है। अपनी यात्रा के दौरान सिद्धार्थ का सामना भटकते तपस्वियों, बौद्ध भिक्षुओं और सफल व्यापारियों के साथ-साथ कमला नामक एक दरबारी एवं एक साधारण केवट से होता है, जिसने ज्ञान प्राप्त कर लिया है। इन लोगों के बीच यात्रा करने और जीवन के महत्त्वपूर्ण मार्गों, यानी प्रेम, कामकाज, दोस्ती और पितृत्व का अनुभव करने से सिद्धार्थ को पता चलता है कि सच्चा ज्ञान भीतर से ही निर्देशित होता है।
Igniting Conscious Leadership (Is it Lying Dormant Within You?)
- Author Name:
Sundeep Pandit
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MAIN STEVE JOBS BOL RAHA HOON
- Author Name:
Mahesh Sharma
- Book Type:

- Description: "स्टीव जॉब्स को कंप्यूटर तकनीक का ‘माइकेल एंजेलो’ कहा गया है। जिन उपकरणों का आविष्कार एवं प्रसार उन्होंने किया, उनके पीछे सुविधा और साधन की सहजता के साथ कलात्मक प्रस्तुति अहम रहती थी। छोटे कंप्यूटर हों, संगीत सुनने के यंत्र हों, मोबाइल उपकरण हों या निपट संकुचित टैबलेट संयंत्र, सुरुचि और प्रतिभा के बल पर स्टीव जॉब्स ने अपने बनाए उपकरणों को दुनिया भर में पहचान दिलाई। ऐसी प्रतिभा कम ही लोगों में होती है। असीम कल्पनाशीलता के बल पर कंप्यूटरों के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर से लेकर बनावट तक में उन्होंने अलग छाप छोड़ी। स्टीव जॉब्स ने आईपॉड की खोज करके संगीत की दुनिया को लोगों की जेबों में समेट दिया। आईफोन बनाया तो फोन में कंप्यूटर का जादुई अहसास भर दिया। फिर आईपैड के आविष्कार ने सूचना तकनीक की तमाम सुविधाओं को एक उपकरण में इकट्ठा कर दिया। इस तरह उन्होंने कंप्यूटर जैसे उपकरण को रोजमर्रा की आवश्यकता बना दिया। इससे दुनिया भर में सूचना-क्रांति को काफी बल मिला। प्रस्तुत पुस्तक में स्टीव जॉब्स की प्रेरक सूक्तियों का संकलन किया गया है, जो नवाचार, कठोर परिश्रम, लगन और टीमवर्क की भावना को बल देती हैं।"
Selected Stories of Sharatchandra
- Author Name:
Anand Ganguly
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bedi Samagra : Vols. 1-2
- Author Name:
Rajendra Singh Bedi
- Book Type:

