Andhre Me Ujale Ki Kiran
Author:
Madhur KulshreshthPublisher:
Shivna PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Mythology0 Reviews
Price: ₹ 140
₹
175
Available
MADHUR KULSHRESHTH New Novel
ISBN: 9788119018253
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Shah Aur Maat
- Author Name:
Manjushri
- Book Type:

- Description: Book
Jalaanjali
- Author Name:
Pankaj Parashar
- Book Type:

- Description: Book
Delightful Novella (Volume-3)
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: Delightful Novella (Volume-3) is the first book in a series of four novellas that follows the adventures of a young woman named Delightful. She's an aspiring writer who's trying to find her way in the world, and she has some big decisions to make about what kind of life she wants to live.Delightful is also a very interesting character because she has autism--which means that she has difficulty communicating with others and understanding social cues. This makes her vulnerable when it comes to making friends and finding love, but it also means that she can be very observant about people's behavior and learn things about others that they may not even realize they're doing!
Pachola
- Author Name:
Pramod Namdevrao Borsare
- Book Type:

- Description: ‘पाचोळा' हा प्रमोद बोरसरे यांचा कथासंग्रह वाचताना मला ग्रेसांच्या ओळी आठवल्यारानातला झरातहानेची बोलीकात टाकलेला सर्पपाचोळ्याच्या खालीग्रेसांच्या ओळींचा श्लेषार्थ वेगळा असला तरीही रानावनातलं दुर्गम, दुर्लक्षित जिणं बाहेरच्या जगाला पाचोळ्यासारखंच वाटतं. मात्र बोरसरेंच्या ‘पाचोळ्या'खाली जो कथात्म ऐवज आहे तो अस्सल कात टाकलेल्या सापासारखा आहे. प्रत्येक कथा दंश करते. प्रत्येक कथेत रानातल्या सावलीत वाहणाऱ्या तहानलेल्या झऱ्यासारख्याच हळव्या ओल्या भावनाही आहेत. आपण आपल्या अक्षर जाणिवांच्या सोवळेपणात जाणिवेच्या पातळीवर वाळीत टाकलेलं एक जगणं जगतो ते बोरसरे विलक्षण ताकदीने मांडतात. झाडीबोलीतल्या अहेव शब्दांनी प्रमाण मराठी भाषाही या कथा समृद्ध करतीलच. त्यांच्या लेखनाला सुगीत असलेला रानातला गर्भार गंध आहे. सुशिक्षित, उच्चभ्रू, अभिजन मध्यमवर्गीयांच्या तालेवार दु:खांनाच गोंजारणाऱ्या साहित्याच्या परिघाबाहेरचे लेखन उजागर होत आता आशयाचेही बहुजनीकरण झाले आहे. बोरसरे अशा लेखकांच्या पिढीतल्या आशा पल्लवित करणारे लेखक आहेत; हे या कथा वाचल्यावर मर्मज्ञांचे मत असेल. अतिलघुकथांची ही शैली सआदत हसन मंटोची आठवण करून देणारी अन् परिणामकारकतेत त्याच्या जवळ पोहचणारी...- श्याम पेठकर Pachola - nakshalgrastanchya ashadayi jaganyacha kolaj | Pramod Borsare पाचोळा - नक्षलग्रस्तांच्या आशादायी जगण्याचा कोलाज | प्रमोद बोरसरे
Mr. Lapata (Tiwari)
- Author Name:
Devendra Pandey
- Book Type:

- Description: इश्क़ बकलोल' और 'बाली श्रृंखला' के लेखक की नई पेशकश "कल ऐसे ही गिरते पड़ते मिले थे, बस से उतरे और मुंह के बल गिरे थे, रास्ते मे भी कई दफा गिरते पड़ते रहें हैं।आज भी ठोकर ही खाते दिखाई दे रहें हैं। लगता है ठोकरों से पुराना रिश्ता है इनका, या ठोकरों का ही अपनापन ज्यादा है इनके लिए।" "शायद आपके गांव का हम शहर वालों से प्यार जताने का यह अपना तरीका है" "हां! जब तक आप इसे अपना नहीं मानेंगे तब तक कहां आपको इस प्यार दुलार का अहसास होगा? जड़ें तो यहीं से है आपकी, जब आपको यहां अपनापन दिखने लगेगा तब आपको इन ठोकरों में भी दुलार ही दिखेगा।" "ऐसे दुलार से दूरी भली।" "आप दूर ही तो हैं।" उसकी इस बात पर वह चाह कर भी मुस्कुरा नही पाया।
Vaya Gurgaon
- Author Name:
Dushyant
- Book Type:

- Description: सुमन ने कहा कि कर दी ना सीधी सट्ट जाटोंवाली बात! महेंद्र ने कहा– क्यों जची नहीं क्या, सुमन ने कहा– जाटणी हूं, जी में आ जाए तो क्या नी जचे। और ना जचे तो भगवान भी नहीं जचा सके। वैसे बात तो सयाणी करी है। सोचने दो महेंद्र सिहाग जी। वैसे, गोदारों का जवाईं बनने का सुख भी आसानी से नहीं मिलता। –इसी उपन्यास से
Do Gaz Zameen
- Author Name:
Hari Bhatnagar
- Rating:
- Book Type:


- Description: यह उपन्यास छोटे काम-काजी लोगों की दिक्कतों, प्रशासनिक प्रताड़नाओं और निजी मुश्किलों पर तो रौशनी सालता ही है, साथ ही बदलते वक्त में रिश्तों के बनने-बिगड़ने,दरकने की बात भी बहुत शिद्दत से करता है। जिन लोगों को कथित तौर पर छोटा समझा जाता है उपन्यास उनके भीतरी "बड़ेपन" को सामने लाता है। कथानायक लाला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, वह महामानव या अतिमानव नहीं बल्कि आम लोगों की तरह साधारण इंसान है। लेकिन, अपने दैनिक जीवन में कुछ ख़ास तरह के मानवीय मूल्यों का निर्वाह उसे अपने साधारणत्व में भी अलग या विशिष्ट बना देता है। ये मूल्य ओढ़े हुए या दिखावटी भी नहीं बल्कि उसके व्यक्तिव का स्वाभाविक हिस्सा है। बेटे का व्यवहार उसे भावनात्मक रूप से तोड़ देता है लेकिन वह इसकी शिकायत नहीं करता। जीवंत भाषा और सादगी के शिल्प से समृद्ध यह उपन्यास हरि भटनागर की अभी तक की कथायात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
Nirthak
- Author Name:
Dr. Ramakant Sharma
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Bhakta Prahlad Stories Book
- Author Name:
M.I. Rajasvi
- Book Type:

- Description: पौराणिक कथाओं में विष्णुभक्त प्रह्लाद की कथा अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह कथा अन्याय, अत्याचार एवं अभिमान पर न्याय, सदाचार और स्वाभिमान की जीत की शिक्षा देती है। यह कथा उस समय की है, जब संपूर्ण सृष्टि हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु जैसे असुरों के आतंक से त्रस्त थी। चारों ओर आसुरी शक्तियों की प्रबलता थी। धर्म-कर्म और वेद-यज्ञ आदि की प्रतिष्ठा लगभग निष्प्राण हो चुकी थी। ऐसे विपरीत और गहन धार्मिक संकटकाल में भी प्रह्लाद जैसे भक्त की पावन भक्ति ने श्रीहरि को नरसिंह अवतार धारण करने हेतु प्रेरित किया। अंततः जब हिरण्यकशिपु के अत्याचारों एवं पापों का घड़ा भर गया तो भगवान् विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर अत्याचारी हिरण्यकशिपु का अंत कर दिया। प्रस्तत पुस्तक 'भक्त प्रह्लाद' में विष्णुभक्त प्रह्लाद की कथा को बहुत ही सरल, सहज एवं रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। भगवद्भक्ति, सत्य व सदाचार, निष्ठा, समर्पण, संकल्प जैसे जीवनमूल्यों का संचार करने वाली प्रेरक पुस्तक ।
Priyee Chaarusheele
- Author Name:
Nagaraja Vastarey
- Book Type:

- Description: ಐಳ ಮತ್ತು ಮಾತಂಗಿ ಎನ್ನುವ ಒಂದು ಯುವ ಜೋಡಿ, ಪುರಿಯ ಜಗನ್ನಾಥ ಮಂದಿರದ ಸುತ್ತಲೂ ಒಂದು ಸಂಜೆ ಕಳೆಯುವ ಈ ಅಪರೂಪದ ಪ್ರೇಮಕಥನವು, ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಹೊಸದೇ ಒಂದು ಬಗೆಯ ಕಾದಂಬರಿಯ ಜಗತ್ತನ್ನು ತೆರೆದು ಕೊಟ್ಟಿದೆ. ನಾಗರಾಜ ವಸ್ತಾರೆಯವರ ಅಪರೂಪದ ಕಾವ್ಯಮಯ ಭಾಷೆಯು ಈ ಕಾದಂಬರಿಯ ಉದ್ದಕ್ಕೂ ವಿಶೇಷ ಮೆರುಗನ್ನು ನೀಡಿದೆ.
Hanukiah Ari Hogada Deepa 1939-2015
- Author Name:
Vittal Shenoy
- Book Type:

- Description: DESCRIPTION AWAITED
Pyar Mein Shaheen Bagh
- Author Name:
Rathor Bichitramani Singh
- Book Type:

- Description: ‘प्यार में शाहीन बाग’ राठौर विचित्रमणि सिंह का पहला उपन्यास है जो देश के बदलते हालात को ऐतिहासिक, राजनैतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में देखते हुए प्रेम और घृणा, हिंसा और अहिंसा के मुद्दे को तथ्य और तर्क की कसौटी पर लेकर कसते हैं और अंत में स्वीकार करते हैं कि जानना और समझना मानवीय संबंधों को बहाल करने की कसौटी है। उपन्यास हिमांशु नामक युवक के बचपन से शुरु होता है जहां उसके अवलोकन और समझ की जगह उस पर झूठा सच थोपा जाता है। इससे नफरत की इकहरी दृष्टि लेकर वह शाहीन बाग के आंदोलन को ध्वस्त करने के इरादे से जाता है जहां विष भरे हृदय में प्यार अंकुर उगता महसूस करता है सोफिया से जो गांधी से प्रभावित है। उपन्यास का यह हिस्सा फसाद, गलत प्रचार, दुखद घटनाओं व हत्याओं से पाठक के मन पर गहरा असर डालता है और स्वयं हिमांशु के अंदर की इंसानियत उसकी हैवानियत पर भारी पड़ती है। वह इसी भावना के वेग में आकर असम आंदोलन में शिरकत करता है और कहता है कि जहां-जहां शाहीन बाग उभरेगा, वहां वहां मैं मौजूद रहूंगा। देशप्रेम, आपसी भाईचारा व सकारात्मक व नकारात्मक सोच को बिना किसी लंबी व्याया के लेखक ने समय के सूप से पछोड़ कर अलग व सराहनीय काम किया है। उपन्यास पढ़ा जाना चाहिए जिसके लिए लेखक बधाई का पात्र है।-नासिरा शर्मा
Mujhe Sooraj Chahiye
- Author Name:
Akash Mathur
- Rating:
- Book Type:


