Anandiben Patel : Pratibadhhata Ke Padchinha
Author:
Keyur Sampat, Ashok DesaiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 600
₹
750
Available
आनंदीबेनजी की सबसे बड़ी खूबी है—अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी शक्ति से और निरंतर उत्साह से प्रवृत्त रहना। कभी भी हार न मानना, कर्तव्य में शिाथिलता न लाना और आसपास उदासीनता उभरने नहीं देना। उत्साहपूर्वक प्रवृत्त होना ही उत्थान या अभ्युत्थान कहलाता है। महाभारत के शांति पर्व, अनुशासन पर्व आदि में सर्वत्र कहा गया है कि उत्साहपूर्ण कर्म ही राजधर्म का मूल है। इस कर्म के बल पर ही आनंदीबेनजी ने गुजरात में बड़े-बड़े लोकहितकारी परिवर्तन कर दिखाए।
आज हमें यह कहने में जरा भी संकोच नहीं है कि लोकहित के प्रति ऐसा समर्पण, ऐसी चिंता और ऐसी सजगता आज के परिदृश्य में दुर्लभ हो चुकी है। लोगों से संवाद, अधिकारियों के साथ बैठक और फाइल पर निर्णय लेने में उनकी सकारात्मकता देखते ही बनती है। 'समय पर न्याय न मिलना भी अन्याय ही है', इसको हमेशा ध्यान में रखकर आनंदीबेनजी ने कभी कोई काम कल पर नहीं टाला। ऐसी अनगिनत विशेषताएँ आनंदीबेनजी को सच्चा राजनेता बनाती हैं। उनके द्वारा किए कार्यों का संकलन करते समय हम बार-बार आश्चर्य में पड़ते रहे कि कितनी सहजता से आनंदीबेनजी बड़े-बड़े कार्य करती चली गईं।
कर्मयोग का जीवंत दस्तावेज बन गई यह पुस्तक निश्चय ही सभी कर्मयोगियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी ।
ISBN: 9789355620118
Pages: 204
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Bhagvadgita Ke Rahasya
- Author Name:
Shri Vishwanath
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat Ke Parakrami Raja
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bijuka Babu
- Author Name:
Balkavi Bairagi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kanch Vigyani Dr. AtmaRam
- Author Name:
Sheogopal Misra
- Book Type:

- Description: "डॉ. आत्माराम ने सैन्य उपयोग हेतु ‘ऑप्टिकल काँच’ का निर्माण करके यह दिखा दिया कि भारतीय वैज्ञानिकों में प्रतिभा की कमी नहीं है। सामान्य ग्रामीण परिवार में जन्म लेकर अपनी कुशाग्र बुद्धि के बल पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिक रसायन के जनक डॉ. नीलरत्न धर के निर्देशन में उन्होंने उच्च स्तरीय शोध डिग्री, डी.एस-सी. प्राप्त की और कलकत्ता जाकर ग्लास एंड सेरैमिक्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक बने। आगे चलकर वे देश की सर्वोच्च वैज्ञानिक अनुसंधान संस्था सी.एस.आई.आर. के निदेशक बने। डॉ. आत्माराम ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ के आदर्श व्यक्ति थे। उनकी सत्यनिष्ठा, कर्तव्य परायणता तथा सरलता बेजोड़ थी। वे एक तरह से गांधीवादी वैज्ञानिक थे। वे हिंदी के पुजारी थे। ‘वैल्थ ऑफ इंडिया’ का हिंदी अनुवाद उपलब्ध करानी की उनकी दूरदृष्टि के कारण ही कई खंडों वाले अंग्रेजी ग्रंथ का हिंदी संस्करण ‘भारत की संपदा’ का प्रकाशन उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। डॉ. आत्माराम अणुव्रत महासमिति द्वारा ‘अणुव्रत सम्मान’ प्रदान किया गया था। वे आर्यसमाजी थे तथा प्रयागराज स्थित शताधिक वर्षों पुरानी संस्था ‘विज्ञान परिषद्’ के उन्नायकों में से थे। उनका परिचय उनके तमाम व्याख्यानों से प्रकट होता है, जो इस पुस्तक में संगृहीत है। विज्ञान में अभिरुचि रखनेवाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए पठनीय पुस्तक।"
Tigers Don’t Blink: Life & Times Of Col. (Retd.) Ashok Tara, Vir Chakra Book in English by Anshuman Tandon
- Author Name:
Anshuman Tandon
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
NTA CUET UG 2024 Exam | Chemistry | 2000+ NCERT Based Topic-wise MCQs | Useful for DU JNU Jamia Milia BHU AMU CHS and All Other Central University
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
PRAKRITIK AAPDAYEN (NATURAL DISASTER)
- Author Name:
Dr. D.D. Ojha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Havildar Abdul Hameed
- Author Name:
Major Rajpal Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sang-Satsang
- Author Name:
Namvar Singh
- Book Type:

-
Description:
नामवर सिंह न सीमित अर्थों में साहित्यकार हैं, न आलोचक। इसके बावजूद वे इन साक्षात्कारों में मुख्यत: आलोचक के रूप में उभरते हैं। नामवर जी का आलोचक समाज में बातचीत करते हुए, वाद-विवाद-संवाद करते, प्रश्न-प्रतिप्रश्न करते सक्रिय रहता है और विचार, तर्क और संवाद की उस प्रक्रिया से गुज़रता है जो आलोचना की बुनियादी भूमि है। आलोचना लिखित हो या वाचिक, उसके पीछे बुनियादी प्रक्रिया है—पढ़ना, विवेचना, विचारना। तर्क और संवाद। नामवर जी के साक्षात्कारों में इसका व्यापक समावेश है। इनसे गुज़रते हुए हम महसूस करते हैं कि वह किसी रचना को हमेशा नई और अपनी तरह से पढ़ने की कोशिश करते हैं और इस तरह ‘पढ़ते’ हुए वे लगातार नई तरह से ‘सोचते’ और ‘विचारते’ हुए सामने आते हैं। उनकी वाचिक आलोचना मूल्यांकन की ऊपरी सीढ़ी तक पहुँचती है। निकष बनाती है। प्रतिमानों पर बहस करती है। उसमें ‘लिखित’ की तरह की ‘कौंध’ मौजूद होती है।
इस पुस्तक में संकलित साक्षात्कारों का विषय-क्षेत्र अत्यन्त विस्तृत है। मार्क्सवाद, समकालीन विश्व, पूँजीवाद, नवसाम्राज्यवाद, नवफ़ासीवाद और भारतीय लोकतंत्र के विरूपीकरण से लेकर कविता, कहानी, उपन्यास और निजी जीवन तक—साहित्य और देश-दुनिया की उनकी समझ का एक स्पष्ट प्रतिबिम्ब यहाँ मिलता है। उनकी विश्व-दृष्टि का रूपायन इनमें हुआ है।
Cinema Ko Padhte Huye
- Author Name:
Shivani Rakesh
- Book Type:

-
Description:
सामान्य दर्शक फिल्मों को सिर्फ मनोरंजक दृश्य माध्यम के रूप में देखता है, लेकिन शिवानी राकेश की इस किताब की मूल स्थापना ही यही है कि फिल्में सिर्फ देखी ही नहीं जातीं, बल्कि पढ़ी भी जाती हैं। रचनाकार ने कई विश्व स्तरीय सिने-सिद्धान्तकारों का उद्धरण देते हुए यह स्पष्ट किया है कि सिनेमा के इस ‘पाठ’ के लिए हमें फिल्मों को सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक अनुशासनों के बीच रखकर परखना होता है। यदि हम इतिहास की समझ के साथ इन फिल्मों को देखते हैं तो उन्हें नए नजरिये से देखने का मौका मिलता है। यह किताब हिन्दी सिनेमा की कई प्रमुख फिल्मों का विश्लेषण करते हुए उन्हें एक विमर्श के रूप में देखने का दृष्टिकोण देती है और यही इसकी सफलता है। लेखक ने भारतीय सिनेमा की अनेक फिल्मों का गहन विश्लेषण किया है। पुस्तक में अन्तर्वस्तु विश्लेषण पद्धति का उपयोग करते हुए कई चर्चित और कलात्मक रूप से उत्कृष्ट कही जाने वाली फिल्मों के पात्रों, कथानकों और संवादों का विस्तृत अध्ययन किया है। इस किताब में आप महिलाओं के मुद्दों पर बनी फिल्में, प्रवासी सिनेमा, युद्ध आपदा और दूसरे कई भिन्न विषयों पर आधारित फिल्मों के बारे में विस्तार से जान सकते हैं। भारतीय सिनेमा के इतिहास से लेकर सिनेमा में उठाए गए सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर भी इस किताब में विस्तृत चर्चा की गई है। मुझे यकीन है कि यह किताब छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक उपयोगी सन्दर्भ सामग्री के रूप में अपनी जगह बनाएगी।
—दिनेश श्रीनेत
Search of Soul: Self Help, Motivational & Inspirational Poetry Book
- Author Name:
Dr. Birendra Prasad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Khadakmafi Ki Smritiyon Se
- Author Name:
Lalit Mohan Rayal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
An Alternative Perspective On Education
- Author Name:
Atul Kothari
- Rating:
- Book Type:

- Description: Education is the foundation of the development of any country. But in our country, the First Education Policy was framed in 1968, 21 years after independence; the second policy was formulated in 1986; 34 years later, India got the National Educational Policy-2020 on 25th July, 2020. Besides these, certain commissions were also constituted for reforms in education, which made some good recommendations, but these could not be implemented for sheer want of political will. For an instance, the Kothari Commission in 1968, recommended 6 per cent of Gross Domestic Product (GDP) for expenditure on education, which was also adopted by the Education Policy-1986, but this is yet to be translated into practice. If we ignore pre-colonial period, the Bharat of post-independence has not yet been able to determine the aim of education. Character building and moulding a human i.e. holistic development of personality should be the aim of education. Essays on related subjects are included in this book. To identify the issues and problems that plague the education, and their solution, we carried out basic but innovative experiments in schools, colleges and universities. The original experiences of these exercises have been penned down as articles and research papers. This book is an anthology of the related writings.
Uttar Pradesh B.Ed. Combined Entrance Examination 2024 Science Stream "विज्ञान वर्ग" 15 Practice Sets (Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Popale Muh Ka Painapan
- Author Name:
Prakash Dubey
- Book Type:

- Description: पत्रकारिता को किसी भी दबाव से मुक्त रखने के लिए प्रेस आयोग की सिफारिश पर प्रेस परिषद् (प्रेस काउंसिल) का गठन हुआ। प्रेस परिषद् का मुख्य उद्देश्य एक ओर सरकारी, कारोबारी या अन्य किसी दबाव से मुक्त रखना है, वहीं कलम की ताकत का दुरुपयोग करके किसी के साथ अन्याय करने से रोकना भी है। सूचना प्रौद्योगिकी के विकास के बाद नए प्रेस आयोग के गठन के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को शामिल कर मीडिया परिषद् बनाने की माँग जारी है। वर्तमान कसौटी पर भारतीय प्रेस परिषद् को कसने के बाद 'पोपले मुँह का पैनापन' पुस्तक साकार हुई। किस्सागोई शैली में लिखी गई इस पुस्तक में प्रेस परिषद् का गठन कैसे होता है? इसमें किन संगठनों का प्रतिनिधित्व रहता है? आदि विषयों पर प्रकाश डाला गया है। पत्रकारिता की बढ़ती भूमिका के कारण इस तरह की जानकारी पाने में आम पाठक की उत्सुकता का ध्यान रखते हुए जानकारी शामिल की गई है। सूचना का अधिकार लागू किए बहुत अधिक समय नहीं बीता है। प्रेस परिषद् का महत्त्व जतलाने के लिए इतना कहना पर्याप्त है कि आपातकाल में परिषद् को भंग कर दिया गया था। भारतीय प्रेस परिषद् स्वर्ण जयंती मना ली है। अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में समाचार-पत्र नागरिक स्वतंत्रता को हानि न पहुँचाएँ और न सच कहने के लिए किसी माध्यम और पत्रकार प्रताडि़त हों, इस दोहरे लक्ष्य को पाने में परिषद् की सीमा और सक्षमता को समझने में यह पुस्तक सहायक होगी।
All You Want To Know About The Moon (Q & A)
- Author Name:
Ramesh Shishu, PhD
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sanchar Kaushal Aur Vyaktitva Vikas
- Author Name:
Dr. Puneet Bisaria • Dr. Virendra Singh Yadav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Apni Sanskriti
- Author Name:
Madhav Govind Vaidya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Yaksh Prashnon Ke Uttar
- Author Name:
Indresh Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
My Inventions: The Autobiography of Nikola Tesla
- Author Name:
Nikola Tesla
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...