A Hindu View Of Arts
Author:
Dattopant ThengadiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
The curiosity and interest of European art-lovers in the aesthetic aspect of Hindu life continued uninterruptedly. That gave rise on the one hand to ever-increasing appreciation by the genuine devotees of arts and, on the other, jealousy and anxiety on the part of imperialists and their stooges in the field of art. The sculpture of ancient and medieval India claims its place on the very highest levels of artistic achievement. We shall not find a sculptural art of a more profound intention, a greater spirit, a more consistent skill of achievement. An assured history of two millenniums of accomplished sculptural creation is a rare and significant fact in the life of a people... All Hindu Art orginates from, is dedicated to, and finds its fulfilment in, the realisation of the Absolute, the One without the second. Art is charged with a spiritual message in India today, the message of the Nationality... Hence, art offers us the opportunity of a great common speech and its rebirth is essential to the up-building of the motherland its reawakening rather.
ISBN: 9789390378258
Pages: 112
Avg Reading Time: 4 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Ishwar Ki Atmakatha
- Author Name:
Saralmanoj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Akbar Birbal Ke Kisse "अकबर-बीरबल के किस्से"
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Striyon Ki Paradhinta
- Author Name:
John Stuart Mill
- Book Type:

- Description: स्त्रियों की पराधीनता’ पुस्तक में मिल पुरुष-वर्चस्ववाद की स्वीकार्यता के आधार के तौर पर काम करनेवाली सभी प्रस्तरीकृत मान्यताओं-संस्कारों-रूढ़ियों को, और स्थापित कानूनों को तर्कों के ज़रिए प्रश्नचिह्नों के कठघरे में खड़ा करते हैं। निजी सम्पत्ति और असमानतापूर्ण वर्गीय संरचना के इतिहास के साथ सम्बन्ध नहीं जोड़ पाने के बावजूद, मिल ने परिवार और विवाह की संस्थाओं के स्त्री-उत्पीड़क, अनैतिक चरित्र के ऊपर से रागात्मकता के आवरण को नोच फेंका है और उन नैतिक मान्यताओं की पवित्रता का रंग-रोगन भी खुरच डाला है जो सिर्फ़ स्त्रियों से ही समस्त एकनिष्ठता, सेवा और समर्पण की माँग करती हैं और पुरुषों को उड़ने के लिए लीला-विलास का अनन्त आकाश मुहैया कराती हैं। पुरुष-वर्चस्ववाद की सामाजिक-वैधिक रूप से मान्यता प्राप्त सत्ता को मिल ने मनुष्य की स्थिति में सुधार की राह की सबसे बड़ी बाधा बताते हुए स्त्री-पुरुष सम्बन्धों में पूर्ण समानता की तरफ़दारी की है। स्त्री-पुरुष समानता के विरोध में जो उपादान काम करते हैं, उनमें मिल प्रचलित भावनाओं को प्रमुख स्थान देते हुए उनके विरुद्ध तर्क करते हैं। वे बताते हैं कि (उन्नीसवीं शताब्दी में) समाज में आम तौर पर लोग स्वतंत्रता और न्याय की तर्कबुद्धिसंगत अवधारणाओें को आत्मसात् कर चुके हैं लेकिन स्त्री-पुरुष सम्बन्धों के सन्दर्भ में उनकी यह धारणा है कि शासन करने, निर्णय लेने और आदेश देने की स्वाभाविक क्षमता पुरुष में ही है। स्त्री-अधीनस्थता की समूची सामाजिक व्यवस्था एकांगी अनुभव व सिद्धान्त पर आधारित है। मिल के अनुसार, प्राचीन काल में बहुत-से स्त्री-पुरुष दास थे। फिर दास-प्रथा के औचित्य पर प्रश्न उठने लगे और धीरे-धीरे यह प्रथा समाप्त हो गई लेकिन स्त्रियों की दासता धीरे-धीरे एक क़िस्म की निर्भरता में तब्दील हो गई। मिल स्त्री की निर्भरता को पुरातन दासता की ही निरन्तरता मानते हैं जिस पर तमाम सुधारों के रंग-रोगन के बाद भी पुरानी निर्दयता के चिह्न अभी मौजूद हैं और आज भी स्त्री-पुरुष असमानता के मूल में ‘ताक़त’ का वही आदिम नियम है जिसके तहत ताक़तवर सब कुछ हथिया लेता है। —सम्पादकीय से,
Football : Khel Aur Niyam
- Author Name:
Surendra Shrivastava
