All You Want To Know About The Moon (Q & A)
Author:
Ramesh Shishu, PhDPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789354886638
Pages: 404
Avg Reading Time: 13 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
A Remarkable Political Movement
- Author Name:
V. Shanmuganathan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Premmay Ram "प्रेममय राम" | Book in Hindi
- Author Name:
Ram Bachchan Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rameshchandra Shah Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Rameshchandra Shah
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nagarjun Rachanawali : Vols. 1-7
- Author Name:
Nagarjun
- Book Type:

- Description: उनके जीवन के लगभग अड़सठ वर्ष (1929–1997) रचनाकर्म को समर्पित। कविता, उपन्यास, संस्मरण, यात्रावृत्त, निबन्ध, बाल–साहित्य आदि सभी विधाओं में उन्होंने लिखा। हिन्दी के अलावा मैथिली, बांग्ला और संस्कृत में भी उन्होंने न सिर्फ़ मौलिक रचनाएँ कीं, इन भाषाओं से अनुवाद भी किए। कुछ पत्र–पत्रिकाओं में उन्होंने स्तम्भ-लेखन भी किया। रचनावली के प्रथम खंड में बाबा की उन सभी कविताओं को संकलित किया गया है, जिनका रचनाकाल 1967 ई. तक है। ‘युगधारा’, ‘सतरंगे पंखोंवाली’, ‘प्यासी पथराई आँखें’, ‘तुमने कहा था’, ‘हज़ार–हज़ार बाँहोंवाली’, ‘पुरानी जूतियों का कोरस’, ‘रत्नगर्भ’, ‘इस गुब्बारे की छाया में’ तथा ‘भूल जाओ पुराने सपने’—इन संग्रहों से 1967 तक की सभी कविताओं को कालक्रम से यहाँ ले लिया गया है। इसके अलावा नागार्जुन के सर्वाधिक प्रिय कवि कालिदास की रचना ‘मेघदूत’ का उनके द्वारा मुक्तछन्द में किया गया अनुवाद भी इसमें संकलित है। यह अनुवाद 1953 में ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ के एक ही अंक में प्रकाशित हुआ। इसके बाद 1955 में पुस्तकाकार प्रकाशन के समय इसमें एक लम्बी भूमिका और कुछ पादटिप्पणियाँ भी जोड़ी गर्इं। रचनावली में वह इसी रूप में उपलब्ध है।
Mridula Sinha Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Mridula Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
NLP Handbook
- Author Name:
Shantanu Das Sharma
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक में संकलित हैं NLP की वे तकनीकें, जिनसे जीवन को खूबसूरत एवं अधिक आनंदमय बनाया जा सकता है। जैसे-जैसे आप इस पुस्तक को पढ़ते जाएँगे, वैसे-वैसे आप बहुत सारी ऐसी प्रक्रियाओं को जान जाएँगे, जिनके माध्यम से बड़े-बडे़ लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। NLP एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा हर कमजोरी पर विजय पाई जा सकती है। यह तकनीक साधारण को असाधारण में परिवर्तित करने का सामर्थ्य रखती है। NLP आम को खास बना देती है। यह तकनीक व्यक्ति को जीवन के उन सभी सुखों को प्रदान करने की क्षमता रखती है, जो वह जीवन में पाना चाहता है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप यकीनन स्वयं को पहले से बहुत बदला हुआ पाएँगे। यह पुस्तक आपके व्यक्तित्व को एक अद्भुत व्यक्तित्व में बदल देगी। आपमें सकारात्मक बदलाव लाकर सुख-समृद्धि-संपन्न जीवन का द्वार खोलनेवाली एक आवश्यक और पठनीय पुस्तक।
Satguru Nanak Dev
- Author Name:
Harish Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shrinaresh Mehta Rachanawali : Vols. 1-11
- Author Name:
Shri Naresh Mehta
- Book Type:

-
Description:
श्रीनरेश मेहता अपनी परम्परा के प्रति ‘आत्मविस्मृत आधुनिकों’ में नहीं, बल्कि उन आधुनिक कवियों में हैं, जो तमाम आयातित विचारों और प्रवृत्तियों के लिए खुले रहते हुए भी उनकी अधीनता स्वीकार नहीं करते। इतना ही नहीं, सतत एक आधुनिक भारतीय कवि की उपस्थिति भी दर्ज कराते हैं। वे निषेध नहीं करते, वरन् अपरिहार्य हो उठे आयातित विचारों और विचारधाराओं के बीचोबीच अपनी ही संस्कारगत प्रज्ञा से नई लपट उठाते हैं, अपने भीतर से विचारों और मूल्यों का सन्धान करते हैं, जो वैकल्पिक या ‘प्रति’ नहीं हैं, स्वयं संकल्प हैं, जिनकी सन्दर्भवत्ता भी है, प्रासंगिकता भी और सनातनता भी।
