Begani Rooh
Publisher:
FlyDreams Publications
Language:
Hindi
Pages:
197
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
394 mins
Book Description
वर्तमान से अतीत में और अतीत से वर्तमान में जाना जितना ज़्यादा कठिन था, उससे कहीं ज़्यादा कठिन था उस बेगानी रूह के बारे में पता लगाना। एक ऐसी बेगानी रूह जिसने उसके शरीर को अपना वास बना लिया था। कहते है, बेगानी रूह जब किसी के शरीर को अपना वास बनाती है, तो तब तक नहीं छोड़ती जब तक अपने अंजाम तक न पहुँच जाए। आखिर क्या मकसद था बेगानी रूह का? कहाँ से आयी थी वह और क्या चाहती थी? इन सब बातों का पता लगाने के लिए, उनके पास उतना ही वक़्त था, जितना ज़िन्दगी और मौत के बीच होता है।