-
Description:
मरी हुई कुतिया को सूँघकर आगे बढ़ जानेवाला कुत्ता बिम्ब है इसका कि ‘मर्दों की ज़ात एक जैसी होती है’, और यहीं से आगे बढ़ता है राजेंद्रसिंह बेदी का जगप्रसिद्ध उपन्यास ‘एक चादर मैली-सी’ जिसे पढ़कर कृश्णचन्दर ने लिखा था—“कमबख़्त, तुझे पता ही नहीं, तूने क्या लिख दिया है।’’ प्रेमचन्द की आदर्शवादी, यथार्थवाद की परम्परा को आगे बढ़ाने, उसे समृद्ध बनानेवाला यह उपन्यास, जिसे उर्दू के पाँच श्रेष्ठतम उपन्यासों में गिना जाता है, हमारे सामने पंजाब के देहाती जीवन का एक यथार्थ चित्र उसकी तमाम मुहब्बतों और नफ़रतों, उसकी गहराइयों और व्यापकताओं, उसकी पूरी-पूरी सुन्दरता और विभीषिका के साथ तह-दर-तह प्रस्तुत करता है और मन पर गहरी छाप छोड़ जाता है। यह अनायास ही नहीं कहा जाता कि बेदी ने और कुछ न लिखा होता तो भी यह उपन्यास उन्हें उर्दू साहित्य के इतिहास में जगह दिलाने के लिए काफ़ी था।
और यही परम्परा दिखाई देती है उनके एकमात्र नाटक-संग्रह ‘सात खेल’ में। कहने को ये रेडियो के लिए लिखे गए नाटक हैं जिनमें अन्यथा रचना-कौशल की तलाश करना व्यर्थ है, मगर इसी विधा में बेदी ने जो ऊँचाइयाँ छुई हैं, वे आप अपनी मिसाल हैं। मसलन नाटक आज कभी न आनेवाले कल या हमेशा के लिए बीत चुके कल के विपरीत, सही अर्थों में बराबर हमारे साथ रहनेवाले ‘आज’ का ही एक पहलू पेश करता है जिसे हर पीढ़ी अपने ढंग से भुगतती आई है। या नाटक ‘चाणक्य’ को लें जो इतिहास नहीं है बल्कि कल के आईने में आज की छवि दिखाने का प्रयास है। और ‘नक़्ले-मकानी’ वह नाटक है जिसकी कथा अपने विस्तृत रूप में फ़िल्म ‘दस्तक’ का आधार बनी थी, एक सीधे-सादे, निम्न-मध्यवर्गीय परिवार की त्रासदी को उसकी तमाम गहराइयों के साथ पेश करते हुए। उर्दू के नाटक-साहित्य में ‘सात खेल’ को एक अहम मुकाम यूँ ही नहीं दिया जाता रहा है।
प्रस्तुत खंड में बेदी की फुटकर रचनाओं का संग्रह ‘मुक्तिबोध’ और पहला कहानी-संग्रह ‘दान-ओ-दाम’ भी शामिल हैं। जहाँ ‘दान-ओ-दाम’ बेदी के आरम्भिक साहित्यिक प्रयासों के दर्शन कराता है जिनमें ‘गर्म कोट’ जैसी उत्तम कथाकृति भी शामिल है, वहीं ‘मुक्तिबोध’ को बेदी की पूरी कथा-यात्रा का आख़िरी पड़ाव भी कह सकते हैं और उसका उत्कर्ष भी, जहाँ लेखक की कला अपनी पूरी रंगारंगी के साथ सामने आती है और ‘मुक्तिबोध’ जैसी कहानी के साथ मन को सराबोर कर जाती है।
Say No To Fear Be A Winner
- Author Name:
Surendra Nath Saxena
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shyam Ki Maa
- Author Name:
Sane Guruji
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Khatti-Meethi Prerak Kahaniyan
- Author Name:
Smt. Sudha Murty
- Book Type:

- Description: "इस संग्रह की कहानियों को पढ़कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएँगे। इनमें आप पढेंगे कि एक महिला अपने घरेलू कामों के लिए एक हिजड़े को रखती है; गुंडों का एक समूह बारिश की एक भीगी रात में एक लड़की की रक्षा करता है; एक प्लास्टिक सर्जन एक मरीज का ऑपरेशन करने को इसलिए मना कर देता है, क्योंकि वह अनावश्यक काररवाई की माँग करता है; और एक लड़के की मार्मिक कहानी, जिसने सालों पहले एक बच्चा-लंगूर को निश्चित मौत के मुँह में जाने से बचाया था। इसके साथ-साथ आप पढ़ेंगे एक ऐसी लड़की की कहानी, जिसने बंदरों के कबीले से भागने में सफलता प्राप्त की; एक खूबसूरत युवती की कहानी, जिसे तेजाब के हमले के बाद घरवालों ने स्वीकारने से मना कर दिया; एक अकेली माँ, जो बड़ी मुश्किल से एक इमारत की आग से बची; एक नवयुवती, जिसने बहुत साहस दिखाया, जब ट्रेन में उसके ऊपर हमला हुआ। आज की महिलाओं को रहम, दया या किसी भीख की जरूरत नहीं है। वे परिवर्तन की तलाश में हैं, विषम परिस्थितियों का सामना कर उनसे पार पाने की क्षमता विकसित कर रही हैं। अपने आत्मविश्वास को जाग्रत् कर अभीष्ट को पाने की अदम्य इच्छाशक्ति अर्जित करने की प्रेरणा देता खट्टी-मीठी प्रेरक कहानियों का यह संग्रह सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय और संग्रहणीय है। "
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Arthashastra Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Economics Practice Sets in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Abalaaon Ka Insaf
- Author Name:
Sfurana Devi
- Book Type:

- Description: नवजागरण अपने राष्ट्रीय जागरण व सुधारवादी आन्दोलन के दौरान अनेक सार्थक प्रयासों और अपनी सफलताओं के लिए जाना जाता है। यह वही दौर था जब साम्राज्य विरोधी चेतना एक विराट राष्ट्रीय आन्दोलन का रूप ले चुकी थी, और राष्ट्रवाद अपने पूरे उफान पर था। मगर बावजूद इसके यह दौर अनेक विडम्बनाओं और विरोधाभासों के साथ-साथ कई विवादों का जन्मदाता भी रहा है। सबसे बड़ी विडम्बना इसकी यह रही कि दलित-प्रश्न और स्त्री-लेखन इसके परिदृश्य से पूरी तरह ग़ायब रहे। विशेषकर स्त्री-मुक्ति की छटपटाहट और चिन्ता इसके चिन्तन के केन्द्र में जैसे रहे ही नहीं। स्त्री-शिक्षा के अभाव और पितृसत्तात्मक व्यवस्था की गहरी पैठ के चलते, यह छटपटाहट हिन्दी साहित्य के इस दौर के इतिहास में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने से वंचित रह गई। बाद में इस काल के साहित्यिक परिदृश्य और विशेषताओं को हिन्दी के अनेक महानायकों ने रेखांकित और विश्लेषित किया, लेकिन उनकी नज़रों से भी यह छटपटाहट अलक्षित और ओझल ही रही। इन महानायकों के सामने पुरुषों द्वारा रचित वही लेखन रहा, जिसके कारण हिन्दी नवजागरण को अतिशयोक्ति में कभी-कभी ‘हिन्दू नवजागरण’ भी कहा जाता है। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि हिन्दी नवजागरण के शुरुआत से लेकर आधुनिक काल (द्विवेदी युग) का पूरा कालखंड स्त्री-लेखन (स्त्रियों द्वारा किया गया लेखन) रहित रहा है? आख़िर ऐसे कौन से कारण थे जिनके चलते स्त्री-लेखन के रूप में, जो भी लेखन प्रकाश में आया, वह पुरुषों द्वारा ही किया गया लेखन था? ये ऐसे प्रश्न हैं जो हिन्दी साहित्य में बड़ी बहस की माँग करते हैं। बड़ी इसलिए कि यह मात्र एक धारणा या भ्रामक प्रचार है कि हिन्दी नवजागरण और उसके बाद के कुछ दशकों के दौरान स्त्री-लेखन नहीं हुआ। ‘अबलाओं का इन्साफ़’ (1927) को इसके उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है। यह आत्मकथा गम्भीर स्त्री-प्रश्नों के साथ-साथ उस पुरुषवादी मानसिकता और सोच को पूरी निर्ममता के साथ बेपर्दा और उनके ऊपर जमी गर्द को पोंछती है, जिसे या तो जानबूझकर पोंछा नहीं गया या किसी कारणवश छोड़ दिया गया।
Hind Swaraj
- Author Name:
Mohandas Karamchand Gandhi
- Book Type:

- Description: "सन् 1909 में लंदन से दक्षिण अफ्रीका लौटते हुए जहाज पर हिंदुस्तानियों के हिंसावादी पंथ को और उसी विचारधारावाले दक्षिण अफ्रीका के एक वर्ग को दिए गए जवाब के रूप में लिखी यह पुस्तक पहले-पहल दक्षिण अफ्रीका में छपनेवाले साप्ताहिक ‘इंडियन ओपीनियन’ में प्रगट हुई थी। लिखने के एक सौ वर्ष बाद भी यह इतनी प्रासंगिक और विचारशील कृति है कि यह बालक के हाथ में भी दी जा सकती है। यह द्वेषधर्म की जगह प्रेमधर्म सिखाती है; हिंसा की जगह आत्म-बलिदान को रखती है; पशुबल से टक्कर लेने के लिए आत्मबल को खड़ा करती है। हिंदुस्तान अगर प्रेम के सिद्धांत को अपने धर्म के एक सक्रिय अंश के रूप में स्वीकार करे और उसे अपनी राजनीति में शामिल करे, तो स्वराज स्वर्ग से हिंदुस्तान की धरती पर उतरेगा। ‘हिंद स्वराज’ में बताए हुए संपूर्ण जीवन-सिद्धांत को आचरण में लाने से राष्ट्र के सामने जो प्रश्न हैं, समस्याएँ हैं, उनका उत्तर और समाधान खोजने में मदद मिलेगी।
Customer Reviews
0 out of 5
Book