भाषा के नए प्रयोगों और अन्वेषणों की दृष्टि से श्रीनरेश मेहता का आधुनिक युग में भी कोई सर्जक उल्लंघन नहीं कर सका है। उसका कारण उनका वैदिक, औपनिषदिक, सांस्कृतिक परम्परा में प्रयुक्त भाषा में नवार्थ भरना है; भागवत, वृन्दावन, प्रार्थना, ऋचा, मंत्र, गायत्री, अनुष्टुप, शिवत्व, उपनिषद्, वैष्णवता, उत्सव, यज्ञ, बिल्व–पत्र, यज्ञोपवीत, अश्वत्थ—जैसे पचासों शब्दों और उनके विभिन्न रूपों का सिर्फ़ प्रयोग ही नहीं, इनमें नया अर्थ भरना सर्वथा भाषा का मौलिक अन्वेषण है। इसके अलावा मालवा के लोक–शब्द, बांग्ला–शब्द आदि का भरपूर प्रयोग श्रीनरेश जी की भाषा में मिलता है; और कहना न होगा कि वह सर्जक वास्तव में बहुत बड़ा होता है जो भाषा का सन्धान करता है।
श्रीनरेश मेहता के काव्य में प्रकृति की महत् भूमिका है। प्रकृति से उनका बड़ा घरोपा है। उनके भीतर के तार उससे जुड़े हैं। यहाँ तक कि उनका स्वयं का जीवन प्रकृत रहा—अकृत्रिम, सहज। प्रकृति के अनेक रूप, रंग, बिम्ब, सम्बन्ध श्रीनरेश मेहता के काव्य में आद्यन्त खिले हुए हैं। वह उनके सोच और अभिव्यक्ति की सहयात्री है।
ग्यारह खंडों में प्रकाशित श्रीनरेश मेहता रचनावली का यह पहला खंड है। इस खंड में ‘बनपाखी! सुनो!!’, ‘बोलने दो चीड़ को’, ‘मेरा समर्पित एकान्त’, ‘उत्सवा’, ‘तुम मेरा मौन हो’, ‘अरण्या’, ‘आखिर समुद्र से तात्पर्य!’ शीर्षक काव्य–संकलन शामिल हैं।
Praja Parishad: A Saga of Sacrifices
- Author Name:
Prof. Kul Bhushan Mohtra
- Book Type:

- Description: This book on ‘Praja Parishad’ gives glimpses of the great struggle and historical narrative to save the J&K State from inimical designs of the elements from within and outside. It reveals much new factual information and saga of struggle of Praja Parishad led from the front by great patriot, Pt. Prem Nath Dogra, peeping into pre and post-1947 period of Jammu and Kashmir. This gives detailed and accurate account of the brave story how the people strove hard for the objective of J&K State’s full integration with India so that they enjoy all democratic rights. The movement was against separatist tendencies and anti-national stance. The protest demonstration was for full integration, no special status and no separate constitution, state flag or nomenclature of Prime Minister and slogan was Ek desh mein ek Vidhan (Constitution), ek Pradhan (head of State) and ek Nishan (flag). A must read complete book on Praja Parishad which tells the saga of dedication, devotion, sacrifice for the integration of India.
Vikas Ka Vishwas
- Author Name:
Mridula Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gumnaam Yoddha (English Translation of Unsung Warriors)
- Author Name:
Aditi Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bachchan Rachanawali : Vols. 1-11
- Author Name:
Harivansh Ray Bachchan
- Book Type:

- Description: बच्चन रचनावली (11 खंड) खंड 1 हिन्दी कविता का एक दौर वह भी था जब हिन्दीभाषी समाज को जीवन के गंभीर पक्ष में पर्याप्त आस्था थी, और कविता भी अपने पाठक-श्रोता की समझ पर भरोसा करते हुए, संवाद को अपना ध्येय मानकर आगे बढ़ रही थी। मनोरंजक कविता और गंभीर कविता का कोई विभाजन नहीं था; न मनोरंजन के नाम पर शब्दकारों-कलाकारों आदि के बीच जनसाधारण की कुरुचि और अशिक्षा का दोहन करने की वह होड़ थी जिसके आज न जाने कितने रूप हमारे सामने हैं, और न कविता में इस सबसे बचने की कोशिश में जन-संवाद से बचने की प्रवृत्ति। हरिवंश राय बच्चन उसी काव्य-युग के सितारा कवि रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ मंच से अपने पाठकों-श्रोताओं से संवाद किया बल्कि लोकप्रियता के कीर्तिमान गढ़े। कविता की शर्तों और कवि-रूप में अपने युग-धर्म का निर्वाह भी किया और जन से भी जुड़े रहे। यह रचनावली उनके अवदान की यथासम्भव समग्र प्रस्तुति है। रचनावली के इस नए संस्करण में 1983 में प्रकाशित नौ खंड बढ़कर अब ग्यारह हो गए हैं। रचनावली के प्रकाशन के बाद एक स्वतंत्र पुस्तक के रूप में आया बच्चन जी की आत्मकथा का चौथा भाग खंड दस में और पत्रों समेत कुछ अन्य सामग्री खंड ग्यारह में ली गई है। खंड 2बच्चन रचनावली के दूसरे खंड में निम्नलिखित रचनाएँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'मिलन यामिनी’ (1950), 'प्रणय पत्रिका’ (1955), 'धार के इधर-उधर’ (1957), 'आरती और अंगारे’ (1958), 'बुद्ध और नाचघर’ (1958), 'त्रिभंगिमा’ (1961), 'चार खेमे चौंसठ खूँटे’ (1962)।