- Book Type:

- Description: "कोई भी खेल आज मात्र खेल नहीं रह गया है। खेल को भी कॉरियर बनाकर धन और कीर्ति अर्जित की जा सकती है। भारत में अनेक खेल प्रचलित हैं। उनमें फुटबॉल भी एक है। फुटबॉल का सबसे अधिक विकास इंग्लैंड में हुआ। फुटबॉल का प्रथम क्लब ‘शेफील्ड फुटबॉल क्लब’ सन् 1857 में इंग्लैंड में स्थापित हुआ। सन् 1863 में ‘लंदन फुटबॉल एसोसिएशन’ की स्थापना हुई। भारत में फुटबॉल का प्रारंभ अंग्रेजों ने किया था। सन् 1948 में लंदन ओलंपिक में भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में फुटबॉल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया। फुटबॉल का जुनून खेल-प्रेमियों में देखने को मिलता है। जब इसके वर्ल्ड टूर्नामेंट होते हैं तो टीमें तो टीमें, इसके समर्थकों के भी हौसले आसमान छू रहे होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में फुटबॉल खेल के नियम, तैयारी तथा बुनियादी तथ्यों की सचित्र जानकारी दी गई है, जो खेल-प्रेमियों और फुटबॉल में रुचि रखनेवालों को समान रूप से उपयोगी प्रतीत होगी। "
The Secret of Uniball
- Author Name:
Nihar Vyas
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Swami Vivekanand Sanchayita
- Author Name:
Ramshankar Diwedi
- Book Type:

- Description: “धर्म को ग्रहणशील होना चाहिए और ईश्वर सम्बन्धी अपने विश्वासों में भिन्नता के कारण एक-दूसरे का तिरस्कार नहीं करना चाहिए। ईश्वर सम्बन्धी सभी सिद्धान्त मानव-सिद्धान्त के तहत आने चाहिए। और जब धर्म इतने उदार हो जाएँगे तो उनकी कल्याणकारी शक्ति सौ गुना हो जाएगी। धर्मों में अद्भुत शक्ति है लेकिन उनकी संकीर्णताओं के कारण उनसे लाभ की जगह हानि ज़्यादा हुई है।" ये शब्द स्वामी विवेकानन्द के हैं जो अपने एक अन्य लेख में यह भी कहते हैं कि, “लोग भारत के पुनरुद्धार के विषय में जो जी में आए कहें, मैं अपने अनुभव के बल पर कह सकता हूँ कि जब तक तुम सच्चे अर्थों में धार्मिक नहीं होते, भारत का उद्धार होना असम्भव है।” स्वामी विवेकानन्द भारत के ऐसे चिन्तक थे जिनके विषय में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने रोम्यां रोलां को लिखा था कि अगर आप भारत को जानना चाहते हैं तो सबसे पहले विवेकानन्द का अध्ययन कीजिए। धर्म और धार्मिक होने के सन्दर्भ में उन्हीं स्वामी विवेकानन्द के उपरोक्त दो कथन स्वयं घोषित करते हैं कि आज इक्कीसवीं सदी में वे हमारे लिए कितने उपयोगी और प्रासंगिक हैं। आज जब विचार को लेकर नहीं धर्मों के झंडों को लेकर दुनिया एक नए ध्रुवीकरण की दिशा में बढ़ रही है, हमें धार्मिक होने के सही मायने समझने की ज़रूरत है। सभी धर्म अलग-अलग समय और अलग-अलग जगहों पर उस स्थान और काल की समस्याओं से निजात पाने के प्रयासों के रूप में सामने आए, और अगर कालान्तर में चलकर वे व्यक्ति की इयत्ता का, उसकी पहचान का, उसके सामूहिक बोध और यहाँ तक कि राष्ट्रों तक का आधार बन गए तो इससे सिर्फ़ यह पता चलता है कि न तो कोई धर्म अपने आप में पूर्ण है और न ही व्यक्ति अभी इतना विकसित हुआ है कि वह धर्म के बिना अपना काम चला सके। कह सकते हैं कि हमें अभी सच्चे अर्थों में धार्मिक होना नहीं आया। धर्मों के सांसारिक-राजनीतिक दुरुपयोग की वजह भी यही है। ऐसे समय स्वामी विवेकानन्द के लेखों, भाषणों, कक्षालापों के इस प्रतिनिधि संचयन का प्रकाशन विशेष महत्त्व रखता है। आशा है कि इसके अध्ययन से हमें धर्म, नैतिकता, भक्ति, ईश्वर और हिन्दुत्व के सच्चे अर्थों तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
Gaban
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Patkatha Lekhan : Vyavaharik Nirdeshika
- Author Name:
Asghar Wajahat
- Book Type:

- Description: v data-content-type="html" data-appearance="default" data-element="main"><p>फ़िल्मों और टी.वी. के सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम, धारावाहिक के लिए पटकथा अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त डाक्यूड्रामा और डाक्यूमेंट्री फ़िल्मों के लिए भी दृश्य-श्रव्य केन्द्रित लेखन आवश्यक है।</p> <p>फ़िल्म और टेलीविज़न के व्यापक होते क्षेत्र में शिक्षापरक/ज्ञानपरक मल्टीमीडिया कार्यक्रम भी आकर जुड़ गए हैं। ज्ञान और शिक्षा के अपार भंडार को दृश्य-श्रव्य माध्यम से उपलब्ध कराने की चुनौती भारत सरकार के मानव-संसाधन मंत्रालय के अतिरिक्त अनेक अन्य संगठनों ने ली है।</p> <p>प्रोग्राम प्रोडक्शन के क्षेत्र में यदि अभाव है तो पटकथा लेखकों का है। इसके कई कारण हैं। प्रोग्राम प्रोडक्शन सम्बन्धी तकनीकी प्रशिक्षण देने की तुलना में पटकथा-लेखन के पाठ्यक्रम बहुत कम हैं। जिन संस्थानों में पटकथा-लेखन के कार्यक्रम चलाए जाते हैं, वहाँ प्रायः अच्छे शिक्षकों की कमी बनी रहती है और यह भी ज़रूरी नहीं है कि अच्छा पटकथा लेखक अच्छा शिक्षक भी हो। प्रस्तुत पुस्तक में सिनेमा के इतिहास, सैद्धान्तिकी और समीक्षा इत्यादि पर कोई चर्चा नहीं की गई है, क्योंकि पुस्तक का उद्देश्य पटकथा के व्यावहारिक पक्ष को सामने लाना है।</p> <p>यह पुस्तक पटकथा-लेखन में रुचि लेनेवाले विद्यार्थियों तथा अन्य सभी पाठकों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है। इस व्यावहारिक निर्देशिका में पटकथा के एक-एक बिन्दु की चर्चा की गई है।</p> <p>पुस्तक का उद्देश्य है कि इसके माध्यम से पटकथा-लेखन की तकनीक सीखी जा सके।</p>
Vishwa Vandya Vivekananda
- Author Name:
Triloki Nath Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ye To Hona Hi Tha
- Author Name:
Malti Joshi
- Book Type:

- Description: मैंने बहुत पहले अपनी एक कहानी में लिखा था कि बड़े आदमियों की बेटियाँ देखकर नहीं, तौलकर ब्याही जाती हैं। यह सच है। क्योंकि कई लोग रुपयों की चकाचौंध में अपनी विचारधारा खो बैठते हैं । पर कई बार ऐसा जान-बूझकर किया जाता है और कह दिया जाता है कि हमें चाय में कुछ पिला दिया था, जिससे हमारी मति भ्रष्ट हो गई थी। खासकर महिलाएँ इस विषय में बड़ी निपुण होती हैं । वे जान-बूझकर साधारण रूप- रंग वाली कन्या ब्याह कर ले जाते हैं। उन्हें डर होता है कि वह अगर रूपवती हुई तो बेटा उसके रूपजाल में उलझकर परिवार की अनदेखी कर देगा। फिर वे बहू के दहेज पर कुंडली मारकर बैठ जाते हैं, ताकि उसे अपनी बेटियों के काम में ले सकें। फिर बहू के रूप-रंग की आलोचना करती रहती हैं। उसे नाना विशेषणों से नवाजा जाता है, ताकि उसका मनोबल टूट जाए। वह टी.बी. से ग्रस्त हो जाए और खास बात यह कि वह बेटे के मन से उतर जाए। पर विवेकशील पुरुष पत्नी के सम्मान के लिए अपनों से भिड़ जाता है। उसका स्नेह और संबल पत्नी को टूटने नहीं देता, हारने नहीं देता। क्योंकि पति का हाथ अगर पीठ पर हो तो वह बड़े-से-बड़ा दुःख आसानी से झेल जाती है। हिंदी के सुप्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित लेखिका मालती जोशी की नवीन कहानियों का अद्भुत संकलन। ये कहानियाँ आपके मर्म और अंतर्मन को छू जाएँगी और आपकी संवेदना को झंकृत कर देंगी।
Tashkent Uttargatha "ताशकंद उत्तरगाथा" Book in Hindi
- Author Name:
Neerja Madhav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MUSALMAN AUR SHARNARTHI
- Author Name:
Sardar Patel
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pankhheen
- Author Name:
Smt. Kamla Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Aone Cursive Writing
- Author Name:
Prabhas Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Acharyon ke Prerak Prasang
- Author Name:
Dinanath Batra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
As Love May Do : (Are we really us? Love is all that we have)
- Author Name:
Raavi Bajaj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jehad Ka Junoon
- Author Name:
Vivek Saxena +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Sautar
- Author Name:
Dr. Birendra Prasad
- Book Type:

- Description: home English BooksOther The Sautar: In Search of Identity and Livelihood by Dr. Birendra Prasad (Book in English)The Sautar: In Search of Identity and Livelihood by Dr. Birendra Prasad (Book in English)The Sautar: In Search of Identity and Livelihood by Dr. Birendra Prasad (Book in English) The Sautar: In Search of Identity and Livelihood by Dr. Birendra Prasad (Book in English) ₹300 In stock We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00 DeliveryUsually delivered in 5-6 days. AuthorDr. Birendra Prasad (IAS) Features ISBN : 9789355217561 Language : English ...more NEW RELEASES More Information Author Dr. Birendra Prasad (IAS) ISBN 9789355217561 Language English Publisher Prabhat Prakashan Publication Year 2023 Number of pages 140 Binding Style Soft Cover Weight 155 Grams Description Sautar is an indigenous tribe residing mainly in West Bengal, Bihar, Jharkhand and Assam. Sautars belong to the Proto-Australoid racial group. Both men and women of the Sautar community are masters in archery. They are often considered a martial community by the masses. Since they are skilled fighters, they were often hired by the commoners during fights. Due to this practice, several Sautars were killed. In Bihar, Sautar is one of the major communities, forming a majority of the state's tribal population. The Sautar mostly speak Sautari, a member of the Munda language family. In Bihar, the Sautars are mostly landless. Though, some people from the tribe engage themselves in agriculture. This community has fallen prey to ignorance in the process of socialisation. The ignorance of the Sautar community developed gradually when most of their people were converted to Christianity. Some also became followers of Chauvinism. Due to this religious conversion, their original beliefs and culture got destroyed. In the cultural structure of India, the cultural identity and values of Sautars were ignored. This book is an attempt by the author to present the few aspects and facts behind the problems being faced by this community.
Karmayoddha Jai Karan
- Author Name:
Madhurendra Sinha
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक के प्रेरणा-स्रोत और लेखक को प्रोत्साहित करनेवाले जय करण जी के तीनों सुपुत्र—राजेश, मुकेश और सचिन। ये अपने पिता को गाइड और गुरु मानते हैं और उनकी सीख को अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए उन्होंने बड़े जतन से यह पुस्तक प्रकाशित करवाई। उनका लक्ष्य उनके जीवन की अच्छाइयों को आम जन तक पहुँचाना है। जय करण जी के जीवन से प्रेरणा पाकर अगर कुछ युवा उनके दिखाए रास्ते पर चल पड़ेंगे तो इस पुस्तक के लेखन का उदेसिये पूरा हो जाएगा। मैं इस किताब को अपने पिता को समर्पित करना चाहता हूँ जो मेरे गुरू और मेरे हीरो भी थे। मैंने बचपन से उन्हें हर पल को जीते देखा। वह कहते थे कि कोई भी ब्रांड यूँ ही नहीं बन जाता है। उसके लिए वर्षों तक लगातार क्वालिटी सर्विस देनी पड़ती है और तभी कस्टमर का भरोसा जीता जाता है। मैं चाहता हूँ कि उनकी इस जीवनी को पढऩेवाले उन सभी को प्रोत्साहन मिले जो स्टार्ट अप शुरू कर रहे हैं या अपना सफल उद्यम खड़ा चाहते हों या अपना प्रतिष्ठित ब्रांड बनाना चाहते हों। मैंने कोशिश की है कि यह एक पुस्तक नहीं बल्कि एक जीवन को जीने की गाथा बने जिसे प्रस्तुत करने के लिए मैंने दो साल की मेहनत और देश के विभिन्न शहरों और गाँवों में दो सौ से भी ज्यादा लोगों के इंटरव्यू को आधार बनाया। पुस्तक का सार यह है कि कैसे इस कमर्शियल दुनिया में खुश भी रहा जाए और सफलता भी पाई जाए। —सचिन हरितश
JNV Jawahar Navodaya Vidyalaya Class-6 Solved Papers (2003-2024) Exam 2024 (English Edition)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.