- Description: ‘मुझे चाँद चाहिए’ की जगह ‘मुझे सूरज चाहिए’ की सशक्त दावेदारी ठोकती तीन अलग-अलग आयु वर्ग की स्त्रियाँ। जो अपने ही साथ भगवान या तथाकथित भगवान की भी आज़ादी की माँग करती हैं। मुझे चाँद चाहिए ये इच्छा जहाँ एक सादगी भरी सौम्य ऊँचाई की, अस्तित्व की माँग हैं। वहीं मुझे सूरज चाहिए अधिक उग्र किंतु आत्मविश्वास से सूरज को सम्भाल लेने की भावना को इंगित करती है। ये किसी ऐसे फ़रियादी की फ़रियाद भी लगती है जो सहनशक्ति के आख़िरी छोर पर आ पहुँचा है और अब चाँद की शीतलता भरी ऊँचाई नहीं आकाश के भाल पर चमकते सूरज की गर्मी ही उसे ठंडक दे सकती है। आकाश माथुर का लिखा ये उपन्यास शिवना प्रकाशन से आया है। जिसका विमोचन 2024 के विश्व पुस्तक मेला नई दिल्ली में हुआ। इस से पहले उनका उपन्यास ‘उमेदा-एक योद्धा नर्तकी’ सफलता अर्जित कर चुका है और आज भी चर्चित है। इस उपन्यास की कहानी शुरू होती है एक सम्भ्रांत परिवार की मध्य-आयु की एक विधवा के सादे जीवन के साथ जिसे एक भरा-पूरा संयुक्त परिवार बहुत सम्मान के साथ देखता है और पूजता है। साथ ही परिवार की एक पुत्र-वधू और उसकी बेटी के अपने-अपने पीढ़िगत संघर्षों को उपन्यास बहुत संवेदना के साथ चित्रित करता है। मध्य-प्रदेश के ग्रामीण समाज की कुरितियों को बहुत विस्तार से आकाश स्पष्ट करते हैं। ये सामाजिक कुरीतियाँ आख़िर तो स्त्री के मन और तन को रौंद कर की ख़ुद को जीवित रखें हुए हैं। वो फिर चाहे शादी की आटा-साटा प्रथा हो या नातरा। आटा-साटा में जहाँ वार या वधू के ससुराल के ही किसी महिला या पुरुष से घर की किसी महिला या पुरुष की शादी कर दी जाती हैं। यानि ये ज़रुरी नहीं आप ससुराल में जाकर अपनी बहन के ननदोई ही बने, आप उसके दामाद भी बन सकते हैं। जिन अयोग्य पात्रों की शादी ना हो रही हो वहाँ प्रभावी परिवार दूसरे परिवार पर इस तरह का दबाव बना लेता है। जिस में आर्थिक कमजोरी सबसे बड़ा कारण होता है। इसी प्रकार नातरा में दूसरी शादी आपसी सहमति से तलाक़ ले कर ली जाती है और दूसरी शादी के एवज़ में परिवार बड़ी रक़म कमाता है। इसमें स्त्री को एक घर से उठ दूसरे घर जा बसने की पीड़ा से गुजरना पड़ता है। रमा ऐसे ही आटा-साटा की चपेट में आकर अपने ही भाई की विधवा सास बन बैठी थी। एक पढ़ी-लिखी उमंगो से भरी लड़की की एक बूढ़े व्यक्ति से शादी, उसके कौन-कौन से अरमानो को तिरोहित करती है इसका वर्णन लेखक ने बहुत संवेदनशीलता के साथ किया है। जंगल को, प्रकृति को सम्मान देना और पूजना हमारी परम्परा है और ये उसकी जीवनदायिनी शक्ति का सम्मान व आदर है। जिसे पूजते-पूजते हम उसकी पूजा में उसे ही नष्ट करने लगते हैं और कर्मकांडों में फँस कर स्वयं की और भगवान की ग़ुलामी की नीवों को पोषित करते हैं। इस भाव की विवेचना, कारण और निवारण पर लेखक ने खुल कर कलम चलाई है और विस्तार के साथ बहुत ही सुलझी हुई भाषा में इस विषय को बरता है। उसमें जहाँ लेखक पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी समाज के उपेक्षा के सवाल उठाते हैं। वहीं वो धर्मांधता पर भी कटाक्ष करने से नहीं चूकते। आकाश के स्त्री पात्र परिस्थितियों के शिकार अवश्य हैं, लेकिन कमज़ोर नहीं हैं। और अंत में सशक्त रूप से अपने हिस्से के सूरज के लिए खड़े होते हैं। यहाँ अच्छी बात ये है कि वे एक दूसरे के दुश्मन नहीं है और बहनापे की सहायता से पित्र-सत्ता और रूढ़ियों के ख़िलाफ़ खड़ी होती हैं। जो आकाश के लेखन को सामयिक बनाता है। उपन्यास की भाषा देशकाल - अनुकूल है और सहज है। अपने पात्रों के साथ। एडिटिंग अच्छी है, इसलिए उपन्यास को बहुत अधिक लम्बाई तक ना खींच कर विषयानुसर लेखक कम में ही अपनी बात रख पाने में समर्थ है। जिसके लिए लेखक को बहुत शुभकामनाएँ। ये एक सामाजिक सरोकारों से भरा उपन्यास है जो भगवान सहित अपने पात्रों की वकालत सफलता से करता नज़र आता है। वन और प्रकृति के कुछ द्रश्य बहुत ही सुंदरता से लिखे गए हैं। वहीं स्त्रियों के सन्दर्भ में एक जगह आकाश लिखते हैं। — ‘महिलाओं की ख़ासियत है कि वे उम्र में छोटी होकर भी अपने से बड़ों पर मातृत्व न्योछावर कर देती हैं। जबकि एक छोटा पुरुष इस तरह का व्यवहार अपने से बड़े पुरुष के साथ नहीं कर सकता। असल में महिलाओं का मूल ही प्रेम है।’ वहींं एक जगह वो लिखते हैं। — ‘स्त्रियों के मन और तन पर उनका अपना अधिकार नहीं है। उस पर भी पुरुष, धर्म, समाज और पता नहीं किस-किस का क़ब्ज़ा है।’ सती को पूजना भी कहीं ना कहीं सती-प्रथा को अभी तक सही मानना ही है, परिवर्तन अपने जीवन में ला सकती है तो स्त्री ही ला सकती हैं, जैसी हिम्मत देता आकाश माथुर का ये नया उपन्यास निश्चय ही पठनीय है।
Vaijayantipura Kadamba Mayooravarmana Maha Charite
- Author Name:
Santoshkumar Mehandale
- Rating:
- Book Type:

- Description: DESCRIPTION AWAITED
Dhibri Tight
- Author Name:
Tejendra Sharma
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Topi Shukla
- Author Name:
Rahi Masoom Raza +2
- Book Type:

- Description: ‘मी लेखकांच्या अशा जमातीचा आहे ज्यांच्या मते लेखकाचं काम विश्वभरात शांती पसरवण्याचं आहे. त्याचं काम आहे अशा प्रेमकथा लिहिणं की ज्या वाचल्यावर माणसं आपापसातल्या भिंती विसरून जातील. सीमारेषा पुसून टाकणं हेच तर लेखकाचं काम आहे.' राही मासूम रझा राही मासूम रझा यांच्या ‘टोपी शुक्ला' या कादंबरीचा माझ्या मनावर मोठाच प्रभाव पडला. एकीकडे तिने अंतर्मुख केलं, तर दुसरीकडे लढ्याची नवी दृष्टी दिली. या कादंबरीची भाषा लढ्याची प्रेरणा देणारी तसेच मानवी करुणेचीही आहे. यातील भाषाशैलीने मनाची पकड घेतली आणि युवकांशी संवाद साधण्याची नवी दृष्टी दिली. तिने धर्म, जाती, प्रांतीयता, भाषा, लिपी, संस्कृती, राष्ट्र्रीयता, देशप्रेम या संकल्पना सर्वसामान्य माणसांच्या जीवनात कशा उतरतात ते दाखवून दिलं. धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारतीयतेशी त्यांचा असलेला अतूट धागा समोर आणला. त्याबरोबरच या भारतीयतेचा एकेक चिरा कसा ढासळत चालला आहे, यावरील भाष्यही या कादंबरीत येतं. टोपीला त्या काळात पडलेले प्रश्न आजचे आपलेच प्रश्न आहेत. भारतात, भारतीय समाजात तरुणांना सांप्रदायिकतेचं आणि केवळ सत्ताप्राप्तीचं साधन मानलं गेलं, तर भारताला, भारतीयतेला काय भवितव्य उरतं? यापेक्षा वेगळं भवितव्य घडवायला आपण उभं राहायला नको का? ही संपूर्ण कादंबरी इशारा देते की धर्मवादी लोकशाहीविरोधी शक्तींशी तडजोड केली तर ती भारताची, भारतीयतेची आत्महत्या ठरेल, त्यामुळे पडेल ती किंमत देऊन धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यांसाठी लढणं, ती जगणं अटळ आहे. रझिया पटेल
Shatrughna Charit
- Author Name:
Ravindra Shukla 'Ravi'
- Book Type:

- Description: ईश्वर के अंशावतार शत्रुघ्न के समग्र व्यक्तित्व को उद्घाटित करने वाली यह कृति विश्व के साहित्याकाश की प्रथम एवं मौलिक कृति है। इस ग्रंथ में जहाँ ईश्वर अंश अवतार श्री शत्रुघ्न के अकथनीय कर्मयोग का अवतरण है, वहीं श्रीरामचरित मानस एवं वाल्मीकि रामायण के विवादित प्रसंगों की भी सही व्याख्या का अवतरण हुआ है। सनातन संस्कृति की वैदिक अवधारणाओं से लेकर संबंधित उपलब्ध सभी महनीय शास्त्रों का नवनीत इस ग्रंथ में प्रभु की कृपा से समाहित हुआ है। पावन श्रीरामचरित मानस और वाल्मीकि के संदर्भों और अंतर्निहित साक्ष्यों को आधार बनाकर ही इस ग्रंथ की रचना हुई है। अतः मूल तो वही ग्रंथ है, किंतु यह पावन ‘श्री शत्रुघ्न चरित’ महाकाव्य इन दोनों ग्रंथों का ज्योतिवाह अर्थात् प्रकाश-स्तंभ है। भारतीय अजेय चिंतनधारा को विकृत करने के आशय से की गई गलत व्याख्याओं को भी यथासंभव सही अर्थों में प्रस्तुत करने का कार्य इस ग्रंथ में हुआ है।
I Wish You Were Not Here
- Author Name:
Deepshikha Saw
- Rating:
- Book Type:

- Description: An aspiring tennis player in her 20’s returns from her tournament only to realise that the world is fighting a pandemic. A lockdown that started as a 21-day thing changes the next two years of her life. Caged within the four walls, she decides to pursue a career completely different from a sportsperson. Observing the world adapt to the unexpected changes, she starts writing diary entries. Reconnecting with old friends, learning new things, and exploring her new self, she keeps herself busy. But with the celebration of the new year, a new variant emerges, and she is left thinking if it is the new normal. Will she ever get to play tournaments again? Will her life be back to normal?
Anatha Nuhe
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: My name is Dr.Sanjay,and I am a best selling author. I have written several books that have made the top of the bestseller lists. My latest book, has been an international sensation. It tells the story of a orphan and has resonated with readers of all ages. I have always been passionate about writing and storytelling, and I strive for excellence in every word I write. My books often explore themes of courage, resilience, and self-discovery, and I hope that my writing can inspire readers to think more deeply about their own lives. I'm excited to share my story with the world and look forward to what the future holds for my writing.
Ha Desh Amacha Aahe
- Author Name:
Shrimant Mane
- Book Type:

- Description: 2024 च्या लोकसभा निवडणुकीत कोणताही राजकीय पक्ष स्पष्टपणे जिंकला नाही आणि कोणाचा पूर्ण पराभवदेखील झाला नाही. हे नेमके झाले तरी कसे आणि मग जिंकले तरी कोण? अर्थातच, भारतीय मतदार जिंकले. कोट्यवधी मतदारांनी चारशे जागांचे स्वप्न पाहणाऱ्या सत्ताधारी पक्षाला ‘आस्ते कदम` चा इशारा दिला, तर आधीच्या दोन निवडणुकांमध्ये हतोत्साही झालेल्या विरोधकांना मतदारांनी नवी उमेद व उर्जा दिली. या समतोल जनादेशातून मतदार जिंकले हा निष्कर्ष, हे अनुमान किंवा विधान भाबडेपणातून केले आहे का? अर्थातच नाही. खंडप्राय भारतातील या लोकसभा निवडणूक निकालाचा लघुत्तम साधारण विभाज्य म्हणजे लसावि सांगतो की, मोठा निर्णायक राष्ट्रीय मुद्दा निवडणुकीत नसल्यामुळे देशातील 28 राज्ये व 8 केंद्रशासित प्रदेश मिळून छत्तीस प्रांतांमध्ये स्थानिक समीकरणेच प्रभावी ठरली. सोबतच, राज्यघटना बदलण्याची भीती, शेतकरी व तरुण मतदारांमधील नाराजी, गरिबी व महागाई अशा जगण्यामरण्याच्या मुद्द्यांवर लोकांनी सत्ताधाऱ्याांच्या विरोधात मतदान केले. या मतदानाचे, निकालाचे हे तर्कशास्त्र, संख्याशास्त्राच्या आधारे विश्लेषण सांगते की, ही लढाई निवडणूक जिंकण्याचे तंत्र आणि लोक यांच्यात झाली. निवडणूक जिंकण्याचे तंत्र बदलले, सुधारले तरी लोकांचे पाय जमिनीवरच आहेत. लोकशाहीचा उत्सव असे ज्याचे वर्णन केले जाते त्या देशाच्या अठराव्या सार्वत्रिक निवडणुकीत मतदारांनी दिलेल्या संदेशाचा सार हा की, आम्हाला गृहीत धरू नका. हा देश, हे प्रजासत्ताक आमचे आहे. - श्रीमंत माने
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...