खंड 3बच्चन रचनावली के इस तीसरे खंड में बच्चनजी की निम्नलिखित रचनाएँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'दो चट्टानें’ (1965), 'बहुत दिन बीते’ (1967), 'कटती प्रतिमाओं की आवाज’ (1968), 'उभरते प्रतिमानों के रूप’ (1969), 'जाल समेटा’ (1973), 'प्रारम्भिक रचनाएँ भाग 1-2’ (रचनाकाल : 1928-33; प्रकाशन काल : 1943), अतीत की प्रतिध्वनियाँ और मरघट के कुछ पद (रचनाकाल : 1932-33), 'कुछ नवीनतम कविताएँ’ (रचनाकाल : 1973-83)।खंड 4बच्चन रचनावली के इस चौथे खंड में बच्चनजी के द्वारा अनूदित निम्नलिखित काव्य-कृतियाँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'खैयाम की मधुशाला’ (1935), 'जनगीता’ (1958), 'चौंसठ रूसी कविताएँ’ (1964), 'मरकत द्वीप का स्वर’ (1965), 'नागर गीता’ (1966), 'भाषा अपनी भाव पराये’ (1970), कुछ स्फुट-असंकलित अनुवाद।खंड 5बच्चन रचनावली के इस पाँचवें खंड में बच्चनजी के द्वारा अनूदित शेक्सपियर के चार नाटक निम्न क्रम से संगृहीत हैं : 'मैकबेथ’ (1957), 'ओथेलो’, (1959), 'हैमलेट’ (1969), 'किंगलियर’ (1972)।खंड 6बच्चन रचनावली के इस छठे खंड में बच्चनजी की कुछ गद्य-कृतियों और उनके कुछ स्फुट लेखन को इस क्रम में प्रस्तुत किया गया है : 'कवियों में सौम्य सन्त’ (1960), 'नये-पुराने झरोखे’, (1962), 'टूटी-छूटी कड़ियाँ’ (1973), 'सोपान’ आदि संकलनों—संचयनों की भूमिकाएँ और कुछ असंकलित लेख।खंड 7बच्चन रचनावली के इस सातवें खंड में बच्चनजी की आत्मकथा के प्रथम दो भाग प्रस्तुत किए जा रहे हैं : 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ (1969), 'नीड़ का निर्माण फिर’ (1970)।खंड 8बच्चन रचनावली के इस आठवें खंड में आत्मकथा का तीसरा भाग 'बसेरे से दूर’ (1977) और उनकी डायरी 'प्रवास की डायरी’ (1971) प्रस्तुत की जा रही है।खंड 9बच्चन रचनावली के इस नवें खंड में बच्चनजी का विविध लेखन निम्न क्रम में संगृहीत है : वार्ताएँ, साक्षात्कार, पुस्तक-समीक्षाएँ, कहानियाँ, बच्चों के लिए लिखी कविताएँ और पत्र।खंड 10बच्चन रचनावली के इस दसवें खंड में बच्चनजी की आत्मकथा का वह अन्तिम चौथा भाग संकलित किया गया है जो अभी तक 'दशद्वार’ से 'सोपान तक’ शीर्षक से स्वतंत्र रूप में उपलब्ध था। आत्मकथा के पहले तीन भाग 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ’, 'नीड़ का निर्माण फिर’ और 'बसेरे से दूर’ रचनावली के सातवें-आठवें खंडों में पहले से ही संकलित हैं।खंड 11बच्चन रचनावली का यह संस्करण इस खंड के साथ पूर्ण होता है। इस खंड में उनकी कुछ असंकलित कविताओं, एक साक्षात्कार, एक भाषण और एक भूमिका के अतिरिक्त मुख्यत: उनके पत्र हैं। बच्चनजी ने अपने जीवन में इतने अधिक पत्र लिखे थे, जो यदि एकत्र हो सकते तो बीस-पच्चीस मोटे खंडों में समाते। उन्होंने स्वयं कम-से-कम 50 हज़ार पत्र लिखने की बात स्वीकार की है।
Pheriwala Rachnakar
- Author Name:
Manu Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Arabpatiyon Jaisa Kaise Sochen?
- Author Name:
Pradeep Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ramkatha Aaram
- Author Name:
Dr. Viveki Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Social Science JSSC JTPTCCE Assistant Primary Teacher Recruitment Exam Graduate Acharya Paper-IV 15 Practice Sets In Hindi
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Urmila Shirish ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Urmila Shirish
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jehad Ka Junoon
- Author Name:
Vivek Saxena +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Charitra-Bodh
- Author Name:
Dr. Suresh Prasad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JSSC Reserve Competitive Exam | Jharkhand Police Constable (सिपाही) Paper-2 | 20 Practice Sets Book (Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...